नई दिल्ली । आशीष घोष के
लगातार दूसरी बार डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनने की आहट ने मुकेश अरनेजा और रमेश
अग्रवाल की नींद उड़ा दी है और उन्होंने सुधीर मंगला पर आशीष घोष को अपने
गवर्नर-काल के लिए डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर न बनाने के लिए दबाव डालना तेज कर
दिया है । सुधीर मंगला पर दबाव बनाने के लिए मुकेश अरनेजा और रमेश
अग्रवाल ने उन्हें उलाहना दिया है और याद दिलाया है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर
नॉमिनी का चुनाव जीतने के लिए तो वह उनकी मदद लेने आये थे और अब उनकी बात
नहीं मान रहे हैं । यह दोनों हालाँकि अभी कुछ दिन पहले तक लोगों के बीच
यह दावा करते हुए नहीं थकते थे कि 'इधर' जेके गौड़ के जरिये और 'उधर' सुधीर
मंगला के जरिये - वह दोनों तरफ अपना ही राज चलायेंगे । पर अब जो सीन दिख
रहा है उसमें 'इधर' भले ही जेके गौड़ उनका राज चलाने का जरिया बने हुए हों,
लेकिन 'उधर' के मामले में लगता है कि राज चलाने का मुकेश अरनेजा और रमेश
अग्रवाल का सपना सुधीर मंगला ने ध्वस्त कर दिया है । मुकेश अरनेजा और
रमेश अग्रवाल के लिए बड़ी चिंता इस बात की नहीं है कि 'उधर' वाले
डिस्ट्रिक्ट में उनका सपना पूरा होने नहीं जा रहा है, उनकी बड़ी चिंता इस
बात को लेकर है कि अभी कल तक वह जिन लोगों के सामने डींगे मार रहे थे,
उन्हें वह अब कैसे मुँह दिखायेंगे ? अपनी इस हालत के लिए वह अब सुधीर मंगला को कोस रहे हैं ।
मुकेश अरनेजा और रमेश अग्रवाल ने हालाँकि अभी भी उम्मीद नहीं छोड़ी है - उन्हें अभी भी लगता है कि वह सुधीर मंगला को इस बात के लिए राजी कर लेंगे कि वह आशीष घोष को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर घोषित न करें; तथा किसी और को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बना लें । उल्लेखनीय है कि इन दोनों की आशीष घोष से पुरानी खुंदक है । इसी खुंदक के चलते पिछले रोटरी वर्ष में सीओएल के चुनाव में आशीष घोष को हराने के लिए इन्होंने हर तरह का हथकंडा अपनाया था । गौर करने की बात यह है कि सीओएल के लिए आशीष घोष के अधिकृत उम्मीदवार चुने जाने के बाद तमाम लोगों ने रमेश अग्रवाल को समझाया था कि अधिकृत उम्मीदवार को चेलैंज करने का काम उन्हें नहीं करना चाहिए; लेकिन आशीष घोष के प्रति खुंदक रखने के चलते रमेश अग्रवाल ने किसी की नहीं सुनी/मानी । रमेश अग्रवाल ने इस सच्चाई से मुँह चुराया कि सिर्फ खुंदक रखने से जीत प्राप्त नहीं की जा सकती और नतीजा रहा कि सीओएल के लिए हुए सीधे चुनाव में भी वह आशीष घोष से हार गए । उस हार से रमेश अग्रवाल को जो घाव मिला था, सुधीर मंगला ने आशीष घोष को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाने का संकेत देकर उस घाव को और कुरेद दिया है । इसीलिए रमेश अग्रवाल - और खुद को रमेश अग्रवाल का गुरु समझने वाले - मुकेश अरनेजा ने सुधीर मंगला को इस बात के लिए राजी करने के लिए सारे घोड़े खोले हुए हैं कि वह किसी को भी डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बना लें, लेकिन आशीष घोष को न बनाएँ ।
सुधीर मंगला यदि मुकेश अरनेजा व रमेश अग्रवाल के दबाव में नहीं आते हैं और आशीष घोष को ही डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर घोषित करते हैं तो यह रोटरी के इतिहास में लगातार दो वर्ष डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनने का आशीष घोष के नाम अनोखा रिकॉर्ड होगा । यह अनोखा रिकॉर्ड एक और अनोखापन प्रस्तुत करेगा और वह यह कि आशीष घोष रोटरी के सौ से अधिक वर्षों के इतिहास में संभवतः पहले और अकेले डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर होंगे जो एक डिस्ट्रिक्ट - डिस्ट्रिक्ट 3010 के अंतिम; तथा एक अन्य डिस्ट्रिक्ट - डिस्ट्रिक्ट 3011 के पहले डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर होंगे । उल्लेखनीय है कि सुधीर मंगला के गवर्नर-काल में डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनने के लिए नाम हालाँकि रमेश चंद्र और अमित जैन का चल रहा था । मुकेश अरनेजा और रमेश अग्रवाल ने वीरेंद्र 'बॉबी' जैन और दीपक तलवार का नाम आगे बढ़ाया हुआ था । इन चारों में अमित जैन के नंबर ज्यादा माने/देखे जा रहे थे ।
डिस्ट्रिक्ट विभाजन के समय-निर्धारण को लेकर चूँकि अनिश्चय बना हुआ था; और उसके कारण यह निश्चित नहीं हो पा रहा था कि सुधीर मंगला आखिर कब डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद संभा सँभालेंगे - इसलिए उनकी तैयारियाँ भी ढीली चल रही थीं । सुधीर मंगला के नजदीकियों के अनुसार, लेकिन यह तय कर लिया गया था कि उन्हें यदि अगले रोटरी वर्ष में ही गवर्नर पद की जिम्मेदारी सँभालने का मौका मिलेगा तो डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर वह आशीष घोष को चुनेंगे । इसके पीछे सोच और समझ यह रही कि आशीष घोष चूँकि अभी डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद की जिम्मेदारी सँभाल ही रहे हैं इसलिए उनके ताजा ताजा अनुभवों का फायदा लिया जा सकेगा । डिस्ट्रिक्ट विभाजन के झमेले में सुधीर मंगला को चूँकि काम करने के लिए कम समय मिला है इसलिए डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद के लिए आशीष घोष को ही उपयुक्त माना/समझा गया । सुधीर मंगला के गवर्नर-काल में डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद के लिए जिन अमित जैन का नाम सबसे आगे चल रहा था, उन्होंने भी बदली परिस्थितियों में चूँकि आशीष घोष को ही डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाने का समर्थन किया, तो फिर सुधीर मंगला के लिए आशीष घोष का नाम तय करना और आसान गया ।
रोटरी इंटरनेशनल के निदेशक मंडल द्धारा अगले रोटरी वर्ष से विभाजित डिस्ट्रिक्ट्स के गठन को हरी झंडी मिलने के साथ जैसे ही यह तय हो गया कि सुधीर मंगला को अगले रोटरी वर्ष में ही डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का पद संभालना है, तो आशीष घोष के लगातार दूसरे वर्ष डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनने की संभावना बलवती हो गई है । सुधीर मंगला के नजदीकियों का कहना है कि इस बारे में फैसला लिया जा चुका है और किसी भी क्षण इस फैसले की औपचारिक घोषणा की जा सकती है । मुकेश अरनेजा और रमेश अग्रवाल ने भी लेकिन अपनी कोशिशें नहीं छोड़ी हैं और वह सुधीर मंगला पर तरह-तरह से दबाव बनाये हुए हैं कि वह आशीष घोष को छोड़कर और चाहें जिसे डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बना लें ।
मुकेश अरनेजा और रमेश अग्रवाल ने हालाँकि अभी भी उम्मीद नहीं छोड़ी है - उन्हें अभी भी लगता है कि वह सुधीर मंगला को इस बात के लिए राजी कर लेंगे कि वह आशीष घोष को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर घोषित न करें; तथा किसी और को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बना लें । उल्लेखनीय है कि इन दोनों की आशीष घोष से पुरानी खुंदक है । इसी खुंदक के चलते पिछले रोटरी वर्ष में सीओएल के चुनाव में आशीष घोष को हराने के लिए इन्होंने हर तरह का हथकंडा अपनाया था । गौर करने की बात यह है कि सीओएल के लिए आशीष घोष के अधिकृत उम्मीदवार चुने जाने के बाद तमाम लोगों ने रमेश अग्रवाल को समझाया था कि अधिकृत उम्मीदवार को चेलैंज करने का काम उन्हें नहीं करना चाहिए; लेकिन आशीष घोष के प्रति खुंदक रखने के चलते रमेश अग्रवाल ने किसी की नहीं सुनी/मानी । रमेश अग्रवाल ने इस सच्चाई से मुँह चुराया कि सिर्फ खुंदक रखने से जीत प्राप्त नहीं की जा सकती और नतीजा रहा कि सीओएल के लिए हुए सीधे चुनाव में भी वह आशीष घोष से हार गए । उस हार से रमेश अग्रवाल को जो घाव मिला था, सुधीर मंगला ने आशीष घोष को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाने का संकेत देकर उस घाव को और कुरेद दिया है । इसीलिए रमेश अग्रवाल - और खुद को रमेश अग्रवाल का गुरु समझने वाले - मुकेश अरनेजा ने सुधीर मंगला को इस बात के लिए राजी करने के लिए सारे घोड़े खोले हुए हैं कि वह किसी को भी डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बना लें, लेकिन आशीष घोष को न बनाएँ ।
सुधीर मंगला यदि मुकेश अरनेजा व रमेश अग्रवाल के दबाव में नहीं आते हैं और आशीष घोष को ही डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर घोषित करते हैं तो यह रोटरी के इतिहास में लगातार दो वर्ष डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनने का आशीष घोष के नाम अनोखा रिकॉर्ड होगा । यह अनोखा रिकॉर्ड एक और अनोखापन प्रस्तुत करेगा और वह यह कि आशीष घोष रोटरी के सौ से अधिक वर्षों के इतिहास में संभवतः पहले और अकेले डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर होंगे जो एक डिस्ट्रिक्ट - डिस्ट्रिक्ट 3010 के अंतिम; तथा एक अन्य डिस्ट्रिक्ट - डिस्ट्रिक्ट 3011 के पहले डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर होंगे । उल्लेखनीय है कि सुधीर मंगला के गवर्नर-काल में डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनने के लिए नाम हालाँकि रमेश चंद्र और अमित जैन का चल रहा था । मुकेश अरनेजा और रमेश अग्रवाल ने वीरेंद्र 'बॉबी' जैन और दीपक तलवार का नाम आगे बढ़ाया हुआ था । इन चारों में अमित जैन के नंबर ज्यादा माने/देखे जा रहे थे ।
डिस्ट्रिक्ट विभाजन के समय-निर्धारण को लेकर चूँकि अनिश्चय बना हुआ था; और उसके कारण यह निश्चित नहीं हो पा रहा था कि सुधीर मंगला आखिर कब डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद संभा सँभालेंगे - इसलिए उनकी तैयारियाँ भी ढीली चल रही थीं । सुधीर मंगला के नजदीकियों के अनुसार, लेकिन यह तय कर लिया गया था कि उन्हें यदि अगले रोटरी वर्ष में ही गवर्नर पद की जिम्मेदारी सँभालने का मौका मिलेगा तो डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर वह आशीष घोष को चुनेंगे । इसके पीछे सोच और समझ यह रही कि आशीष घोष चूँकि अभी डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद की जिम्मेदारी सँभाल ही रहे हैं इसलिए उनके ताजा ताजा अनुभवों का फायदा लिया जा सकेगा । डिस्ट्रिक्ट विभाजन के झमेले में सुधीर मंगला को चूँकि काम करने के लिए कम समय मिला है इसलिए डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद के लिए आशीष घोष को ही उपयुक्त माना/समझा गया । सुधीर मंगला के गवर्नर-काल में डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद के लिए जिन अमित जैन का नाम सबसे आगे चल रहा था, उन्होंने भी बदली परिस्थितियों में चूँकि आशीष घोष को ही डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाने का समर्थन किया, तो फिर सुधीर मंगला के लिए आशीष घोष का नाम तय करना और आसान गया ।
रोटरी इंटरनेशनल के निदेशक मंडल द्धारा अगले रोटरी वर्ष से विभाजित डिस्ट्रिक्ट्स के गठन को हरी झंडी मिलने के साथ जैसे ही यह तय हो गया कि सुधीर मंगला को अगले रोटरी वर्ष में ही डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का पद संभालना है, तो आशीष घोष के लगातार दूसरे वर्ष डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनने की संभावना बलवती हो गई है । सुधीर मंगला के नजदीकियों का कहना है कि इस बारे में फैसला लिया जा चुका है और किसी भी क्षण इस फैसले की औपचारिक घोषणा की जा सकती है । मुकेश अरनेजा और रमेश अग्रवाल ने भी लेकिन अपनी कोशिशें नहीं छोड़ी हैं और वह सुधीर मंगला पर तरह-तरह से दबाव बनाये हुए हैं कि वह आशीष घोष को छोड़कर और चाहें जिसे डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बना लें ।