मजे
की बात यह है कि टीके रूबी को अगले रोटरी वर्ष का डिस्ट्रिक्ट गवर्नर
'चुनने' के जॉन जर्म के फैसले ने जितना हैरान डिस्ट्रिक्ट के पूर्व
गवर्नर्स तथा उनके नजदीकियों को किया है, उतना ही चकित टीके रूबी के
समर्थकों व शुभचिंतकों को भी किया हुआ है । किसी के लिए भी यह समझना
मुश्किल हो रहा है कि यह आखिर हुआ क्या और कैसे ? यह बात सचमुच किसी
चमत्कार से कम नहीं है कि अगले रोटरी वर्ष की गवर्नरी तो प्रवीन चंद्र गोयल
को एक वर्ष पहले 'खींच' कर सौंप दी गयी थी, और उनकी स्कूलिंग भी करवा दी
गयी थी; उससे अगले वर्ष के गवर्नर के लिए चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी
थी, जिसमें टीके रूबी के उम्मीदवार बनने पर भी रोक लगा दी गयी थी - किंतु
अब फैसला यह हुआ है कि टीके रूबी अगले रोटरी वर्ष में गवर्नर होंगे ।
डिस्ट्रिक्ट के लोगों के लिए यह चमत्कार भले ही एक पहेली बना हुआ हो, किंतु
रोटरी के बड़े नेताओं के अनुसार - रोटरी इंटरनेशनल के मौजूदा पदाधिकारी
राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स की लगातार चलने वाली चालबाजियों
से इतने परेशान हो उठे थे कि उन्होंने उन्हें उनकी औकात दिखाने की योजना
बना ली, जिसके तहत उन्होंने टीके रूबी रूपी छड़ी से ही राजा साबू और उनके गिरोह के लोगों को 'पीटने' का निश्चय कर लिया ।
देश
के वरिष्ठ रोटरी नेताओं के हवाले से सुनने को मिला है कि फरवरी 2015 में
डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में टीके रूबी की जीत के हुए फैसले को उलटवाने के
लिए करीब दो वर्षों तक चले घटनाचक्र में ही नहीं, उसके बाद भी राजा साबू और
उनके गिरोह के लोगों ने जिस तरह की कारस्तानियाँ कीं और रोटरी
इंटरनेशनल की व्यवस्थाओं तथा उसके फैसलों का मजाक बनाने की जिस तरह की
कोशिश की - उससे इंटरनेशनल पदाधिकारी बुरी तरह आजिज़ आ चुके थे ।
उल्लेखनीय है कि रोटरी इंटरनेशनल ने डिस्ट्रिक्ट 3080 के झगड़े को खत्म करने
के लिए टीके रूबी और डीसी बंसल, दोनों को ही 'सजा' दे दी; और अगले रोटरी
वर्ष के गवर्नर पद के लिए फैसला करने का अधिकार डिस्ट्रिक्ट की लीडरशिप -
यानि राजा साबू पर छोड़ दिया । यह डिस्ट्रिक्ट की लीडरशिप का ही फैसला था,
जिसके तहत प्रवीन चंद्र गोयल एक वर्ष पहले डिस्ट्रिक्ट गवर्नर 'बन' रहे थे;
और वह जिस वर्ष के गवर्नर चुने गए थे, उस वर्ष के गवर्नर के लिए चुनाव
घोषित हो गए थे । तीसरे वर्ष के गवर्नर पद के लिए जितेंद्र ढींगरा की
चुनावी जीत को राजा साबू ने 'स्वीकार' कर लिया था । इससे लगा था कि
डिस्ट्रिक्ट पटरी पर लौट रहा है; लेकिन फिर अचानक से डीसी बंसल न्याय पाने
के लिए अदालत चले गए, जिससे डिस्ट्रिक्ट में पुनः उथल-पुथल मच गयी ।
डीसी
बंसल के अदालत जाने के चलते जो उथल-पुथल मची, उसके चलते प्रवीन चंद्र गोयल
ने पुनः 'अपने' ही वर्ष में गवर्नरी करने की अर्जी लगा दी । प्रवीन चंद्र
गोयल की इस उछल-कूद को इंटरनेशनल पदाधिकारियों ने गंभीरता से लिया और माना
कि प्रवीन चंद्र गोयल और उनके आकाओं ने रोटरी को मजाक समझ लिया है और
मनमानी करने के लिए वह कभी कुछ तो कभी कुछ कहते/करते हैं । रोटरी नेताओं
ने उनकी इस हरकत से माना/समझा कि डीसी बंसल की अदालती कार्रवाई के पीछे
राजा साबू और उनके गिरोह के लोगों का ही हाथ है; राजा साबू और उनके गिरोह
के लोगों को अच्छी तरह पता था कि अदालती कार्रवाई से डीसी बंसल को तो कुछ
नहीं मिलेगा, लेकिन उससे जो उथल-पुथल मचेगी - उसमें उन्हें अगले दो वर्ष
डिस्ट्रिक्ट पर राज करने के लिए मिल जायेंगे । राजा साबू और उनके गिरोह
के लोगों को विश्वास था कि प्रवीन चंद्र गोयल को उनके 'असली' वर्ष में
शिफ्ट करवा कर, अगले रोटरी वर्ष में वह अपने किसी मनपसंद व्यक्ति को गवर्नर
'बनवा' लेंगे - और इस तरह अगले दो वर्ष वही डिस्ट्रिक्ट को चलायेंगे, और
इन दो वर्षों में वह जितेंद्र ढींगरा को भी अपने रंग में रंग लेंगे । राजा
साबू के नजदीकियों के अनुसार, राजा साबू को जितेंद्र ढींगरा अपने नजदीक आते
हुए 'दिखे' भी । समझा जाता है कि डीसी बंसल की अदालती कार्रवाई
और प्रवीन चंद्र गोयल की कभी 'इस' वर्ष तो कभी 'उस' वर्ष गवर्नरी करने के
बदलते फैसलों ने इंटरनेशनल पदाधिकारियों को ऐसा फैसला लेने के लिए मजबूर कर
दिया, जो राजा साबू और उनके साथी पूर्व गवर्नर्स की नाक में नकेल डालने
वाला 'लगे' - और ऐसे ही फैसले में इंटरनेशनल प्रेसीडेंट जॉन जर्म को अगले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट 3080 की कमान टीके रूबी को सौंपना उचित लगा ।
अगले
रोटरी वर्ष के लिए डिस्ट्रिक्ट की कमान टीके रूबी को सौंपने के जॉन जर्म
के फैसले से यह बात बहुत ही साफ तौर पर साबित हुई है कि रोटरी इंटरनेशनल के
पदाधिकारी राजा साबू की हरकतों से बुरी तरह से परेशान हैं । अगले रोटरी
वर्ष के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर को लेकर पिछले 28 महीनों से चले आ रहे झंझट में
रोटरी इंटरनेशनल के पदाधिकारी राजा साबू को हालाँकि झटका भी दे रहे थे, लेकिन उन्हें और उनके सम्मान को बचाने का प्रयास भी कर रहे थे; राजा साबू लेकिन इस संकेत को समझने/पहचानने में चूक गए और उन्होंने अपनी हरकतों को लगातार जारी रखा । राजा
साबू का रवैया और व्यवहार इंटरनेशनल पदाधिकारियों के लिए जब असहनीय हो
गया, तो उन्होंने राजा साबू को सीधा झटका देने का निश्चय किया - और उनके
इसी निश्चय की परिणति टीके रूबी को अगले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट की
कमान सौंपने की घोषणा में हुई है ।