Friday, April 4, 2014

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 सी वन में सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए अवतार कृष्ण की उम्मीदवारी को मजबूती और बढ़त पाता देख शिव कुमार चौधरी को अपनी उम्मीदवारी की कमान मुकेश गोयल को सौंपने के लिए मजबूर होना पड़ा है

गाजियाबाद/देहरादून । अवतार कृष्ण ने सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए प्रस्तुत अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने हेतु अपनी जिस तरह की सक्रियता दिखाई है, उसने विरोधी खेमे में तो खासी हलचल मचा ही दी है - साथ ही अपने समर्थकों व शुभचिंतकों को भी चकित किया है । यह दरअसल इसलिए हुआ क्योंकि किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि अवतार कृष्ण अपनी उम्मीदवारी को लेकर इतनी और इस तरह की सक्रियता दिखा पायेंगे । पिछले वर्षों में जब-जब, और इस वर्ष भी जब उनकी उम्मीदवारी की बात चली तो किसी ने भी उनकी उम्मीदवारी को गंभीरता से नहीं लिया । दरअसल हर किसी का यही मानना रहा कि अवतार कृष्ण के लिए सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के उम्मीदवार के रूप में काम कर पाना संभव ही नहीं होगा और इसलिए उनकी उम्मीदवारी की बात चाहें जितनी चले, वह सचमुच में उम्मीदवार हो नहीं पायेंगे और यदि हो गये तो एक उम्मीदवार के रूप में काम नहीं कर पायेंगे । अवतार कृष्ण ने लेकिन इन सारी अवधारणाओं को गलत साबित कर दिया है । सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के उम्मीदवार के रूप में अवतार कृष्ण ने जिस रणनीति के साथ अपना अभियान संयोजित किया है, उसने सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के दूसरे उम्मीदवार शिव कुमार चौधरी के लिए मुकाबले को खासा मुश्किल बना दिया है ।
मुश्किल बने मुकाबले में बने रहने के लिए शिव कुमार चौधरी को अपनी रणनीति में बड़े फेरबदल करने के लिए मजबूर होना पड़ा है । इस मजबूरी में ही उन्हें गाजियाबाद और मेरठ में स्नेह मिलन करने पड़ रहे हैं । उल्लेखनीय है कि गाजियाबाद में पार्टी करने को लेकर शिव कुमार चौधरी पर एक तरफ कुंजबिहारी अग्रवाल का दबाव था तो दूसरी तरफ से मुकेश गोयल का दावा था - इस दबाव और दावे से बचने के लिए ही उन्हें दो बार पूरी तैयारी कर लेने के बावजूद मीटिंग को पहले स्थगित और फिर रद्द करना पड़ा था । इस दबाव और दावे से बचने के लिए ही शिव कुमार चौधरी की तरफ से फार्मूला यह निकाला गया कि वह गाजियाबाद में मीटिंग करेंगे ही नहीं । उनकी तरफ से तर्क दिया गया कि चूँकि गाजियाबाद में डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस हो ही रही है, इसलिए गाजियाबाद के लोगों को एंटरटेन करने का काम वह डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस के दौरान ही कर लेंगे । कुंजबिहारी अग्रवाल और मुकेश गोयल की तरफ से बने दबाव से बचने का फार्मूला तो शिव कुमार चौधरी ने निकाल और अपना लिया; लेकिन अवतार कृष्ण की सक्रियता के कारण जो दबाव बना उससे बचने के लिए उन्हें गाजियाबाद में पार्टी करने का फैसला करने के लिए मजबूर होना ही पड़ा है । सिर्फ इतना ही नहीं, यह अवतार कृष्ण की सक्रियता के कारण बने दबाव का ही परिणाम है कि शिव कुमार चौधरी को मेरठ में दोबारा पार्टी करने का फैसला लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है । उल्लेखनीय है कि मेरठ में उन्होंने अभी हाल ही में पार्टी की थी, लेकिन फिर भी वह एक बार और मेरठ में पार्टी करने का फैसला करने के लिए मजबूर हुए हैं ।
यह सब दरअसल इसलिए हो रहा है क्योंकि इस बीच अवतार कृष्ण ने अपनी सक्रियता से लोगों के बीच अच्छी पैठ बना ली और शिव कुमार चौधरी के लिए आसान दिख रहा चुनाव खासा मुश्किल हो गया । असल में, शिव कुमार चौधरी अभी तक कुंजबिहारी अग्रवाल के कहने में ज्यादा थे, और मुकेश गोयल को लगातार इग्नोर कर रहे थे । इग्नोर किये जाने के कारण मुकेश गोयल भी चुपचाप बैठे थे और शिव कुमार चौधरी की उम्मीदवारी के पक्ष में होने के बावजूद उनके लिए कुछ करते हुए नहीं दिख रहे थे । इससे मुकेश गोयल के समर्थकों के बीच शिव कुमार चौधरी की उम्मीदवारी के प्रति शंका और आशंका का भाव पैदा हुआ । अवतार कृष्ण और उनकी उम्मीदवारी के समर्थक नेताओं ने इसी स्थिति का लाभ उठाया और मुकेश गोयल के समर्थकों के बीच अपनी पैठ बनाना शुरू की । इस काम में उन्हें आशातीत सफलता मिली । इस सफलता ने अवतार कृष्ण की उम्मीदवारी को मजबूती भी दी और बढ़त भी दी । शिव कुमार चौधरी ने अवतार कृष्ण की इस सफलता और बढ़त को पहचानने में देर नहीं की और तुरंत ही मुकेश गोयल को शरणागत हुए । मुकेश गोयल जैसे इसी का इंतजार कर रहे थे । उन्होंने आनन-फानन में मुरादाबाद, गाजियाबाद, हापुर, मेरठ आदि में स्नेह मिलन करने की तैयारी करने के आदेश दे दिए । शिव कुमार चौधरी ने भी अभी तो मुकेश गोयल के इस आदेश का पालन करने में अपनी भलाई देखी है । उन्हें लग रहा है कि इसी तरीके से वह अवतार कृष्ण द्धारा प्रस्तुत की गई चुनौती से निपट सकते हैं ।
अवतार कृष्ण द्धारा प्रस्तुत की गई चुनौती से इस तरीके से शिव कुमार चौधरी सचमुच निपट सकेंगे या नहीं, यह हालाँकि अभी देखने की बात होगी । देखने की बात दरअसल यह होगी कि मुकेश गोयल के दिशा-निर्देशन में होने वाले मुरादाबाद, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ के स्नेह मिलनों के प्रति कुंजबिहारी एंड टीम का क्या रवैया रहता है । एक संभावना यह देखी जा रही है कि डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस से ठीक पहले हो रहे इन स्नेह मिलनों के आयोजन से शिव कुमार चौधरी की उम्मीदवारी की बागडोर मुकेश गोयल के हाथ में जाने का जो संकेत लोगों के बीच जा रहा है, उससे कुंजबिहारी अग्रवाल एंड टीम बिदकेगी ही - और तब देखने की बात यह होगी कि शिव कुमार चौधरी उन्हें खुश करने के लिए क्या करते हैं ? देखने की यह बात इसलिए और भी ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि अवतार कृष्ण और उनकी उम्मीदवारी के समर्थक नेताओं ने हर स्थिति का लाभ उठाने की तैयारी की हुई है ।