Wednesday, April 6, 2016

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3080, यानि राजा साबू के डिस्ट्रिक्ट में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग से चुनाव कराने के मामले में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डेविड हिल्टन के अड़ियल रवैये के सामने इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई लाचार और असहाय बने हुए हैं

देहरादून । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डेविड हिल्टन ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग के मुद्दे पर इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई की जैसी फजीहत की है, वह रोटरी के इतिहास की अनोखी और दिलचस्प घटना के रूप में याद रखी जाएगी । रोटरी के इतिहास में किसी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के हाथों किसी इंटरनेशनल डायरेक्टर की ऐसी फजीहत शायद ही हुई होगी, जैसी डिस्ट्रिक्ट 3080 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डेविड हिल्टन ने मनोज देसाई की कर दी है । मजे की बात यह हुई है कि रोटरी न्यूज व रोटरी समाचार के अप्रैल अंक में मनोज देसाई ने क्रमशः अंग्रेजी व हिंदी में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग के बहुत सारे फायदे गिनाते/बताते हुए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग को रोटरी के लिए वक्त की जरूरत बताते हुए उसकी वकालत की है, किंतु डेविड हिल्टन को बात न अंग्रेजी में समझ में आई, और न हिंदी में । मनोज देसाई ने इस अपने लंबे-चौड़े आलेख में यह भी बताया है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग को अपनाने की योजना को इंटरनेशनल प्रेसीडेंट केआर रवींद्रन तथा इंटरनेशनल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने बहुत सोच-विचार कर प्रस्तावित किया है तथा अभी हाल ही में जोन 5ए में बास्कर चोकालिंगम व सुनील जचारिआ के बीच संपन्न हुए इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग का तरीका ही अपनाया गया था । इतनी सब जानकारियों के बावजूद डेविड हिल्टन के कानों पर जूँ नहीं रेंगी और वह अपने गवर्नर-काल में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए होने वाले दोनों चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग कराने के लिए तैयार नहीं हुए हैं ।
दरअसल डेविड हिल्टन के डिस्ट्रिक्ट के कुछेक क्लब्स के पदाधिकारियों ने मनोज देसाई से अनुरोध किया था कि आप लोग जब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग के इतने फायदे बता रहे हो तथा उसकी इतनी वकालत कर रहे हो, तो उनके डिस्ट्रिक्ट में होने वाले चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग से ही करवाईयेगा । यह अनुरोध करने वाले क्लब्स के पदाधिकारियों ने मनोज देसाई से साफ साफ कहा/बताया भी कि उनके डिस्ट्रिक्ट में जो चुनाव होने हैं, उनमें उन्हें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की तरफ से बेईमानी होने की आशंका है; इसलिए वह चाहते हैं कि उनके डिस्ट्रिक्ट में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग हो - जिससे कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर को बेईमानी करने का मौका न मिल सके और चुनाव निष्पक्ष हो सकें । उल्लेखनीय तथ्य यह है कि खुद मनोज देसाई ने अपने आलेख में बताया है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग से चुनाव निष्पक्ष तरीके से हो सकेंगे तथा चुनावी शिकायतें दर्ज नहीं करना पड़ेंगी । इसी बिना पर, क्लब्स के पदाधिकारियों की माँग पर मनोज देसाई ने डेविड हिल्टन को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग अपनाने को कहा, डेविड हिल्टन ने पहले तो इस पर चुप्पी साधने व टालमटोल वाला रवैया अपनाया - मनोज देसाई ने लेकिन जब यह कहना जारी रखा, तो डेविड हिल्टन ने उनकी बात मानने से साफ इंकार कर दिया । मनोज देसाई ने कुछेक लोगों से कहा भी कि अब मैं क्या करूँ, डेविड हिल्टन मेरी सुन ही नहीं रहे हैं ? यहाँ हैरानी डेविड हिल्टन के रवैये पर नहीं है, बल्कि मनोज देसाई की लाचारगी और बेचारगी पर है । मनोज देसाई इंटरनेशनल डायरेक्टर हैं, और वह इंटरनेशनल प्रेसीडेंट व इंटरनेशनल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के फैसले को लागू करवाने के मामले में एक डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के सामने असहाय बने हुए हैं - यह एक दिलचस्प नजारा है ।
ऐसा नहीं है कि मनोज देसाई देसाई में किसी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के खिलाफ कार्रवाई करने का दम या अधिकार नहीं है । अभी पिछले दिनों ही उन्होंने डिस्ट्रिक्ट 3100 के गवर्नर सुनील गुप्ता का 'सिर कलम' किया है । सुनील गुप्ता पर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में मनमानियाँ करने, चुनाव संबंधी पक्षपातपूर्ण बेईमानियाँ करने तथा रोटरी इंटरनेशनल के पदाधिकारियों के आदेशों का पालन न करने के आरोप थे । मनोज देसाई ने 'झटके' के साथ उनकी गवर्नरी छीन ली । सुनील गुप्ता गुहार लगाते रहे कि उनकी गवर्नरी उतने दिन तो बनी रहने दो, जितने दिन में वह 'पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर' बनने के अधिकारी बन जाए । मनोज देसाई ने लेकिन स्पाइन सर्जन के अपने अनुभव का फायदा उठाते हुए सुनील गुप्ता की ऐसी सर्जरी की, कि वह न गवर्नर रहे और न 'पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर' कहलाने के अधिकारी रहे । रोटरी में लोगों के बीच हैरानी इसी बात की है कि डिस्ट्रिक्ट 3100 के गवर्नर सुनील गुप्ता पर दम दिखाने वाले मनोज देसाई का डिस्ट्रिक्ट 3080 के गवर्नर डेविड हिल्टन के सामने दम फूला/निकला क्यों पड़ा है ? क्या इसका कारण यह है कि सुनील गुप्ता की वकालत करने वाला चूँकि कोई नहीं था, तो उन पर तो मनोज देसाई ने अपनी बहादुरी दिखा दी; लेकिन डेविड हिल्टन के पीछे पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट राजेंद्र उर्फ राजा साबू का दम है, तो इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई अपनी फजीहत होने के बाद भी बगले झाँक रहे हैं ?
उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट 3080 में नोमीनेटिंग कमेटी द्वारा चुने गए अधिकृत उम्मीदवारों - टीके रूबी तथा जितेंद्र ढींगरा को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर न बनने देने की जिद पर अड़े राजा साबू ने जिस जिस तरह की हरकतें कीं और करवाई हैं - उससे रोटरी में उनके डिस्ट्रिक्ट की तथा खुद उनकी भारी फजीहत हुई है । राजा साबू ने हालाँकि इससे कोई सबक नहीं सीखा है, और इसीलिए उनकी ही शह पर उनके डिस्ट्रिक्ट का गवर्नर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मामले में इंटरनेशनल प्रेसीडेंट व इंटरनेशनल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा लिए गए फैसले को क्रियान्वित करने के इंटरनेशनल डायरेक्टर के अनुरोध को मानने से इंकार कर दे रहा है । इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग की वकालत व माँग करने वाले लोगों का आरोप है कि राजा साबू एंड कंपनी को डर है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग में उन्हें बेईमानी करने का मौका नहीं मिलेगा और तब टीके रूबी व जितेंद्र ढींगरा चुनाव जीत जायेंगे । इन दोनों को चूँकि बेईमानी से ही हराया जा सकता है, और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग में बेईमानी करने की गुंजाइश नहीं मिलेगी/रहेगी - इसलिए राजा साबू की शह पर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डेविड हिल्टन इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग से चुनाव कराने के मनोज देसाई के आदेशपूर्ण सुझाव को स्वीकार करने से साफ इंकार कर रहे हैं; और मामला चूँकि राजा साबू का है - इसलिए मनोज देसाई भी अपनी बेचारगी व लाचारगी दिखा कर अपनी फजीहत झेल रहे हैं ।
ऐसे में, डिस्ट्रिक्ट 3080 में वर्ष 2017-18 के तथा वर्ष 2018-19 के गवर्नर के लिए होने वाले चुनाव ईमानदारी व निष्पक्ष तरीके से हो सकने को लेकर संदेह पैदा हो गया है, तथा रोटरी व उसके बड़े पदाधिकारियों के लिए इन दोनों चुनावों को निष्पक्ष तरीके से करवा पाना एक बड़ी चुनौती बन गया है ।