नई दिल्ली । एमसीआई (मेडिकल काउंसिल ऑफ
इंडिया) में दिल्ली प्रदेश काउंसिल का प्रतिनिधित्व करने को लेकर छिड़ी
चुनावी लड़ाई में सड़क छाप राजनीति के सारे नज़ारे और तमाशे देखे जा सकते हैं ।
एमसी आई में दिल्ली प्रदेश काउंसिल का प्रतिनिधित्व करने को लेकर जो दो
उम्मीदवार - डॉक्टर विनय अग्रवाल और डॉक्टर पंकज सिंघल चुनावी मैदान में
हैं; उन्हें ऐसी-ऐसी बातों को लेकर निशाना बनाया जा रहा है जिनका
प्रोफेशन और प्रोफेशन की बुनियादी जरूरतों से दूर-दूर तक का कोई वास्ता
नहीं है । एमसीआई में दिल्ली प्रदेश काउंसिल का प्रतिनिधि करेगा क्या,
कैसे करेगा और कुछ कर भी सकेगा या नहीं - इसे लेकर कोई बात नहीं हो रही है ।
बात हो रही है एक दूसरे की बेईमानियों की । जिम्मेदार डॉक्टर्स का कहना है
कि चुनाव में जो दो उम्मीदवार हैं, उन पर किसी भी तरह के कोई आरोप यदि रहे
भी हैं तो अब मजबूरी यह है कि इन्हीं दोनों में से किसी एक को चुनना है
इसलिए समझने की कोशिश यह होनी चाहिए की इनमें से कौन एमसीआई में दिल्ली
प्रदेश काउंसिल का प्रभावी तरीके से प्रतिनिधित्व कर पायेगा । लेकिन यही समझने की कोशिश नहीं हो रही है और पूरे चुनावी अभियान को गटर छाप बना दिया गया है ।
इसकी शुरुआत करने का श्रेय डॉक्टर पंकज सिंघल को है । डॉक्टर पंकज
सिंघल पिछले काफी समय से अलग-अलग मुद्दों पर अलग-अलग तरीके से डॉक्टर विनय
अग्रवाल को घेरने की कोशिश करते रहे हैं । डॉक्टर पंकज सिंघल की अभी तक
की कोशिशों को डॉक्टर विनय अग्रवाल के साथ उनकी व्यक्तिगत किस्म की रंजिश
या खुन्नस के रूप में देखा/पहचाना जाता रहा है । लेकिन एमसीआई में
प्रतिनिधित्व की चुनावी लड़ाई में डॉक्टर पंकज सिंघल ने जिस तरह डॉक्टर विनय
अग्रवाल के खिलाफ ताल ठोकी है, उसे देख कर लगता है कि डॉक्टर पंकज सिंघल
को मेडिकल प्रोफेशन में डॉक्टर विनय अग्रवाल के दूसरे विरोधियों से
खाद-पानी न सिर्फ मिल रहा है, बल्कि वह डॉक्टर विनय अग्रवाल के विरोधियों
के हाथों इस्तेमाल भी हो रहे हैं, जिनका एकमात्र उद्देश्य डॉक्टर विनय अग्रवाल को बदनाम करना भर है । दरअसल, एमसीआई में प्रतिनिधित्व को लेकर उत्सुकता दिखा रहे दिल्ली प्रदेश काउंसिल के तमाम सूरमाओं ने जिस तरह डॉक्टर विनय अग्रवाल के सामने समर्पण कर दिया, उसे देख कर डॉक्टर विनय अग्रवाल के विरोधियों का तगड़ा झटका लगा । डॉक्टर विनय अग्रवाल दिल्ली प्रदेश में एकमात्र नेता होने का तमगा न प्राप्त कर लें और लोगों के बीच ऐसा संदेश न जाये कि डॉक्टर विनय अग्रवाल का सामना करने का दम किसी में है ही नहीं - इसके लिए आनन-फानन में डॉक्टर पंकज सिंघल की उम्मीदवारी सामने लाई गई । उल्लेखनीय है कि दिल्ली प्रदेश में चलने वाली डॉक्टर्स की राजनीति में कई गुट सक्रिय हैं; इन गुटों की तरफ से एमसीआई में प्रतिनिधित्व को लेकर जो भी नाम चर्चा में थे उनमें डॉक्टर पंकज सिंघल का नाम कहीं नहीं था । दिल्ली में डॉक्टर्स की चुनावी राजनीति में डॉक्टर पंकज सिंघल की ऐसी हैसियत कभी दिखी भी नहीं कि उन्हें एमसीआई में प्रतिनिधित्व करने को लेकर होने वाले चुनाव के संभावित खिलाड़ी के रूप में देखा/पहचाना भी जाये । डॉक्टर पंकज सिंघल ने पीछे आईएमए की ईस्ट दिल्ली ब्रांच का जो चुनाव लड़ा था, उसमें उन्हें अपने प्रतिद्धंद्धी को मिले करीब ढाई हज़ार वोटों के मुकाबले मात्र 90 के करीब वोट मिले थे । डॉक्टर्स की सबसे छोटी चुनावी लड़ाई में इस गति को प्राप्त होने वाले डॉक्टर पंकज सिंघल से कौन उम्मीद कर सकता है कि वह उन डॉक्टर विनय अग्रवाल को चुनावी टक्कर दे सकेंगे जिनके सामने डॉक्टर्स की चुनावी राजनीति के सचमुच के सूरमा पहले ही समर्पण कर चुके हैं ?