नई
दिल्ली । मुकेश अरनेजा ने अपने 'कैरेक्टर' को बेदाग साबित करने तथा
'दिखाने' के लिए जिस तरह से अपनी पत्नी और उनके देवरों का सहारा लिया,
उससे उन्होंने अपनी स्थिति को और भी ज्यादा हास्यास्पद बना लिया है ।
मुकेश अरनेजा द्वारा एक वरिष्ठ रोटेरियन की पत्नी से अभद्रता करने का
आरोप रोटरी इंटरनेशनल तक गूँज उठा है, जिसकी जाँच के लिए रोटरी इंटरनेशनल
द्वारा गठित कमेटी के सदस्यों ने हाल ही में कई लोगों के बयान दर्ज किए हैं
। इस कमेटी के सदस्यों के सामने मुकेश अरनेजा ने कुछेक रोटेरियंस से अपने
कैरेक्टर के पक्ष में बयान दर्ज करवाए । मजे की बात यह रही कि उक्त
कमेटी के सदस्यों के सामने जिन रोटेरियंस के बयान दर्ज हुए, उनमें से
अधिकतर पिछली रात मुकेश अरनेजा की वैवाहिक वर्षगाँठ की एक छोटी सी पार्टी
में सम्मिलित हुए थे । वैवाहिक वर्षगाँठ की वह छोटी सी पार्टी भी लोगों
के बीच खासी चर्चा में रही । उस पार्टी में शामिल हुए लोगों के साथ-साथ
मुकेश अरनेजा के अन्य कुछ नजदीकियों को भी याद नहीं है कि मुकेश अरनेजा ने
अपनी वैवाहिक वर्षगाँठ की पार्टी इससे पहले कब दी थी । रोटरी के किसी
आयोजन के दिन संयोग से पड़ने वाले अपने और अपनी पत्नी के जन्मदिन तथा
वैवाहिक वर्षगाँठ को सेलीब्रेट करने के मौके तो मुकेश अरनेजा
'इस्तेमाल' करते रहे हैं, लेकिन इन मौकों पर उन्होंने कभी अपनी तरफ से
पार्टी दी हो - ऐसा किसी को याद नहीं है ।
इसीलिए,
मुकेश अरनेजा ने अब की बार जब वैवाहिक वर्षगाँठ की पार्टी दी, तो लोगों को
हैरानी हुई । हालाँकि बाद में, पार्टी की बात सुनकर मुकेश अरनेजा के कई
नजदीकियों को झटका भी लगा और उन्होंने शिकायत भी की कि मुकेश अरनेजा ने
उन्हें नहीं आमंत्रित किया - और फोन पर उनसे हुई बात में उन्हें तो
उन्होंने परिवार सहित शिमला में होने की बात बताई थी । वैवाहिक वर्षगाँठ
वाले दिन शिमला में होने की बात प्रचारित करके मुकेश अरनेजा को उन लोगों को
पार्टी की बात पर यकीन दिलवाना मुश्किल भी हुआ, जिन्हें वह पार्टी में
उपस्थित देखना चाहते थे । यकीन दिलवाने के लिए मुकेश अरनेजा ने उन्हें
उलाहना भी दिया कि - अपनी भाभी को बधाई देने नहीं आओगे क्या ? मुकेश अरनेजा
ने जब भाभी वाला कॉर्ड चला तो 'देवरों' को भावुक हो ही जाना था, और तब
आमंत्रित लोग पार्टी में पहुँचे । वैवाहिक वर्षगाँठ के समारोह के कायदे और
शिष्टाचार के अनुसार, समारोह में मेजबान का पूरा परिवार होता है, और मेहमान
लोग भी परिवार के साथ आते हैं : मुकेश अरनेजा की वैवाहिक वर्षगाँठ की
पार्टी में लेकिन न तो मुकेश अरनेजा का पूरा परिवार था, और मेहमान भी अकेले
अकेले ही पहुँचे हुए थे । दरअसल यह वैवाहिक वर्षगाँठ की पार्टी थी ही
नहीं - वर्षगाँठ जैसे शुभअवसर की पार्टी के नाम पर मुकेश अरनेजा ने अगले
दिन उनकी कारस्तानियों की जाँच करने आने वाली कमेटी के सामने अपने कैरेक्टर
का सर्टीफिकेट तैयार करवाने की कसरत की थी । और इसकी तैयारी के लिए मुकेश अरनेजा ने
अपनी पत्नी का इस्तेमाल किया ।
मुकेश
अरनेजा ने अपने कैरेक्टर को बचाने की लड़ाई में जिस तरह से अपनी पत्नी को
इस्तेमाल किया है, उससे वास्तव में महिलाओं के प्रति उनका अशालीन रवैया ही
एक बार फिर सामने आया है । रोटरी में सक्रिय महिलाओं के प्रति मुकेश अरनेजा अभद्र व अशालीन किस्म की
बातें तो करते रहे हैं; अपने द्वारा ही समर्थित एक उम्मीदवार की पत्नी के
बारे में मुकेश अरनेजा कहते/बताते रहे हैं कि अपने पति के लिए वोट जुटाने
के लिए उसने तो दूसरे के घरों में पराठे तक सेंके हैं ।
व्यवहार के मामले में एक सामान्य सिद्धांत देखा गया है कि जो लोग दूसरों
का सम्मान नहीं करते हैं, वह जरूरत पड़ने पर अपनों को भी बेइज्जत करने से
बाज नहीं आते हैं । जाँच कमेटी के सामने पेश होने के दिन से पहले वाले दिन
वैवाहिक वर्षगाँठ पड़ने के संयोग को मुकेश अरनेजा ने जिस तरह से भुनाया और
मजाक बना दिया, उससे उन्होंने उक्त सिद्धांत को ही सही साबित किया है ।
मुकेश अरनेजा की वैवाहिक वर्षगाँठ के मौके को मजाक बनाने में उनके चेले
सतीश सिंघल ने भी उनका पूरा पूरा साथ दिया है । सतीश सिंघल ने गुरुदक्षिणा
चुकाने वाले अंदाज में सोशल मीडिया में मुकेश अरनेजा और उनकी पत्नी को
वैवाहिक वर्षगाँठ के मौके पर विश किया, ताकि दूसरे लोग भी इसे देखें/जानें । ऐसा
करते हुए लेकिन उन्होंने जो तस्वीर लगाई है, उसमें साफ दिख रहा है कि वह
भाई-भाभी को बुके 'दे' नहीं रहे हैं, बल्कि उनसे 'ले' रहे हैं । ऐसे विश
कौन करता है, यह पूछना बेकार है; क्योंकि यह सतीश सिंघल - मुकेश अरनेजा के
चेले सतीश सिंघल का कारनामा है; यह लोग अपनी छोटी, घटिया व बेवकूफीभरी सोच व
कार्रवाई से दूसरों की ही नहीं, अपनों की भी फजीहत कर डालते हैं - और उनसे जुड़े शुभअवसरों को भी सम्मान व गरिमा के साथ अंजाम देने में प्रायः असफल रहते हैं ।
अपनी
पत्नी और उनके देवरों की सहायता से मुकेश अरनेजा ने अपने कैरेक्टर को
बचाने की जो कोशिश की है, वह कामयाब होती भी है या नहीं - इसका पता तो बाद
में चलेगा; लेकिन मुकेश अरनेजा और सतीश सिंघल व दीपक गुप्ता जैसे उनके
चेलों की कारस्तानियों की शिकायत पर रोटरी इंटरनेशनल के गंभीर हो उठने से
इस बात का पता तो अभी ही चल गया है कि इनकी हरकतों और बदनामियों के किस्से
दूर दूर तक मशहूर हैं । पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर केके गुप्ता की शिकायत
पर जिस तरह से दो घंटे के अंदर अंदर रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय ने कार्रवाई
की, और तुरंत से जाँच कमेटी का गठन कर दिया - उससे जाहिर है कि मुकेश
अरनेजा, सतीश सिंघल, दीपक गुप्ता की हरकतों से रोटरी में लोग ऊपर तक परिचित
हैं; और इसीलिए उन्होंने केके गुप्ता की शिकायत का तुरंत से संज्ञान लिया ।
केके गुप्ता ने इन लोगों पर सीओएल के चुनाव को प्रभावित करने का आरोप भी
लगाया है । सतीश सिंघल और दीपक गुप्ता के खिलाफ उनका आरोप है कि इन्होंने
सीओएल के लिए प्रस्तुत उम्मीदवारी को वापस लेने के लिए उन पर दबाव बनाया ।
दीपक गुप्ता को लेकर लोगों को बड़ी हैरानी हुई और उनका कहना रहा कि दीपक
गुप्ता इतनी जल्दी यह सच्चाई भूल गए कि वह खुद तो तीसरी बार में जैसे-तैसे
करके डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी का चुनाव जीते हैं; और अब वह खुद को इतना
बड़ा नेता समझने लगे हैं कि वह उन केके गुप्ता को निर्देश देने लगे हैं जो
तब डिस्ट्रिक्ट गवर्नर थे, जब दीपक गुप्ता रोटरी से भी परिचित नहीं थे ।
रोटरी के बड़े और वरिष्ठ नेताओं को बेइज्जत करने में दीपक गुप्ता का नाम
पहले भी आ चुका है, जब किसी मौके पर उन्होंने पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर
सुशील गुप्ता के लिए कहा था - (हूँ इज सुशील गुप्ता) सुशील गुप्ता कौन है ?
मुकेश
अरनेजा, सतीश सिंघल और दीपक गुप्ता की हरकतों के कारण डिस्ट्रिक्ट 3012 को
ऐसा दिन देखना पड़ा है, कि उसके खिलाफ रोटरी इंटरनेशनल पदाधिकारियों को
जाँच-कमेटी गठित करना पड़ी - तो यह डिस्ट्रिक्ट के भविष्य के लिए कोई
अच्छे संकेत नहीं हैं । इनके जैसी हरकतों पर रोटरी इंटरनेशनल जिस तरह की
कठोर कार्रवाइयाँ करता रहा है, उन्हें देखते हुए लगता है कि इनकी
कारस्तानियों का खामियाजा इनके साथ-साथ कहीं दूसरे लोगों को भी न भुगतना
पड़े ।