दिल्ली शाहदरा । पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट कल्याण बनर्जी का नाम लेकर दो दिन बाद
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने जा रहे सतीश सिंघल ने रोटरी क्लब दिल्ली शाहदरा के
पदाधिकारियों को ब्लैकमेल करने की जो कोशिश की, वह उन्हें उल्टी पड़ गयी है
- और इस नाते सतीश सिंघल को अपने गवर्नर-वर्ष के पहले ही आयोजन में फजीहत
का सामना करना पड़ा है । रोटरी क्लब दिल्ली शाहदरा ने अपने 'रोटरी
चेरिटेबल डायलिसिस सेंटर' के उद्घाटन के लिए एक जुलाई को प्रातः ग्यारह बजे
का समय निर्धारित किया है - इस तरह यह सतीश सिंघल के गवर्नर-वर्ष का पहला
कार्यक्रम है । डायलिसिस सेंटर का उद्घाटन करने के लिए पूर्व इंटरनेशनल
प्रेसीडेंट कल्याण बनर्जी ने अपनी सहमति दी है, इसलिए यह कार्यक्रम
महत्त्वपूर्ण भी हो गया है । लेकिन इस कार्यक्रम के दो निमंत्रण पत्र सामने
आने से यह कार्यक्रम विवादपूर्ण भी बन गया है - इस कार्यक्रम का लोगों को
पहले जो निमंत्रण पत्र मिला उसमें मुकेश अरनेजा, रूपक जैन, शरत जैन, सुभाष
जैन, दीपक गुप्ता, आलोक गुप्ता और जवाहर गुप्ता के नाम थे; लेकिन इसके बाद
कार्यक्रम का एक दूसरा निमंत्रण पत्र सामने आया, जिसमें इन सभी सातों नामों
का कोई उल्लेख नहीं है । लोगों को यह मामला कुछ समझ नहीं आया कि
डिस्ट्रिक्ट के पहले ही कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र में डिस्ट्रिक्ट के
तुर्रमखाँओं के नाम पहले दिए गए और फिर जल्दी ही उड़ा दिए गए ! रोटरी के
आयोजनों में नामों की बड़ी न्यारी महिमा है - यहाँ नाम ले लेने पर और या न
लेने पर बड़े बड़े 'फसाद' हो जाते देखे/सुने गए हैं - इसलिए लोगों को घोर
आश्चर्य हुआ कि रोटरी क्लब दिल्ली शाहदरा ने अपने कार्यक्रम के निमंत्रण
पत्र में डिस्ट्रिक्ट के बड़े तोपचियों के नाम पहले तो प्रकाशित किए और फिर उड़ा दिए ।
मामले
की पड़ताल की गयी तो पता चला कि यह सब सतीश सिंघल की कारस्तानी के चलते हुआ
है । क्लब के पदाधिकारियों के अनुसार, उन्होंने तो सतीश सिंघल से कल्याण
बनर्जी के प्रोग्राम को लेकर
बात की थी; जिसमें सतीश सिंघल ने सहयोगात्मक रवैया दिखाया और कार्यक्रम के
निमंत्रण पत्र के डिजाइन से लेकर मैटर तक पर सलाह दी । क्लब के पदाधिकारी
सतीश सिंघल की असली मंशा को भाँप नहीं सके और उनकी बातों में आ गए । सतीश
सिंघल के निर्देशानुसार तैयार हुआ कार्यक्रम का निमंत्रण पत्र सामने आया,
तो उस पर बबाल हो गया । आलोक गुप्ता के नाम के
कारण बबाल ने राजनीतिक रूप ले लिया । रोटरी क्लब दिल्ली शाहदरा के
पदाधिकारियों को तब समझ में आया कि सतीश सिंघल ने उनके साथ कैसी शातिराना
चाल चली । अपने आप को मुसीबत में फँसा देख रोटरी क्लब दिल्ली शाहदरा के
पदाधिकारियों ने संशोधित निमंत्रण पत्र तैयार करने का फैसला किया । सतीश
सिंघल को इसकी भनक लगी, तो वह क्लब के पदाधिकारियों को ब्लैकमेल करने पर
उतर आए । क्लब के पदाधिकारियों को उन्होंने धमकी दी कि उन्होंने यदि दूसरा
निमंत्रण पत्र जारी किया, तो वह कल्याण बनर्जी का कार्यक्रम रद्द करवा
देंगे । क्लब के पदाधिकारी पहले तो सतीश सिंघल की इस धमकी से डरे,
लेकिन फिर डिस्ट्रिक्ट के कुछेक प्रमुख लोगों ने उन्हें आश्वस्त किया कि
सतीश सिंघल बातें भले ही ऊँची ऊँची करते हों, लेकिन रोटरी में उनकी
राजनीतिक हैसियत ऐसी नहीं है कि वह कल्याण बनर्जी का कार्यक्रम रद्द करवा
सकें । इस आश्वासन से क्लब पदाधिकारियों को बल मिला और उन्होंने
डिस्ट्रिक्ट के तोपचियों का नाम उड़ाते हुए दूसरा निमंत्रण पत्र जारी कर
दिया ।
इस पूरे झमेले में सुभाष जैन और दीपक गुप्ता के साथ नाहक ही बेइंसाफी हुई । प्रोटोकॉल के लिहाज से इन दोनों का नाम निमंत्रण पत्र में होना ही चाहिए था । लेकिन सतीश सिंघल की कारस्तानी ने रोटरी क्लब दिल्ली शाहदरा के पदाधिकारियों को इतना छका दिया था कि फिर प्रोटोकॉल का पालन कर पाना भी उनके लिए मुश्किल हो गया था । इस झमेले से परिचित लोगों का कहना है कि यह सारा तमाशा दरअसल आलोक गुप्ता के नाम के कारण हुआ । आलोक गुप्ता डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी के उम्मीदवार होने की तैयारी में हैं - सतीश सिंघल को पता नहीं किसने समझा दिया है कि वह आलोक गुप्ता का नाम यदि जगह जगह छपवा देंगे, तो आलोक गुप्ता डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए ललित खन्ना से होने वाले चुनाव को आसानी से जीत जायेंगे । इसी समझ के चलते सतीश सिंघल ने आलोक गुप्ता का नाम जबर्दस्ती डिस्ट्रिक्ट के अगले रोटरी वर्ष के पहले कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र में छपवा दिया । सतीश सिंघल की इस हरकत से जो बबाल हुआ, उससे आलोक गुप्ता के लिए तो अगले रोटरी वर्ष की शुरुआत खराब हुई ही - और अन्य लोगों की भी फजीहत हुई । कल्याण बनर्जी के नाम पर सतीश सिंघल ने रोटरी क्लब दिल्ली शाहदरा के पदाधिकारियों को पहले इस्तेमाल करने और फिर डराने व ब्लैकमेल करने का जो प्रयास किया, उससे उनके काम करने के तरीके की भी पोल खुली है । इस घटना से लोगों को लग रहा है कि सतीश सिंघल अपने रवैये और अपनी हरकतों से दिलचस्प नजारे पेश करते/करवाते रहेंगे और अगले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट व रोटरी की पहचान के साथ खिलवाड़ करते रहेंगे ।
रोटरी क्लब दिल्ली शाहदरा के एक जुलाई के कार्यक्रम के पहले और दूसरे निमंत्रण पत्र की फोटो प्रतियाँ :
इस पूरे झमेले में सुभाष जैन और दीपक गुप्ता के साथ नाहक ही बेइंसाफी हुई । प्रोटोकॉल के लिहाज से इन दोनों का नाम निमंत्रण पत्र में होना ही चाहिए था । लेकिन सतीश सिंघल की कारस्तानी ने रोटरी क्लब दिल्ली शाहदरा के पदाधिकारियों को इतना छका दिया था कि फिर प्रोटोकॉल का पालन कर पाना भी उनके लिए मुश्किल हो गया था । इस झमेले से परिचित लोगों का कहना है कि यह सारा तमाशा दरअसल आलोक गुप्ता के नाम के कारण हुआ । आलोक गुप्ता डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी के उम्मीदवार होने की तैयारी में हैं - सतीश सिंघल को पता नहीं किसने समझा दिया है कि वह आलोक गुप्ता का नाम यदि जगह जगह छपवा देंगे, तो आलोक गुप्ता डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए ललित खन्ना से होने वाले चुनाव को आसानी से जीत जायेंगे । इसी समझ के चलते सतीश सिंघल ने आलोक गुप्ता का नाम जबर्दस्ती डिस्ट्रिक्ट के अगले रोटरी वर्ष के पहले कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र में छपवा दिया । सतीश सिंघल की इस हरकत से जो बबाल हुआ, उससे आलोक गुप्ता के लिए तो अगले रोटरी वर्ष की शुरुआत खराब हुई ही - और अन्य लोगों की भी फजीहत हुई । कल्याण बनर्जी के नाम पर सतीश सिंघल ने रोटरी क्लब दिल्ली शाहदरा के पदाधिकारियों को पहले इस्तेमाल करने और फिर डराने व ब्लैकमेल करने का जो प्रयास किया, उससे उनके काम करने के तरीके की भी पोल खुली है । इस घटना से लोगों को लग रहा है कि सतीश सिंघल अपने रवैये और अपनी हरकतों से दिलचस्प नजारे पेश करते/करवाते रहेंगे और अगले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट व रोटरी की पहचान के साथ खिलवाड़ करते रहेंगे ।
रोटरी क्लब दिल्ली शाहदरा के एक जुलाई के कार्यक्रम के पहले और दूसरे निमंत्रण पत्र की फोटो प्रतियाँ :