Monday, February 9, 2015

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में सुशील खुराना और दीपक तलवार ने रवि चौधरी को कॉन्करेंस देने/दिलवाने के मामले में जिस तरह अपनी, अपने अपने क्लब के सदस्यों व पदाधिकारियों की, डिस्ट्रिक्ट की और रोटरी की इज्जत दाँव पर लगा दी हुई है - उससे यह सवाल बाजिव ही लगता है कि रवि चौधरी ने इन दोनों पर आखिर ऐसा कौन काला जादू किया हुआ है या इन्हें रवि चौधरी से आखिर क्या फायदा मिल रहा है ?

नई दिल्ली । रवि चौधरी की तरफ से रोटरी क्लब गुड़गाँव और रोटरी क्लब दिल्ली चाणक्यपुरी की कॉन्करेंस मिलने का दावा सुन कर इन क्लब्स के पदाधिकारी और दूसरे वरिष्ठ सदस्य अपने आप को अपमानित महसूस कर रहे हैं । दरअसल इन दोनों क्लब्स ने अभी - अभी यानि इन पँक्तियों के लिखे जाने तक - कॉन्करेंस के बारे में फैसला नहीं किया है । इन क्लब्स के पदाधिकारी और दूसरे वरिष्ठ सदस्य लेकिन यह सुन/जान कर हैरान हैं कि रवि चौधरी आखिर किस आधार पर कॉन्करेंस मिलने का दावा कर रहे हैं । उल्लेखनीय है कि रवि चौधरी कई क्लब्स के लोगों से इस बात का दावा कर चुके हैं कि इन दोनों क्लब्स से उन्हें कॉन्करेंस मिल चुकी हैं । किसी ने उनसे यदि यह कहा भी कि अभी तो इन क्लब्स ने फैसला नहीं किया है, तो रवि चौधरी की तरफ से उन्हें सुनने को मिला कि फैसला तो होता रहेगा, कॉन्करेंस तो उन्हें मिल गईं हैं । रवि चौधरी का कहना है कि सुशील खुराना और दीपक तलवार ने जब उन्हें कॉन्करेंस को लेकर आश्वस्त कर दिया है तो वह यह मान रहे हैं और बता रहे हैं कि इन दोनों के क्लब्स की कॉन्करेंस तो इन्हें मिल ही चुकी हैं ।
रवि चौधरी द्धारा किए जा रहे इस तरह के दावों से दोनों ही क्लब्स के सदस्यों के बीच खलबली है । दोनों क्लब्स के सदस्यों का कहना है कि फैसला यदि सुशील खुराना और दीपक तलवार को ही करना है तो फिर कॉन्करेंस के लिए मीटिंग आदि करने का नाटक करने की जरूरत ही क्या है ? दोनों ही क्लब के सदस्यों को हैरानी इस बात की भी है कि सुशील खुराना और दीपक तलवार पर रवि चौधरी ने आखिर ऐसा कौन सा जादू किया हुआ है कि उन्होंने अपने अपने क्लब और उसके सदस्यों की इज्जत रवि चौधरी के पास गिरवी रख दी है । सदस्यों का कहना है कि इन्हें रवि चौधरी की यदि मदद करनी है, तो जरूर करें - लेकिन उसके लिए अपनी नहीं तो कम-अस-कम क्लब के सदस्यों की इज्जत की तो परवाह करें और उसे तो दाँव पर न लगाएँ । क्लब के सदस्यों की नाराजगी इस बात को लेकर है कि क्लब में अभी फैसला हुआ नहीं है और रवि चौधरी लोगों को बताते फिर रहे हैं कि उन्हें कॉन्करेंस मिल गई है ।
रवि चौधरी के दावे से दरअसल यह आभास भी मिला कि सुशील खुराना और दीपक तलवार ने जैसे उन्हें समझाया हुआ है कि उनके अपने अपने क्लब में दूसरे सदस्यों तथा पदाधिकारियों की तो कोई हैसियत ही नहीं है; और अपने अपने क्लब में वह जो चाहेंगे फैसला करवा लेंगे । वास्तव में इसीलिए रवि चौधरी को भी इन क्लब्स के दूसरे सदस्यों व पदाधिकारियों के सम्मान की परवाह नहीं है और वह लोगों से साफ कह रहे हैं कि जब सुशील खुराना और दीपक तलवार ने उन्हें कॉन्करेंस का भरोसा दे दिया है तो फिर वह आश्वस्त हैं और क्लब ने फैसला भले ही न किया हो, लेकिन वह मान रहे हैं कि उन्हें इन दोनों क्लब्स की कॉन्करेंस मिल ही गई हैं । रोटरी क्लब गुड़गाँव तथा रोटरी क्लब दिल्ली चाणक्यपुरी के सदस्य मान रहे हैं और कह रहे हैं कि जब उनके क्लब के वरिष्ठ सदस्य उनका सम्मान नहीं रख पा रहे हैं, तो बाहर के रवि चौधरी से ही वह सम्मान की क्या उम्मीद करें ?
सुशील खुराना और दीपक तलवार का अपने अपने क्लब की कॉन्करेंस दिलवाना इसलिए भी सवालों के घेरे में है क्योंकि यह दोनों विभिन्न भूमिकाओं में रोटरी इंटरनेशनल का प्रतिनिधित्व करते हैं । सुशील खुराना डीआरएफसी हैं तथा दीपक तलवार इलेक्शन कमेटी के सदस्य हैं । इन पदों पर रहते हुए इनसे उम्मीद की जाती है कि यह डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में किसी एक पक्ष के साथ 'खुले तौर' पर नहीं दिखें - कम-अस-कम डिस्ट्रिक्ट के अधिकृत उम्मीदवार खिलाफ तो न ही 'दिखें' । इंटरनेशनल डायरेक्टर पीटी प्रभाकर और आने वाले दो वर्षों के लिए बनने जा रहे इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई तथा अगले रोटरी वर्ष में इंटरनेशनल प्रेसीडेंट केआर रवींद्रन डिस्ट्रिक्ट्स की चुनावी राजनीति में डिस्ट्रिक्ट व इंटरनेशनल पदाधिकारियों के खुले तौर पर शामिल होने/रहने की खिलाफत करते रहे हैं - लेकिन सुशील खुराना और दीपक तलवार को लगता है कि किसी की परवाह नहीं है ।
सुशील खुराना और दीपक तलवार ने रवि चौधरी को कॉन्करेंस देने/दिलवाने के मामले में जिस तरह अपनी, अपने अपने क्लब के सदस्यों व पदाधिकारियों की, डिस्ट्रिक्ट की और रोटरी की इज्जत दाँव पर लगा दी हुई है - उससे कुछेक लोगों द्धारा पूछा जा रहा यह सवाल बाजिव ही लगता है कि रवि चौधरी ने इन दोनों पर आखिर ऐसा कौन काला जादू किया हुआ है या इन्हें रवि चौधरी से आखिर क्या फायदा मिल रहा है ?