Tuesday, May 30, 2017

लायनिज्म के साथ-साथ मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 को कलंकित करने का जो काम तेजपाल खिल्लन और डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू के हारे/फ्रस्ट्रेटेड लोगों के गाली-गलौच भरे हिंसक हंगामे ने किया है, उसकी भरपाई आसान नहीं होगी

नई दिल्ली । मल्टीपल कॉन्फ्रेंस में, अपने अपने डिस्ट्रिक्ट्स में हारे/ठुकराए नेताओं को साथ लेकर तेजपाल खिल्लन ने लायनिज्म को उसके सौवें वर्ष में ऐतिहासिक हंगामे और लफंगेपन की जो सौगात दी है - वह लायनिज्म के इतिहास में मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 के माथे पर कलंक की तरह जड़ गई है । डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू के जिन लोगों को पिछले दिनों संपन्न हुए डिस्ट्रिक्ट के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा, उन्होंने अपनी हार की खीज को मिटाने के लिए - तेजपाल खिल्लन के नेतृत्व में इकट्ठे होकर पूरे मल्टीपल को बंधक बना लिया, जिसमें न सिर्फ गाली-गलौच और मार-पिटाई भरा हंगामा हुआ, बल्कि पुलिस कार्रवाई और अदालती कार्रवाई तक हुई । 25/30 लोगों की हंगामाई गुंडागर्दी के चलते होटल में ठहरे और आने वाले दूसरे नागरिकों को परेशानी हुई, और उन्होंने लायनिज्म के नाम पर हो रही लफंगई को सामने सामने देखा । होटल प्रबंधन ने साफ घोषणा की कि देश-विदेश में उनके पाँच सौ से ज्यादा होटल हैं - और वह सभी को सचेत कर रहे हैं कि वह अपने अपने यहाँ लायनिज्म की गतिविधियों के लिए कोई बुकिंग न करें । और यह सब हुआ सिर्फ इसलिए क्योंकि तेजपाल खिल्लन और उनके साथ जुटे लोगों को किसी भी कीमत पर जीत चाहिए थी - जब उन्हें जीत मिलती हुई नहीं दिखी, तो उन्होंने लायनिज्म के नाम पर जबर्दस्त कीचड़-उछाल कार्यक्रम को अंजाम दिया, जिसके लिए उन्होंने पहले से ही पूरी तैयारी की हुई थी ।
इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव में अपनी निश्चित पराजय को टालने के लिए तेजपाल खिल्लन की तरफ से अदालती मदद लेने की तैयारी की हुई थी, तो मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन के चुनाव को जीतने के लिए उनकी तरफ से दोतरफा तैयारी थी - एक तरफ तो उन्होंने अपने वोटों की तगड़ी पहरेदारी की हुई थी, दूसरी तरफ उनके द्वारा अजय सिंघल और दीपक राज आनंद को खरीदने की कोशिशें की जा रही थीं । विनय गर्ग को चेयरमैन बनवाने के लिए तेजपाल खिल्लन की तरफ से पाँच वोटों का हालाँकि दावा तो किया जा रहा था; लेकिन आनंद साहनी, स्वर्ण सिंह खालसा और संदीप सहगल को लेकर वह आशंकित भी थे - इसलिए इनकी पहरेदारी करने के साथ साथ अजय सिंघल को बीस लाख तथा दीपक राज आनंद को पंद्रह लाख रुपए का ऑफर देकर खरीदने का प्रयास भी किया जा रहा था । तेजपाल खिल्लन को दीपक राज आनंद 'फँसते' हुए नजर भी आए और इसीलिए चुनाव से पिछली रात वह दीपक राज आनंद को एक-डेढ़ घंटे तक घेरे भी रहे । तेजपाल खिल्लन ने उन्हें समझाया कि तुम 'उस' तरफ की बजाए यदि 'इस' तरफ वोट दोगे, तो तुम पर कोई शक भी नहीं करेगा - हम बीएम सिंह को पहले ही इतना बदनाम कर चुके हैं कि हर कोई उन्हें ही धोखेबाज समझेगा । किसी भी कीमत पर विनय गर्ग को मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन चुनवाने/बनवाने में लगे तेजपाल खिल्लन को यह अंदाजा नहीं था कि विनय गर्ग की जीत पर मुसीबत दरअसल कहीं और से आने वाली है ।
मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद के लिए तगड़ी लामबंदी के साथ चुनाव की प्रक्रिया जब शुरू हुई - उम्मीदवारों और मतदाताओं के कागज/पत्तर की जब जाँच/पड़ताल शुरू हुई तो पता चला कि विनय गर्ग की उम्मीदवारी के प्रस्तावक और समर्थक के रूप में बीएम शर्मा और संदीप सहगल के क्लब के ड्यूज क्लियर नहीं हैं, और इसलिए वह इस चुनाव में वोट देने के अधिकारी ही नहीं हैं । यह सुन/जान कर विनय गर्ग और उनके साथियों के तो तोते उड़ गए - जिस जीत को वह बहुत आसान समझ रहे थे, वह उनके हाथ से फिसलती हुई दिख रही थी । विनय गर्ग और उनके गवर्नर इलेक्ट इंद्रजीत सिंह डिस्ट्रिक्ट के चुनाव में दोहरी हार का सामना कर चुके थे - डिस्ट्रिक्ट में भी उन्हें जीतने का पक्का भरोसा था, किंतु मिली उन्हें हार थी । मल्टीपल में भी यही हाल होता हुआ दिखा, तो फिर वह आपे से बाहर हो गए । उनकी जिद रही कि ड्यूज/फ्यूज के नियम पर ध्यान न दिया जाए और सभी को वोट देने का अधिकार मिले - यानि जल्दी से विनय गर्ग को विजेता घोषित किया जाए । मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद के दूसरे उम्मीदवार अनिल तुलस्यान और उनके समर्थकों ने लेकिन साफ कह दिया कि नियमों की अवहेलना करते हुए यदि चुनाव हुआ, तो वह चुनाव में शामिल नहीं होंगे और इस चुनाव को स्वीकार नहीं करेंगे । पर्ची डाल कर और या टॉस करके चुनाव कराने का विकल्प आया - विनय गर्ग और इंद्रजीत सिंह उसके लिए तैयार नहीं हुए । मौके पर मौजूद इंटरनेशनल डायरेक्टर विजय राजु तथा पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर्स से विचार-विमर्श हुआ, उन सभी का कहना रहा कि चुनाव में नियमों का तो सख्ती से पालन होना ही चाहिए । विनय गर्ग और इंद्रजीत सिंह ने लेकिन उनकी बात भी नहीं सुनी/मानी और वह अपनी जिद पर अड़े रहे । मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद की चुनावी प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए शाम से शुरू हुई में मीटिंग में जब रात ग्यारह/बारह बजे तक यही जिद चलती रही, तो मीटिंग यह कहते हुए स्थगित की गई कि इस मामले में लायंस इंटरनेशनल के पदाधिकारियों से विचार करने के बाद इस चुनाव को संपन्न किया जाएगा ।
मीटिंग से निकल कर विनय गर्ग और इंद्रजीत सिंह ने तेजपाल खिल्लन को सारा किस्सा सुनाया; तेजपाल खिल्लन ने उन्हें अपने लोगों को इकट्ठा करने को कहा और करीब 25/30 लोगों को साथ लेकर, जिनमें ज्यादातर लोग डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू के थे, वह नरेश अग्रवाल के कमरे की तरफ बढ़े और लोगों ने उनके कमरे का दरवाजा बुरी तरफ पीटते हुए उनके खिलाफ गालियाँ और भद्दे शब्द निकालते हुए तांडव शुरू कर दिया । नरेश अग्रवाल ने कमरे से बाहर आकर उनसे  बात करने की कोशिश की, लेकिन बात करने की बजाए वह लगातार नरेश अग्रवाल के खिलाफ भद्दे शब्दों का ही इस्तेमाल करते रहे । होटल स्टॉफ ने दूसरे नागरिकों को हो रही असुविधा का वास्ता देकर तेजपाल खिल्लन तथा उनके साथ के लोगों को रोकने की कोशिश की, लेकिन हंगामाईयों ने उनकी एक न सुनी । यह तमाशा रात करीब दो बजे का है। होटल स्टॉफ ने तब पुलिस बुला ली, और तब तेजपाल खिल्लन तथा उनके साथी तितर-बितर हुए । तेजपाल खिल्लन के साथ हंगामा करने/करवाने वालों में डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू के पूर्व गवर्नर्स सुभाष बत्रा, चमन लाल गुप्ता, रमेश नांगिया, अजय गोयल तथा 'इनके' उम्मीदवार के रूप में सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव में पराजित हुए यशपाल अरोड़ा आगे आगे थे । रमेश नांगिया और चमनलाल गुप्ता डिस्ट्रिक्ट में इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए एंडोर्समेंट लेना चाहते थे, लेकिन रमेश नांगिया तो खुद ही मैदान छोड़ गए थे और चमनलाल गुप्ता को जेपी सिंह के सामने पराजय का सामना करना पड़ा था । इससे समझा जा सकता है कि तेजपाल खिल्लन के साथ दरअसल वह लोग थे, जो अपने डिस्ट्रिक्ट में चुनावी मुकाबले में हार के शिकार हुए थे; और उस हार से पैदा हुई अपनी फ्रस्ट्रेशन से वह न सिर्फ मल्टीपल कॉन्फ्रेंस को खराब कर रहे थे, बल्कि लायनिज्म को भी कलंकित कर रहे थे । अगले दिन, नरेश अग्रवाल के भाषण के बीच में नरेश अग्रवाल के प्रति अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए व्यवधान डालने के काम भी चमनलाल गुप्ता के बेटे ने ही किया, जिसके बाद लोगों के बीच मार-पिटाई हो गई । चमनलाल गुप्ता के बेटे की कारस्तानी को जस्टीफाई करने के लिए तेजपाल खिल्लन और उनके साथियों का तर्क रहा कि नरेश अग्रवाल अपने भाषण में एकतरफा बातें कर रहे थे - यानि नरेश अग्रवाल अपने भाषण में क्या कहें, यह तेजपाल खिल्लन और उनके साथी तय करना चाहते हैं । नरेश अग्रवाल अपने भाषण में लोगों के सामने पिछली शाम/रात का पूरा घटना चक्र बता रहे थे, जिससे तेजपाल खिल्लन और डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू के अपने डिस्ट्रिक्ट में हारे हुए लोगों की हरकतों की असलियत सामने आ रही थी, जिससे बौखलाकर चमनलाल गुप्ता के बेटे ने बीच भाषण में ही नरेश अग्रवाल के साथ बदतमीजी शुरू कर दी, और तेजपाल खिल्लन तथा उनके साथियों ने उसका बचाव किया ।
इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव में अपनी पराजय को छिपाने के लिए तेजपाल खिल्लन ने अदालती कार्रवाई का सहारा लिया, और मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद की चुनावी लड़ाई को जीतने के लिए लफंगई का । लायनिज्म के सौ वर्षों के इतिहास में हार से बचने के लिए ऐसा तमाशा इससे पहले कभी नहीं हुआ । इसीलिए तेजपाल खिल्लन और डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू के हारे/फ्रस्ट्रेटेड लोगों के गाली-गलौच भरे हिंसक हंगामे ने मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 तथा लायनिज्म को कलंकित करने का जो काम किया है, उसकी भरपाई होना मुश्किल क्या - असंभव ही है ।