Monday, February 2, 2015

रोटरी इंटरनेशनल डायरेक्टर पीटी प्रभाकर को सबक सिखाने की पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर सुशील गुप्ता और भावी इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई की कार्रवाई के चलते रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3100 में वर्ष 2016-17 के लिए दीपक बाबू की गवर्नरी को हरी झंडी मिली

मुरादाबाद । दीपक बाबू और उनके समर्थक खुशी खुशी लोगों को बता रहे हैं कि सुशील गुप्ता और मनोज देसाई ने मिलकर पीटी प्रभाकर की बैंड बजा दी है और दीपक बाबू को वर्ष 2016-17 के लिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नरी दिलवा दी है । इस संबंध में औपचारिक घोषणा हालाँकि अभी इन पँक्तियों के लिखे जाने तक नहीं हुई है, लेकिन दीपक बाबू और उनके नजदीकियों का कहना है कि बस किसी भी समय उक्त फैसला सुनाया जा सकता है ।
दीपक बाबू और उनके नजदीकियों व समर्थकों का यह दावा यदि सच है तो यह पीटी प्रभाकर के लिए सचमुच एक बड़ा झटका है । पीटी प्रभाकर इंटरनेशनल डायरेक्टर हैं और अपने आप को अगले रोटरी वर्ष में इंटरनेशनल प्रेसीडेंट होने जा रहे केआर रवींद्रन के बहुत नजदीक बताते/जताते हैं । पीटी प्रभाकर ने 9 जनवरी को दिल्ली में डिस्ट्रिक्ट 3100 के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के साथ हुई मीटिंग में स्पष्ट रूप से घोषणा की थी कि वह दीपक बाबू की अपील पर इंटरनेशनल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग में दीपक बाबू के पक्ष में फैसला नहीं होने देंगे । पीटी प्रभाकर ने उक्त मीटिंग में दीपक बाबू और उनके ख़ैरख्वाह पिछले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रहे राकेश सिंघल की जमकर खिंचाई की थी । उक्त मीटिंग में राकेश सिंघल और दीपक बाबू के प्रति पीटी प्रभाकर का रवैया बहुत ही कठोर और अपमानजनक तो था ही; पीटी प्रभाकर ने मीटिंग में मौजूद लोगों के सामने साफ साफ यह कहने/बताने में भी कोई संकोच नहीं किया कि इंटरनेशनल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग में वह भी तो होंगे और वह देखेंगे कि वहाँ दीपक बाबू तथा राकेश सिंघल को कौन बचाता है ?
दीपक बाबू और उनके समर्थकों व नजदीकियों के दावे पर विश्वास करें तो पीटी प्रभाकर के इस खुले और दो-टूक रवैये के बावजूद दीपक बाबू की गवर्नरी को हरी झंडी मिल गई है और इसकी औपचारिक घोषणा किसी भी पल सुनी जा सकेगी ।
डिस्ट्रिक्ट के लोगों को यह सब एक चमत्कार की तरह लग रहा है । 9 जनवरी की दिल्ली की मीटिंग में डिस्ट्रिक्ट के कमोबेश सभी पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स थे और सभी ने पीटी प्रभाकर के तेवर देखे थे । पीटी प्रभाकर के तेवरों को देख कर हर कोई यही मान रहा था कि दीपक बाबू को तो अब कोई नहीं बचा सकता और इसी बिना पर डिस्ट्रिक्ट में वर्ष 2016-17 के गवर्नर के लिए दोबारा होने वाले चुनाव की तैयारियाँ भी शुरू हो गईं थीं । लेकिन इस बीच पर्दे के पीछे जो खेल चला, उसमें सारी कहानी ही बदल गई और अपने आप को आने वाले प्रेसीडेंट का नजदीकी बताने वाले इंटरनेशनल डायरेक्टर पीटी प्रभाकर के लिए भारी फजीहत का मौका बना ।
डिस्ट्रिक्ट में कुछेक लोगों का कहना है कि दीपक बाबू ने जैसे पैसे खिला कर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद का चुनाव जीत लिया था, वैसे ही मोटी रकम खर्च करके एक खिलाफ होते फैसले को अपने पक्ष में करा लिया है; कुछेक अन्य लोगों का विश्वास है कि दीपक बाबू ने यह सेटिंग पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट राजेंद्र उर्फ राजा साबू के जरिये की - दीपक बाबू के कुछेक नजदीकियों के राजा साबू से अच्छे संबंध हैं और उन्हीं संबंधों का इस्तेमाल करते हुए राजा साबू की मदद ली गई । दीपक बाबू के नजदीकी लेकिन इस चमत्कार के पीछे सुशील गुप्ता और मनोज देसाई की जुगलबंदी को जिम्मेदार मान रहे हैं । सुशील गुप्ता पूर्व और मनोज देसाई भावी इंटरनेशनल डायरेक्टर हैं । दीपक बाबू के नजदीकियों का कहना है कि 9 जनवरी की मीटिंग में पीटी प्रभाकर ने जिस तरह से हस्तक्षेप किया और डिस्ट्रिक्ट 3100 के पूर्व गवर्नर्स के सामने सुशील गुप्ता को नीचा दिखाया उससे सुशील गुप्ता ने खुद को अपमानित महसूस किया और तभी उन्होंने पीटी प्रभाकर को उनकी 'औकात' दिखाने का निश्चय कर लिया । पीटी प्रभाकर से बदला लेने की सुशील गुप्ता की कार्रवाई दीपक बाबू के लिए वरदान बन गई ।
उल्लेखनीय है कि 9 जनवरी को दिल्ली में हुई मीटिंग को सुशील गुप्ता ने अपनी पहल करके बुलाया था । पीटी प्रभाकर को उक्त मीटिंग की जानकारी मिली तो वह उसमें जबरदस्ती 'घुस' आये थे । पीटी प्रभाकर दरअसल जयपुर जाने के रास्ते में उस दिन दिल्ली में थे, सो वह सुशील गुप्ता द्धारा बुलाई गई मीटिंग में 'मान न मान मैं तेरा मेहमान' वाली अदा के साथ जा पहुँचे । पीटी प्रभाकर की इस 'अदा' ने सुशील गुप्ता का सारा एजेंडा ही खराब कर दिया । सुशील गुप्ता ने उक्त मीटिंग अपनी चौधराहट जमाने/दिखाने के लिए बुलाई थी, लेकिन मीटिंग में चौधराहट दिखाई पीटी प्रभाकर ने । सुशील गुप्ता द्धारा बुलाई गई मीटिंग को पीटी प्रभाकर ने इस तरह से हाईजैक कर लिया था और ऐसा माहौल बना दिया था कि सुशील गुप्ता तो वहाँ एक्स्ट्रा ऑर्टिस्ट की तरह नजर आ रहे थे । जाहिर है कि सुशील गुप्ता का सारा प्लान तो चौपट हो ही गया था, डिस्ट्रिक्ट 3100 के पूर्व गवर्नर्स के सामने उनकी भारी किरकिरी भी हुई । दीपक बाबू के नजदीकियों का कहना है कि पीटी प्रभाकर की इस हरकत से अपने आप को अपमानित महसूस करते हुए सुशील गुप्ता ने तभी पीटी प्रभाकर को सबक सिखाने का निश्चय किया ।
अपने निश्चय को पूरा करने के लिए सुशील गुप्ता ने पहले तो मनोज देसाई को विश्वास में लिया । पीटी प्रभाकर की हरकतों से मनोज देसाई भी चूँकि दुखी हैं, इसलिए उन्होंने सुशील गुप्ता की योजना में सहयोग करने में कोई हिचक नहीं दिखाई । इन दोनों की जोड़ी ने पीटी प्रभाकर से खफा रहने वाले रोटरी इंटरनेशनल के अन्य पदाधिकारियों से भी तार जोड़े और डिस्ट्रिक्ट 3100 से आई दीपक बाबू की अपील के मामले को लेकर ऐसा ताना-बाना बुना कि पीटी प्रभाकर के हाथ-पैर बुरी तरह से बाँध दिए और उन्हें कुछ करने लायक ही नहीं छोड़ा । दीपक बाबू और उनके नजदीकी लोगों को बता रहे हैं कि पीटी प्रभाकर ने 9 जनवरी की मीटिंग में दीपक बाबू के लिए जो जो कहा था, फैसला ठीक उसका उलटा हुआ है । दीपक बाबू और उनके नजदीकी मजे ले ले लोगों को बता रहे हैं कि उनके मामले में पीटी प्रभाकर की जैसी फजीहत हुई है, वैसी इससे पहले किसी इंटरनेशनल डायरेक्टर की नहीं हुई है ।
पीटी प्रभाकर को सबक सिखाने की सुशील गुप्ता और मनोज देसाई की कार्रवाई में दीपक बाबू का काम बन गया लगता है । दीपक बाबू और उनके नजदीकी व समर्थक जब इतने भरोसे के साथ यह दावा कर रहे हैं, तो सच ही कर रहे होंगे । हालाँकि उनके इस दावे पर उनसे मिठाई माँगने वाले लोगों को वह अभी यही कह रहे हैं कि उक्त फैसला औपचारिक रूप से घोषित हो जाए, तब वह मिठाई भी खिलायेंगे ।
पीटी प्रभाकर की हरकत पीटी प्रभाकर के लिए ही उलटी पड़ी, और सुशील गुप्ता ने अपनी बेइज्जती का उनसे जो बदला लिया वह इस प्रसंग का सबसे रोमांचक व दिलचस्प पहलू है ।