Thursday, June 20, 2019

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3080 में रोटेरियंस के करीब 14 लाख रुपयों पर हाथ साफ करने के मामले में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर प्रवीन गोयल तथा पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर मनप्रीत सिंह गंधोके को बचाने के लिए, इस्तीफा दे चुकने के बावजूद पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर हेमंत अरोड़ा डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी में बने हुए हैं

चंडीगढ़ । पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर हेमंत अरोड़ा ने इस्तीफा देने के बावजूद डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी में बने रहने का फैसला किया है, क्योंकि उन पर मौजूदा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर प्रवीन गोयल तथा पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर मनप्रीत सिंह गंधोके को करीब 14 लाख रुपयों की 'लूट' के आरोप से 'बचाने' की जिम्मेदारी आ पड़ी है । मनप्रीत सिंह गंधोके पर मुआवजे के रूप में डिस्ट्रिक्ट को मिले करीब 14 लाख रुपए कब्जाने का आरोप है, जिसमें उन्हें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर प्रवीन गोयल की मदद मिली । लोगों के बीच आरोप तो यह भी सुना जा रहा है कि मनप्रीत सिंह गंधोके ने गिरोह के बाकी लोगों को भी उक्त रकम में से हिस्सा दिया है, और इसीलिए राजा साबू से लेकर गिरोह के बाकी सभी पूर्व गवर्नर्स सदस्य मामले पर पर्दा डालने तथा मनप्रीत सिंह गंधोके को बचाने के प्रयासों में लगे हैं । कॉलिज ऑफ गवर्नर्स की पिछले दिनों हुई मीटिंग में जब यह मामला उठा, तो पूर्व गवर्नर मधुकर मल्होत्रा ने मनप्रीत सिंह गंधोके का बचाव करने का जोरदार तरीके से प्रयास किया । राजा साबू गिरोह को इस मामले को डिस्ट्रिक्ट एकाउंट में एडजस्ट करने की जरूरत पड़ेगी, और इसके लिए उन्हें हेमंत अरोड़ा की मदद चाहिए होगी - इसलिए इस्तीफा देने के बावजूद हेमंत अरोड़ा को डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी में बनाए रखा गया है । चार्टर्ड एकाउंटेंट होने के नाते एकाउंट्स को एडजस्ट करने में हेमंत अरोड़ा की एक्सपर्टीज है, और इसी एक्सपर्टीज का इस्तेमाल करते हुए वह दिलीप पटनायक के गवर्नर-वर्ष की फायदे वाली बैलेंसशीट को घाटे वाली बैलेंस शीट में बदलने का करतब दिखा चुके हैं । दरअसल उसी बेईमानीपूर्ण करतब के कारण हेमंत अरोड़ा को डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी का सदस्य बनाये जाने पर आपत्ति करते हुए डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में प्रस्ताव रखा गया था, जिसके चलते होने वाली फजीहत से बचने के लिए हेमंत अरोड़ा ने डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी से इस्तीफा देने में अपनी भलाई देखी/समझी थी ।
उल्लेखनीय है कि राजा साबू और उनके 'गिरोह' के गवर्नर्स डिस्ट्रिक्ट के तमाम प्रोजेक्ट्स व ट्रस्ट के हिसाब-किताब से जुड़ी बातें डिस्ट्रिक्ट के लोगों से - यहाँ तक कि कॉलिज ऑफ गवर्नर्स तक से - छिपा कर रखते हैं, जिसे लेकर निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके रूबी को रोटरी इंटरनेशनल तक में शिकायत करने के लिए मजबूर होना पड़ा था; और जिसके चलते राजा साबू और उनसे जुड़े पूर्व गवर्नर्स की भूमिका को संदेह से देखा जाता है ।  मनप्रीत सिंह गंधोके के मामले में भी तथ्यों पर पर्दा डालने का प्रयास हो रहा है । 'रचनात्मक संकल्प' को जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार मामला मनप्रीत सिंह गंधोके के गवर्नर वर्ष का है । अपने गवर्नर वर्ष में उन्होंने बैंकॉक में कॉन्फ्रेंस करने की योजना बनाई थी, और जिसके रजिस्ट्रेशन के रूप में वह रोटेरियंस से पैसे ले चुके थे । राजा साबू ने लेकिन उनकी योजना में पंक्चर कर दिया था । उसी वर्ष चूँकि इंटरनेशनल कन्वेंशन बैंकॉक में हो रही थी, तो मनप्रीत सिंह गंधोके ने एक तरफ तो टूर ऑपरेटर कंपनी से बैंकॉक जाने के कार्यक्रम के समय में परिवर्तन करा लिया और दूसरी तरफ रोटेरियंस को इंटरनेशनल कन्वेंशन में जाने के लिए राजी कर लिया । यह सब हो तो गया, लेकिन इस चक्कर में हिसाब-किताब काफी गड़बड़ा गया और लोगों को पैसों का काफी नुकसान हुआ । मनप्रीत सिंह गंधोके ने हिसाब-किताब की गड़बड़ी के लिए टूर ऑपरेटर कंपनी को जिम्मेदार ठहराया और उपभोक्ता अदालत में उसके खिलाफ शिकायत कर दी । उपभोक्ता अदालत ने टूर ऑपरेटर कंपनी को दोषी ठहराते हुए करीब 14 लाख रुपए डिस्ट्रिक्ट 3080 को वापस करने का आदेश दिया । उक्त करीब 14 लाख रुपए डिस्ट्रिक्ट 3080 को मिले । यह रकम वास्तव में उन 80 रोटेरियंस की है, जिन्होंने मनप्रीत सिंह गंधोके की योजना में 'बदलाव' होने के कारण पैसों का नुकसान उठाया था । कायदे से और व्यवहारिक रूप से यह पैसा डिस्ट्रिक्ट के उन 80 रोटेरियंस को वापस किया जाना चाहिए था; लेकिन मनप्रीत सिंह गंधोके ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर प्रवीन गोयल के साथ मिलकर इस रकम को खुद ही हड़प लिया । 
जिन लोगों को डिस्ट्रिक्ट एकाउंट के जरिये हुए इस घपले की जानकारी मिली, उन्हें प्रवीन गोयल के रवैये पर खासी हैरानी हुई । उनके लिए यह समझना मुश्किल हुआ कि जो पैसा डिस्ट्रिक्ट के पास आया, और जिसे 80 रोटेरियंस को वापस होना था - डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में प्रवीन गोयल ने उसे मनप्रीत सिंह गंधोके को क्यों दे दिया ? दरअसल इसी बात से लोगों को शक हुआ है कि प्रवीन गोयल को भी उक्त रकम में से कुछ हिस्सा मिला है, और इसीलिए 80 रोटेरियंस को वापस किया जाने वाला पैसा उन्होंने डिस्ट्रिक्ट एकाउंट से मनप्रीत गंधोके को दे दिया । उल्लेखनीय है कि मनप्रीत सिंह गंधोके पर अपने क्लब के एक प्रोजेक्ट के तहत बने रोटरी वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर के निर्माण कार्य में घपले का आरोप रहा है, जिसके चलते उन्हें क्लब से निलंबित करने का फैसला तक हो गया था, जिसे उन्होंने मन-मनौव्वल करके अप्रभावी करवा लिया था । मनप्रीत सिंह गंधोके खासे खुशकिस्मत हैं कि क्लब के सदस्यों से लेकर डिस्ट्रिक्ट के लोगों तक के पैसों पर हाथ साफ करने के बावजूद राजा साबू से लेकर उनके गिरोह के दूसरे पूर्व गवर्नर्स उन्हें बचाने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं । इसी तत्परता के चलते हेमंत अरोड़ा इस्तीफा देने के बावजूद डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी में बने रहने के लिए राजी हो गए हैं । उल्लेखनीय है कि इसी वर्ष डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में हेमंत अरोड़ा की कारगुजारियों पर चर्चा के लिए रोटरी क्लब चंडीगढ़ सिटी ब्यूटीफुल ने जो प्रस्ताव दर्ज करवाया था, उसे निष्प्रभावी करने के लिए डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में बिजनेस सेशन शुरू होने से ठीक पहले डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी से हेमंत अरोड़ा का इस्तीफा ले लिया गया था । राजा साबू और उनके गिरोह के अन्य गवर्नर्स को दरअसल डर हुआ था कि बिजनेस सेशन में मामला आयेगा, तो पता नहीं क्या क्या सुनने को मिलेगा और क्या क्या पोल खुलेगी - इसलिए उन्होंने हेमंत अरोड़ा से छुटकारा पा लेने में ही भलाई देखी/पहचानी थी । लेकिन अब पता चला है कि हेमंत अरोड़ा का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है । इससे लोगों को समझ में आ रहा है कि उस समय दिया गया हेमंत अरोड़ा का इस्तीफा वास्तव में उनकी चालबाजी थी, ताकि रोटरी क्लब चंडीगढ़ सिटी ब्यूटीफुल के प्रस्ताव पर डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में चर्चा न हो सके ।  उस समय हेमंत अरोड़ा ने भी बड़ा नाटक दिखाया था कि वह तो डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी में एक दिन भी नहीं रहना चाहते हैं; लेकिन अब वह अपने इस्तीफे को स्वीकार करवाने के लिए कोई जोर नहीं दे रहे हैं । समझा जाता है कि मनप्रीत सिंह गंधोके के मामले को एडजस्ट करने/करवाने के लिए राजा साबू गिरोह को हेमंत अरोड़ा की एक्सपर्टीज की जरूरत पड़ेगी, और इसीलिए इस्तीफा दे चुकने के बावजूद वह डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी में बने हुए हैं ।