Monday, June 12, 2017

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 बी वन में पीएसटी स्कूलिंग में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट संदीप सहगल ने गुपचुप तरीके से मीरा सेठ से शराब स्पॉन्सर करवा कर केएस लूथरा की सत्ता को चुनौती देने की कोशिश की है क्या ?

लखनऊ । पीएसटी स्कूलिंग में मीरा सेठ से शराब स्पॉन्सर कराने के मामले में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट संदीप सहगल और पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर केएस लूथरा के बीच लुकाछिपी का जो खेल चला, उसके कारण वरिष्ठ लायन राकेश अग्रवाल बुरी तरह नाराज हुए - और संदीप सहगल का पहला ही कार्यक्रम एक खराब उदाहरण पेश करते हुए संपन्न हुआ । दरअसल स्कूलिंग के आयोजन में केएस लूथरा ने घोषणा की थी कि फैलोशिप में शराब उपलब्ध नहीं करवाई जाएगी । केएस लूथरा की इस घोषणा पर कुछ लोगों को निराशा जरूर हुई और निराशा में उन्होंने बगलें भी झाँकी, लेकिन कुल मिलाकर लोगों ने 'स्थिति' को स्वीकार कर लिया । कार्यक्रम समाप्त होने पर लोगों को लेकिन सुखद आश्चर्य तब हुआ, जब उन्होंने शराब उपलब्ध देखी । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट संदीप सहगल ने यह कहते/बताते हुए लोगों को और चौंका दिया कि इस शराब की व्यवस्था मीरा सेठ की तरफ से की गई है । मीरा सेठ पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर प्रमोद सेठ की पत्नी हैं, जो अगले लायन वर्ष में सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की उम्मीदवार होने की तैयारी में हैं । मीरा सेठ कार्यक्रम में उपस्थित नहीं थीं । उनकी अनुपस्थिति में उनके द्वारा स्पॉन्सर्ड शराब पीना कई लोगों को नागवार गुजरा । वरिष्ठ लायन राकेश अग्रवाल ने केएस लूथरा से पूछा कि माजरा क्या है - आपने तो कहा था कि शराब उपलब्ध नहीं करवाई जाएगी, लेकिन यहाँ शराब उपलब्ध है; और मीरा सेठ जब इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुईं, तो उनसे इस कार्यक्रम के लिए शराब स्पॉन्सर क्यों करवाई गई ? केएस लूथरा ने यह कहते हुए उनसे पीछा छुड़ाना चाहा कि उन्हें तो इस बात का पता ही नहीं है, और यह व्यवस्था संदीप सहगल ने की होगी । केएस लूथरा की इस सफाई से लेकिन राकेश अग्रवाल का गुस्सा शांत नहीं हुआ, और उन्होंने इस बात पर जोरशोर से अपनी नाराजगी व्यक्त की कि संदीप सहगल ने मीरा सेठ से शराब स्पॉन्सर करवाने के मामले में इस तरह से अपनी मनमानी कैसे और क्यों की ?
लोगों को हालाँकि यह बात हजम नहीं हुई कि संदीप सहगल ने केएस लूथरा को विश्वास में लिए बिना मीरा सेठ से शराब स्पॉन्सर करवा ली होगी । लेकिन फिर लोगों को यह भी लगा कि केएस लूथरा को यदि पता होता, तो फिर वह कार्यक्रम में शराब उपलब्ध न करवाने की घोषणा नहीं करते; इस बिना पर माना गया कि संदीप सहगल ने केएस लूथरा को अँधेरे में रख कर मीरा सेठ से पहले से ही सौदा किया हुआ था । मीरा सेठ चूँकि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की उम्मीदवारी के लिए तैयारी कर रही हैं, इसलिए केएस लूथरा को अँधेरे में रख कर संदीप सहगल का उनके साथ कोई सौदा कर लेना एक राजनीतिक मुद्दा बन जाता है । उल्लेखनीय है कि मीरा सेठ के अलावा अशोक अग्रवाल और कमल शेखर गुप्ता भी सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए अपनी अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत करने की तैयारी में हैं । डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में सत्ता खेमे के नेता के रूप में केएस लूथरा ने अभी 'अपना' उम्मीदवार तय न करने की रणनीति बनाई है - और इसीलिए अभी तीनों उम्मीदवारों को समान दूरी पर रखने की उनकी कोशिश है । पीएसटी स्कूलिंग में संदीप सहगल ने लेकिन जिस तरह से केएस लूथरा को बिना बताए मीरा सेठ से शराब स्पॉन्सर करवाई है, उससे उन्होंने केएस लूथरा की कोशिश को धता बताने का ही काम किया है । संदीप सहगल की इस कार्रवाई को उनकी केएस लूथरा से अलग खिचड़ी पकाने की कोशिश के रूप में भी देखा/पहचाना जा रहा है ।
माना/समझा जा रहा है कि अगले लायन वर्ष में शाहजहाँपुर के ही उम्मीदवार को तवज्जो मिलेगी; जहाँ से उम्मीदवार बनने वाले दोनों लोगों - मीरा सेठ और अशोक अग्रवाल को यूँ तो गुरनाम सिंह खेमे के 'सदस्य' के रूप में देखा/पहचाना जाता है, किंतु केएस लूथरा के सामने मजबूरी होगी कि वह इन्हीं दोनों में से किसी एक को अपने उम्मीदवार के रूप में चुनें । केएस लूथरा की इस मजबूरी में कमल शेखर गुप्ता को हालाँकि अपना काम बनता दिख रहा है । मीरा सेठ के लिए समस्या उनके अपने पति की राजनीति ही है, जो गुरनाम सिंह के बड़े खास रहे हैं । समझा जाता है कि केएस लूथरा यदि मीरा सेठ को अपने उम्मीदवार के रूप में अपनाते हैं, और उन्हें सफल बनवाते हैं तो डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में वह अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारेंगे । अशोक अग्रवाल के मामले में लेकिन उन्हें यह खतरा नहीं होगा - यह ठीक है कि अशोक अग्रवाल ने अपना पिछला चुनाव गुरनाम सिंह खेमे के उम्मीदवार के रूप में ही लड़ा था, लेकिन उनकी प्रतिबद्धता प्रमोद सेठ जैसी नहीं है । इसके अलावा, शाहजहाँपुर में मीरा सेठ की बजाए अशोक अग्रवाल यदि गवर्नर बनते हैं, तो यह स्थिति शाहजहाँपुर में राजनीतिक ध्रुवीकरण को साधने तथा उसे बैलेंस करने में मददगार होगी । मजे की बात यह है कि केएस लूथरा के नेतृत्व वाले सत्ता खेमे का समर्थन जुटाने के लिए प्रमोद सेठ और मीरा सेठ की तरफ से इस बात को प्रचारित किया जा रहा है कि पिछली बार गुरनाम सिंह खेमे के होने के बावजूद उन्होंने केएस लूथरा के उम्मीदवार संदीप सहगल का समर्थन किया था । यह प्रचार लेकिन उन्हें फायदा पहुँचाने के बजाए नुकसान पहुँचाने का काम कर रहा है; क्योंकि इससे लेकिन उनके प्रति यह संदेह बना है कि गुरनाम सिंह के नजदीक होने के बावजूद उन्होंने जब उन्हें धोखा देने में संकोच नहीं किया, तो इसकी क्या गारंटी है कि वह केएस लूथरा को धोखा नहीं देंगे ? इसी तरह की बातों के चलते केएस लूथरा उम्मीदवार के बारे में फैसला करने में जल्दबाजी नहीं करना चाहते हैं ।
पीएसटी स्कूलिंग में केएस लूथरा को अँधेरे में रख कर संदीप सहगल ने लेकिन जिस तरह से मीरा सेठ से शराब स्पॉन्सर करवाई है, उससे - और उनकी इस कार्रवाई पर राकेश अग्रवाल ने जिस तरह से नाराजगी प्रकट की, उससे - डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में गर्मी तो पैदा हो ही गई है ।