मेरठ । मौजूदा इंटरनेशनल डायरेक्टर पीटी प्रभाकर तथा
भावी इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई ने डिस्ट्रिक्ट 3100 के हालात पर जो
संज्ञान लिया है और जिस कठोरता के साथ डिस्ट्रिक्ट लीडर्स पर समस्या( ओं )
को हल करने के लिए दबाव डाला है, उसमें दीपक बाबू एंड कंपनी को डिस्ट्रिक्ट
के लीडर्स को 'ब्लैकमेल' करने का मौका मिल गया है । दीपक बाबू एंड
कंपनी ने डिस्ट्रिक्ट लीडर्स को इस तरह के फिलर्स भेजे हैं कि डिस्ट्रिक्ट
को यदि बचाना है तो दीपक बाबू को वर्ष 2016-17 का गवर्नर बनाओ । दीपक बाबू
एंड कंपनी की यह माँग थोड़ी न्यायपूर्ण भी लगे तथा इसे दूसरे लोगों का भी
समर्थन मिल सके, इसके लिए उन्होंने फार्मूला दिया है कि उनके बाद, यानि
वर्ष 2017-18 में दिवाकर अग्रवाल को गवर्नर बनवा दो । वर्ष 2017-18 के
लिए जिन चार लोगों की उम्मीदवारी प्रस्तुत हुई है, उनके लिए दीपक बाबू एंड
कंपनी का सुझाव है कि उन्हें समझा-बुझा कर उनकी उम्मीदवारी को वापस करवा
दिया जाये । दीपक बाबू एंड कंपनी का यह फार्मूला ऊपर-ऊपर से देखें तो बड़ा
अच्छा लगता है और ऐसा लगता है कि इसे मान लेने के बाद डिस्ट्रिक्ट में
सौहार्द की और भाईचारे की हवा बहने लगेगी - लेकिन इस फार्मूले को अपनाने
में एक बड़ी समस्या यह है कि इससे रोटरी इंटरनेशनल के फैसले का अपमान होता
है । उल्लेखनीय है कि रोटरी इंटरनेशनल ने हाल में लिए अपने एक फैसले में
माना है कि वर्ष 2016-17 के लिए पिछले रोटरी वर्ष में हुए चुनाव में दीपक
बाबू ने वोटों की खरीद-फ़रोख्त करके जीत प्राप्त की थी और इस बिना पर उस
चुनाव को अमान्य घोषित करने के साथ ही यह फैसला भी दिया कि वर्ष 2016-17 के
लिए दोबारा होने वाले चुनाव में दीपक बाबू उम्मीदवार नहीं होंगे । रोटरी इंटरनेशनल के इस फैसले के आलोक में वर्ष 2016-17 में दीपक बाबू गवर्नर हो ही नहीं सकते हैं ।
रोटरी
के आदर्शों, रोटरी के नियम-कानूनों, रोटरी भावना को उम्मीदवार के रूप में
लगातार ठेंगा दिखाते रहे दीपक बाबू रोटरी इंटरनेशनल के इस फैसले को भी
ठेंगा दिखाने के तेवर दिखा रहे हैं । उनके द्धारा प्रस्तुत फार्मूले में
उन्हें एक संशोधन सुझाया गया कि वर्ष 2016-17 में दिवाकर अग्रवाल को और
उसके अगले वर्ष में उन्हें, यानि दीपक बाबू को गवर्नर बना लिया जाये -
जिससे कि रोटरी इंटरनेशनल का मान भी रह जायेगा । दीपक बाबू एंड कंपनी ने
लेकिन इस सुझाव को सिरे से नकार दिया है । दीपक बाबू एंड कंपनी ने साफ कर
दिया है कि वर्ष 2016-17 के लिए दीपक बाबू को यदि गवर्नर नहीं 'चुना' गया
तो वह डिस्ट्रिक्ट को ही बंद करवा देंगे । डिस्ट्रिक्ट को बंद करवा
देने का हौंसला उन्हें मौजूदा इंटरनेशनल डायरेक्टर पीटी प्रभाकर तथा भावी
इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई द्धारा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संजीव रस्तोगी
को लिखे धमकी भरे उस पत्र से मिला है, जिसमें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संजीव
रस्तोगी को साफ साफ बता दिया गया है कि अब यदि उनके डिस्ट्रिक्ट से रोटरी
इंटरनेशनल को चुनाव संबंधी कोई शिकायत मिली तो डिस्ट्रिक्ट के खिलाफ कड़ी
कार्रवाई की जायेगी - जिसमें डिस्ट्रिक्ट को बंद कर देना भी हो सकता है । दीपक
बाबू एंड कंपनी का कहना है कि यदि दीपक बाबू को वर्ष 2016-17 के लिए
डिस्ट्रक्ट गवर्नर मंजूर नहीं किया गया तो वह वर्ष 2016-17 के लिए दोबारा
होने वाले चुनाव में दिवाकर अग्रवाल की उम्मीदवारी को रोकने के लिए रोटरी
इंटरनेशनल में शिकायत करेंगे, जिसके बाद डिस्ट्रिक्ट बंद होता हो तो उनकी
बला से बंद हो जाये ।
दीपक बाबू एंड कंपनी को शिकायत
करने से रोकने के लिए कुछेक लोगों की तरफ से यह सुझाव भी आया कि वर्ष
2016-17 के लिए दीपक बाबू की उम्मीदवारी पर तो रोटरी इंटरनेशनल ने
प्रतिबन्ध लगा दिया है; ऐसे में यदि दोबारा होने वाले चुनाव में दिवाकर
अग्रवाल की उम्मीदवारी को भी प्रस्तुत न होने दिया जाये या उसे न मंजूर
किया जाये तो हो सकता है कि दीपक बाबू के कलेजे को ठंडक मिले और उनकी तरफ
से शिकायत दर्ज न हो । दीपक बाबू एंड कंपनी को यह सुझाव भी मंजूर नहीं
है - उनका कहना है कि दोबारा होने वाले चुनाव में दिवाकर अग्रवाल की
उम्मीदवारी को रोकने के लिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के पास चूँकि कोई वैधानिक
अधिकार नहीं है इसलिए इस सुझाव का अमल में आ पाना ही संभव नहीं है; और यह
सुझाव सिर्फ उन्हें झाँसा देने के लिए ही दिया जा रहा है । दीपक बाबू
को यह डर भी है कि दिवाकर अग्रवाल यदि अभी गवर्नर नहीं बने तो आगे उनके साथ
उन्हें चुनाव में फिर जूझना पड़ सकता है; दिवाकर अग्रवाल के साथ वह दोबारा
चुनाव के पचड़े में पड़ना नहीं चाहते हैं । लगता ऐसा है कि दिवाकर अग्रवाल
भी दोबारा से उनके साथ चुनाव से बचना चाहते हैं - इसीलिए उनकी तरफ से
दीपक बाबू एंड कंपनी द्धारा प्रस्तुत किए जा रहे फार्मूले को स्वीकार करने
के संकेत दिए जा रहे हैं । इससे दीपक बाबू एंड कंपनी के हौंसले और बुलंद
हुए हैं ।
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संजीव रस्तोगी लेकिन ऐसे
किसी फार्मूले को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं, जो रोटरी
इंटरनेशनल के फैसले की अवमानना करता दिख रहा हो । कुछेक लोगों को लगता है
कि संजीव रस्तोगी कोई ऐसा फैसला होने ही नहीं देना चाहते हैं जिससे कि
चुनाव की संभावना ख़त्म होती हो; वह चुनाव होते हुए देखना चाहते हैं ताकि
उनकी कॉन्फ्रेंस अच्छे से हो सके । लेकिन बात सिर्फ डिस्ट्रिक्ट गवर्नर
संजीव रस्तोगी की ही नहीं है, डिस्ट्रिक्ट का कोई पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर
भी ऐसे किसी फार्मूले को समर्थन देता हुआ नहीं नजर आ रहा है जो रोटरी
इंटरनेशनल के फैसले के खिलाफ जाता दिखता हो । मौजूदा इंटरनेशनल डायरेक्टर पीटी प्रभाकर तथा भावी इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई
ने कॉलिज ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग बुलाने का डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संजीव
रस्तोगी को जो निर्देश दिया है, उस पर अमल करते हुए संजीव रस्तोगी ने 23
नवंबर को मेरठ में कॉलिज ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग बुला ली है तथा यह संकेत दे
दिया है कि डिस्ट्रिक्ट के हालात को लेकर कॉलिज ऑफ गवर्नर्स जो तय करेंगे, उस पर रोटरी इंटरनेशनल के बड़े पदाधिकारियों की सलाहानुसार वह कार्रवाई करेंगे । कॉलिज ऑफ गवर्नर्स के सदस्यों -
यानि पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स से अभी जो कुछ सुनने को मिल रहा है, उससे
तो लग रहा है कि सारे मामले को लेकर वह खुद असमंजस में हैं । उन्हें
असमंजस में पा/देख कर ही दीपक बाबू एंड कंपनी ने अपने तेवर और कड़े कर लिए
हैं तथा यह दबाव बनाने में जुट गए हैं कि कॉलिज ऑफ गवर्नर्स उनके द्धारा
बताये जा रहे फार्मूले को स्वीकार करे और रोटरी इंटरनेशनल के बड़े
पदाधिकारियों को इस बात के लिए राजी करे कि डिस्ट्रिक्ट को बचाये रखने के
लिए यही एक फार्मूला है । कॉलिज ऑफ गवर्नर्स दीपक बाबू एंड कंपनी की इस
'ब्लैकमेलिंग' के आगे झुकेंगे या नहीं और डिस्ट्रिक्ट को बचाने के लिए
क्या फैसला करेंगे - यह 23 नवंबर की शाम तक पता चलेगा ।