Friday, February 20, 2015

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 ए थ्री को बर्बाद और खत्म करवा देने की हर्ष बंसल की तमाम कारस्तानियों के प्रति डीके अग्रवाल को चुप देख कर डिस्ट्रिक्ट के लोग कहने लगे हैं कि डिस्ट्रिक्ट के संस्थापक रहे डीके अग्रवाल ने लगता है कि अब इसका क्रियाकर्म करवा देने की तैयारी कर ली है

नई दिल्ली । हर्ष बंसल की कारस्तानियों के चलते डिस्ट्रिक्ट के लोगों ने अब डीके अग्रवाल को निशाना बनाना शुरू कर दिया है । लोगों को लग रहा है, और अब तो वह खुल कर कहने भी लगे हैं कि डिस्ट्रिक्ट में जो कीचड़ फैला हुआ है वह ऊपर ऊपर से देखने में भले ही हर्ष बंसल द्धारा फैलाया हुआ लग रहा हो, लेकिन हर्ष बंसल को कीचड़ फैलाने का प्रोत्साहन डीके अग्रवाल से मिल रहा है । डीके अग्रवाल के नजदीकी होने का दावा करने वाले लोगों का कहना हालाँकि यह है कि डीके अग्रवाल तो हर्ष बंसल का साथ छोड़ना चाहते हैं, लेकिन अजय बुद्धराज उन्हें ऐसा नहीं करने दे रहे हैं । नजदीकियों के लिए भी यह समझना मुश्किल बना हुआ है कि डीके अग्रवाल आखिर अजय बुद्धराज के सामने इतने असहाय क्यों बने हुए हैं कि चाहते हुए भी वह हर्ष बंसल का साथ नहीं छोड़ पा रहे हैं; और यह भी कि हर्ष बंसल के साथ रह कर अजय बुद्धराज आखिर क्या हासिल करना चाहते हैं ? मजे की बात यह है कि डीके अग्रवाल भी और अजय बुद्धराज भी किसी से बात करते हुए हर्ष बंसल का पक्ष बिलकुल नहीं लेते; बल्कि हर्ष बंसल की खूब बुराई ही करते हैं - और हर तरह से यह दिखाने/जताने का ही प्रयास करते हैं जैसे कि हर्ष बंसल की हरकतों से वह भी बहुत दुखी हैं; लेकिन जब भी कोई उनसे हर्ष बंसल के खिलाफ कार्रवाई करने की बात करता है तो यह बगलें झाँकने लगते हैं । हर्ष बंसल द्धारा सार्वजनिक रूप से लगातार की जाने वाली बदतमीजियों पर डीके अग्रवाल और या अजय बुद्धराज ने सार्वजनिक रूप से कभी भी कोई ऐतराज प्रकट नहीं किया है ।
डीके अग्रवाल के इस रवैये पर डिस्ट्रिक्ट में कुछेक लोग कहने भी लगे हैं कि डीके अग्रवाल ही डिस्ट्रिक्ट 321 ए थ्री के जन्मदाता हैं, और लगता है कि उन्होंने इसका दाह संस्कार करवाने की तैयारी भी कर ली है ।
उल्लेखनीय है कि डीके अग्रवाल डिस्ट्रिक्ट के चार्टर गवर्नर हैं । वह काफी सक्रिय भी रहते हैं तथा डिस्ट्रिक्ट व लायनिज्म के भले के लिए हर तरह से मदद करने को तैयार भी रहते हैं । डिस्ट्रिक्ट की राजनीति में हालाँकि वह एक खेमे का नेतृत्व करते रहे हैं, किंतु कभी भी उन्हें नकारात्मक सोच व गतिविधियों में दिलचस्पी लेते हुए नहीं देखा गया है; और इसी कारण से वह प्रतिद्धंद्धी खेमे के गवर्नर की भी मदद करते हुए देखे गए हैं । इन बहुआयामी खूबियों के कारण डीके अग्रवाल की डिस्ट्रिक्ट में अपनी खास पहचान और धाक है । उनकी इस पहचान और धाक का ही कमाल है कि घटिया सोच व टुच्ची हरकतों के लिए बदनाम जो हर्ष बंसल वर्षों उन्हें गालियाँ देते रहे, वह हर्ष बंसल भी अंततः उनके सामने समर्पण करने को मजबूर हुए । डिस्ट्रिक्ट में लोगों के लिए हैरानी की बात लेकिन यह है कि डिस्ट्रिक्ट और लायनिज्म के भले के लिए कुछ भी कर गुजरने वाले और इस वजह से वर्षों तक हर्ष बंसल के निशाने पर रहने वाले डीके अग्रवाल को अब क्या हो गया है और वह हर्ष बंसल के सामने आत्मसमर्पण करते हुए क्यों दिख रहे हैं ?
डिस्ट्रिक्ट में लोगों के बीच यह चर्चा अब आम है कि डीके अग्रवाल को डिस्ट्रिक्ट के भीष्म पितामह के रूप में देखा जाता है, लेकिन जिस तरह से उन्होंने हर्ष बंसल की कारस्तानियों के प्रति आँखें मूँदी हुईं हैं - उससे लग रहा है कि डिस्ट्रिक्ट को तबाह और खत्म कर देने की हर्ष बंसल की योजना को उन्होंने समर्थन दे दिया है । हर्ष बंसल की हरकतें अब डिस्ट्रिक्ट के अस्तित्व के लिए ही खतरा बनती जा रही हैं । हर्ष बंसल अभी तक तो बेहूदा शब्दावली और ओछी हरकतों से डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच बदमजगी ही फैलाया करते थे, लेकिन अब उन्होंने इंटरनेशनल कार्यालय को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है । अभी हाल ही में लायंस क्लब दिल्ली अशोक फोर्ट तथा देवेंद्र कुमार चुघ की तरफ से लायंस इंटरनेशनल के खिलाफ अदालत में मुकदमा दायर करने की सूचनाएँ मिली हैं, जिनका उद्देश्य डिस्ट्रिक्ट की चुनावी प्रक्रिया में बाधा पहुँचाना है । इन कार्रवाइयों के पीछे हर्ष बंसल को ही देखा/पहचाना जा रहा है । इन कार्रवाईयों के चलते डिस्ट्रिक्ट की चुनावी प्रक्रिया यदि सचमुच बाधित हुई तो डिस्ट्रिक्ट तो बंद हुआ ही समझो । लायंस इंटरनेशनल कार्यालय ने हालाँकि अपने स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी है और वह इस हरकत को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं दिख रहा है । उसने लायंस क्लब दिल्ली अशोक फोर्ट का चार्टर कैंसिल करने की धमकी दे दी है; और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नरेश गुप्ता से देवेंद्र कुमार चुघ के मामले के रिकॉर्ड माँगे हैं ।
लायंस इंटरनेशनल कार्यालय ने तो अपनी तरफ से कार्रवाई शुरू कर दी है, लेकिन डिस्ट्रिक्ट में इस हरकत को रोकने के लिए चुप्पी छाई हुई है । विरोधी खेमे के लोगों के पास तो करने के लिए ज्यादा कुछ है नहीं; और सत्ता पक्ष के नेता आँखों पर पट्टी बाँध के बैठे हैं । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नरेश गुप्ता पूरी तरह से हर्ष बंसल के पिट्ठू बने हुए हैं । ऐसे में लोगों की उम्मीद डीके अग्रवाल से बनी/बढ़ी है । लोगों का कहना है कि डीके अग्रवाल ही हैं जिनकी सत्ता खेमे में भी और विरोधी खेमे में भी साख और प्रतिष्ठा है; तथा वही यदि हस्तक्षेप करें तो डिस्ट्रिक्ट को बर्बाद और खत्म होने से रोकने का काम कर सकते हैं । लेकिन डीके अग्रवाल का रवैया भी लोगों को हैरान किए हुए है । डीके अग्रवाल किसी से भी बातें करेंगे तो हर्ष बंसल की कारगुजारियों की बुराई ही करेंगे, लेकिन उनसे यदि कोई पहल करने के लिए कहता है तो फिर वह बचना शुरू कर देते हैं । डीके अग्रवाल के इस विरोधाभासी रवैये से ही लोगों को लगने लगा है कि हर्ष बंसल की तमाम कारस्तानियों को पर्दे के पीछे से डीके अग्रवाल का पूरा पूरा समर्थन है । इसी आधार पर कुछ लोग मानने और कहने लगे हैं कि डीके अग्रवाल ही इस डिस्ट्रिक्ट के संस्थापक रहे हैं, और लगता है कि वही अब इसका क्रियाकर्म करवा देने की तैयारी में हैं ।