Sunday, December 27, 2015

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 में कॉन्करेंस के मामले में संदेह का लाभ दीपक गुप्ता को देकर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर जेके गौड़ ने मुकेश अरनेजा की दोतरफा प्लानिंग को चौपट ही कर दिया

गाजियाबाद/नई दिल्ली । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर जेके गौड़ ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव की घोषणा करके मुकेश अरनेजा के गेम प्लान को तो फेल किया ही, साथ ही घोषणा के साथ कॉन्करेंस का जो ब्यौरा दिया - उससे मुकेश अरनेजा के हाथ से उन्होंने एक बड़ा हथियार और छीन लिया है । रोटरी की राजनीति में मुकेश अरनेजा, जेके गौड़ को अपना चेला बताते रहे हैं; किंतु यहाँ जो होता हुआ दिखा है - उसमें चेला गुरु पर भारी पड़ता नजर आया है । चुनाव की घोषणा के साथ लोगों को जेके गौड़ का जो पत्र मिला है, उसमें बताया गया है कि दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी के पक्ष में 18 कॉन्करेंस मिलीं - जिनमें से 10 को वैध पाया गया, 4 को नियमों का पालन न होने के कारण अवैध घोषित किया गया, और 4 में नियमों का पालन न होने का संदेह देखा/पहचाना गया; लेकिन संदेह का लाभ दीपक गुप्ता को दिया गया । इस जानकारी ने मुकेश अरनेजा के हाथ से एक बड़ा हथियार छीनने का काम किया है । उल्लेखनीय है कि मुकेश अरनेजा लगातार प्रचार करते रहे हैं कि जेके गौड़ डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में सुभाष जैन की उम्मीदवारी को फायदा पहुँचाने वाले फैसले और काम कर रहे हैं - लेकिन संदेह का लाभ दीपक गुप्ता को देकर जेके गौड़ ने एक झटके में मुकेश अरनेजा के उस प्रचार की हवा निकाल दी है । कॉन्करेंस के संबंध में संदेह का लाभ दीपक गुप्ता को देकर जेके गौड़ ने डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच यही संदेश दिया है कि उन्होंने तो हमेशा ही रोटरी की मूल भावना और डिस्ट्रिक्ट के हितों का ध्यान रखते हुए ही फैसले किए हैं; इसी का ध्यान रखते हुए उन्होंने कॉन्करेंस के संदर्भ में दीपक गुप्ता को संदेह का लाभ दिया है । इससे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी के पक्ष में हमदर्दी जुटाने की मुकेश अरनेजा की कोशिशों को खासा तगड़ा वाला धक्का लगा है । 
मुकेश अरनेजा को यह समझने/पहचानने में देर नहीं लगी है कि जेके गौड़ उनके साथ एक ऊँची चाल खेल गए हैं; और इसीलिए वह कह भी रहे हैं कि कॉन्करेंस के संदर्भ में दीपक गुप्ता को संदेह का लाभ देकर जेके गौड़ ने वास्तव में सुभाष जैन को लाभ पहुँचाने का इंतजाम किया है । दीपक गुप्ता को संदेह का लाभ देकर जेके गौड़ ने चुनाव की जो घोषणा की है, उसने मुकेश अरनेजा को जिस तरह से बौखला दिया है उससे पता चलता है कि चुनाव की घोषणा से मुकेश अरनेजा का पूरा गेम-प्लान ही चौपट हो गया है - और अपना सारा खेल बिगड़ जाने के कारण ही मुकेश अरनेजा बुरी तरह बौखला गए हैं । मुकेश अरनेजा की बौखलाहट बता/जता/दिखा रही है कि मुकेश अरनेजा चुनाव चाहते ही नहीं थे, वह चाहते थे कि कॉन्करेंस रिजेक्ट हों और सुभाष जैन को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी घोषित किया जाए । दरअसल चुनावी राजनीति की राह कोई सीधी/सपाट राह नहीं होती है, वह टेढ़ी-मेढ़ी ही होती है - जिससे सच्चाई को छिपाए रखने में मदद मिलती है; नेताओं पर सबसे गंभीर आरोप ही यह होता है कि वह चाह कुछ और रहे होते हैं, लेकिन कह कुछ और रहे होते हैं । कथनी और करनी में अंतर रख कर ही नेता अपनी राजनीति की दुकान चलाता है । डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति के एक खिलाड़ी नेता के रूप में मुकेश अरनेजा भी यही कर रहे थे । सभी को 'दिख' तो यही रहा था कि मुकेश अरनेजा ने सुभाष जैन और दीपक गुप्ता के बीच चुनाव कराने के लिए जी-जान एक किया हुआ है; और इसी के लिए उन्होंने कॉन्करेंस जुटाने को लेकर दिन-रात अपने को काम में लगाया हुआ है । लेकिन चुनाव की घोषणा पर अपनी बौखलाहट प्रगट करके मुकेश अरनेजा ने खुद ही पोल खोल दी है कि वास्तव में वह चुनाव नहीं चाहते थे, चुनाव चाहने का वह सिर्फ दिखावा कर रहे थे ।  
मुकेश अरनेजा के नजदीकियों का कहना है कि चुनाव की घोषणा से मुकेश अरनेजा को गहरा धक्का लगा है; क्योंकि वह यह उम्मीद कर रहे थे कि कॉन्करेंस को अवैध ठहरा कर जेके गौड़ नोमीनेटिंग कमेटी द्वारा चुने गए अधिकृत उम्मीदवार सुभाष जैन को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी घोषित कर देंगे । मुकेश अरनेजा ने इसके बाद अपनी राजनीतिक चाल चलने की तैयारी की हुई थी । नजदीकियों के अनुसार, उनकी योजना थी कि कॉन्करेंस को अवैध ठहराने के फैसले को वह रोटरी इंटरनेशनल में चैलेंज करवाते तथा रोटरी इंटरनेशनल में जब तक इस चैलेंज पर फैसला होता, तब तक अगला रोटरी वर्ष शुरू हो गया होता और तब अगले रोटरी वर्ष के क्लब-अध्यक्षों के बीच काम करके वह दीपक गुप्ता की चुनावी नैय्या को पार लगवाते । मुकेश अरनेजा को दरअसल इस वर्ष के क्लब-अध्यक्षों से कोई उम्मीद नहीं रह गई है; इस वर्ष के क्लब-अध्यक्षों के प्रति बहुत ही खराब शब्दों व भाषा का इस्तेमाल करते हुए उन्हें अक्सर ही सुना जाता है । दरअसल मुकेश अरनेजा ने यह भाँप लिया था कि इस वर्ष के क्लब-अध्यक्ष तो किसी भी तरह से उनके झाँसे में नहीं आयेंगे और इसीलिए इस वर्ष के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव को वह वीरेंद्र 'बॉबी' जैन व दीपक तलवार के बीच हुए चुनाव की तर्ज पर अगले रोटरी वर्ष में ले जाना चाहते थे । उल्लेखनीय है कि अशोक घोष के गवर्नर-काल में हुए उस चुनाव में दीपक तलवार विजयी घोषित हुए थे; जिसे वीरेंद्र 'बॉबी' जैन ने रोटरी इंटरनेशनल में चैलेंज किया था और फिर उन दोनों के बीच अगले रोटरी वर्ष में चुनाव हुआ, जिसमें वीरेंद्र 'बॉबी' जैन को जीत मिली थी । मुकेश अरनेजा भी चाहते थे कि इस वर्ष सुभाष जैन विजयी घोषित हो जाएँ, जिसे वह रोटरी इंटरनेशनल में चैलेंज करें और इस तरीके से वह इस वर्ष के चुनाव को अगले रोटरी वर्ष में ले जाएँ । उन्हें विश्वास था कि अगले रोटरी वर्ष में वह अवश्य ही दीपक गुप्ता को जितवा लेंगे । 
मुकेश अरनेजा ने इसके लिए दोतरफा तैयारी की : एक तरफ तो उन्होंने जानबूझ कर ऐसी फर्जी किस्म की कॉन्करेंस जुटाईं और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर कार्यालय को सौंपी, जिनके रिजेक्ट होने की पक्की गारंटी थी; और दूसरी तरफ उन्होंने यह प्रोपेगेंडा किया कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर कार्यालय कॉन्करेंस देने वाले क्लब्स के पदाधिकरियों को धमका कर कॉन्करेंस वापस कराने तथा कॉन्करेंस को अवैध ठहराने का षड्यंत्र कर रहा है । इस बारे में उन्होंने मौजूदा इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई तथा पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर सुशील गुप्ता तक का नाम इस्तेमाल किया । मुकेश अरनेजा ने दावा किया कि उन्होंने जेके गौड़ की पक्षपातपूर्ण कार्रवाइयों से मनोज देसाई और सुशील गुप्ता को भी अवगत कराया है, और दोनों ने उन्हें आश्वस्त किया है कि वह डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव में कोई पक्षपात नहीं होने देंगे । इस तरह मुकेश अरनेजा ने नीचे से ऊपर तक ऐसी पक्की व्यवस्था की थी कि कॉन्करेंस रिजेक्ट होंगी, और उन्हें लोगों की हमदर्दी भी मिलेगी और रोटरी इंटरनेशनल में शिकायत करने को लेकर उन्हें लोगों का समर्थन भी मिलेगा - हमदर्दी और समर्थन अगले रोटरी वर्ष में होने वाले चुनाव में उनके काम आयेगा । जेके गौड़ ने लेकिन मुकेश अरनेजा की इस दोतरफा व्यवस्था को एक झटके में ध्वस्त कर दिया । मुकेश अरनेजा को सपने में भी यह ख्याल नहीं आया कि जेके गौड़ संदेह का लाभ दीपक गुप्ता को दे देंगे । जेके गौड़ ने दरअसल मुकेश अरनेजा की ही छड़ी से मुकेश अरनेजा को पीट दिया । मुकेश अरनेजा अब न तो यह कहने लायक रहे कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में जेके गौड़ कोई पक्षपात कर रहे हैं, यानि उनका सारा प्रोपेगेंडा बैठ गया है; और दूसरी तरफ जेके गौड़ ने मुकेश अरनेजा को उन्हीं क्लब-अध्यक्षों के सामने भेजने का इंतजाम कर दिया, जिनके बारे में अभद्र और अशालीन किस्म के आरोप लगा कर मुकेश अरनेजा जिन्हें बदनाम और अपमानित करने लगे थे ।