Wednesday, October 9, 2013

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3010 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी बनने के किये राजीव देवा और सुधीर मंगला को भद्दी और बेहूदा किस्म की बातों का सहारा ही रह गया है क्या

नई दिल्ली । सुधीर मंगला और राजीव देवा की तरफ से एक दूसरे पर जो आरोप-प्रत्यारोप सुनाई दे रहे हैं, उन्हें सुन कर लोगों ने यह निष्कर्ष निकाल लिया है कि डिस्ट्रिक्ट में गवर्नर नॉमिनी पद का चुनाव इन दोनों के कारण गटर-छाप अभियान में बदलता जा है । अभी तक चुनाव के बहाने गंदगी फैलाने की जिम्मेदारी सुधीर मंगला के घोषित समर्थक पूर्व गवर्नर विनय कुमार अग्रवाल उठाये हुए थे, लेकिन अब राजीव देवा उन्हें पूरी टक्कर दे रहे हैं । राजीव देवा की 'वाणी' को जिन्होंने सुना है उनका कहना है कि विनय कुमार अग्रवाल के बाद अब राजीव देवा ने भी रोटरी में तथा डिस्ट्रिक्ट 3010 में सड़क-छाप टाइप का माहौल बनाने का जिम्मा सँभाल लिया है । विनय कुमार अग्रवाल द्धारा की/कही जाने वाली बातों में डिस्ट्रिक्ट के रोटेरियंस के लिए इस्तेमाल की जा रही गाली-गलौचपूर्ण भाषा जहाँ सुधीर मंगला की उम्मीदवारी का कबाड़ा कर रही है, वहाँ राजीव देवा ने अपनी उम्मीदवारी का जनाजा निकालने की जिम्मेदारी खुद ही संभाल ली है । मजे की बात यह हुई है कि पहले यह दोनों दूसरे रोटेरियंस को अपनी अश्लील व अशालीन भाषा का शिकार बना रहे थे, लेकिन अब ये एक-दूसरे पर पिल पड़े हैं ।
शुरुआत राजीव देवा ने की । उन्होंने सुधीर मंगला को लेकर भद्दी बातें कहना शुरू किया तो सुधीर मंगला की तरफ से जबावी मोर्चा विनय कुमार अग्रवाल ने संभाला । राजीव देवा ने अकेले सुधीर मंगला को ही निशाना नहीं बनाया था - उन्होंने रवि भाटिया और सुरेश भसीन के लिए भी अपशब्दों का इस्तेमाल किया । रवि भाटिया और सुरेश भसीन ने लेकिन उनकी बातों को अनसुना ही किया, और उनके स्तर पर उतरने से बचने की ही कोशिश की । सुधीर मंगला के यहाँ से किंतु राजीव देवा को करारा जबाव मिला । सुधीर मंगला और विनय कुमार अग्रवाल को जब पता चला कि राजीव देवा रोटरी क्लब दिल्ली राजधानी से सुधीर मंगला के निकलने की कहानी सुना कर सुधीर मंगला को बदनाम कर रहे हैं तो विनय कुमार अग्रवाल ने राजीव देवा की पोल-पट्टी खोलना शुरू किया । लोगों को बताया गया कि किस तरह राजीव देवा के क्लब ट्रेनर रहते हुए रोटरी क्लब दिल्ली कनाट प्लेस बंद हुआ । इससे पिछले वर्ष राजीव देवा की पत्नी मधु देवा के अध्यक्ष रहते हुए रोटरी क्लब दिल्ली रायसीना हिल्स बंद हुआ था । मधु देवा इससे पहले अध्यक्ष रहते हुए एक और क्लब - रोटरी क्लब दिल्ली साउथ सबर्बन - बंद करवा चुकी थीं । मधु देवा के अध्यक्ष रहते हुए दो क्लब्स के बंद होने के लिए भी जिम्मेदार राजीव देवा को माना/पहचाना गया था । लोगों का कहना रहा कि मधु देवा तो नाम की अध्यक्ष थीं; पर्दे के पीछे से कामकाज राजीव देवा ही करते थे और उनकी हरकतों के चलते ही उक्त क्लब्स बंदी की कगार पर पहुँचे ।
राजीव देवा को रोटरी भी करनी है - लिहाजा उन्होंने तिकड़म लगाई और अपने क्लब और अपनी पत्नी के क्लब के बचे-खुचे लोगों को लेकर रोटरी क्लब दिल्ली कनाट प्लेस रायसीना हिल्स बना लिया । इसी वर्ष बने इस क्लब की तरफ से राजीव देवा उम्मीदवार हो गए हैं । विनय कुमार अग्रवाल का कहना है कि जो व्यक्ति क्लब नहीं चला सका और जिसके नाम तीन-तीन क्लब्स को बंद करने का रिकॉर्ड है वह डिस्ट्रिक्ट में क्या कर सकेगा ? मजे की बात यह है कि राजीव देवा कुछ करने का दावा कर भी नहीं रहे हैं । वह तो खुद कह रहे हैं कि वह तो मजे लेने के लिए उम्मीदवार बने हैं । रोटरी को राजीव देवा ने मजे लेने का जरिया ही माना/बनाया हुआ है और इसके चलते उन्होंने जो-जो हरकतें कीं तो उनके और उनकी पत्नी के क्लब्स बंद होते गए । रोटरी को मजे लेने का अड्डा माने बैठे राजीव देवा ने क्लब चलाने से ज्यादा क्लब्स को बंद करने का काम किया है । विनय कुमार अग्रवाल लोगों को बता रहे हैं कि राजीव देवा सिर्फ रोटरी में ही बदनाम नहीं हैं, बल्कि अपने कामकाज में भी बदनाम हैं । कॉम्पीटेंट ऑटोमोबाइल कंपनी लिमिटेड में वह अच्छी खासी नौकरी पर थे, किंतु अपनी हरकतों से उन्होंने कंपनी के मुख्य प्रवर्तक व सर्वेसर्वा राज चोपड़ा को इतना परेशान किया कि राज चोपड़ा को उन्हें बुरी तरफ झिड़क कर बाहर करना पड़ा । विनय कुमार अग्रवाल के दावे के अनुसार, रोटरी में तो राजीव देवा के लोगों के साथ झगड़े-झंझट रहे ही हैं - कामकाजी जीवन में भी उनके दूसरों के साथ लड़ने-झगड़ने वाले संबंध रहे हैं ।
सुधीर मंगला की तरफ के लोगों और राजीव देवा के बीच भद्दी भाषा में छिड़े आरोपों-प्रत्यारोपों को एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । दरअसल इन दोनों ने माना/समझा हुआ है कि अश्लील और अशालीन बातें करके ये लोगों के बीच अपने लिए समर्थन जुटा लेंगे । इस 'फार्मूले' के भरोसे सुधीर मंगला और राजीव देवा ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा के क्लब्स पर खास ध्यान देना शुरू किया है । पता नहीं उन्हें क्यों ऐसा लगता है कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा में लफंगे किस्म के लोग बसते हैं जो हल्की/भद्दी बातों के असर में उनका समर्थन करने को तैयार हो जायेंगे । उल्लेखनीय है कि सुधीर मंगला और राजीव देवा को उनकी बातों के स्तर के कारण ही दिल्ली के क्लब्स अपने-अपने अधिष्ठापन आयोजनों में इन्हें आमंत्रित किये जाने से बचे, जिसे देख/पहचान कर इन्होंने समझ लिया है कि दिल्ली के क्लब्स में तो इनकी दाल नहीं गलेगी; और इसीलिए इनकी उम्मीदें अब उत्तर प्रदेश और हरियाणा के क्लब्स पर आ टिकी हैं । यह सच है कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा के क्लब्स के लोग उतने इलीट किस्म के नहीं हैं, जितने दिल्ली के क्लब्स के लोग हैं - और इसी आधार पर सुधीर मंगला और राजीव देवा को लग रहा है कि वे भद्दी और बेहूदा किस्म की बातों से उत्तर प्रदेश और हरियाणा के क्लब्स में अपने लिए समर्थन जुटा लेंगे । ऐसे में, इन दोनों के बीच होड़ इस बात को लेकर छिड़ी है कि कौन ज्यादा बेहूदा और भद्दी बातें कर सकता है । सुधीर मंगला की तरफ से मोर्चा विनय कुमार अग्रवाल ने संभाला हुआ है तो राजीव देवा खुद ही उन्हें टक्कर दे रहे हैं । लगता है कि इन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं है कि इनकी बातों और हरकतों से रोटरी और डिस्ट्रिक्ट की बदनामी तो हो ही रही है, साथ ही इन्हें भी इससे कोई फायदा नहीं हो रहा है ।