Tuesday, June 27, 2017

लायंस इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 सी वन में सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की उम्मीदवारी के लिए वाट्स-ऐप पर घमासान मचाए अश्वनी काम्बोज को अनिल वाचस्पति ने पत्र लिख कर दो-टूक सवाल पूछे और कुछ महत्त्वपूर्ण सुझाव दिए

[डिस्ट्रिक्ट गवर्नर और पंद्रह पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के समर्थन के बावजूद मौजूदा लायन वर्ष में हुए सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव में बहुत ही बुरी हार का सामना करने वाले अश्वनी काम्बोज ने पिछले दिनों वाट्स-ऐप पर कुछेक अच्छी-अच्छी और बड़ी-बड़ी बातें कीं, जिन्हें लेकर लोगों के बीच बड़ी दिलचस्प किस्म की प्रतिक्रियाएँ हुईं । अनिल वाचस्पति ने तो उनकी बातों पर उन्हें एक पत्र भी लिख दिया । अश्वनी काम्बोज को संबोधित अनिल वाचस्पति के पत्र की प्रतिलिपि 'रचनात्मक संकल्प' को भी प्राप्त हुई है । अपने पत्र में अनिल वाचस्पति ने लायन राजनीति तथा लायन व्यवस्था की आड़ में होने वाले अनैतिक कार्य-व्यवहार को रेखांकित किया है, जो लायनवाद की पहचान के संदर्भ में खासे महत्त्व के हैं । इस महत्त्व को देखते हुए ही उनके पत्र को यहाँ लगभग ज्यों का त्यों प्रकाशित किया जा रहा है । संपादन के नाम पर हमने सिर्फ कुछ हिज्जे ठीक किए हैं, और कुछेक वाक्य पठनीय बनाने के लिए पूरे किए हैं - बस; बाकी सब अनिल वाचस्पति का लिखा हुआ है ।] 

लायन श्री अश्वनी काम्बोज जी,
अपने एक वाट्स-ऐप संदेश में आपने लायनवाद के गिरते स्तर को लेकर जो चिंता व्यक्त की है, उसे पढ़ कर मेरा मन सचमुच बाग-बाग हो गया । यह देख कर मुझे वास्तव में बहुत अच्छा लगा कि आज के समय में आपके जैसा कोई तो लायन सदस्य है जो लायनवाद के गिरते स्तर की चिंता कर रहा है । आपने लायन साथियों को सही शब्दों का चयन करने का तथा घटिया शब्दों का प्रयोग न करने का जो सुझाव दिया है, जिससे किसी के मान-सम्मान को ठेस न पहुँचे - वह भी मुझे बहुत मौजूँ लगा है । आपने उचित ही कहा है कि यह भाषा लायनवाद के लिए उपयुक्त नहीं है । एक उम्मीदवार के रूप में इतनी अच्छी सोच रखने और उसे जाहिर करने के लिए मेरी तरफ से साधुवाद कृपया स्वीकार कीजियेगा ।
लायन श्री अश्वनी काम्बोज जी, लेकिन आपकी इन बातों को पढ़ कर मेरे मन में एक सवाल भी पैदा हुआ है और वह यह कि अभी कुछ ही दिन पहले तक हमारे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर लायन शिव कुमार चौधरी लायन लीडर्स में किसी को गैंडा, किसी को कुत्ता, किसी को गधा कह रहे थे; यहाँ तक कि उन्होंने तो लायन सदस्यों तक को गधा कह/बता दिया था - तब आपने लायनवाद के गिरते स्तर की और घटिया शब्दों को लेकर चिंता क्यों नहीं प्रकट नहीं की थी ? लायन शिव कुमार चौधरी हमारे डिस्ट्रिक्ट के वरिष्ठ और कर्मठ सदस्य लायन रामशरण चावला तथा लायन गोपाल नारंग के बारे में तथा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट लायन अजय सिंघल के बच्चों तक के बारे में घटिया बातें लिख रहे थे, तब आपने लायन सदस्यों के मान-सम्मान की चिंता क्यों नहीं की थी ? लायन श्री अश्वनी काम्बोज जी, मुझे बहुत दुःख के साथ पूछना पड़ रहा है कि यह आपके व्यवहार का दोगलापन नहीं है क्या ? या आप यह मानते/समझते हैं कि लायन शिव कुमार चौधरी दूसरों के बारे में जो शब्द इस्तेमाल कर रहे थे, जो बातें कर रहे थे - वह तो बड़े ही उचित और सभ्य और पवित्र शब्द हैं और उनसे तो लायन सदस्यों का मान-सम्मान बढ़ रहा था तथा लायनवाद का स्तर ऊँचा हो रहा था ? या उस समय आप इसलिए चुप रहे, क्योंकि लायन शिव कुमार चौधरी ने आपको सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद का चुनाव किसी भी तरह जितवा देने का भरोसा दिया था ? मैं अपना सवाल फिर दोहरा रहा हूँ कि एक उम्मीदवार होते हुए आपका यह व्यवहार आपके दोगलेपन को जाहिर और साबित नहीं करता है क्या ?
लायन श्री अश्वनी काम्बोज जी, मैं इस बारे में आपसे कुछ नहीं पूछूँगा या कहूँगा कि कहाँ तो आप एक रीजन चेयरमैन होने के बावजूद डिस्ट्रिक्ट के आयोजनों व प्रमुख कार्यक्रमों तक में शामिल होने की जरूरत नहीं समझ रहे थे, और कहाँ एक उम्मीदवार होते ही आप क्लब्स के पदाधिकारियों के घर-घर की दौड़ लगाने लगे और जिन्हें आप या जो आपको जानते/पहचानते तक नहीं, उन्हें महँगे गिफ्ट देने/पहुँचाने लगे । इस तरीके को लायन-राजनीति की एक आवश्यक बुराई के रूप में चूँकि हम सभी ने स्वीकार कर लिया है, इसलिए उम्मीदवार बनते ही आपने भी वही हरकतें शुरू कर दीं - जो दूसरे उम्मीदवार करते रहे हैं, इसलिए आपके उक्त व्यवहार में कुछ भी आपत्ति करने योग्य नहीं है । लायन श्री अश्वनी जी, किंतु क्या आपको नहीं लगता कि आपका व्यवहार ज्यादा बेशर्मी भरा रहा है; ऐसा तो आपसे पहले किसी उम्मीदवार ने नहीं किया, जैसा आपने किया । सालों-साल से हमने देखा है कि उम्मीदवार पहले लोगों से मेलजोल बढ़ाता है, उनसे परिचित होता है और फिर उन पर पैसे खर्च करना शुरू करता है । आपने तो परिचित हुए बिना ही लोगों पर गिफ्ट और दूसरी सुविधाएँ लुटाना शुरू कर दीं - जिससे ऐसा लगा कि आप महँगे गिफ्ट और सुविधाएँ देकर क्लब्स के वोट खरीदने की कोशिश कर रहे हैं । और सिर्फ इतना ही नहीं, ऐसा करते हुए आप लायनवाद के संबंध में ऊँचें आदर्शों की और ऊँची नैतिकता की बातें भी लिखने/पढ़ाने लगे । लायन श्री अश्वनी जी, मैं मानता हूँ कि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव में एक उम्मीदवार के रूप में आपको लोगों की आँखों में धूल झोंकना ही है, लेकिन इसके लिए अपने व्यवहार में साफ चमकता दोगलापन दिखाने से तो आपको बचना ही चाहिए । आप चूँकि शिक्षा के क्षेत्र से संबद्ध हैं, इसलिए मैं आपसे कुछ अलग व्यवहार की उम्मीद करता हूँ । मैं जानता हूँ कि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद का उम्मीदवार बनने में आपके प्रेरणास्रोत डिस्ट्रिक्ट गवर्नर लायन शिव कुमार चौधरी रहे हैं - जो खुद तो लोगों के, आपदा-पीड़ितों के, लायंस इंटरनेशनल के और यहाँ तक कि ड्यूज तक के पैसे हड़प गए हैं; लेकिन दूसरों को बेईमान बताते फिरते हैं; लेकिन लायन श्री अश्वनी जी, जरूरी नहीं है न कि आप भी दोगलेपन और बेशर्मी के मामले में उन्हीं के नक्शेकदम पर चलें और उनके जैसा ही बनने की कोशिश करें ? 
लायन श्री अश्वनी काम्बोज जी, मुझे आपका वह वाट्स-ऐप संदेश पढ़ कर भी आश्चर्य हुआ, जिसमें आपने अपने उम्मीदवार होने की घोषणा की है । लायंस इंटरनेशनल जैसे महान संगठन में आप डिस्ट्रिक्ट गवर्नर होना चाहते हैं, और लायंस इंटरनेशनल का यह सामान्य सा नियम भी आप नहीं जानते हैं कि उम्मीदवार होने की घोषणा करने का हक आपको नहीं है । आपको जानना चाहिए कि यह हक आपके क्लब का है; वह घोषित करेगा और लोगों को बतायेगा कि आप उसके उम्मीदवार हैं; नियमानुसार, लोगों को आपको यह बताना है कि आपके क्लब ने आपको उम्मीदवार बनाया है । लायन श्री अश्वनी काम्बोज जी, आप अपने नाम के आगे डॉक्टर लिखते हैं, जिससे पता चलता है कि आप एक पढ़े-लिखे व्यक्ति हैं; आप कुछेक शिक्षण संस्थाओं के संचालन से जुड़े हैं, इससे लगता है कि आप नियमों का पालन करने की जरूरत को पहचानते/समझते होंगे । इसके बाद भी, आप कोई बेवकूफी करें और नियम-विरुद्ध काम करें - तो मेरे ख्याल से यह आपको शोभा नहीं देता है, और आपको इसका ध्यान रखना चाहिए ।
लायन श्री अश्वनी काम्बोज जी, लायनवाद को लेकर आपने जो कुछ अच्छी अच्छी बातें की हैं, उन्हें देख और पढ़ कर आपके प्रति मेरे मन में कुछ उम्मीद भी जगी और आपके प्रति मेरे मन में कुछ विश्वास भी बना । वास्तव में इसीलिए आपके व्यवहार का जो विरोधी पक्ष है, जो दोगलापन है - उससे मुझे खटका भी लगा और यही कारण है कि मैं आपको यह पत्र लिखने के लिए उत्सुक हुआ । मैं मानता हूँ कि कोई भी मनुष्य पूरी तरह दोषमुक्त नहीं हो सकता है; हम सभी में कुछ न कुछ दोष रहेगा ही - लेकिन मैं यह भी मानता हूँ कि जिन्हें बड़े काम करने हैं, जिनके सामने बड़े लक्ष्य हैं, उन्हें अपने दोषों को कम करने का प्रयास करना चाहिए और अपने आलोचकों की बातों पर ध्यान देना चाहिए । आपने हमारी सभ्यता और संस्कृति में प्रसिद्द उस दोहे को अवश्य ही सुना होगा, जिसमें 'निंदकों' को पास रखने का सुझाव दिया गया है । मैं अपने पूरे ज्ञान और अनुभव के विश्वास के साथ मानता हूँ कि आप यदि अपने व्यवहार के दोगलेपन से कुछ बच सके, तो निश्चित ही एक बड़े नेता साबित होंगे ।
मैं ईश्वर से प्रार्थना करूँगा कि वह आपको तमाम कामयाबियाँ दे; आप अपने जीवन में जो कुछ भी चाहें, वह सब आपको मिले - और आपको सदबुद्धि भी दे !
लायनवाद में आपका
लायन अनिल वाचस्पति