Wednesday, May 3, 2017

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3100 की पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संगीता कुमार के बेटे के विदेशी हथियारों का तस्कर होने के खुलासे के बाद डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए प्रस्तुत श्रीहरी गुप्ता की उम्मीदवारी के सामने दोहरा संकट खड़ा हुआ

मेरठ । पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संगीता कुमार के बेटे के विदेशी हथियारों का तस्कर होने की बात सामने आने से मेरठ के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स जिस शर्मिंदगी में फँसे हैं, उसके कारण वर्ष 2018-19 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए होने वाले चुनाव में श्रीहरी गुप्ता की उम्मीदवारी के लिए अजीब सा संकट खड़ा हो गया है । दरअसल श्रीहरी गुप्ता को उम्मीद थी कि मेरठ के सभी पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स उनकी उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने के अभियान में लगेंगे, तो उनकी उम्मीदवारी की नैय्या आसानी से पार हो जाएगी । पिछले वर्षों में यह देखा गया है कि मेरठ से यदि एक उम्मीदवार रहा है, तो चाहे/अनचाहे उसे मेरठ के सभी पूर्व गवर्नर्स का समर्थन मिला है । श्रीहरी गुप्ता के तो फिर अधिकतर पूर्व गवर्नर्स के साथ अच्छे संबंध रहे हैं, और उन्होंने अधिकतर पूर्व गवर्नर्स के लिए काम किया हुआ है । संजीव रस्तोगी की तो डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस के वह चेयरमैन थे । संगीता कुमार के गवर्नर-काल में भी उन्होंने अत्यंत सक्रिय भूमिका निभाई थी । एक अच्छा कार्यकर्ता होने के कारण श्रीहरी गुप्ता उन गवर्नर्स के साथ भी तालमेल बैठाने में सफल रहे, जिनकी आपस में नहीं भी बनती थी और जो एक-दूसरे के धुर-विरोधी रहे थे । इस कारण से श्रीहरी गुप्ता को उम्मीद थी कि मेरठ के पूर्व गवर्नर्स उनकी उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने हेतु अपने अपने तरीके से काम करेंगे श्रीहरी गुप्ता को चक्रेश लोहिया से मुकाबला करने के लिए मेरठ के पूर्व गवर्नर्स के समर्थन की जरूरत भी है । चक्रेश लोहिया भी डिस्ट्रिक्ट में एक अत्यंत सक्रिय और समर्पित कार्यकर्ता के रूप में जाने/पहचाने जाते हैं । मेरठ के कुछेक पूर्व गवर्नर्स के लिए उन्होंने भी अपना खूब पसीना बहाया है । उनकी उम्मीदवारी के पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए मुरादाबाद के कुछेक पूर्व गवर्नर्स अपने अपने तरीके से काम करते हुए भी सुने गए हैं । ऐसे में, चक्रेश लोहिया की उम्मीदवारी को टक्कर देने के लिए श्रीहरी गुप्ता को अपनी उम्मीदवारी के लिए मेरठ के पूर्व गवर्नर्स के समर्थन की जरूरत है ही
श्रीहरी गुप्ता की यह जरूरत पूरी हो भी जाती, लेकिन संगीता कुमार के बेटे के विदेशी हथियारों तथा वन्य जीवों के अवशेषों के तस्कर होने की बात सामने आने से सब गुड़ गोबर हो गया । राजस्व गुप्तचर निदेशालय (डीआरआई) और वन विभाग की छापेमारी में पता चला कि संगीता कुमार का बेटा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हथियारों की तस्करी करने वाले सिंडीकेट से जुड़ा है । संगीता कुमार के बेटे की यह कारस्तानी सामने आने से आम तौर पर डिस्ट्रिक्ट 3100 के तथा खासतौर पर मेरठ के रोटेरियंस भौंचक रह गए । मेरठ में जो रोटेरियंस संगीता कुमार और उनके परिवार को नजदीक से जानते/देखते रहे हैं, उन्हें पिछले कुछ वर्षों में संगीता कुमार और उनके परिवार की अचानक और अप्रत्याशित रूप से बढ़ी समृद्धि को देख कर हैरानी तो हुई और कई एक को दाल में काला/पीला होने का भी शक हुआ - लेकिन किसी को यह अंदाजा नहीं हो सका कि अचानक और अप्रत्याशित रूप से बढ़ी उनकी तड़क-भड़क के पीछे उनके बेटे की तस्करी से मिली कमाई है । छापेमारी और जाँच में पता चला है कि संगीता कुमार के बेटे ने घर में ही कारतूस और हथियार बनाने का साजो-सामान फिट किया हुआ था । छापेमारी और जाँच में जिस तरह की सूचनाएँ आ रही हैं, उनसे साफ आभास मिल रहा है कि बेटे की कारस्तानियों की संगीता कुमार को न सिर्फ पूरी जानकारी रही होगी, बल्कि उनकी मिलीभगत भी रही होगी । इस तरह की चर्चाओं ने मेरठ के रोटेरियंस, खासकर पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के सामने एक बड़ा नैतिक संकट खड़ा कर दिया है । संगीता कुमार काफी सक्रिय पूर्व गवर्नर रही हैं, और प्रायः प्रत्येक गवर्नर के कार्यक्रमों में सक्रियता और दिलचस्पी के साथ भूमिका निभाती रही हैं । ऐसे में, संगीता कुमार के बेटे से जुड़े मामले में आम रोटेरियंस की तरफ से उनसे भी सवाल पूछे जाने लगे । पूर्व गवर्नर्स के लिए मुसीबत की बात यह हुई कि पूछे गए सवालों का वह क्या जबाव दें; लिहाजा उन्होंने चुप रहने और आम रोटेरियंस से बच कर रहने में ही अपनी अपनी भलाई देखी/पहचानी । पूर्व गवर्नर्स के इस रवैये ने श्रीहरी गुप्ता की उम्मीदों को तगड़ा झटका दिया है ।
संगीता कुमार के बेटे की कारस्तानी ने वर्ष 2018-19 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए होने वाले चुनाव को दिलचस्प तरीके से प्रभावित किया है । डिस्ट्रिक्ट 3100 में रोटेरियंस की जुबान पर संगीता कुमार के बेटे के कारनामे ही हैं - ऐसे में, मेरठ का होने के कारण श्रीहरी गुप्ता के लिए किसी से रोटरी की और चुनाव की बात तक कर पाना मुश्किल हो रहा है । उनके नजदीकियों के अनुसार, वह जिससे भी अपनी उम्मीदवारी के संबंध में बात करने की कोशिश करते हैं, संगीता कुमार के बेटे का जिक्र छेड़ देता है और उलटे श्रीहरी गुप्ता से ही सवाल पूछने लगता है । श्रीहरी गुप्ता को इस बात का भी ध्यान रखना पड़ता है कि वह किसी से कहीं कोई ऐसी बात न कह दें, जो उनकी चुनावी राजनीति के लिए मुसीबत बन जाए डिस्ट्रिक्ट 3100 की पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संगीता कुमार के बेटे की कारस्तानी के खुलासे ने देशभर में तो बबाल मचाया हुआ है, लेकिन डिस्ट्रिक्ट 3100 के प्रमुख लोगों ने मुँह पर ताले डाले हुए हैं । आम रोटेरियन लेकिन सवाल पूछना चाहता है और जब भी उसे मेरठ का कोई प्रमुख रोटेरियन हाथ लगता है, तो वह सवाल जरूर पूछता है । मेरठ के पूर्व गवर्नर्स तो आम रोटेरियंस के हाथ आने से बच रहे हैं, लेकिन श्रीहरी गुप्ता को तो आम रोटेरियंस के पास जाना ही है - आम रोटेरियंस से लेकिन उन्हें जब संगीता कुमार के बेटे के कारनामों से जुड़े सवाल सुनने को मिलते हैं, तो उन्हें अपनी उम्मीदवारी मुसीबत में फँसती हुई महसूस होती है इस तरह, संगीता कुमार के बेटे की पोल-पट्टी खुलने से डिस्ट्रिक्ट में जो माहौल बना है - उसके कारण श्रीहरी गुप्ता की उम्मीदवारी के सामने दोहरा संकट खड़ा हो गया है ।