Friday, May 26, 2017

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3080 में राजा साबू की सरपरस्ती के बावजूद डीसी बंसल गवर्नर तो नहीं ही बन पाए, रोटरी से बाहर और कर दिए गए हैं; डिस्ट्रिक्ट 3100 में डीके शर्मा का भी उनके जैसा ही हाल होने की संभावना

देहरादून । राजेंद्र उर्फ राजा साबू ने जिन डीसी बंसल को वर्ष 2017-18 का डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनवाने के लिए पिछले करीब दो वर्षों से डिस्ट्रिक्ट को 'बंधक' बना रखा था, वह डीसी बंसल वर्ष 2017-18 शुरू होने से पहले क्लब सहित रोटरी से निकाल दिए गए हैं । राजा साबू की एक हरकत डिस्ट्रिक्ट के लिए भी भारी पड़ी है, जिसका नजारा यह है कि वर्ष 2017-18 में डिस्ट्रिक्ट अनाथ जैसे स्थिति में है - क्योंकि इस वर्ष के लिए डिस्ट्रिक्ट के पास कोई गवर्नर नहीं है । राजा साबू ने वर्ष 2018-19 के लिए चुने गए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर प्रवीन चंद्र गोयल को वर्ष 2017-18 की गवर्नरी के लिए राजी कर लिया था; वह राजी भी हो गए थे और अपनी ट्रेनिंग की औचारिकता पूरी कर उन्होंने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट के रूप में काम करना शुरू भी कर दिया था, लेकिन अब उन्होंने भी रोटरी इंटरनेशनल से गुहार लगाई हुई है कि उन्हें तो उनके वास्तविक वर्ष - वर्ष 2018-19 में ही गवर्नरी करने का मौका दिया जाए । पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट राजा साबू के डिस्ट्रिक्ट में हालत यह आ गई है कि अगले रोटरी वर्ष के लिए होने वाले पेट्स (प्रेसीडेंट्स इलेक्ट ट्रेनिंग सेमीनार) और सेट्स (सेक्रेटरीज इलेक्ट ट्रेनिंग सेमीनार) जैसे कार्यक्रम करने की जिम्मेदारी मौजूदा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रमन अनेजा पर आ पड़ी है । डिस्ट्रिक्ट की, डीसी बंसल की, और खुद राजा साबू की फजीहत करने और दिखाने वाला यह परिदृश्य सिर्फ इस कारण बना - क्योंकि वर्ष 2014-15 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में नोमीनेटिंग कमेटी द्वारा चुने गए अधिकृत उम्मीदवार टीके रूबी को राजा साबू गवर्नर की कुर्सी तक नहीं पहुँचने देना चाहते थे; जिस कारण उनकी शह पर डीसी बंसल को मोहरा बना कर टीके रूबी को रास्ते से हटाने के लिए चक्रव्यूह रचा गया । उस चक्रव्यूह में लेकिन खुद राजा साबू, उनका साथ देने वाले कॉलिज ऑफ गवर्नर्स के सदस्य तथा डीसी बंसल ही फँस गए । राजा साबू इस बात पर अपनी पीठ हालाँकि जरूर थपथपा सकते हैं कि उन्होंने अंततः टीके रूबी को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नहीं ही बनने दिया है । इस 'उपलब्धि' पर कोई चाहे तो राजा साबू, कॉलिज ऑफ गवर्नर्स के उनके साथियों और डीसी बंसल को माला पहना सकता है ।
माला पहनने के इस काम को अंजाम देने में 'इस्तेमाल' होने वाले डीसी बंसल के लिए विडम्बना की बात यह हुई है कि अभी जब रोटरी इंटरनेशनल द्वारा उन्हें उनके क्लब सहित रोटरी से निकाल दिया गया है, तब राजा साबू और कॉलिज ऑफ गवर्नर्स के सदस्यों ने भी उनसे मुँह फेर लिया है । शायद इसलिए ही, क्योंकि अब वह उनके 'काम' के नहीं रह गए हैं । डीसी बंसल वर्ष 2017-18 की डिस्ट्रिक्ट गवर्नरी पर अपना अधिकार जताते हुए उसे प्राप्त करने की कोशिश में अदालत की शरण में गए, जिसके बाद वह रोटरी इंटरनेशनल के कोप का भाजन बने और क्लब सहित रोटरी से निकाल दिए गए हैं । रोटरी इंटरनेशनल का मानना है कि जिस रोटेरियन को रोटरी इंटरनेशनल की व्यवस्था और फैसले लेने की उसकी गंभीरता और निष्पक्षता पर भरोसा नहीं है - उसे फिर रोटरी में क्यों होना/रहना चाहिए ? रोटरी इंटरनेशनल में इस संदर्भ में नियम भी है । डीसी बंसल के लिए कुछेक लोगों को यह भी लग रहा है कि बदकिस्मती जैसे उनके साथ-साथ चल रही है । राजा साबू जैसा बड़ा नेता और कॉलिज ऑफ गवर्नर्स के सारे सदस्य दो वर्षों तक उन्हें गवर्नर चुनवाने/बनवाने की जीतोड़ कोशिश करते रहे - डीसी बंसल को जब अधिकृत उम्मीदवार के रूप में टीके रूबी को चेलैंज करने के लिए कॉन्करेंस की जरूरत थी, तब राजा साबू तथा सभी पूर्व गवर्नर्स ने अपने अपने क्लब के साथ-साथ अपने प्रभाव वाले दूसरे क्लब्स से भी उन्हें कॉन्करेंस दिलवाईं; डीसी बंसल को जब वोटों की जरूरत थी, तब डिस्ट्रिक्ट के इन्हीं महारथियों ने उन्हें वोट दिलवाए; डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में पहले दिलीप पटनायक ने और फिर डेविड हिल्टन ने डीसी बंसल के लिए कठपुतलियों की तरह काम किया; डिस्ट्रिक्ट का चुनावी झगड़ा जब जब रोटरी इंटरनेशनल में पहुँचा, तब तब राजा साबू ने डीसी बंसल के पक्ष में फैसला करवाने के लिए प्रयास किया - लेकिन कोई भी तरकीब डीसी बंसल को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नहीं बनवा सकी । रोटरी की 'व्यवस्था' से निराश होने के बाद, डिस्ट्रिक्ट गवर्नरी प्राप्त करने के लिए डीसी बंसल अभी पिछले दिनों जब अदालत की शरण में गए - तो रोटरी इंटरनेशनल ने उन्हें उनके क्लब सहित रोटरी से ही निकाल दिया है ।
रोटरी इंटरनेशनल ने डिस्ट्रिक्ट 3080 में अगले रोटरी वर्ष की गवर्नरी पाने की कोशिश करने वाले डीसी बंसल के साथ जो सुलूक किया है, उसने डिस्ट्रिक्ट 3100 में अगले रोटरी वर्ष की गवर्नरी पाने की कोशिश में अदालत गए डीके शर्मा के सामने भी रोटरी से बाहर हो जाने का खतरा पैदा कर दिया है । आखिर एक से ही दो मामलों में रोटरी इंटरनेशनल अलग अलग व्यवहार तो नहीं ही करेगा ? यूँ तो दोनों डिस्ट्रिक्ट में मामला अलग अलग किस्म का है, किंतु एक बात तो दोनों में समान है कि डीसी बंसल की तरह डीके शर्मा ने भी रोटरी की व्यवस्था और फैसला करने के मामले में रोटरी इंटरनेशनल की गंभीरता और निष्पक्षता पर भरोसा खो दिया है - और वह भी 'न्याय' पाने के लिए अदालत चले गए । फैसला करने के मामले में रोटरी इंटरनेशनल की गंभीरता और निष्पक्षता पर भरोसा खो देने के कारण यदि डीसी बंसल रोटरी में रहने के अधिकारी नहीं रहे हैं, तो फिर डीके शर्मा ही किस तर्क से रोटरी में रह पायेंगे ? डीसी बंसल और डीके शर्मा के मामले में एक बड़ी दिलचस्प समानता है, और वह यह कि दोनों को ही अपने अपने डिस्ट्रिक्ट में कॉलिज ऑफ गवर्नर्स के सदस्यों का एकतरफा समर्थन मिला है - लेकिन फिर भी वह गवर्नर नहीं बन पाए या पा रहे हैं, और दोनों के ही सामने रोटेरियन बने रहने तक का संकट खड़ा हो गया है ।