Friday, June 14, 2019

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 में रोटरी फाउंडेशन के लिए 'जबरन बसूली' के चलते मुसीबत में फँसे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट दीपक गुप्ता डिस्ट्रिक्ट इंस्टॉलेशन की मदद के लिए अब उन रोटेरियंस की तरफ देख रहे हैं, जिन्हें अभी तक वह सुभाष जैन का 'आदमी' बताते हुए उपेक्षित और 'अपमानित' करते रहे थे

गाजियाबाद । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने की तैयारी करते हुए दीपक गुप्ता ने जो भी काम किए हैं, उनमें से कुछेक ऐसे रहे हैं जिन्होंने उन्हें रोटेरियंस के बीच 'चुटकुला' बना छोड़ा है । अपने गवर्नर-वर्ष के इंस्टॉलेशन समारोह को लेकर दीपक गुप्ता ने जो 'कांड' किया है, उसने उनकी चुटकुला पहचान को और गाढ़ा बनाने का काम ही किया है । एक मशहूर चुटकुला है कि एक कार्यक्रम के आयोजकों ने घोषणा की कि उनके कार्यक्रम में प्रवेश निःशुल्क है । कार्यक्रम के समाप्त होने के बाद लोग बाहर निकलने के लिए जब दरवाजे की तरफ बढ़े, तब उन्हें बताया गया कि बाहर निकलने के लिए उन्हें पैसे देने पड़ेंगे । लोगों ने यह कहते हुए आपत्ति की कि कहा तो यह गया था कि प्रवेश निःशुल्क है; तो उन्हें मासूमियतभरा जबाव मिला कि इसीलिए तो प्रवेश के समय आपसे पैसे नहीं माँगे गए थे । दीपक गुप्ता ने 'शंखनाद' शीर्षक से आयोजित हो रहे डिस्ट्रिक्ट इंस्टॉलेशन समारोह को लेकर उसी चुटकुले को चरितार्थ किया है । दीपक गुप्ता ने घोषणा की है कि उक्त समारोह में शामिल होने वाले लोगों से कोई चार्ज नहीं लिया जायेगा; लेकिन अगले ही वाक्य में उन्होंने स्पष्ट किया है कि समारोह का निमंत्रण पत्र उन्हें ही मिलेगा, जो रोटरी फाउंडेशन के लिए 250 अमेरिकी डॉलर, यानि 17 हजार पाँच सौ रुपए देंगे । कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रत्येक रोटेरियन को जब 17 हजार पाँच सौ रुपए देने ही पड़ेंगे, तब फिर उनके लिए समारोह निःशुल्क कहाँ रहा ? चुटकुले वाले आयोजकों की तर्ज पर लोगों को दीपक गुप्ता का मासूमियत भरा जबाव और तर्क है कि यह रकम तो वह रोटरी फाउंडेशन के लिए ले रहे हैं, समारोह तो लोगों के लिए निःशुल्क ही है ।
दीपक गुप्ता की इस हरकत पर वरिष्ठ रोटेरियंस का कहना हालाँकि यह है कि दीपक गुप्ता का उद्देश्य तो अच्छा है, लेकिन उद्देश्य को पाने का उनका तरीका बहुत ही फूहड़ और बेवकूफीभरा है । उल्लेखनीय है कि रोटरी फाउंडेशन के लिए पैसे जुटाना प्रत्येक डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के लिए प्राथमिक कार्य माना जाने लगा है, और इसके लिए रोटेरियंस को प्रेरित करने के उद्देश्य से छोटे/बड़े स्तर पर ट्रेनिंग प्रोग्राम किए जाते हैं । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर से भी उम्मीद की जाती है कि वह अपने कार्यक्रमों में तथा क्लब्स में होने वाली जीओवी में रोटेरियंस को रोटरी फाउंडेशन में पैसे देने के महत्त्व के बारे में बताते हुए प्रेरित करेंगे; लेकिन दीपक गुप्ता ने रोटरी फाउंडेशन के लिए पैसे इकट्ठे करने के मामले में प्रेरित करने/कराने का चक्कर छोड़ कर जबरन बसूली का रास्ता अपना लेने में सहूलियत देखी है । डिस्ट्रिक्ट इंस्टॉलेशन को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रोटेरियंस को रोटरी फाउंडेशन के प्रति जागरूक बनाने तथा उसको दान देने के लिए प्रेरित करने के मौके के रूप में भी देखते/पहचानते हैं; लेकिन दीपक गुप्ता ने उल्टी ही चाल पकड़ी है और डिस्ट्रिक्ट इंस्टॉलेशन को जबरन बसूली का मौका बना दिया है । कुछेक लोगों को लगता है कि दीपक गुप्ता ने ऐसा करके दरअसल बड़ी चालाकी खेली है । उन्हें डर था कि डिस्ट्रिक्ट इंस्टॉलेशन में प्रवेश निःशुल्क रखेंगे, तो बड़ी संख्या में लोग आ धमकेंगे, जिससे खर्चा बढ़ेगा; उपस्थिति सीमित करने/रखने के लिए वह कम लोगों को निमंत्रण देंगे तो जिन्हें निमंत्रण नहीं मिलेगा, वह नाराज होंगे - लेकिन अब 'मुफ्त' वाले लोग इंस्टॉलेशन में आयेंगे नहीं, और कोई शिकायत भी नहीं कर सकेगा कि उसे निमंत्रित नहीं किया गया । इस तरह रोटरी फाउंडेशन के नाम पर 17 हजार पाँच सौ रुपए का बोझ डाल कर दीपक गुप्ता ने दरअसल डिस्ट्रिक्ट इंस्टॉलेशन में हो सकने वाली भीड़ को नियंत्रित करने का काम किया है । 
दीपक गुप्ता को लेकिन अपनी यह होशियारी भारी पड़ती हुई भी दिख रही है । 17 हजार पाँच सौ रुपए देकर डिस्ट्रिक्ट इंस्टॉलेशन के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने में रोटेरियंस दिलचस्पी लेते हुए नहीं दिख रहे हैं; जिसके बाद दीपक गुप्ता ने डिस्ट्रिक्ट के उन वरिष्ठ रोटेरियंस के दरवाजे खटखटाना शुरू किया है - जिन्हें अभी तक उन्होंने अपने किसी कार्यक्रम में नहीं पूछा/बुलाया था । दीपक गुप्ता के नजदीकियों का ही कहना/बताना है कि उन्होंने करीब सौ/सवा सौ ऐसे वरिष्ठ रोटेरियंस की सूची बनाई हुई है, जो सुभाष जैन के मौजूदा गवर्नर-वर्ष में मुख्य पदों पर हैं और सक्रिय हैं; दीपक गुप्ता इन्हें सुभाष जैन के 'आदमी' के रूप में देखते/पहचानते हैं, और इस नाते उन्होंने इन्हें अपने कार्यक्रमों से दूर दूर ही रखा है; लेकिन अब दीपक गुप्ता इन्हें तरह तरह से मैसेज करके डिस्ट्रिक्ट इंस्टॉलेशन के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए फुसलाने की कोशिश कर रहे हैं । असल में, दीपक गुप्ता को डिस्ट्रिक्ट इंस्टॉलेशन के रजिस्ट्रेशन के लिए उन लोगों से कोई मदद नहीं मिल रही है, जिन्हें उन्होंने अपने आसपास जोड़ा हुआ है । इस मामले में दीपक गुप्ता को सबसे तगड़ा झटका डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर मुकेश अरनेजा की तरफ से लगा है । उनका रोना है कि मुकेश अरनेजा रजिस्ट्रेशन के लिए मदद तो नहीं ही कर रहे हैं, उलटे लोगों को डिस्ट्रिक्ट इंस्टॉलेशन के खिलाफ भड़का और रहे हैं । दरअसल, रोटरी फाउंडेशन के लिए की जा रही जबरन बसूली की शिकायत लोगों ने मुकेश अरनेजा से की, तो मुकेश अरनेजा ने यह कहते/बताते हुए अपनी जान छुड़ाई कि उन्होंने तो दीपक गुप्ता को बहुत समझाया था कि डिस्ट्रिक्ट इंस्टॉलेशन यदि निःशुल्क कर रहे हो, तो 'सचमुच' निःशुल्क करो; और यदि रोटरी फाउंडेशन के नाम पर पैसे लेना ही चाहते हो, तो रकम प्रतीकात्मक रखो और कम रखो - लेकिन दीपक गुप्ता ने उनकी सुनी/मानी ही नहीं । मुकेश अरनेजा के इस जबाव को दीपक गुप्ता लोगों को भड़काने वाला बता रहे हैं; और ऐसे में डिस्ट्रिक्ट इंस्टॉलेशन की मदद के लिए अब वह डिस्ट्रिक्ट के उन वरिष्ठ रोटेरियंस की तरफ देख रहे हैं, जिन्हें अभी तक वह सुभाष जैन का 'आदमी' बताते हुए उपेक्षित और 'अपमानित' करते रहे थे ।