नई दिल्ली । रोटरी क्लब दिल्ली सेंट्रल की तरफ से लोगों को 'डिस्ट्रिक्ट लीडर्स' के संबोधन के साथ जीओवी का जो निमंत्रण मिल रहा है, उसमें डॉक्टर सुब्रमणियन की डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की उम्मीदवारी के प्रमोशन की महक लोगों को महसूस हो रही है ।
निमंत्रण पाये कुछेक लोगों ने इन पँक्तियों के लेखक से कहा भी कि रोटरी
क्लब दिल्ली सेंट्रल से उन्हें कभी कोई निमंत्रण नहीं मिला और न ही उनका
रोटरी क्लब दिल्ली सेंट्रल के लोगों से किसी भी तरह का कोई संबंध ही रहा
है, लेकिन फिर भी उन्हें क्लब की जीओवी का निमंत्रण मिला है - जिससे वह
यही समझ रहे हैं कि क्लब के पदाधिकारियों ने डॉक्टर सुब्रमणियन की
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने हेतु काम
करना शुरू कर दिया है । उल्लेखनीय है कि पिछले रोटरी वर्ष में जब
डॉक्टर सुब्रमणियन की डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए उम्मीदवारी
प्रस्तुत हुई थी, तब क्लब के पदाधिकारियों तथा दूसरे सदस्यों पर एक गंभीर
आरोप यही लगा था कि उन्होंने डॉक्टर सुब्रमणियन की उम्मीदवारी के पक्ष में
कोई खास सक्रियता नहीं दिखाई थी । लगता है कि उसी आलोचना से सबक लेकर
क्लब के लोगों ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए अगले रोटरी वर्ष में
प्रस्तुत होने वाली डॉक्टर सुब्रमणियन की उम्मीदवारी के संदर्भ में अभी से
कमर कसना शुरू कर दिया है ।
जीओवी में 'डिस्ट्रिक्ट लीडर्स' के संबोधन के साथ लोगों को आमंत्रित
करने की योजना के साथ लगता है कि क्लब के लोगों ने डॉक्टर सुब्रमणियन की
उम्मीदवारी के पक्ष में माहौल बनाने का काम शुरू कर दिया है । उल्लेखनीय
है कि परसेप्शन के स्तर पर डॉक्टर सुब्रमणियन की उम्मीदवारी को लेकर लोगों
के बीच खासा नकारात्मक प्रभाव है । अधिकतर लोगों को शक है कि डॉक्टर
सुब्रमणियन के पास एक उम्मीदवार की 'जिम्मेदारियों' का निर्वाह करने का समय
पता नहीं होगा या नहीं; और एक उम्मीदवार के 'रूप में' व्यवहार कर सकना
उनके बस की बात होगी भी या नहीं ? डॉक्टर सुब्रमणियन की उम्मीदवारी को
लेकर खासे उत्साहित दिख रहे क्लब के एक वरिष्ठ सदस्य मुनीश गौड़ ने समय की
समस्या की बात का हालाँकि जोरदार तरीके से खंडन किया है । उनका तर्क है कि
डॉक्टर सुब्रमणियन कोई ऐसे डॉक्टर नहीं हैं जिन्हें सुबह-शाम दुकान खोलनी
पड़ती है; वह सर्जन हैं और उनका काम सुबह आठ/नौ बजे तक पूरा हो जाता है -
उसके बाद उनके पास समय ही समय है । मुनीश गौड़ ने दावा किया कि समय की
समस्या दूसरे उम्मीदवारों को हो तो हो, डॉक्टर सुब्रमणियन को बिलकुल नहीं
है । मुनीश गौड़ ने भी लेकिन यह स्वीकार किया कि एक उम्मीदवार के 'रूप
में' ढलने को लेकर डॉक्टर सुब्रमणियन के साथ समस्या है; और पिछली बार इसी
वजह से डॉक्टर सुब्रमणियन को मात खानी पड़ी थी । मुनीश गौड़ ने दावा तो
किया है कि इस बार लेकिन इस समस्या को सुलझा लिया जायेगा, लेकिन
डिस्ट्रिक्ट के कई लोगों को लगता है कि इस समस्या को हल करना डॉक्टर
सुब्रमणियन के लिए एक बड़ी चुनौती होगी ।