Sunday, December 27, 2015

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल के नतीजे आने से पहले ही रतन सिंह यादव ने चेयरमैन पद पर अपनी ताजपोशी की तैयारी शुरू कर दी है

नई दिल्ली । रतन सिंह यादव ने नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल के अगले चेयरमैन के रूप में अपनी ताजपोशी का दावा करना शुरू कर दिया है । मजे की बात यह है कि नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल के लिए वोटों की गिनती का काम अभी शुरू भी नहीं हुआ है, किंतु रतन सिंह यादव ने न सिर्फ अपनी जीत का दावा करना शुरू कर दिया है - बल्कि अपने नजदीकियों के बीच यह तक कहना/बताना शुरू कर दिया है कि उन्हें पता है कि 22वीं नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल में उनके अलावा और कौन कौन सदस्य होगा । अपने नजदीकियों के बीच रतन सिंह यादव ने दावा किया है कि जीतने वाले लोगों से चेयरमैन पद को लेकर उनकी बात हुई है, और सात-आठ लोगों ने अपने आप से उन्हें कहा है कि नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल के अगले चेयरमैन पद के लिए उन्हें आगे आना चाहिए, वह उनका समर्थन करेंगे । रतन सिंह यादव के नजदीकियों के अनुसार, रतन सिंह यादव ने उन्हें बताया है कि नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल के पूर्व चेयरमैन मधु सुदन गोयल ने उन्हें चेयरमैन बनने की तरकीब बताई है और इंस्टीट्यूट के पूर्व प्रेसीडेंट अमरजीत चोपड़ा से मदद दिलवाने का भरोसा उन्हें दिया है; अमरजीत चोपड़ा सेंट्रल काउंसिल के सदस्यों का समर्थन उन्हें दिलवायेंगे । रतन सिंह यादव का कहना है कि मधु सुदन गोयल का सक्रिय सहयोग/समर्थन मिलने; सेंट्रल काउंसिल के सदस्यों का समर्थन दिलवाने के लिए अमरजीत चोपड़ा की मदद मिलने; और सात-आठ विजेताओं के खुद आगे बढ़ कर उनका समर्थन करने का ऐलान करने के बाद - उनके चेयरमैन बनने को लेकर शक कहाँ रह जाता है ? द्वारका सीपीई स्टडी सर्किल के सेमीनार में भाग लेने वाले लोगों ने भी महसूस किया कि वहाँ रतन सिंह यादव का व्यवहार भावी चेयरमैन जैसा था ।   
नजदीकियों के अनुसार, रतन सिंह यादव की इस तरह की बातें सुनकर कुछेक लोगों ने उन्हें सुझाव भी दिया कि जब तक नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल के चुनाव के नतीजे नहीं आ जाते, तब तक उन्हें इस तरह के दावे नहीं करना चाहिए - लेकिन रतन सिंह यादव ने उन्हें यह कह कर चुप कर दिया कि चुनाव के नतीजों का इंतजार तो वह करे, जिसे अपने जीतने का भरोसा न हो । रतन सिंह यादव का कहना रहा कि उन्हें अपनी जीत का न सिर्फ पक्का भरोसा है, बल्कि विश्वास है कि सबसे ज्यादा वोट पाने वाले तीन लोगों में उनका नाम होगा । अपनी बात में वजन पैदा करने के लिए उन्होंने मधु सुदन गोयल और अमरजीत चोपड़ा का नाम लिया । उनका कहना रहा कि चुनाव तो वह अपने दम पर ही जीत जाते; किंतु जिस तरह चुनाव के अंतिम दौर में उन्हें मधु सुदन गोयल और अमरजीत चोपड़ा का समर्थन मिला - उससे उन्हें अच्छी जीत मिलने का विश्वास हुआ है । उनका कहना है कि इन दोनों का समर्थन यदि उन्हें पहले मिल जाता, तो वह सबसे ज्यादा वोट पाने वाले विजेता होते । रतन सिंह यादव ने अपने साथ साथ अजय सिंघल, विवेक खुराना, राकेश मक्कड़, मुकुल अग्रवाल, हरीश चौधरी, आलोक जैन, आलोक कृष्ण आदि के जीतने की भविष्यवाणी भी की है; और दावा किया है कि इनमें से अधिकतर ने चेयरमैन पद के लिए उनका समर्थन करने की बात कही है । उनका तर्क है कि यह सभी किसी न किसी सेंट्रल काउंसिल के संभावित विजेता के नजदीकी हैं और अमरजीत चोपड़ा के दखल और प्रभाव में सेंट्रल काउंसिल के संभावित विजेता भी अपने अपने इन नजदीकियों का समर्थन उन्हें दिलवायेंगे । 
रतन सिंह यादव अभी से चेयरमैन पद के लिए जुटने के एक कारण के रूप में दीपक गर्ग की सक्रियता को भी रेखांकित कर रहे हैं । अपने नजदीकियों से उन्होंने कहा/बताया है कि दीपक गर्ग ने अभी से चेयरमैन पद के लिए लॉबीइंग शुरू कर दी है; और चूँकि वह मौजूदा काउंसिल के सदस्य हैं, इसलिए मौजूदा काउंसिल के सदस्यों तथा नए आने वाले सदस्यों के बीच उनके लिए पैठ बनाना और समर्थन जुटाना आसान होगा । रतन सिंह यादव का तर्क है कि वह यदि नतीजों का इंतजार करेंगे और नतीजे आने के बाद चेयरमैन पद के लिए समर्थन जुटाने का काम शुरू करेंगे, तो दीपक गर्ग से बहुत पिछड़ जायेंगे । रतन सिंह यादव को चेयरमैन पद के लिए मनोज बंसल की उम्मीदवारी भी प्रस्तुत होने की आशंका है । नजदीकियों के अनुसार, रतन सिंह यादव का मानना और कहना है कि मनोज बंसल ने अभी भले ही चेयरमैन पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की प्रस्तुति को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है, किंतु नतीजे आने के बाद वह सक्रिय हो सकते हैं - लिहाजा अभी से सक्रिय होकर वह मनोज बंसल के लिए कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते हैं । रतन सिंह यादव नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल के चेयरमैन पद के संभावित उम्मीदवारों से आगे रहने के लिए भले ही जो भी प्रयास और दावे कर रहे हों, दूसरे लोग उनके प्रयासों व दावों को उनके बड़बोलेपन व उनकी अपरिपक्वता के रूप में ही देख/पहचान रहे हैं - और उनके दावों को मजाक के रूप में ही ले रहे हैं । दूसरे लोग उनके दावों पर क्या कह रहे हैं इसकी परवाह न करते हुए तथा अपने नजदीकियों तथा चेयरमैन पद के लिए अभी से सक्रिय न होने की सलाह देने वाले लोगों को कनविंस करने का प्रयास करते हुए रतन सिंह यादव ने नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल के चेयरमैन पद के लिए अपनी ताजपोशी की जो तैयारी 'दिखाई' है, उसने नार्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल के राजनीतिक खिलाड़ियों के लेकिन कान तो खड़े कर ही दिए हैं और राजनीतिक परिदृश्य को खासा रोचक बना दिया है ।