Thursday, April 28, 2016

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में इंटरनेशनल बोर्ड के निर्देश का पालन करने की डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुधीर मंगला की कोशिश पर दीपक तलवार ने 'चोरी और सीनाजोरी' वाला रवैया दिखाया

नई दिल्ली । रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड के फैसले पर अमल करने की डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुधीर मंगला की तैयारी पर दिखाए दीपक तलवार के रवैये ने डिस्ट्रिक्ट के राजनीतिक माहौल को न सिर्फ और गर्मा दिया है, बल्कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में सुधीर मंगला की लाचारी व निरीहता को एक बार फिर सामने ला दिया है । उल्लेखनीय है कि इंटरनेशनल बोर्ड की तरफ से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुधीर मंगला को निर्देश मिला कि इस वर्ष हुए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में भूमिका निभाने वाले जिन पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स को उसके फैसले में नामित किया गया है, उन्हें वह आगे से ऐसा न करने की चेतावनी दें । इस निर्देश का पालन करते हुए सुधीर मंगला ने इंटरनेशनल बोर्ड द्वारा नामित तीनों पूर्व गवर्नर्स - दीपक तलवार, सुशील खुराना व विनोद बंसल को एक तय दिन/समय पर अपने ऑफिस में पहुँचने के लिए ईमेल लिखा । दीपक तलवार इससे भड़क गए और उन्होंने इंटरनेशनल बोर्ड के फैसले को गलत बताते हुए सुधीर मंगला के ऑफिस पहुँचने से साफ इंकार कर दिया । इस पर सुधीर मंगला ने उन्हें ध्यान दिलाया कि वह जो कर रहे हैं, उसके लिए उन्हें रोटरी इंटरनेशनल से निर्देश मिला है - और एक रोटेरियन के रूप में उन्हें भी जिसका पालन करना चाहिए । इस पर दीपक तलवार ने उन्हें लंबी-चौड़ी मेल लिख मारी, जिसमें इंटरनेशनल बोर्ड के फैसले को ब्यौरेवार तरीके से गलत ठहराते हुए उन्होंने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया कि वह सुधीर मंगला के ऑफिस नहीं पहुँचेंगे । डिस्ट्रिक्ट में कुछेक लोगों ने दीपक तलवार के इस तर्क को तो सही माना है कि इंटरनेशनल बोर्ड ने उन्हें तथा अन्य पूर्व गवर्नर्स को उचित प्रक्रिया अपनाए बिना जिस तरह से 'अपराधी' घोषित कर दिया है, वह गलत है; लेकिन दूसरे कई लोगों की तरह उनका भी मानना और कहना है कि रोटरी इंटरनेशनल के निर्देश के अनुसार काम करने वाले डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की बात तो दीपक तलवार को सुननी/माननी ही चाहिए । मजे की बात यह है कि सुशील खुराना और विनोद बंसल ने सुधीर मंगला का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है । उनका कहना है कि सुधीर मंगला रोटरी इंटरनेशनल के निर्देश का पालन रहे हैं, जिसे पूरा करने में हमें सहयोग करना ही चाहिए; इंटरनेशनल बोर्ड के फैसले से हमारा जो विरोध है, उसे हम मान्य व उचित तरीके से इंटरनेशनल पदाधिकारियों के सामने रखेंगे ।
सुशील खुराना और विनोद बंसल के सहयोगात्मक रवैये को देखने के बाद तो हर किसी को दीपक तलवार का रवैया 'चोरी और सीनाजोरी' वाला लग रहा है । दीपक तलवार के लेकिन अपने तर्क हैं : उन्होंने इस झगड़े में आशीष घोष को भी लपेट लिया है । उनका कहना है कि सुधीर मंगला इंटरनेशनल बोर्ड के फैसले की तो सिर्फ आड़ ले रहे हैं, वास्तव में वह आशीष घोष के इशारे पर काम कर रहे हैं । दीपक तलवार का तर्क है कि इंटरनेशनल बोर्ड का फैसला तो सुधीर मंगला के पास सात दिन पहले आ गया था; और उन्होंने तो इस फैसले को छिपा ही लिया था - लेकिन चार दिन बाद आशीष घोष ने जितेंद्र गुप्ता के जरिए इसे 'टॉक ऑफ द टाउन' बना दिया । दीपक तलवार का कहना है कि आशीष घोष ही सुधीर मंगला को भड़का कर उन्हें बेइज्जत कराना चाहते हैं, और वह आशीष घोष की इस योजना को सफल नहीं होने देंगे । आशीष घोष की इंटरनेशनल प्रेसीडेंट केआर रवींद्रन से चूँकि अच्छी ट्यूनिंग बताई/देखी जाती है, इसलिए कुछेक लोगों को लग रहा है कि डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति के बारे में केआर रवींद्रन के पास जो फीडबैक है, वह उन्हें आशीष घोष से ही मिला होगा । दरअसल इंटरनेशनल बोर्ड के फैसले में जो कुछ भी कहा गया है, वह पूरी पूरी तरह सच है - जो लोग इस फैसले पर सवाल उठा भी रहे हैं, उनका तर्क घूमफिर कर यही है कि जब कोई चुनावी शिकायत दर्ज नहीं हुई, तो फिर उसकी जाँच और सजा क्यों ? कई दूसरे लोग इस तर्क को एक अन्य तर्क से खारिज कर रहे हैं - कि किसी हत्या की यदि एफआईआर दर्ज नहीं हुई है, तो इस बिना पर क्या हत्यारे को सजा नहीं होना चाहिए ? दरअसल इसी तरह की बातों के चलते डिस्ट्रिक्ट के लोगों को पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक तलवार का रवैया 'चोरी और सीनाजोरी' वाला लग रहा है ।
सुशील खुराना और विनोद बंसल के रवैये ने दीपक तलवार की 'सीनाजोरी' को और बेनकाब कर दिया है । सुशील खुराना और विनोद बंसल के रवैये की तारीफ करते हुए लोगों का कहना है कि यह दोनों यदि इंटरनेशनल बोर्ड के फैसले से दुखी और निराश होने के बावजूद रोटरी के दायरे में रहने के लिए तैयार हैं, तो दीपक तलवार अपने आप को रोटरी से ऊपर क्यों समझ रहे हैं ? कुछेक लोगों को हैरानी सुधीर मंगला के रवैये पर भी है : उनका कहना/पूछना है कि सुधीर मंगला आखिर किस मजबूरी में दीपक तलवार को 'सीनाजोरी' करने का मौका दे रहे हैं; और वह भी तब जबकि सुधीर मंगला ने तो रोटरी इंटरनेशनल के निर्देश पर ही उन्हें 'सम्मन' भेजा है । हैरान होने वाले इन लोगों का मानना/कहना है कि दीपक तलवार 'सीनाजोरी' दरअसल कर इसीलिए रहे हैं क्योंकि वह जानते हैं कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में सुधीर मंगला के बस की कुछ करना है ही नहीं - और 'सीनाजोरी' वाले रवैये से वह लोगों को यह भी जता देंगे कि इंटरनेशनल बोर्ड के फैसले से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता ।
दीपक तलवार के रवैये को देखते हुए कुछेक लोग डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुधीर मंगला को 'गर्म' करने के प्रयास भी करने लगे हैं : उनका कहना है कि मौका अच्छा है, इंटरनेशनल प्रेसीडेंट डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति को लेकर बुरी तरह खफा हैं ही - ऐसे में सुधीर मंगला को डिस्ट्रिक्ट में लोगों को दिखा देना चाहिए कि उन्हें 'लल्लूलाल' न समझा जाए और वह कठोर फैसला कर सकते हैं । कठोर फैसले के रूप में इस वर्ष के चुनाव को रद्द कर देने का सुझाव सुधीर मंगला को दिया जा रहा है । यह सुझाव देने वालों का कहना है कि इंटरनेशनल बोर्ड तक ने जब यह मान लिया है कि इस वर्ष के चुनाव में रोटरी नियमों व दिशा-निर्देशों का उल्लंघन हुआ है और यह उल्लंघन सभी उम्मीदवारों ने किया है, तो इस बिना पर चुनाव रद्द हो ही सकता है । रही बात चुनावी शिकायत के न होने की - तो जब कोई शिकायत न होने के बावजूद इंटरनेशनल बोर्ड मामले पर विचार कर फैसला ले सकता है, तो डिस्ट्रिक्ट गवर्नर ऐसा क्यों नहीं कर सकता है ? और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के पास अब तो इंटरनेशनल बोर्ड के फैसले का आधार भी है । यह सुझाव देने वाले लोगों का कहना है कि ऐसा फैसला करके सुधीर मंगला जाते जाते डिस्ट्रिक्ट में अपनी धमक भी दिखा/जता देंगे, और दीपक तलवार की 'सीनाजोरी' का भी जबाव दे देंगे । यह सुझाव देने वाले लोगों को उम्मीद हालाँकि कम ही है कि सुधीर मंगला कठोर फैसला करने का साहस सचमुच दिखा पायेंगे, लेकिन फिर भी वह इसलिए प्रयास कर लेना चाहते हैं कि शायद सुधीर मंगला का हरियाणवी जोश निकल आए और वह दीपक तलवार की 'सीनाजोरी' का जबाव देने का मन बना ही लें, और कोई कठोर फैसला कर ही डालें ।
उम्मीद और नाउम्मीदी की इस उहापोह ने डिस्ट्रिक्ट के राजनीतिक माहौल का पारा तो खासा ऊँचा चढ़ा ही दिया है ।