नई
दिल्ली । वीएस कुकरेजा को इंटरनेशनल डायरेक्टर एंडॉर्सी चुनवाने/बनवाने की
जिम्मेदारी लेकर तेजपाल खिल्लन ऐसी मुसीबत फँस गए हैं कि उनसे न निगलते बन
रहा है, और न उगलते - इस मामले में मल्टीपल के अधिकतर डिस्ट्रिक्ट्स जिस
तरह जेपी सिंह के प्रति समर्थन व्यक्त कर रहे हैं, उससे जेपी सिंह के सामने
तेजपाल खिल्लन कच्चे खिलाड़ी भी साबित हो रहे हैं । तेजपाल खिल्लन के
नजदीकियों के अनुसार, तेजपाल खिल्लन भी महसूस कर रहे हैं कि वीएस कुकरेजा
के चक्कर में उन्होंने नाहक ही मल्टीपल में अपने लिए फजीहत का मौका बनवा
लिया है । इन दोनों के डिस्ट्रिक्ट - डिस्ट्रिक्ट 321 ए वन के लोगों का
हालाँकि कहना है कि इस मामले में तेजपाल खिल्लन दरअसल अपने ही जाल में फँस
गए हैं; तेजपाल खिल्लन अपनी राजनीति चलाने/बढ़ाने/दिखाने के लिए एक 'मुर्गा'
खोजते हैं - इसी तर्ज पर उन्होंने वीएस कुकरेजा में हवा भरी, लेकिन वीएस
कुकरेजा कुछ अपनी बेवकूफी में और कुछ अपने सयानेपन में उनका 'मुर्गा' नहीं
बन पाए; और इस कारण तेजपाल खिल्लन के लिए चिकेन की व्यवस्था करना
मुश्किल हो गया है । इसका नतीजा है कि मल्टीपल के दस में से जिन तीन
डिस्ट्रिक्ट्स में तेजपाल खिल्लन ने एक एक ग्रुप का - यानि आधे/आधे लोगों
का अलग अलग कारणों से जो समर्थन जुटाया भी है, उस 'समर्थन' को मौके पर
पहुँचाने को लेकर ही उनके पसीने छूट रहे हैं ।
हद की बात तो यह है कि तेजपाल खिल्लन और वीएस कुकरेजा के अपने डिस्ट्रिक्ट - डिस्ट्रिक्ट 321 ए वन से ज्यादा लोग मल्टीपल कन्वेंशन में जाने को लेकर उत्साहित नहीं दिख रहे हैं । इस तरह के मामलों में लोगों को उत्साहित करने के लिए दरअसल 'रिवाज' यह बना हुआ है कि लोगों को बताया जाये कि उनका रजिस्ट्रेशन करवा लिया गया है, और उनके ठहरने के लिए कमरे बुक हो चुके हैं । तेजपाल खिल्लन और वीएस कुकरेजा की तरफ से चूँकि ऐसा कुछ नहीं कहा जा रहा है, इसलिए अलग अलग कारणों से उनके समर्थन में बने दिख रहे लोग भी निराश हैं । दिलचस्प नजारा यह है कि इनके अपने डिस्ट्रिक्ट से ज्यादा उछल-कूद तो डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू और डिस्ट्रिक्ट 321 एफ के एक एक खेमे के गवर्नर्स दिखा रहे हैं - लेकिन उनके बीच भी इस बात को लेकर निराशा है कि तेजपाल खिल्लन और वीएस कुकरेजा की तरफ से कोई 'ऑफर' ही नहीं मिल रहा है; कुछेक लोगों ने तो इनसे शिकायत भी की है कि 'रिवाज' के अनुसार यदि ऑफर नहीं दोगे, तो लोग 'वोट, सपोर्ट और इलेक्ट' करवाने क्यों आयेंगे ? वीएस कुकरेजा का कहना है कि वह जब उम्मीदवार ही नहीं रह गए हैं, तो फिर उम्मीदवार द्वारा निभाया जाने वाला 'रिवाज' वह भला क्यों पूरा करें ? उनकी बात भी ठीक है, और उसमें दम है ।
लेकिन इस ठीक बात के चक्कर में डिस्ट्रिक्ट 321 ए वन व डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू और डिस्ट्रिक्ट 321 एफ के उन गवर्नर्स ने अपनी स्थिति हास्यास्पद बना ली है, जो सोशल मीडिया में वीएस कुकरेजा के लिए 'वोट-सपोर्ट-इलेक्ट' के पोस्टर लहरा रहे हैं । यह बेचारे पोस्टर तो लहरा रहे हैं, किंतु इनके पास इस बात का जबाव नहीं है कि वीएस कुकरेजा का जब नामांकन ही रिजेक्ट हो गया है, जिसके चलते वह उम्मीदवार ही नहीं रह गए हैं - तो उन्हें वोट कैसे दे पाओगे, कैसे उन्हें इलेक्ट करोगे ? जाहिर है कि वीएस कुकरेजा के समर्थन के नाम पर एक निर्लज्ज किस्म की मूर्खता का प्रदर्शन हो रहा है । कुछेक गवर्नर्स का गहरी नाराजगी के साथ हालाँकि कहना यह भी है कि उनके नाम से वीएस कुकरेजा को 'वोट-सपोर्ट-इलेक्ट' वाले पोस्टर उन्होंने नहीं निकाले हैं, बल्कि उनके नाम से किसी ने फर्जीवाड़ा किया है ।
इस फर्जीवाड़े के लिए तेजपाल खिल्लन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है । लोगों का कहना है कि तेजपाल खिल्लन दावा कर रहे हैं कि वीएस कुकरेजा अभी भी उम्मीदवार हैं और उनकी उम्मीदवारी को रद्द नहीं किया जा सकता है । वह तर्क दे रहे हैं कि दीपक तलवार की चेयरमैनी वाली नोमीनेशन कमेटी का गठन ही गैरकानूनी है, और इस कमेटी को नामांकन रद्द करने का अधिकार ही नहीं है । तेजपाल खिल्लन ने कोशिश की थी कि इस कमेटी के को-चेयरमैन राजीव मित्तल कमेटी के गैरकानूनी होने का वास्ता देकर कमेटी और अपने पद से इस्तीफा दे दें । राजीव मित्तल ने लेकिन उनकी बात मानने से साफ इंकार कर दिया । राजीव मित्तल, तेजपाल खिल्लन के डिस्ट्रिक्ट के ही पूर्व गवर्नर हैं; इसलिए उनके इंकार ने तेजपाल खिल्लन की और फजीहत कर दी है । मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन जेसी वर्मा भी तेजपाल खिल्लन के डिस्ट्रिक्ट के ही हैं, लेकिन उनकी तरफ से भी तेजपाल खिल्लन की फजीहत करने/कराने का कोई मौका नहीं छोड़ा जा रहा है । दरअसल डिस्ट्रिक्ट में तेजपाल खिल्लन ने राजीव मित्तल और जेसी वर्मा की ऐसीतैसी कर रखी है, सो इन्हें अब तेजपाल खिल्लन से बदला लेने का मौका मिल रहा है - और यह कोई मौका छोड़ भी नहीं रहे हैं । इनके रवैये ने मल्टीपल में नेतागिरी जमाने/दिखाने की तेजपाल खिल्लन की कोशिशों को पलीता लगा दिया है ।
तेजपाल खिल्लन के लिए मुसीबत और फजीहत की बात यह भी हुई है कि वीएस कुकरेजा की उम्मीदवारी को लेकर वह दूसरों को तो आश्वस्त करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन खुद वीएस कुकरेजा को उनके दावे और उनकी बातों पर भरोसा नहीं हो रहा है - और यही कारण है कि अपनी उम्मीदवारी को लेकर वह खुद ही उत्साहित नहीं रह गए हैं, और लोगों से बचने/छिपने में ही लगे हुए हैं । अभी हाल ही में संपन्न हुई डिस्ट्रिक्ट 321 सी वन की डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में उन्हें बड़े सम्मान के साथ आमंत्रित किया गया था; डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस के निमंत्रण पत्र पर उनका नाम और फोटो था तथा बैकड्रॉप बैनर में भी उनका नाम और फोटो था - किंतु वीएस कुकरेजा कॉन्फ्रेंस में पहुँचे ही नहीं । उन्हें अपने उम्मीदवार होने का सचमुच भरोसा होता, तो क्या वह ऐसा कर सकते थे ? उनकी अनुपस्थिति में जेपी सिंह ने दोहरा फायदा उठाया - और उस एक आयोजन से मल्टीपल के डिस्ट्रिक्ट्स में यह साफ संदेश गया कि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की चुनावी दौड़ से वीएस कुकरेजा ने अपने आपको बाहर मान लिया है, और इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए एक अकेले उम्मीदवार जेपी सिंह ही हैं । 'मुद्दई सुस्त, गवाह चुस्त' वाली तर्ज पर मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 में इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव का दिलचस्प नजारा है कि वीएस कुकरेजा तो अपनी तथाकथित उम्मीदवारी को लेकर चुप बने हुए हैं और लोगों से बचते/छिपते फिर रहे हैं, जबकि तेजपाल खिल्लन फर्जी तौर-तरीके से उनकी उम्मीदवारी के बारे में झूठ फैलाने के काम में लगे हुए हैं ।
हद की बात तो यह है कि तेजपाल खिल्लन और वीएस कुकरेजा के अपने डिस्ट्रिक्ट - डिस्ट्रिक्ट 321 ए वन से ज्यादा लोग मल्टीपल कन्वेंशन में जाने को लेकर उत्साहित नहीं दिख रहे हैं । इस तरह के मामलों में लोगों को उत्साहित करने के लिए दरअसल 'रिवाज' यह बना हुआ है कि लोगों को बताया जाये कि उनका रजिस्ट्रेशन करवा लिया गया है, और उनके ठहरने के लिए कमरे बुक हो चुके हैं । तेजपाल खिल्लन और वीएस कुकरेजा की तरफ से चूँकि ऐसा कुछ नहीं कहा जा रहा है, इसलिए अलग अलग कारणों से उनके समर्थन में बने दिख रहे लोग भी निराश हैं । दिलचस्प नजारा यह है कि इनके अपने डिस्ट्रिक्ट से ज्यादा उछल-कूद तो डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू और डिस्ट्रिक्ट 321 एफ के एक एक खेमे के गवर्नर्स दिखा रहे हैं - लेकिन उनके बीच भी इस बात को लेकर निराशा है कि तेजपाल खिल्लन और वीएस कुकरेजा की तरफ से कोई 'ऑफर' ही नहीं मिल रहा है; कुछेक लोगों ने तो इनसे शिकायत भी की है कि 'रिवाज' के अनुसार यदि ऑफर नहीं दोगे, तो लोग 'वोट, सपोर्ट और इलेक्ट' करवाने क्यों आयेंगे ? वीएस कुकरेजा का कहना है कि वह जब उम्मीदवार ही नहीं रह गए हैं, तो फिर उम्मीदवार द्वारा निभाया जाने वाला 'रिवाज' वह भला क्यों पूरा करें ? उनकी बात भी ठीक है, और उसमें दम है ।
लेकिन इस ठीक बात के चक्कर में डिस्ट्रिक्ट 321 ए वन व डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू और डिस्ट्रिक्ट 321 एफ के उन गवर्नर्स ने अपनी स्थिति हास्यास्पद बना ली है, जो सोशल मीडिया में वीएस कुकरेजा के लिए 'वोट-सपोर्ट-इलेक्ट' के पोस्टर लहरा रहे हैं । यह बेचारे पोस्टर तो लहरा रहे हैं, किंतु इनके पास इस बात का जबाव नहीं है कि वीएस कुकरेजा का जब नामांकन ही रिजेक्ट हो गया है, जिसके चलते वह उम्मीदवार ही नहीं रह गए हैं - तो उन्हें वोट कैसे दे पाओगे, कैसे उन्हें इलेक्ट करोगे ? जाहिर है कि वीएस कुकरेजा के समर्थन के नाम पर एक निर्लज्ज किस्म की मूर्खता का प्रदर्शन हो रहा है । कुछेक गवर्नर्स का गहरी नाराजगी के साथ हालाँकि कहना यह भी है कि उनके नाम से वीएस कुकरेजा को 'वोट-सपोर्ट-इलेक्ट' वाले पोस्टर उन्होंने नहीं निकाले हैं, बल्कि उनके नाम से किसी ने फर्जीवाड़ा किया है ।
इस फर्जीवाड़े के लिए तेजपाल खिल्लन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है । लोगों का कहना है कि तेजपाल खिल्लन दावा कर रहे हैं कि वीएस कुकरेजा अभी भी उम्मीदवार हैं और उनकी उम्मीदवारी को रद्द नहीं किया जा सकता है । वह तर्क दे रहे हैं कि दीपक तलवार की चेयरमैनी वाली नोमीनेशन कमेटी का गठन ही गैरकानूनी है, और इस कमेटी को नामांकन रद्द करने का अधिकार ही नहीं है । तेजपाल खिल्लन ने कोशिश की थी कि इस कमेटी के को-चेयरमैन राजीव मित्तल कमेटी के गैरकानूनी होने का वास्ता देकर कमेटी और अपने पद से इस्तीफा दे दें । राजीव मित्तल ने लेकिन उनकी बात मानने से साफ इंकार कर दिया । राजीव मित्तल, तेजपाल खिल्लन के डिस्ट्रिक्ट के ही पूर्व गवर्नर हैं; इसलिए उनके इंकार ने तेजपाल खिल्लन की और फजीहत कर दी है । मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन जेसी वर्मा भी तेजपाल खिल्लन के डिस्ट्रिक्ट के ही हैं, लेकिन उनकी तरफ से भी तेजपाल खिल्लन की फजीहत करने/कराने का कोई मौका नहीं छोड़ा जा रहा है । दरअसल डिस्ट्रिक्ट में तेजपाल खिल्लन ने राजीव मित्तल और जेसी वर्मा की ऐसीतैसी कर रखी है, सो इन्हें अब तेजपाल खिल्लन से बदला लेने का मौका मिल रहा है - और यह कोई मौका छोड़ भी नहीं रहे हैं । इनके रवैये ने मल्टीपल में नेतागिरी जमाने/दिखाने की तेजपाल खिल्लन की कोशिशों को पलीता लगा दिया है ।
तेजपाल खिल्लन के लिए मुसीबत और फजीहत की बात यह भी हुई है कि वीएस कुकरेजा की उम्मीदवारी को लेकर वह दूसरों को तो आश्वस्त करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन खुद वीएस कुकरेजा को उनके दावे और उनकी बातों पर भरोसा नहीं हो रहा है - और यही कारण है कि अपनी उम्मीदवारी को लेकर वह खुद ही उत्साहित नहीं रह गए हैं, और लोगों से बचने/छिपने में ही लगे हुए हैं । अभी हाल ही में संपन्न हुई डिस्ट्रिक्ट 321 सी वन की डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में उन्हें बड़े सम्मान के साथ आमंत्रित किया गया था; डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस के निमंत्रण पत्र पर उनका नाम और फोटो था तथा बैकड्रॉप बैनर में भी उनका नाम और फोटो था - किंतु वीएस कुकरेजा कॉन्फ्रेंस में पहुँचे ही नहीं । उन्हें अपने उम्मीदवार होने का सचमुच भरोसा होता, तो क्या वह ऐसा कर सकते थे ? उनकी अनुपस्थिति में जेपी सिंह ने दोहरा फायदा उठाया - और उस एक आयोजन से मल्टीपल के डिस्ट्रिक्ट्स में यह साफ संदेश गया कि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की चुनावी दौड़ से वीएस कुकरेजा ने अपने आपको बाहर मान लिया है, और इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए एक अकेले उम्मीदवार जेपी सिंह ही हैं । 'मुद्दई सुस्त, गवाह चुस्त' वाली तर्ज पर मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 में इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव का दिलचस्प नजारा है कि वीएस कुकरेजा तो अपनी तथाकथित उम्मीदवारी को लेकर चुप बने हुए हैं और लोगों से बचते/छिपते फिर रहे हैं, जबकि तेजपाल खिल्लन फर्जी तौर-तरीके से उनकी उम्मीदवारी के बारे में झूठ फैलाने के काम में लगे हुए हैं ।