Wednesday, June 14, 2017

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 बी वन की पीएसटी स्कूलिंग में शराब स्पॉन्सर करने के मामले से पीछे हटने की मीरा सेठ और प्रमोद सेठ की कोशिश ने बबाल को ठंडा करने की बजाए, उसे भड़का और दिया है

लखनऊ । मीरा सेठ और उनके पति पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर प्रमोद सेठ ने लखनऊ में आयोजित हुई पीएसटी स्कूलिंग में शराब स्पॉन्सर करने की बात से इंकार करके विवाद को न सिर्फ और उलझा दिया है, बल्कि और ज्यादा गंभीर भी बना दिया है । उल्लेखनीय है कि मीरा सेठ और प्रमोद सेठ ने कई लोगों से कहा है कि स्कूलिंग में उनके नाम से जो शराब पिलायी गयी है, उसे उन्होंने स्पॉन्सर नहीं किया है । ऐसे में, जबकि अभी तक तो यही गुत्थी नहीं सुलझ पाई थी कि केएस लूथरा द्वारा शराब उपलब्ध न करवाए जाने की घोषणा के बाद स्कूलिंग में शराब उपलब्ध कैसे और क्यों करवा दी गयी थी - अब यह सवाल और खड़ा हो गया है कि जब मीरा सेठ और प्रमोद सेठ ने शराब स्पॉन्सर नहीं की, तब फिर उनका नाम लेकर स्कूलिंग में शामिल लोगों को शराब किसने और क्यों पिलवा दी ? कई लोगों को हालाँकि लग रहा है कि मीरा सेठ और प्रमोद सेठ झूठ बोल रहे हैं; स्कूलिंग में शराब उन्होंने ही स्पॉन्सर की है, लेकिन उसे लेकर अब जब विवाद बढ़ गया है - तो उस विवाद में अपने नाम को नाम घसीटे जाने से बचाने के लिए वह यह झूठ बोलने लगे हैं कि स्कूलिंग में जब वह गए ही नहीं थे, तो वहाँ के लिए वह शराब क्यों स्पॉन्सर करते ? सवाल के आवरण में लिपटा यह जबाव है तो तर्कपूर्ण; लेकिन इस जबाव ने मीरा सेठ और प्रमोद सेठ का नाम पीएसटी स्कूलिंग में शराब वितरण के विवाद से बाहर करने की बजाए विवाद के बीचोंबीच घसीट और लिया है ।
मीरा सेठ और प्रमोद सेठ का शराब स्पॉन्सर न करने का दावा जिन लोगों को सच लग रहा है, उनके बीच सवाल यह पैदा हुआ है कि तब फिर स्कूलिंग में उनके नाम से शराब क्यों पिलवायी गयी; और जिन्हें उनका जबाव झूठ लगता है उन्हें इस बात पर माथापच्ची करना पड़ रही है कि मीरा सेठ और प्रमोद सेठ को यह झूठ बोलने की जरूरत क्यों पड़ी है ? समझा जा रहा है कि मीरा सेठ के अनुपस्थित होने के बाद भी उनके द्वारा स्पॉन्सर्ड शराब वितरित होने की बात से लोगों के बीच जो नकारात्मक संदेश गया है, उसका असर कम करने के लिए ही मीरा सेठ और प्रमोद सेठ ने यह कहना/बताना शुरू किया कि स्कूलिंग में पिलायी गयी शराब उन्होंने स्पॉन्सर नहीं की थी - और उन्हें नहीं मालूम कि इस मामले में उनका नाम क्यों घसीटा जा रहा है । अब इस सवाल का जबाव तो डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट संदीप सहगल ही दे सकते हैं - क्योंकि उन्होंने ही स्कूलिंग में मौजूद लोगों को बताया था कि यहाँ जो शराब है उसे मीरा सेठ ने स्पॉन्सर किया है, लेकिन उन्होंने तो इस मामले को लेकर उठ रहे सवालों पर पूरी तरह से चुप्पी ही साध ली है । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट के रूप में विवाद को पैदा करने वाले संदीप सहगल की चुप्पी लेकिन मामले को शांत करने की बजाए भड़काने का काम कर रही है ।
मीरा सेठ और प्रमोद सेठ के विवाद से पीछा छुड़ाने के प्रयास को भविष्य की उनकी राजनीति के नजरिए से भी देखने/पहचानने की कोशिश हो रही है । समझा जा रहा है कि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए मीरा सेठ की उम्मीदवारी के संदर्भ में प्रमोद सेठ को भी आभास हो रहा है कि उन्हें शायद केएस लूथरा का समर्थन न मिले, और उन्हें गुरनाम सिंह के पास ही जाना पड़ेगा - तथा इसके लिए उन्हें केएस लूथरा के साथ 'कुछ पास, कुछ दूर' वाले संबंध ही रखने तथा 'दिखाने' हैं । इसीलिए केएस लूथरा का समर्थन पाने के लिए मीरा सेठ और प्रमोद सेठ डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में संदीप सहगल के आयोजनों में पैसे/वैसे तो खर्च करते रहने को तैयार हैं, लेकिन वह ऐसा कोई काम नहीं करना चाहेंगे जिससे वह केएस लूथरा के ज्यादा नजदीक जाते हुए नजर आएँ । लोगों को शक है कि पीएसटी स्कूलिंग में वह इसीलिए नहीं आए । एक उम्मीदवार के रूप में मीरा सेठ के लिए पीएसटी स्कूलिंग में शामिल होना उपयोगी होता, लेकिन फिर भी वह उसमें नहीं पहुँची - तो इसका कारण यही समझा जा रहा है कि गुरनाम सिंह ने अपने खास लोगों को उक्त स्कूलिंग से दूर रहने के लिए कहा होगा । पीएसटी स्कूलिंग में शामिल न होने के बाद भी, डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट संदीप सहगल ने मीरा सेठ और प्रमोद सेठ से जो खर्चा करने को कहा - उसे करने के लिए वह सहज ही तैयार हो गए; उन बेचारों को यह कहाँ पता था कि उनका यह 'काम' पीएसटी स्कूलिंग में भारी बबाल का कारण बन जाएगा । इस बबाल में अपने नाम को घसीटे जाने से बचाने के लिए मीरा सेठ और प्रमोद सेठ ने शराब स्पॉन्सर करने से इंकार करने का जो दाँव चला, वह भी उल्टा पड़ गया है - क्योंकि उनके इंकार ने पीएसटी स्कूलिंग में शराब वितरण के बबाल को ठंडा करने की बजाए, उसे भड़का और दिया है ।