Saturday, November 2, 2013

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 सी वन में शिव कुमार चौधरी द्धारा हुई सुधीर जनमेजा की फजीहत के कारण सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव के समीकरण बदलेंगे क्या

गाजियाबाद । लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 सी वन के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुधीर जनमेजा डिस्ट्रिक्ट के एक प्रमुख क्लब - लायंस क्लब गाजियाबाद से मिले झटके से अभी उबर भी नहीं पाये थे कि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के उम्मीदवार शिव कुमार चौधरी ने उनकी फजीहत कर दी । सुधीर जनमेजा ने अपनी सेकेंड कैबिनेट मीटिंग में फैलोशिप के आयोजन हेतु शिव कुमार चौधरी को पहले तो अपने एक दूत के जरिये ऑफर भेजा, शिव कुमार चौधरी ने उक्त ऑफर को लेकर जब कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई तो सुधीर जनमेजा खुद मैदान में उतरे । जो संदेश सुधीर जनमेजा ने पहले अपने दूत के जरिये शिव कुमार चौधरी तक पहुँचाया थे, दौबारा में वही संदेश उन्होंने स्वयं शिव कुमार चौधरी के सामने रखा । संदेश यह था कि सेकेंड कैबिनेट मीटिंग में फैलोशिप के आयोजन के लिए दो लोगों ने प्रस्ताव रखा है, आप बताओ कि क्या करना है ? शिव कुमार चौधरी ने सुधीर जनमेजा के दूत से जब यह संदेश सुना तो दोटूक शब्दों में जबाव दिया कि - मुझे क्या करना है, उन दोनों से कहो कि फैलोशिप का आयोजन करें । दूत से सुधीर जनमेजा को शिव कुमार चौधरी का जब यह जबाव मिला तो उन्होंने खुद मोर्चा संभाला । सुधीर जनमेजा ने भी शिव कुमार चौधरी को वही संदेश दिया, जिसका दोटूक जबाव शिव कुमार चौधरी दे चुके थे ।
सुधीर जनमेजा को शायद यह उम्मीद रही होगी कि शिव कुमार चौधरी ने जिस टोटूक तरीके से उनके दूत को जबाव दिया, वैसे उन्हें नहीं देंगे । शिव कुमार चौधरी ने लेकिन वही जबाव उन्हें भी दिया और ठीक वैसे ही दिया जैसे सुधीर जनमेजा के दूत को दिया था । दरअसल शिव कुमार चौधरी समझ गए थे कि सुधीर जनमेजा को फैलोशिप के लिए कोई मिला नहीं है और वह उन्हें फाँसने के लिए झूठे दावे कर रहे हैं कि उन्हें दो लोगों का प्रस्ताव मिला है । शिव कुमार चौधरी ने भाँप लिया था कि सुधीर जनमेजा को यदि फैलोशिप के लिए सचमुच में दो लोग मिल गए होते तो फिर वह उनसे बात ही नहीं करते । स्कूलिंग के समय का अनुभव शिव कुमार चौधरी भूले नहीं थे, जब सुधीर जनमेजा ने तीन-तिकड़म से उन्हें फैलोशिप के लिए फँसा लिया था और उनसे मोटी रकम खर्च करवा ली थी । शिव कुमार चौधरी अब की बार सावधान थे और सुधीर जनमेजा के जाल में फँसने से बचने की तैयारी किये हुए थे । उनकी खुशकिस्मती रही कि दो लोगों के प्रस्ताव की बात कह कर बचने का मौका खुद सुधीर जनमेजा ने ही उन्हें दे दिया ।
सुधीर जनमेजा को जब लगा कि शिव कुमार चौधरी तो हाथ से निकले जा रहे हैं तो फिर उन्होंने उनके उम्मीदवार होने का वास्ता दिया । सुधीर जनमेजा ने उनसे कहा कि उम्मीदवार होने के नाते फैलोशिप का आयोजन उन्हें करना चाहिये । शिव कुमार चौधरी ने लेकिन उन्हें यह कह कर टका-सा जबाव दे दिया कि उम्मीदवार के रूप में उन्हें क्या करना है, यह वह जानते हैं और कर लेंगे; फैलोशिप का आयोजन दूसरे लोगों को ही कर लेने दो । इसके बाद सुधीर जनमेजा के पास कहने के लिए कुछ बचा ही नहीं रह गया । शिव कुमार चौधरी के दोटूक फैसले ने फैलोशिप जुटाने की उनकी सारी तिकड़म पर पानी फेर दिया था । हाल-फ़िलहाल के दिनों में सुधीर जनमेजा को यह दूसरा बड़ा झटका लगा है । इससे पहले लायंस क्लब गाजियाबाद के पदाधिकारी अपने क्लब के गोल्डन जुबली कार्यक्रम से बाहर रख कर सुधीर जनमेजा की खासी फजीहत कर चुके थे । उल्लेखनीय है कि जिस कार्यक्रम में इंटरनेशनल प्रेसीडेंट बनने की राह पर बढ़ रहे नरेश अग्रवाल और इंटरनेशनल बोर्ड की सदस्या अरुणा ओसवाल आमंत्रित किये गए हों, उस कार्यक्रम में डिस्ट्रिक्ट के गवर्नर को ही न तवज्जो दी जाये तो यह उक्त गवर्नर के लिए फजीहत की बात तो है ही । कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र पर अपना नाम न पाकर सुधीर जनमेजा बहुत बुरी तरह से बिफरे थे और उन्होंने हर संभव प्रयास किया कि उक्त कार्यक्रम या तो हो ही न सके और या नरेश अग्रवाल व अरुणा ओसवाल उसमें शामिल न हों । सुधीर जनमेजा की लेकिन एक न चली और उन्हें ऐतिहासिक रूप से फजीहत का शिकार होना पड़ा । ऐतिहासिक इसलिए क्योंकि इतनी और किसी गवर्नर की हुई हो, ऐसा किसी को याद नहीं पड़ता ।
सुधीर जनमेजा के लिए शिव कुमार चौधरी से मिला झटका लेकिन ज्यादा गंभीर है । सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद का उम्मीदवार डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की इतनी अवहेलना करे और फैलोशिप करने के उसके आमंत्रण को सिरे से ख़ारिज कर दे, यह अपने आप में बड़ी बात है । यह बात तब और बड़ी हो जाती है जब डिस्ट्रिक्ट गवर्नर उसी खेमे का हो जिस खेमे के समर्थन के भरोसे उम्मीदवार सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने की दौड़ में हो । तो क्या यह माना जाये कि शिव कुमार चौधरी ने सुधीर जनमेजा के प्रति उपेक्षा का जो रवैया दिखाया है, उसकी प्रेरणा और प्रोत्साहन उन्हें खेमे के बड़े नेताओं से मिला है ? क्योंकि यह भी देखा/सुना गया है कि खेमे के बड़े नेता सुधीर जनमेजा से खुश नहीं चल रहे हैं । सुधीर जनमेजा के नजदीकियों का कहना है कि शिव कुमार चौधरी अभी चाहें किसी भी कारण से सुधीर जनमेजा की अहमियत नहीं समझ रहे हों, लेकिन जल्दी ही उन्हें इसकी जो कीमत चुकानी पड़ेगी उससे उन्हें अहसास होगा कि उन्होंने गलती की है । सुधीर जनमेजा के इन्हीं नजदीकियों का यह भी कहना है कि हो यह भी सकता है कि अभी तेवर दिखा रहे शिव कुमार चौधरी अंततः कैबिनेट मीटिंग में फैलोशिप के लिए राजी हो ही जाएँ ।
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुधीर जनमेजा के प्रति शिव कुमार चौधरी के रवैये को देख/पहचान कर डिस्ट्रिक्ट के चुनावी खिलाड़ियों को यह आभास जरूर होने लगा है कि शिव कुमार चौधरी को सबक सिखाने के उद्देश्य से सुधीर जनमेजा सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव के समीकरण बदलने का प्रयास कर सकते हैं । सुधीर जनमेजा अपनी फजीहत को चुपचाप बर्दास्त करते रहेंगे या कुछ करेंगे और करेंगे तो क्या करेंगे - यह देखना दिलचस्प होगा ।