Monday, November 11, 2013

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3010 में अमित जैन की सिफारिश के बाद जितेंद्र गुप्ता को दीवाली 'देने' की सुधीर मंगला की कार्रवाई से रमेश अग्रवाल और जेके गौड़ भड़के

नई दिल्ली । सुधीर मंगला जिन लोगों को अपनी उम्मीदवारी का समर्थक मान कर चल रहे हैं, और इस नाते उनकी मदद की उम्मीद लगाये बैठे हैं - उनके आपस के झगड़े सुधीर मंगला के लिए जी का जंजाल बन रहे हैं । रमेश अग्रवाल और जेके गौड़ को खुश करने के चक्कर में सुधीर मंगला ने पहले तो दीवाली 'मिलने' के अपने कार्यक्रम से जितेंद्र गुप्ता को बाहर रखा, लेकिन इसके लिए उन्हें जब अमित जैन से डाँट पड़ी और वह जाकर जितेंद्र गुप्ता को दीवाली दे आये तो रमेश अग्रवाल उनसे नाराज हो गए हैं । रमेश अग्रवाल ने सुधीर मंगला को बता दिया कि जब तुम्हें अमित जैन के कहने से ही सारे काम करने हैं तो अब तुम्हें अमित जैन ही चुनाव लड़वायेंगे । रमेश अग्रवाल को दरअसल यह डर सताने लगा है कि सुधीर मंगला का जब अभी यह हाल है कि वह रमेश अग्रवाल और जेके गौड़ की तुलना में अमित जैन को ज्यादा महत्व दे रहे हैं, तो कहीं यदि वह जीत गए तो रमेश अग्रवाल और जेके गौड़ को तो वह पहचानेगे भी नहीं !
रमेश अग्रवाल और जेके गौड़ को अमित जैन और जितेंद्र गुप्ता से इसलिए खुन्नस है, क्योंकि पिछले रोटरी वर्ष में सुधीर मंगला से रोटरी इंटरनेशनल में शिकायत करवाने में इन्हीं दोनों की मुख्य भूमिका थी । इन्हीं दोनों की तरफ से तरह-तरह से लगातार इस बात को प्रचारित किया गया कि जेके गौड़ को तो बेईमानी करके जितवाया गया है । रमेश अग्रवाल और जेके गौड़ ने इन बातों के लिए अमित जैन को कम, जितेंद्र गुप्ता को ज्यादा जिम्मेदार माना/ठहराया । अमित जैन ज्यादा पचड़े में नहीं पड़ते हैं, इसलिए - इसके बावजूद कि उन्होंने सुधीर मंगला द्धारा रोटरी इंटरनेशनल में की शिकायत में पर्दे के पीछे महत्वपूर्ण रोल अदा किया - उन्होंने तो कोई खास सक्रियता नहीं दिखाई; किंतु जितेंद्र गुप्ता ने जेके गौड़ का बना/बनाया खेल ख़राब करने के उद्देश्य से रमेश अग्रवाल के खिलाफ जम कर काम किया । इस कारण से रमेश अग्रवाल और जेके गौड़ को जितेंद्र गुप्ता से ज्यादा खुन्नस है । संभवतः इसी बात को ध्यान में रखते हुए सुधीर मंगला जब दीवाली बाँटने के अभियान पर निकले तो जितेंद्र गुप्ता के यहाँ नहीं गए ।
जितेंद्र गुप्ता का इस पर भड़कना स्वाभाविक ही था और वह भड़के भी । जितेंद्र गुप्ता की शिकायत रही कि सुधीर मंगला तमाम ऐसे ऐरे गैरे लोगों तक को तो दीवाली दे रहे हैं, जिनकी न तो कहीं कोई राजनीतिक हैसियत है और न जो कभी सुधीर मंगला के काम आये - लेकिन उनके यहाँ आने की सुधीर मंगला ने कोई जरूरत नहीं समझी; जबकि उन्होंने सुधीर मंगला की मदद करते हुए डिस्ट्रिक्ट के तमाम बड़े नेताओं से दुश्मनी मोल ली । जितेंद्र गुप्ता ने अमित जैन के आगे अपना दुखड़ा रोया और उलाहना दिया कि सुधीर मंगला अपनी मदद करने वालों के साथ यदि इस तरह का व्यवहार करेंगे, तो फिर उन पर कौन विश्वास करेगा और कौन उनकी मदद करेगा ? जितेंद्र गुप्ता की बात को अमित जैन ने सही माना और उन्होंने सुधीर मंगला को सलाह दी कि उन्हें जितेंद्र गुप्ता के साथ ऐसा सुलूक नहीं करना चाहिए । अमित जैन बीच में पड़े तो सुधीर मंगला ने जितेंद्र गुप्ता के यहाँ जाकर उन्हें दीवाली दे दी ।
सुधीर मंगला के लिए संकट लेकिन इसके बाद और बढ़ गया । हुआ यह कि अमित जैन के कहने पर सुधीर मंगला के जितेंद्र गुप्ता के यहाँ दीवाली देने जाने की खबर रमेश अग्रवाल और जेके गौड़ को मिली तो वह बिफर गए । वह इसलिए भी बिफर गए क्योंकि उन्होंने सुना कि जितेंद्र गुप्ता ने सुधीर मंगला के उनके यहाँ न आने के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया है । दीवाली देने के लिए पहले न आने को लेकर सुधीर मंगला ने जितेंद्र गुप्ता से क्या कहा, यह तो वे दोनों जानें - लेकिन लोगों के बीच चर्चा यह फैली कि सुधीर मंगला ने जितेंद्र गुप्ता के सामने सफाई यह दी कि उन्हें रमेश अग्रवाल और जेके गौड़ ने उनके यहाँ न जाने/आने के लिए कहा था । रमेश अग्रवाल चूँकि इस तरह की हरकतें करते रहे हैं, इसलिए हर किसी ने उक्त चर्चा पर सहज रूप से विश्वास भी कर लिया ।
उधर जितेंद्र गुप्ता दीवाली मिलने के बाद से सुधीर मंगला के सबसे बड़े समर्थक बन गए हैं और कहीं-कहीं उन्होंने लोगों को यह भी बताया कि रमेश अग्रवाल और जेके गौड़ ने किस तरह की घटिया हरकत की और अमित जैन ने किस तरह उन दोनों की घटिया राजनीति को फेल करके सुधीर मंगला को 'सही राह' पर पहुँचाया । इस तरह की बातें सुन कर रमेश अग्रवाल और जेके गौड़ का भड़कना लाजिमी ही था । जेके गौड़ तो इस बात की ज्यादा हवा नहीं लगने देते कि उनके मन में क्या चल रहा है, लेकिन रमेश अग्रवाल की तो दिल की हर धड़कन सुनी जा सकती है । जितेंद्र गुप्ता ने रमेश अग्रवाल और जेके गौड़ पर जो हमला 'किया', रमेश अग्रवाल ने उसका पूरी तल्खी से जबाव दिया । रमेश अग्रवाल ने कहा है कि जो जितेंद्र गुप्ता दीवाली न मिलने पर भड़क सकते हैं, और दीवाली प्राप्त करने का जुगाड़ बैठाने लगते हैं वह सचमुच में सुधीर मंगला की कैसी/ क्या मदद कर पायेंगे ? रमेश अग्रवाल ने साथ ही यह भी जोड़ा कि पिछले वर्ष तमाम कोशिशों के बाद भी अमित जैन और जितेंद्र गुप्ता की मदद सुधीर मंगला के कितने काम आई थी - यह अब सभी को पता है ।
सुधीर मंगला जिन लोगों की मदद से चुनाव जीतने का दावा कर रहे हैं, उनके बीच छिड़ी इस लड़ाई ने सुधीर मंगला के दावों की हवा तो निकाल ही दी है, साथ ही चुनावी चर्चाओं को भी दिलचस्प बना दिया है ।