Saturday, March 5, 2016

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 बी वन में एके सिंह की उम्मीदवारी को घोषित किए अपने समर्थन पर लोगों के बीच भरोसा न बन पाने का ठीकरा केएस लूथरा ने शिव कुमार गुप्ता के सिर फोड़ा

लखनऊ । केएस लूथरा ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर शिव कुमार गुप्ता को इस बात के लिए कोसना शुरू कर दिया है कि एक वही हैं जो एके सिंह को उनके समर्थन के प्रति आश्वस्त नहीं होने दे रहे हैं - और एके सिंह तथा डिस्ट्रिक्ट में लोगों को उनके खिलाफ भड़का रहे हैं । केएस लूथरा के लिए समस्या की बात दरअसल यह हुई है कि एके सिंह की सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की उम्मीदवारी के पक्ष में होने तथा बातें करने के बावजूद एके सिंह और उनके समर्थकों के बीच ही नहीं, बल्कि डिस्ट्रिक्ट के तमाम लोगों के बीच उनकी भूमिका को लेकर संदेह बना हुआ है; तथा सभी को लगता है कि केएस लूथरा कभी भी एके सिंह के खिलाफ अपना उम्मीदवार ला सकते हैं । एके सिंह की उम्मीदवारी के प्रति व्यक्त किए जा रहे केएस लूथरा के समर्थन को डिस्ट्रिक्ट में अधिकतर लोग मजबूरी में किए जा रहे उनके नाटक के रूप में देख रहे हैं, और एके सिंह को सलाह दे रहे हैं कि केएस लूथरा की बातों में आकर उन्हें निश्चिन्त नहीं हो जाना चाहिए तथा सावधान रहना चाहिए । इस तरह की बातों ने डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में केएस लूथरा की भूमिका को न सिर्फ अप्रासंगिक बना दिया है, बल्कि उन्हें एक मजबूर नेता के रूप में 'दिखाने' का भी काम किया है । केएस लूथरा ने हालाँकि अभी पिछले दिनों ही बलरामपुर में एके सिंह की उम्मीदवारी के पक्ष में जोरदार भाषण दिया था और उनकी तारीफ में लंबे-चौड़े कसीदे पढ़े थे - किंतु फिर भी एके सिंह के समर्थकों के बीच तथा डिस्ट्रिक्ट के कई लोगों के बीच उनकी भूमिका को लेकर बना हुआ संदेह दूर नहीं हुआ है; और एके सिंह की तारीफों से भरे केएस लूथरा के भाषण को केएस लूथरा की एक चाल के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है ।
केएस लूथरा अपनी भूमिका के प्रति बने इस संदेह के लिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर शिव कुमार गुप्ता को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं । केएस लूथरा का कहना है कि शिव कुमार गुप्ता अपने स्वार्थ में उनकी पहचान एके सिंह की उम्मीदवारी के विरोधी के रूप में बनाए रखना चाहते हैं, और इसके लिए वह लोगों के बीच उन्हें तरह तरह से बदनाम करते रहते हैं । केएस लूथरा का कहना है कि शिव कुमार गुप्ता चूँकि खुद डिस्ट्रिक्ट का नेता बनना चाहते हैं, इसलिए एके सिंह को गवर्नर बनवाने/चुनवाने का श्रेय वह अकेले ही लेना चाहते हैं - और अपनी इसी चाहत को पूरा करने के लिए वह उन्हें तथा दूसरे नेताओं के बारे में तरह तरह की बातें कहते/उड़ाते रहते हैं । शिव कुमार गुप्ता के प्रति केएस लूथरा की नाराजगी इस हद तक है कि वह यह याद दिलाने से भी नहीं चूक रहे हैं कि शिव कुमार गुप्ता उन्हीं की कृपा से आज गवर्नर हैं, और इस अहसान को मानने की बजाए आज वह उन्हीं की जड़ खोदने में लगे हुए हैं । उल्लेखनीय है कि शिव कुमार गुप्ता के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद का कामकाज सँभालना शुरू करने के साथ ही केएस लूथरा की उनके प्रति नाराजगी दिखना शुरू हो गई थी । केएस लूथरा की शिकायत रही कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में शिव कुमार गुप्ता ने उन्हें उतनी तवज्जो नहीं दी, जितनी कि उन्हें मिलना चाहिए थी । इस मुद्दे पर दोनों के बीच शुरू हुआ खटराग सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के उम्मीदवार लेकर को और परवान चढ़ा । शिव कुमार गुप्ता ने शुरू से ही एके सिंह को अपने उम्मीदवार के रूप में प्रोजेक्ट किया, जबकि केएस लूथरा उम्मीदवार की तलाश में भटकते देखे/पाए । उम्मीद की जा रही थी कि एके सिंह की उम्मीदवारी के नाम पर डिस्ट्रिक्ट में जो आम सहमति बनती दिख रही है, उससे शिव कुमार गुप्ता व केएस लूथरा के बीच चल रहा खटराग समाप्त हो जायेगा - लेकिन देखने में आ रहा है कि समाप्त होने की बजाए उनके बीच का खटराग भड़क और रहा है ।
लोगों को लग रहा है कि उम्मीदवार खोज पाने की अपनी असफलता का ठीकरा शिव कुमार गुप्ता के सिर फोड़ने की केएस लूथरा की कोशिश इस खटराग को भड़काने का काम कर रही है । लोगों का कहना है कि एके सिंह की उम्मीदवारी के प्रति केएस लूथरा के समर्थन को डिस्ट्रिक्ट में यदि मजबूरी से प्रेरित तथा संदेह से देखा जा रहा है, तो इसके लिए खुद केएस लूथरा जिम्मेदार हैं - इसके लिए लेकिन शिव कुमार गुप्ता को जिम्मेदार ठहरा कर वह उनके प्रति अपने मन में गहरे से बैठी अपनी भड़ास को निकालने का काम कर रहे हैं । लोगों का कहना है कि डिस्ट्रिक्ट में हर कोई जानता है कि एके सिंह की उम्मीदवारी के प्रति केएस लूथरा ने कभी भी समर्थन का भाव नहीं दिखाया और वह पीएस जग्गी को उम्मीदवार के रूप में प्रेरित करते हुए ही हमेशा नजर आए । केएस लूथरा वोटों का पूरा गणित जेब में रखकर रहते और जबतब लोगों को दिखाते/बताते रहते कि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर तो वह बनेगा, जिसे उनका समर्थन मिलेगा । केएस लूथरा की बदकिस्मती लेकिन यह रही कि अपनी इस बात का भरोसा वह पीएस जग्गी को ही नहीं दिला पाए और केएस लूथरा के जीत के गणित के बावजूद वह एके सिंह के सामने उम्मीदवार बनने की हिम्मत नहीं कर सके । पीएस जग्गी के पीछे हटने के बाद अनीता गुप्ता का नाम चला - लेकिन उनका नाम जिस अचानक तरीके से सामने आया था, उतने ही अचानक तरीके से वह लुप्त भी हो गया । अनीता गुप्ता की अचानक प्रस्तुत हुई उम्मीदवारी के पीछे भी केएस लूथरा को ही देखा/पहचाना गया, और माना गया कि केएस लूथरा के जीत के गणित पर उन्हें भी भरोसा नहीं हुआ । यानि बलरामपुर में केएस लूथरा ने एके सिंह की उम्मीदवारी को समर्थन देने की जो घोषणा की, वह उनका मजबूरी में लिया गया फैसला था । केएस लूथरा के लिए मुसीबत की बात यह रही कि केएस लूथरा के नजदीकी समझे जाने वाले लोगों ने ही एके सिंह और उनके समर्थकों को आगाह किया कि इसे केएस लूथरा की तरफ से अंतिम फैसला मत समझ लेना - चुनाव से पंद्रह दिन पहले भी यदि कोई उम्मीदवार बनने को राजी हो गया, तो लूथरा जी उसे समर्थन दे देंगे; जीत का गणित उनके पास है ही ! ऐसे में, एके सिंह और उनके समर्थक यदि केएस लूथरा पर भरोसा नहीं कर रहे हैं, और सावधानी बरते हुए हैं - तो केएस लूथरा भड़क क्यों रहे हैं ?