मेरठ । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट सुनील गुप्ता ने
डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर का नाम घोषित किए बिना जिस तरह प्री एजीटीएस का आयोजन
कर लिया है, उससे पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बृज भूषण को तगड़ा झटका लगा है ।
बृज भूषण को उम्मीद थी कि प्री एजीटीएस के आयोजन में सुनील गुप्ता
डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर के रूप में उनका नाम घोषित करेंगे, लेकिन आयोजन के
दौरान सुनील गुप्ता जब उन्हें कोई तवज्जो देते हुए नहीं दिखे, तो वह आयोजन
के बीच से ही उठ कर चले गए । किन्हीं किन्हीं लोगों ने जाते जाते उन्हें यह
कहते हुए भी सुना कि यहाँ मैं कोई ताली बजाने थोड़े ही आया हूँ । बृज भूषण का दावा है कि बहुत पहले
अलेक्जेंडर क्लब में बीस-पच्चीस रोटेरियंस के बीच सुनील गुप्ता ने उन्हें
अपने गवर्नर-काल के लिए डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाने की बात कही थी । बृज भूषण
की शिकायत है कि लेकिन बाद में पता नहीं सुनील गुप्ता को किसने क्या
भड़काया कि वह डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद को लेकर उनसे बात करने तक से बचने लगे ।
सुनील गुप्ता डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद को लेकर सिर्फ बृज भूषण से ही नहीं, बल्कि
दूसरों से भी बात करने से बचते दिखे तो डिस्ट्रिक्ट में लोगों की समझ में आ
गया कि डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद को लेकर सुनील गुप्ता भारी दबाव में हैं ।
सुनील
गुप्ता के रवैये से एक बात तो लोगों को समझ में आ गई कि अलेक्जेंडर क्लब
में बीस-पच्चीस रोटेरियंस के बीच उन्होंने भले ही बृज भूषण को डिस्ट्रिक्ट
ट्रेनर बनाने की बात कह दी होगी, लेकिन अब वह उन्हें तो डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर
नहीं बनायेंगे । लोगों के बीच जैसे जैसे यह समझ बढ़ती गई वैसे वैसे बृज
भूषण का सुनील गुप्ता पर उन्हें डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर घोषित करने के लिए दबाव
बढ़ने लगा । लोगों के बीच यह तक चर्चा सुनी गई कि बृज भूषण ने सुनील गुप्ता को स्पष्ट शब्दों में बता दिया है कि उन्होंने उनकी बजाये यदि किसी और को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाया तो वह सुनील गुप्ता को क्लब से बाहर निकलवा देंगे । उल्लेखनीय है कि दोनों ही लोग : बृज भूषण भी और सुनील गुप्ता भी एक ही क्लब - रोटरी क्लब मेरठ सम्राट के सदस्य हैं । इस क्लब के बारे में एक मजेदार बात यह है कि वैसे तो इस क्लब में बृज भूषण और सुनील गुप्ता जैसे रोटरी के बारे में बड़ी बड़ी बातें करने वाले लोग हैं लेकिन इतने महान लोगों के क्लब में सदस्य सिर्फ आठ-नौ ही हैं । बृज
भूषण को हर वर्ष डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनना है, बार-बार सीओएल में जाना है
लेकिन अपने क्लब की सदस्य संख्या को सम्मानजनक स्थिति तक पहुँचाने के लिए
कुछ नहीं करना है । डिस्ट्रिक्ट का बुरा हाल क्यों है, इसे बृज भूषण के इस
'व्यवहार' से भी समझा जा सकता है ।
बहरहाल, बात हम सुनील गुप्ता के गवर्नर-काल के डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर की कर रहे थे !
बृज भूषण की सुनील गुप्ता को क्लब से निकलवाने की धमकी ने लगता है कि असर किया और सुनील गुप्ता ने किसी और को भी डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर नहीं बनाया । इसीलिए
अभी जब उन्होंने प्री एजीटीएस का आयोजन किया तो बृज भूषण को लगा कि सुनील
गुप्ता आयोजन में उन्हें ही डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर घोषित कर देंगे । सुनील
गुप्ता ने लेकिन ऐसा नहीं किया । कुछेक लोगों को लगता है कि बृज भूषण को तो
सुनील गुप्ता डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर नहीं ही बनायेंगे - उन्हें बनाना होता, तो
वह अभी तक बना देते; लेकिन बृज भूषण की धमकी को देखते हुए वह किसी और को
भी डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर नहीं बनायेंगे । ऐसा मानने और कहने वाले लोगों
का तर्क है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का कार्यभार
सँभालने की प्रक्रिया में सबसे पहला काम डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाने का करता
है - बाकी काम का नंबर उसके बाद आता है; सुनील गुप्ता ने लेकिन प्री
एजीटीएस का आयोजन करके अपना काम तो शुरू कर दिया है, लेकिन डिस्ट्रिक्ट
ट्रेनर पद पर नियुक्ति को टाल दिया है । सुनील गुप्ता के नजदीकियों को
भी लगता है कि सुनील गुप्ता डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर अब शायद ही किसी को बनाये;
अब वह डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर के बिना ही काम करेंगे । ऐसा मानने और कहने वाले
लोगों को यह भी लगता है कि कोई आत्मसम्मानी व्यक्ति अब डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनेगा भी नहीं ।
डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद को लेकर सुनील गुप्ता के अनिर्णय और अगंभीरता पर उनकी आलोचना भी शुरू हो गई है ।
लोगों का कहना है कि डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद को लेकर सुनील गुप्ता को जो भी
फैसला करना है - किसे बनाना है या नहीं ही बनाना है - उसे करें और
डिस्ट्रिक्ट के लोगों को बतायें । उनका रवैया देख कर लोगों को लगने लगा है कि सुनील गुप्ता कन्फ्यूज्ड हैं कि वह क्या फैसला तो
करें और जो फैसला करें उसे लोगों को बतायें कैसे ? डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद
के अपने पहले ही काम में सुनील गुप्ता जिस तरह उलझ गए हैं और फैसला करने की
अपनी क्षमता के प्रति लोगों को शंकाग्रस्त कर चुके हैं, उससे उनके
गवर्नर-काल को लेकर लोगों के बीच सवाल उठने लगे हैं । सुनील गुप्ता से हमदर्दी रखने वाले लोगों का कहना है कि डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद को
लेकर उनके ऊपर भारी दबाव है, जिसके कारण उनके लिए फैसला करना मुश्किल हुआ
है । दूसरे लोगों का कहना है कि सुनील गुप्ता डिस्ट्रिक्ट गवर्नर होने जा
रहे हैं - ऐसे में उन पर तरह तरह के मामलों में दबाव तो पड़ेंगे ही; उन्हें इन दबावों में ही फैसले करने होंगे; दबावों के चलते फैसलों को यदि वह टालेंगे तो आलोचनाओं का निशाना तो बनेंगे ही ।