Saturday, August 23, 2014

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3010 के प्रस्तावित विभाजित डिस्ट्रिक्ट 3012 में अपने गवर्नर-काल को विवादग्रस्त बनने से बचाने और गाजियाबाद के प्रमुख लोगों का सहयोग व समर्थन अपने साथ रखने की जेके गौड़ की कोशिशों ने रमेश अग्रवाल और शरत जैन के सामने मुसीबत और चुनौती खड़ी की

गाजियाबाद । जेके गौड़ ने नाराज और विरोधी तेवर दिखा रहे गाजियाबाद के प्रमुख लोगों को मनाने का जो अभियान छेड़ा है, उसके संभावित नतीजों ने रमेश अग्रवाल और शरत जैन के लिए भारी मुसीबत और चुनौती खड़ी कर दी है । दरअसल जेके गौड़ की तरफ से जो अभियान शुरू किया गया है, उसकी प्रतिक्रिया उनके लिए तो सकारात्मक रही है - लेकिन रमेश अग्रवाल और शरत जैन के लिए चिंता पैदा करने वाली रही है । रमेश अग्रवाल और शरत जैन के सामने डर यह पैदा हुआ है कि गाजियाबाद के प्रमुख लोगों के दबाव में जेके गौड़ कहीं उनका साथ छोड़ तो नहीं देंगे ? डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की कुर्सी की तरफ बढ़ रहे जेके गौड़ के इस अभियान में गाजियाबाद के प्रमुख लोगों का जो रुझान सामने आया है, उससे यह बात भी साबित हुई है कि गाजियाबाद में रमेश अग्रवाल के प्रति भारी गुस्सा है - और इस गुस्से का खामियाजा रमेश अग्रवाल को तो भुगतना ही पड़ेगा; उनके साथ शरत जैन को भी भुगतना पड़ेगा ।
उल्लेखनीय है कि जेके गौड़ की तरफ से गाजियाबाद के प्रमुख लोगों के साथ संबंध सुधारने तथा उनके विरोधी तेवरों की धार को कम करने/घटाने के लिए जो अभियान शुरू किया गया, उसके उन्हें अच्छे नतीजे मिले हैं । अभी कल तक जो लोग जब तब जेके गौड़ की तीखी आलोचना किया करते थे, अचानक से उनके मुँह से जेके गौड़ के लिए तारीफ के शब्द सुनने को मिलने लगे हैं । पहले आलोचना और अब तारीफ करने वाले लोगों का कहना है कि जेके गौड़ की तरफ से उनसे एक नए डिस्ट्रिक्ट के निर्माण में सहयोग करने/रखने के लिए जो आग्रह किया गया है, उसे उन्हें स्वीकार करना ही है; क्योंकि उसे स्वीकार करने से इंकार करने का उनके पास कोई कारण नहीं है । नए डिस्ट्रिक्ट की नींव मजबूत पड़े और नया डिस्ट्रिक्ट अच्छा बने - यह सिर्फ जेके गौड़ की ही जरूरत नहीं है, बल्कि उनकी भी जरूरत है; और इस जरूरत को पूरा करने के लिए जेके गौड़ के साथ मिल कर काम करने में उन्हें कोई समस्या नहीं है । अधिकतर लोगों का कहना है कि जेके गौड़ को गवर्नर चुनवाने में आखिर उनका भी सहयोग रहा है; और इसलिए वह क्यों नहीं चाहेंगे कि जेके गौड़ गवर्नर के रूप में अच्छा काम करें और रोटरी में नाम कमाएँ ?
जेके गौड़ के साथ हर तरह का सहयोग करने का आश्वासन देने के साथ साथ गाजियाबाद के अधिकतर लोगों ने उनके लिए लेकिन एक चेतावनी भी छोड़ी है । चेतावनी यह कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में वह रमेश अग्रवाल को डिस्ट्रिक्ट में हावी होने का और क्लब्स में तोड़फोड़ मचाने वाली हरकतें करने का मौका नहीं देंगे । उल्लेखनीय है कि गाजियाबाद के कई एक प्रमुख लोगों ने रमेश अग्रवाल को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाये जाने को लेकर जेके गौड़ से विरोध जताया हुआ था । जेके गौड़ ने इस विरोध को डिफ्यूज करने में तो सफलता यह कह कर पा ली कि वह रमेश अग्रवाल से उन्हें डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाने का वायदा कर चुके है इसलिए अब वायदे से मुकरना उचित नहीं होगा । लोगों ने जेके गौड़ के इस तर्क को तो स्वीकार कर लिया; लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि वह रमेश अग्रवाल को बता दें कि उन्हें सिर्फ डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर का काम करना है - डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर के पद का दुरूपयोग करते हुए वह क्लब्स में फूट डालने वाली तथा लोगों को अपमानित करने वाली हरकतें न करें ।
रमेश अग्रवाल के साथ गाजियाबाद के अधिकतर क्लब्स के बहुत ही बुरे अनुभव रहे हैं, जिस कारण से गाजियाबाद के लोगों के बीच रमेश अग्रवाल के प्रति गहरी नाराजगी और विरोध के तेवर हैं । डिस्ट्रिक्ट टेनिस प्रतियोगिता में अपने क्लब को बेईमानी से जितवाने की कोशिश करने के चलते रमेश अग्रवाल का रोटरी क्लब वैशाली के लोगों के साथ झमेला हुआ; रोटरी क्लब मोदीनगर के वरिष्ठ सदस्य केके भटनागर के साथ रमेश अग्रवाल ने बदतमीजी की; रोटरी क्लब गाजियाबाद आइडियल में राजीव गोयल को स्थापित कराने के चक्कर में ऐसा बखेड़ा करवाया कि क्लब के कई प्रमुख लोग क्लब ही नहीं, रोटरी भी छोड़ गए; उमेश चोपड़ा के रोटरी क्लब गाजियाबाद मिडटाउन के अध्यक्ष को एन मौके पर पेट्स में ले जाने से इंकार करके अपमानित किया; रोटरी क्लब गाजियाबाद नॉर्थ की जीओवी में लंबी-चौड़ी बकवास की जिसे क्लब के वरिष्ठ सदस्य सत्य प्रकाश अग्रवाल ने हस्तक्षेप करके नियंत्रित किया; विनोद चावला के दोनों क्लब्स - रोटरी क्लब गाजियाबाद एक्सीलेंस तथा रोटरी क्लब गाजियाबाद नवोदय को शहर के बाहर के जोन में करके परेशान किया; रोटरी क्लब गाजियाबाद की मैचिंग ग्रांट मनमाने तरीके से रोक ली; रोटरी क्लब गाजियाबाद सेंट्रल में सुभाष जैन और अतुल गोयल को शह देकर योगेश गर्ग को अलग-थलग करने का काम किया; रोटरी क्लब गाजियाबाद शताब्दी के आलोक गुप्ता को उकसा कर उम्मीदवार बनवाया और फिर धोखा दिया; आलोक गुप्ता से पहले, इसी तरीके से रवींद्र सिंह को इस्तेमाल किया; आदि-इत्यादि और भी कई उदाहरण हैं जो रमेश अग्रवाल द्धारा की गई कारस्तानियों का सुबूत हैं ।
रमेश अग्रवाल द्धारा की गई कारस्तानियों को ध्यान में रखते हुए ही गाजियाबाद के प्रमुख लोगों ने जेके गौड़ को जता/बता दिया है कि रमेश अग्रवाल को वह डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बना रहे हैं तो बना लें; किंतु रमेश अग्रवाल को यह स्पष्ट कर दें कि डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद का दुरूपयोग करते हुए वह उन कारस्तानियों को न दोहराये - जो वह पहले करते रहे हैं । गाजियाबाद के लोगों के इन तेवरों ने रमेश अग्रवाल को बुरी तरह से फँसा दिया है । जो लोग रमेश अग्रवाल को जानते हैं उनका कहना है कि रमेश अग्रवाल हरकतें करना छोड़ ही नहीं सकते हैं - वह दरअसल उनके स्वभाव का हिस्सा है । रमेश अग्रवाल के सामने समस्या यह आ खड़ी हुई है कि जेके गौड़ चूँकि अपने गवर्नर-काल को विवादग्रस्त नहीं बनाना चाहेंगे और गाजियाबाद के प्रमुख लोगों का सहयोग व समर्थन अपने साथ रखना चाहेंगे - इसलिए सवाल यह है कि रमेश अग्रवाल को मनमानी करने की कितनी छूट जेके गौड़ दे सकेंगे । रमेश अग्रवाल के सामने यह समस्या इसलिए भी बड़ी है कि क्योंकि शरत जैन की उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने का काम उन्हें डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर के रूप में ही करना है । जेके गौड़ के गवर्नर-काल के पदों की बंदरबाँट के जरिये ही उन्हें शरत जैन की उम्मीदवारी के लिए समर्थन का जुगाड़ करना है । गाजियाबाद के प्रमुख लोगों के साथ संबंध सुधारने के जेके गौड़ के प्रयासों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए गाजियाबाद के प्रमुख लोगों ने लेकिन जिस तरह रमेश अग्रवाल की नकेल कसने को लेकर अपनी 'तैयारी' दिखाई है, उसके बारे में जान/सुन कर रमेश अग्रवाल को - और उनके साथ-साथ शरत जैन को मुसीबत और चुनौती ठीक सामने खड़ी दिखाई दे रही है ।