Friday, April 11, 2014

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 ए थ्री में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने जा रहे नरेश गुप्ता कुछेक लोगों की कठपुतली होने के कारण ही क्या लायंस क्लब नई दिल्ली कीर्ति नाम के फर्जी क्लब के कार्यक्रम का उद्घाटन करने को तैयार हुए ?

नई दिल्ली । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद का कार्यभार सँभालने की तैयारी कर रहे नरेश गुप्ता ने फर्जी क्लब्स को बंद/ख़त्म करने/करवाने की दिशा में प्रयास करना शुरू किया है और इस बारे में उन्होंने फर्जी क्लब्स के कुछेक 'मालिकों' से बात भी की है । नरेश गुप्ता की इस पहल को लेकर अधिकतर लोगों को उम्मीद भी जगी है कि शायद उनकी पहल से ही डिस्ट्रिक्ट को फर्जी क्लब्स से मुक्ति मिल जाये । कई एक लोगों को हालाँकि उनकी पहल की सफलता को लेकर शक भी है । उनका तर्क है कि नरेश गुप्ता जिन पूर्व गवर्नर्स की गोद में बैठे हुए हैं, उनके फर्जी क्लब्स बंद/ख़त्म करवा पाना उनके बस की बात नहीं है । नरेश गुप्ता ने अभी तक दरअसल अपना कोई स्वतंत्र व्यक्तित्व बनाया/दिखाया ही नहीं है - उनकी जो गतिविधियाँ रही हैं उससे उन्होंने बार-बार अपने आप को कुछेक पूर्व गवर्नर्स की कठपुतली ही साबित किया है । इसी से, कई लोगों को लगता है कि नरेश गुप्ता में वह 'दम' ही नहीं है जिसके भरोसे वह फर्जी क्लब्स रखने वाले पूर्व गवर्नर्स पर कोई दबाव बना सकें और फर्जी क्लब्स बंद/ख़त्म करवा सकें । नरेश गुप्ता के 'दम/ख़म' का अभी लोग आकलन कर ही रहे थे कि लायंस क्लब नई दिल्ली कीर्ति के मेगा ब्लड डोनेशन कैम्प का उनके द्धारा उद्धघाटन करने की खबर मिली । इस खबर ने साबित कर दिया कि फर्जी क्लब्स बंद/ख़त्म करने/करवाने की उनकी पहल सिर्फ एक ड्रामा है - और उनके गवर्नर-काल में तो हो सकता है कि फर्जी क्लब्स को संरक्षण देने के नए नए रिकॉर्ड बनें ।
उल्लेखनीय है कि 'लायंस क्लब नई दिल्ली कीर्ति' - नाम से कोई क्लब लायंस इंटरनेशनल और डिस्ट्रिक्ट के रिकॉर्ड में नहीं है । इस नाम के किसी क्लब के गठन के लिए अभी तक - अभी तक कोई आवेदन डिस्ट्रिक्ट कार्यालय को नहीं मिला है । इस क्लब के सदस्यों के रूप में जिन लोगों के नाम बताये जा रहे हैं वह अभी भी - अभी भी लायंस क्लब दिल्ली कीर्ति के सदस्य हैं । इन तथ्यों के आधार पर यह कहने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए कि आज की तारीख में 'लायंस क्लब नई दिल्ली कीर्ति' एक फर्जी क्लब है । फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नरेश गुप्ता - जो दो महीने बाद डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के पद पर होंगे - इस फर्जी क्लब के एक कार्यक्रम का उद्घाटन करने के लिए तैयार हो जाते हैं । इससे समझा जा सकता है कि फर्जी क्लब्स के प्रति उनके मन में कितना सम्मान है । उनके द्धारा उद्घाटित इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद राकेश त्रेहन और अजय बुद्धराज की उपस्थिति सारे नज़ारे को स्पष्ट कर देती है । लोग समझ लेते हैं कि नरेश गुप्ता तो इन दोनों पूर्व गवर्नर्स की कठपुतली के रूप में इस फर्जी क्लब के एक कार्यक्रम का उद्घाटन करने के लिए तैयार हो गए होंगे । कठपुतली को चूँकि अपना दिमाग तो होता नहीं है, और या उसे अपना दिमाग इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होती है - इसलिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने जा रहे नरेश गुप्ता को यह फैसला करने की जरूरत ही महसूस नहीं हुई कि वह एक फर्जी क्लब के कार्यक्रम में शामिल भी नहीं होंगे, उसका उद्घाटन करना तो दूर की बात है ।
एक तथाकथित क्लब - जो अभी बना ही नहीं है; जिसके 'बनने' के लिए अभी आवेदन तक नहीं किया गया है - लायंस इंटरनेशनल का और डिस्ट्रिक्ट का नाम इस्तेमाल कर रहा है; लायंस इंटरनेशनल का लोगो इस्तेमाल कर रहा है - और लायंस इंटरनेशनल व डिस्ट्रिक्ट के एक पदाधिकारी होते हुए नरेश गुप्ता उस पर कोई ऐतराज तक नहीं कर रहे हैं; ऐतराज करना तो दूर की बात - उसमें शामिल हो रहे हैं, उसका उद्घाटन कर रहे हैं । इससे नरेश गुप्ता की अकल और डिस्ट्रिक्ट व लायंस इंटरनेशनल के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का सच ही सामने आया है । कुछेक लोग इस मामले में नरेश गुप्ता को संदेह का लाभ देते हुए तर्क दे रहे हैं कि नरेश गुप्ता को अभी ज्यादा कुछ पता नहीं है और वह तो इसलिए इस फर्जी क्लब के कार्यक्रम का उद्घाटन करने के लिए तैयार हो गए होंगे क्योंकि इस कार्यक्रम से अजय बुद्धराज और राकेश त्रेहन जैसे पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर जुड़े हुए हैं । इस मासूम से तर्क पर दूसरे लोगों का कहना है कि समस्या तो दरअसल यही है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का पदभार सँभालने की तैयारी कर रहे नरेश गुप्ता को समझना चाहिए कि उन्हें दूसरों की कठपुतली बन कर काम नहीं करना है, उन्हें अपनी अकल से काम करना है और फैसले लेने चाहिए ।
नरेश गुप्ता के साथ हमदर्दी रखने वाले लोगों को लगता है कि नरेश गुप्ता बेचारे एक भले व्यक्ति हैं; उनकी गलती बस इतनी है कि वह कुछेक चतुर लोगों के जाल में फँस गए हैं जो उन्हें तरह-तरह से इस्तेमाल करते हुए अपने अपने 'काम' बनाते हैं और बदनामी का कीचड़ नरेश गुप्ता के मुँह पर लगवा देते हैं । नरेश गुप्ता के साथ हमदर्दी रखने वाले लोगों का कहना है कि नरेश गुप्ता यदि किन्हीं लोगों की कठपुतली बन कर ना रहे, उन्हें इस्तेमाल करने वाले लोगों की चालों से सावधान रहें और अपनी अकल से फैसले करें - तो विवादों में फँसने से और बदनाम होने से बच सकते हैं; अन्यथा तो डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में उनके हाथ बदनामी और परेशानी ही लगनी है । अपने साथ हमदर्दी रखने वाले लोगों की यह सलाह नरेश गुप्ता अपना पायेंगे या नहीं, यह आगे देखने को मिलेगा । अभी तो उन्हें लोगों के इसी सवाल का जबाव देना है कि एक ऐसे क्लब - जो अभी डिस्ट्रिक्ट और लायंस इंटरनेशनल के रिकॉर्ड पर नहीं है, जिसके गठन के लिए अभी आवेदन तक नहीं दिया गया है, जिसके बताये जा रहे सदस्य वास्तव में एक दूसरे क्लब के सदस्य हैं - के कार्यक्रम का उद्घाटन करने के लिए क्यों तैयार हो गए; और एक फर्जी क्लब को डिस्ट्रिक्ट का, लायंस इंटरनेशनल का नाम तथा लोगो इस्तेमाल करता चुपचाप क्यों देखते रहे ? उनके सामने आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी कि डिस्ट्रिक्ट व लायंस इंटरनेशनल के एक पदाधिकारी होते हुए भी वह डिस्ट्रिक्ट व लायंस इंटरनेशनल के साथ होती हुई खुली ठगी का विरोध नहीं कर सके ?