Thursday, June 15, 2017

लायंस मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 में गालियाँ खाने और धक्का-मुक्की व मारपिटाई का शिकार होने के बाद इंटरनेशनल पदाधिकारियों ने दंगाईयों के सामने समर्पण किया; लायनवाद को सौंवी वर्षगाँठ पर नरेश अग्रवाल का कलंक'उपहार'

नई दिल्ली । इंटरनेशनल प्रेसीडेंट होने जा रहे नरेश अग्रवाल ने लायनवाद को सौंवी वर्षगाँठ के शुभ और महान अवसर पर एक अनोखा उपहार देने का फैसला किया है, जिसके तहत वह दूसरे इंटरनेशनल पदाधकारियों के साथ मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 की कॉन्फ्रेंस में हंगामा और दंगा करने वाले लोगों के सामने समर्पण करेंगे और उनकी माँगों को स्वीकार करेंगे । पिछले कुछ समय से एक-दूसरे को नीचा दिखाने और साबित करने की होड़ में लगे नरेश अग्रवाल के दो बड़े वाले चेलों - विनोद खन्ना और तेजपाल खिल्लन ने कुछेक अन्य नेताओं की मौजूदगी में 'युद्ध-विराम' करने का फैसला किया है, और 'लूट के माल' का बँटवारा कर लिया है । इस बँटवारे के फैसले के अनुसार, यदि कोई अनहोनी नहीं घटी तो 17 जून को दोबारा होने वाली कन्वेंशन में जेपी सिंह इंटरनेशनल डायरेक्टर तथा विनय गर्ग मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन हो जायेंगे । लायंस इंटरनेशनल के नियमों की जानकारी रखने वाले लोगों का कहना हालाँकि यह है कि दोबारा होने वाली कन्वेंशन में इंटरनेशनल डायरेक्टर का चुनाव ही हो सकता है, मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन के चुनाव का समय निकल चुका है और वह नहीं हो सकता है - लेकिन लायनिज्म जब धंधा बन गया हो, और लायन लीडर्स दंगाई तथा ब्लैकमेलर बन गए हों, तो नियमों की परवाह कौन करेगा ? इस सौदे-समझौते में बेवकूफ बने वीएस कुकरेजा और चमनलाल गुप्ता । चमनलाल गुप्ता के साथ तो बहुत ही बुरी बीती; उनकी पुलिस रिपोर्ट के सहारे ही तो तेजपाल खिल्लन को लीडरशिप को ब्लैकमेल करने का मौका मिला, लेकिन सौदा-समझौता करने वाली मीटिंग में तेजपाल खिल्लन ने उन्हें ही नहीं बुलाया । चमनलाल गुप्ता की नाराजगी की बात सुनकर तेजपाल खिल्लन ने बाद में हालाँकि उन्हें आश्वस्त किया कि उनके बेटे की पिटाई व्यर्थ नहीं जाएगी और उसके ऐवज में वह उन्हें नरेश अग्रवाल से कुछ न कुछ ईनाम जरूर दिलवायेंगे ।
मजे की बात यह भी है कि जो सौदा-समझौता हुआ है, उसे दोनों ही पक्ष अपनी अपनी जीत बता रहे हैं : सत्ता खेमे के लोगों का कहना है कि साठ दिन पहले तक इंटरनेशनल डायरेक्टर का चुनाव करवाने से इंकार करने के फैसले पर पलटी मारते हुए उन्होंने मल्टीपल कॉन्फ्रेंस में इंटरनेशनल डायरेक्टर का चुनाव करवाने तथा जेपी सिंह को चुनवाने का निश्चय किया था; और देखिए उनका निश्चय पूरा हो रहा है । विरोधी खेमे के लोगों का कहना है कि इंटरनेशनल डायरेक्टर के चुनाव को लेकर तो उन्होंने हंगामा सिर्फ इस रणनीति के तहत खड़ा किया हुआ था, ताकी मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन अपना बनवा सकें; और देखिए उनकी रणनीति सफल रही, मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन उनका ही बन रहा है । बाकी लोग सिर धुन रहे हैं और जैसे अपने आप से ही पूछ रहे हैं कि इन्हें जब 'इतना' 'इतना' ही पाना था, तो तमाम हंगामा और दंगा और मार-पिटाई और पुलिस रिपोर्ट व कोर्ट-कचहरी करने/करवाने की क्या जरूरत थी ? जाहिर है कि दोनों तरफ के लोगों को 'ज्यादा' 'ज्यादा' चाहिए था, और इसीलिए मल्टीपल कॉन्फ्रेंस में दोनों ही तरफ से मनमानी कलंकपूर्ण हरकतें हुईं - और दोनों ही तरफ के लोगों ने वह सब कुछ किया, जो कुछ कर सकना उनके बस में था । लेकिन जब हालात ने उन्हें ऐसे मोड़ पर ला पटक दिया जहाँकि उन्हें कुछ भी न मिलता, तो कुशल धंधेबाज और ब्लैकमेलर की तरह उन्होंने सौदेबाजी कर लेने में ही अपनी भलाई देखी/पहचानी - और सौदेबाजी में मिले अपने अपने हिस्से को दोनों ही पक्ष के नेता लोग अपनी अपनी जीत बताने में लग गए हैं ।
दोनों पक्षों को सौदेबाजी के लिए राजी करने में चमनलाल गुप्ता द्वारा दर्ज करवाई गई पुलिस रिपोर्ट की निर्णायक भूमिका रही, जिसमें उनके बेटे संजीव गुप्ता के साथ होने वाली मार-पिटाई के आरोपियों में अन्य कुछ लोगों के साथ इंटरनेशनल प्रेसीडेंट होने जा रहे नरेश अग्रवाल और इंटरनेशनल डायरेक्टर विजय राजु के नाम भी हैं । इस रिपोर्ट के रूप में विरोधी खेमे के नेता तेजपाल खिल्लन को लीडरशिप को दबाव में लेने का एक हथियार मिल गया । नरेश अग्रवाल के दूत के रूप में मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन जेसी वर्मा ने चमनलाल गुप्ता को अपनी रिपोर्ट वापिस लेने के लिए राजी करने के काफी प्रयास किए, लेकिन जो सफल नहीं हो सके । चमनलाल गुप्ता की चाबी तेजपाल खिल्लन के पास 'होने' का अहसास होने पर लीडरशिप के नेताओं ने हंगामाईयों और दंगाईयों के नेता तेजपाल खिल्लन के सामने समर्पण करने में ही अपनी भलाई देखी । तेजपाल खिल्लन ने भी एक कुशल धंधेबाज की तरह समझ लिया कि अब इस मामले को और लंबा खींचा तो फजीहत के अलावा कुछ नहीं मिलेगा, लिहाजा वह भी 'जो मिल सके उसे ले लो' वाले अंदाज में झट से समझौता कर लेने के लिए तैयार हो गए । कल दिल्ली के एक होटल में हुई एक मीटिंग में कुछेक नेताओं की मौजूदगी में केएम गोयल, विनोद खन्ना और तेजपाल खिल्लन के बीच समझौता हो गया है । तेजपाल खिल्लन को विश्वास है कि वीएस कुकरेजा और चमनलाल गुप्ता का 'बलिदान' बेकार नहीं जाएगा, और वह इन्हें भी पुरस्कृत करवायेंगे । इससे लगता है कि मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 अपनी कलंककथा में अभी कुछ और अध्याय जोड़ेगा ।