Friday, June 2, 2017

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 में हिंसक हंगामों के जरिए नरेश अग्रवाल और विजय राजु को निशाना बनाने वाले आरोपियों को बचाने में पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट अशोक मेहता सचमुच मदद करेंगे क्या ?

नई दिल्ली । तेजपाल खिल्लन ने लायंस इंटरनेशनल की अनुशासनात्मक कार्रवाई से बचने और अपनी सदस्यता बचाने के लिए पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट अशोक मेहता का हाथ पकड़ा है; खबर लेकिन यह है कि अशोक मेहता ने उन्हें दिलासा तो दी है, पर कोई पक्का आश्वासन नहीं दिया है । उल्लेखनीय है कि मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 की कॉन्फ्रेंस और फिर कन्वेंशन में जो हंगामा, गाली-गलौच और मार-पिटाई का कार्यक्रम हुआ - उसे लायंस इंटरनेशनल के पदाधिकारियों ने खासी गंभीरता से लिया है, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निश्चय किया है । इस बात को खासतौर से रेखांकित किया गया है कि इस मामले में यदि कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो लायंस पदाधिकारियों के भेष में जो लफंगे और गुंडे किस्म के लोग हैं, उनके हौंसले और मजबूत होंगे तथा आगे फिर वह इससे भी बड़े कांड करेंगे - और कहीं गुंडागर्दी से तो कहीं अदालती कार्रवाई से लायनिज्म को बंधक बनाने का काम करेंगे । ऐसे में, वर्ष 2022 में दिल्ली में होने वाली इंटरनेशनल कन्वेंशन में भी बाधा खड़ी होगी, और लायनिज्म का नाम भी खराब होगा । इसलिए लायंस इंटरनेशनल की व्यवस्था तथा उसके नियम-कानून का और उसके वरिष्ठ पदाधिकारियों का सम्मान न करने वाले उत्पाती लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना जरूरी समझा जा रहा है; और चर्चा है कि मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 की कॉन्फ्रेंस व कन्वेंशन में उत्पात मचाने वाले लोगों के खिलाफ लायंस इंटरनेशनल कार्यालय द्वारा कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है - जिसमें कुछेक लोगों की लायंस इंटरनेशनल की प्राथमिक सदस्यता ही समाप्त कर देने की भी तैयारी है ।
इस तैयारी की जानकारी रखने वाले लोगों का अनुमान है कि तेजपाल खिल्लन और वीएस कुकरेजा सहित डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू के कुछेक पूर्व गवर्नर्स की लायंस इंटरनेशनल की सदस्यता खत्म की जा सकती है । दरअसल मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 की कॉन्फ्रेंस व कन्वेंशन में जो ऐतिहासिक हिंसक उत्पात हुआ, उसके पीछे इन्हीं लोगों का दिमाग और सोची-समझी तैयारी देखी/पहचानी जा रही है । लायंस इंटरनेशनल की तरफ से आने वाले इस खतरे को उत्पात मचाने वाले लोगों ने भी पहचाना है, और इसीलिए उन्होंने अपने को बचाने के लिए जुगाड़ लगाने शुरू कर दिए हैं । तेजपाल खिल्लन ने दूसरे उत्पातियों को आश्वस्त किया है, कि वह उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने देंगे - और उनकी सदस्यता तो खत्म नहीं ही होने देंगे । तेजपाल खिल्लन ने यह आश्वासन पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट अशोक मेहता से अपनी नजदीकियत के भरोसे दिया है; अपने नजदीकियों से उन्होंने कहा भी है कि वह बराबर से अशोक मेहता के संपर्क में हैं और अशोक मेहता ने उन्हें निश्चिन्त रहने के लिए कहा है - हालाँकि अशोक मेहता ने उन्हें यह भी कहा है कि मामला खासा गंभीर है । तेजपाल खिल्लन के सामने समस्या यह भी है कि उन्हें अपने साथ-साथ दूसरे लोगों को भी बचाना है; वह खुद यदि बच गए, और दूसरे लोग नप गए - तो यह उनकी राजनीति के लिए और भी बुरा होगा । अशोक मेहता की तरफ से उन्हें संकेत दिया गया है कि लायंस इंटरनेशनल ने मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 की घटनाओं को गंभीरता से लिया है, और कड़ी कार्रवाई तो होगी ही - अब इस कड़ी कार्रवाई में कौन बचेगा और कौन नपेगा, यह अभी से कहना मुश्किल है । अशोक मेहता की इस तरह की बातों से तेजपाल खिल्लन को यह भी शक हुआ है कि अशोक मेहता इस मामले में कहीं उनसे पीछा छुड़ाने की कोशिश तो नहीं कर रहे हैं ? इस मामले में तेजपाल खिल्लन को पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर सुशील अग्रवाल से भी मदद मिलने की उम्मीद थी, लेकिन सुशील अग्रवाल ने उनसे पहले ही किनारा कर लिया है ।
दरअसल मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 की कॉन्फ्रेंस तथा कन्वेंशन में जो कुछ भी हुआ, उसके गवाह नरेश अग्रवाल और विजय राजु के रूप में इंटरनेशनल बोर्ड के दो प्रमुख सदस्य हैं ही - इसलिए लायंस इंटरनेशनल को कार्रवाई करने के लिए कोई लंबी-चौड़ी प्रक्रिया अपनाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी । अशोक मेहता ने तेजपाल खिल्लन को बताया है कि इसीलिए इस मामले में उनके और या किसी अन्य के ज्यादा कुछ कर पाने के लिए कोई मौका ही नहीं है । जो कुछ हुआ और जिन जिन ने जो कुछ किया, वीडियो रिकॉर्डिंग के रूप में उसका आँखों देखा विवरण उपलब्ध है; मल्टीपल काउंसिल पदाधिकारियों की विस्तृत रिपोर्ट है; नरेश अग्रवाल और विजय राजु की रिपोर्ट्स हैं - जो कुछ हुआ, वह न सिर्फ उनके सामने हुआ, बल्कि उनके साथ हुआ । लायंस इंटरनेशनल को कार्रवाई करने के लिए इससे ज्यादा और क्या चाहिए ? समझा जा रहा है कि इंटरनेशनल डायरेक्टर विजय राजु और फर्स्ट इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नरेश अग्रवाल के गवाह के साथ-साथ भुक्तभोगी होने तथा घटनाओं की वीडियो रिकॉर्डिंग होने के कारण लायंस इंटरनेशनल को जाँच-पड़ताल की औपचारिकता में ज्यादा समय लगाने की भी जरूरत नहीं होगी । चर्चा है कि मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 में इंटरनेशनल डायरेक्टर पद का चुनाव रोकने के लिए अदालती कार्रवाई करने वाले क्लब और उसके पदाधिकारी के साथ वीएस कुकरेजा के संबंध की पड़ताल कर ली गई है और अदालती कार्रवाई में वीएस कुकरेजा की संलग्नता के पुख्ता सुबूत जुटा लिए गए हैं ।
वीएस कुकरेजा की हरकत को लायंस इंटरनेशनल के पदाधिकारियों ने दरअसल बहुत ही गंभीरता से लिया है : इस बात पर आश्चर्य जताया गया है कि जो लायन सदस्य इंटरनेशनल डायरेक्टर बनना चाहता है, उसे इंटरनेशनल डायरेक्टर के चुनाव से संबंधित लायंस इंटरनेशनल की नियमावली का पहला नियम ही ज्ञात नहीं है, जिसमें कहा गया है कि अपने डिस्ट्रिक्ट में 'नोटिस ऑफ इंटेंशन' देने के साथ-साथ ही उसे मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट में भी इंटेशन दे देना चाहिए । इंटरनेशनल डायरेक्टर पद में गंभीरता से दिलचस्पी रखने वाले सारी दुनिया के लायन सदस्य इस नियम का ध्यान रखते हैं, और जो उस समय मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट को इंटेंशन नहीं भी भेज पाते हैं, वह अपने डिस्ट्रिक्ट की कॉन्फ्रेंस हो जाने के तुरंत बाद तो भेज ही देते हैं - इस बात की परवाह किए बिना कि मल्टीपल में चुनाव होगा भी या नहीं । यह एक अलग मुद्दा है कि पहले कहा/बताया जा रहा था कि मल्टीपल में इंटरनेशनल डायरेक्टर का चुनाव नहीं होगा, और फिर चुनाव करवाया जाने लगा; इस मुद्दे पर तथ्यात्मक तरीके से 'लड़ाई' लड़ने का हर किसी को हक है - लेकिन इस आधार पर कोई अपनी बेवकूफी को तो जस्टीफाई नहीं कर सकता है । एक कॉमनसेंस की बात भी है कि वीएस कुकरेजा ने मल्टीपल में इसलिए इंटेंशन नहीं दिया हुआ था, क्योंकि उन्हें पता था कि मल्टीपल में चुनाव होना ही नहीं है; तब फिर सवाल यह पैदा होता है कि यह पता होने के बाद भी डिस्ट्रिक्ट में एंडोर्समेंट उन्होंने क्या उसकी बत्ती बनाने के लिए लिया हुआ था ? इंटरनेशनल डायरेक्टर बनने की इच्छा रखने वाला एक वरिष्ठ लायन बचकाने, बेवकूफीभरे और नियमविरुद्ध कार्य-व्यवहार के कारण जब उम्मीदवार बनने की पात्रता खो देता है - तब वह धोखाधड़ी का सहारा लेकर चुनाव की प्रक्रिया को ही रोक देता है । लायंस इंटरनेशनल कार्यालय के पदाधिकारियों का मानना है कि वीएस कुकरेजा के खिलाफ यदि कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो उनके जैसी सोच रखने वाले लोगों का हौंसला बढ़ेगा, और फिर वह अदालती कार्रवाइयों के जरिए लायंस इंटरनेशनल का कोई काम होने ही नहीं देंगे ।
मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 की कॉन्फ्रेंस और कन्वेंशन में जो हुआ, उसे अंजाम देने वाले लोगों के लिए समस्या की बात यह भी हो गई है कि उनकी करतूतों की हर कोई भर्त्सना ही कर रहा है, और उनके समर्थक भी पीछे हटते तथा चुप होते जा रहे हैं । इससे उनके खिलाफ कार्रवाई करना/करवाना चाह रहे लोगों को बल मिला है । उनके खिलाफ कार्रवाई करने/करवाने की प्रक्रिया को पुख्ता व तेज करने/करवाने के लिए उन पूर्व गवर्नर्स से इंटरनेशनल कार्यालय को कार्रवाई की अनुशंसा करते पत्र लिखवाए/भिजवाए जा रहे हैं, जो मौके पर मौजूद थे । मल्टीपल कॉन्फ्रेंस व कन्वेंशन में हुए हिंसक हंगामों में आगे आगे रहने वाले लोग अपने आप को कार्रवाई से बचाने की कोशिशों में तो जुटे हैं, लेकिन सभी की उम्मीदें तेजपाल खिल्लन पर ही टिकी हैं - और तेजपाल खिल्लन की उम्मीद पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट अशोक मेहता पर टिकी है । उन्हें विश्वास है कि उनकी और उनके साथियों की जो भी और जैसी भी हरकतें रही हैं, उसके बावजूद अशोक मेहता उन्हें और उनके साथियों को अवश्य ही बचा लेंगे ।