Monday, October 21, 2013

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 ए थ्री में दीपक टुटेजा का जन्मदिन मनवा कर ओंकार सिंह रेणु के शुभचिंतकों ने विक्रम शर्मा को अपने खेमे के नेताओं के बीच बदनाम करने की चाल चली है क्या

नई दिल्ली । विक्रम शर्मा ने अपने क्लब के सदस्यों के साथ मिल कर दीपक टुटेजा का जन्मदिन क्या मनाया, डिस्ट्रिक्ट के चुनावी खिलाड़ियों को जैसे साँप सूँघ गया है । विक्रम शर्मा इस वर्ष सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत करने की तैयारी कर रहे हैं; और जिन नेताओं के भरोसे वह यह तैयारी कर रहे हैं उनके लिए पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक टुटेजा दुश्मन नंबर वन हैं । ऐसे में, विक्रम शर्मा द्धारा अपने क्लब के सदस्यों के साथ दीपक टुटेजा के जन्मदिन को समारोह पूर्वक मनाये जाने की खबर ने सभी को हैरान किया है । सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए उम्मीदवारी प्रस्तुत करने के बाद विक्रम शर्मा ने विरोधी खेमे के नेताओं के साथ मिलना-जुलना शुरू किया तो इसे एक बहुत स्वाभाविक तरीके से लिया गया । कोई भी उम्मीदवार सभी लोगों से मिलेगा-जुलेगा ही - इसलिए विरोधी खेमे के नेताओं से विक्रम शर्मा के मिलने-जुलने पर उनके खेमे के नेताओं ने कोई आपत्ति नहीं की । लेकिन विरोधी खेमे के एक प्रमुख नेता दीपक टुटेजा का जन्मदिन मनाना - और तब मनाना, जबकि विक्रम शर्मा के प्रमुख सलाहकार अजय बुद्धराज ने दीपक टुटेजा को दुश्मन नंबर एक घोषित किया हुआ हो; किसी को भी हजम नहीं हो रहा है । चुनावी राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले लोगों का यह मानना तो है कि विक्रम शर्मा ने दीपक टुटेजा का जन्मदिन मनाया है तो इसके लिए उन्होंने अपने खेमे के प्रमुख लोगों से अनुमति तो ले ही ली होगी; लेकिन हर किसी के लिए यह बात पहेली बनी हुई है कि विक्रम शर्मा को दीपक टुटेजा का जन्मदिन मनाने की अनुमति देने के पीछे उनके खेमे के नेताओं की चाल आखिर है क्या ?
इस बारे में लेकिन जितने मुँह, उतनी बातें हैं । विक्रम शर्मा के नजदीकियों का कहना है कि विक्रम शर्मा के जरिये दीपक टुटेजा का जन्मदिन मनवा कर दीपक टुटेजा को फुसलाने और अपनी तरफ करने का दाँव चला गया है । यह दाँव चलने/चलवाने वाले लोग भी हालाँकि जानते/समझते हैं कि इस तरह की कार्रवाईयों से दीपक टुटेजा को फुसलाना आसान नहीं होगा; लेकिन फिर भी उन्होंने यह दाँव चला/चलवाया है तो इसके पीछे उनकी सोच यह है कि इस कार्रवाई से दीपक टुटेजा को फुसलाया भले न जा सके, लेकिन उनके और विजय शिरोहा के बीच झगड़ा जरूर पैदा किया जा सकेगा । दीपक टुटेजा और विजय शिरोहा के बीच 'पैदा हुए' झगड़े में अपने लिए मौका देख रहे विरोधी खेमे के नेताओं का विश्वास है कि तब इन दोनों में से कोई एक उनके साथ आने के लिए मजबूर होगा - और तब उनका राजनीतिक वनवास दूर हो जायेगा । विक्रम शर्मा की उम्मीदवारी के समर्थक नेताओं के बीच यह विश्वास इसलिए और बढ़ा/मजबूत हुआ है, क्योंकि वे देख/जान रहे हैं कि सत्ता खेमे में आरके शाह की उम्मीदवारी को लेकर बहुत भरोसा नहीं बन पा रहा है । उम्मीदवारी के लिहाज से आरके शाह को कमजोर आँकते हुए विक्रम शर्मा की उम्मीदवारी के समर्थक नेताओं को लगता है कि यही समय है जबकि वह सत्ता खेमे की एकता को छिन्न-भिन्न कर सकते हैं । विक्रम शर्मा द्धारा दीपक टुटेजा का जन्मदिन मनाये जाने के पीछे सत्ता खेमे की एकता को ख़त्म करने की कोशिश को देखा/पहचाना तो जा रहा है, लेकिन उस मूल सवाल का जबाव तो इसमें भी नहीं मिला है कि इस काम के लिए उन दीपक टुटेजा को 'हीरो' क्यों बनाया गया - जिन दीपक टुटेजा को विक्रम शर्मा के प्रमुख सलाहकार अजय बुद्धराज ने दुश्मन नंबर एक घोषित किया हुआ है ।
विक्रम शर्मा की उम्मीदवारी के एक बड़े समर्थक नेता ने हालाँकि इस प्रकरण को यह कहते/बताते हुए ज्यादा तवज्जो देने लायक मानने से इंकार किया कि विक्रम शर्मा ने तो अन्य पूर्व गवर्नर्स का भी जन्मदिन मनाया है; बल्कि दूसरे पूर्व गवर्नर्स का जन्मदिन तो उन्होंने ज्यादा तैयारी के साथ और ज्यादा बड़े स्तर पर मनाया है; दीपक टुटेजा का जन्मदिन तो विक्रम शर्मा ने साधारण तरीके से ही मनाया है । विक्रम शर्मा की उम्मीदवारी के एक अन्य समर्थक नेता का कहना है कि विक्रम शर्मा द्धारा दीपक टुटेजा का जन्मदिन आयोजित करवा कर विक्रम शर्मा की उम्मीदवारी के एक समर्थक ने दरअसल अजय बुद्धराज को नीचा दिखाने और अपमानित करने का काम किया है । इन समर्थक नेता का कहना है कि विक्रम शर्मा के साथ समस्या यह हुई है कि कई नेता उनके सलाहकार हो गए हैं और सभी अपने-अपने राजनीतिक हित साधने के लिए उनका इस्तेमाल कर रहे हैं । किसी को यह बात पसंद नहीं आ रही है कि अजय बुद्धराज ने स्वतः ही विक्रम शर्मा के प्रमुख सलाहकार का 'पद' संभाल लिया है; तो किसी का दुःख यह है कि खेमे की तरफ से उम्मीदवार ओंकार सिंह रेणु को बनना चाहिए था, विक्रम शर्मा क्यों हो गए ? इसी तर्ज पर, कुछेक लोगों को लगता है कि दीपक टुटेजा का जन्मदिन मनवा कर ओंकार सिंह रेणु के शुभचिंतकों ने विक्रम शर्मा को अपने खेमे के नेताओं के बीच बदनाम करने की चाल चली है जिससे कि विक्रम शर्मा की उम्मीदवारी खतरे में पड़े और ओंकार सिंह रेणु का काम बने ।
विक्रम शर्मा द्धारा दीपक टुटेजा का जन्मदिन मनवा कर विक्रम शर्मा की उम्मीदवारी के समर्थक नेताओं ने चाहें जो भी राजनीतिक हित साधने का उपक्रम किया हो, उसका नतीजा तो बाद में देखने को मिलेगा - लेकिन अभी जो दिख रहा है वह यह कि इस कार्रवाई से उनके बीच आपस में ही एक-दूसरे को लेकर शक/संदेह पैदा हो गया है; और इस स्थिति ने डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति को खासा दिलचस्प बना दिया है ।