फरीदाबाद/नई दिल्ली । विनय भाटिया और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए प्रस्तुत उनकी उम्मीदवारी के समर्थकों ने रोटरी बॉल की तैयारियों की ढीलमढाल के लिए जिस तरह नवदीप चावला को जिम्मेदार ठहराना शुरू किया, उसका नतीजा यह हुआ कि नवदीप चावला ने बॉल की तैयारी में दिलचस्पी लेना बिलकुल ही छोड़ दिया और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुधीर मंगला को 20 दिसंबर को आयोजित होने वाले बॉल कार्यक्रम को स्थगित कर देने के लिए मजबूर होना पड़ा है । मजेदार सीन यह है कि बॉल कार्यक्रम के स्थगित होने पर विनय भाटिया की उम्मीदवारी के समर्थक कुछेक पूर्व गवर्नर सुधीर मंगला को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं । उनका कहना है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में सुधीर मंगला के नकारापन का यह एक बड़ा सुबूत है कि अपने एक महत्वपूर्ण आयोजन को तय समय पर कर पाने में वह विफल रहे हैं और उसे स्थगित करके उन्हें अपनी इज्जत बचाना पड़ रही है । सुधीर मंगला और उनके नजदीकी बॉल कार्यक्रम के स्थगित होने के लिए फरीदाबाद के रोटेरियन नेताओं के साथ साथ विनय भाटिया की उम्मीदवारी के समर्थक पूर्व गवर्नर्स को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं । सुधीर मंगला और उनके नजदीकी फरीदाबाद के रोटेरियन नेताओं तथा विनय भाटिया की उम्मीदवारी के समर्थक पूर्व गवर्नर्स की बातों में आने तथा उन पर भरोसा करने को अपनी सबसे बड़ी भूल व गलती के रूप में रेखांकित कर रहे हैं । सुधीर मंगला और उनके नजदीकी मान रहे हैं और कह रहे हैं कि वह यदि 'यह गलती' न करते तो उन्हें आज यह दुर्दिन न देखना पड़ता । सुधीर मंगला और उनके नजदीकी इस बात पर भी हैरान हैं कि विनय भाटिया के समर्थक पूर्व गवर्नर्स अपने नकारापन और अपनी असफलता का ठीकरा उनके सिर क्यों फोड़ रहे हैं ?
सुधीर मंगला और उनके नजदीकियों का कहना है कि फरीदाबाद के रोटेरियन नेताओं तथा विनय भाटिया की उम्मीदवारी के समर्थक पूर्व गवर्नर्स ने रोटरी डिस्ट्रिक्ट बॉल आयोजन कमेटी का चेयरमैन नवदीप चावला को तथा को-चेयरमैन विजय जिंदल को बनाने के लिए उनपर खासा दबाव बनाया था । सुधीर मंगला को आश्वस्त किया गया था कि बॉल की सारी जिम्मेदारी वह फरीदाबाद के रोटेरियंस को सौंप दें और निश्चिंत हो जाएँ । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में सुधीर मंगला को यह ऑफर स्वाभाविक रूप से बहुत ही आकर्षक लगा, लिहाजा उन्होंने इसे स्वीकार करने में जरा भी देर नहीं की और बॉल आयोेजन कमेटी के दोनों बड़े पद फरीदाबाद को सौंप दिए । सुधीर मंगला को हालाँकि कुछेक लोगों ने उस समय यह समझाने का खूब प्रयास किया था कि जिन लोगों की बातों में आकर वह 'यह' रहे हैं, वह फरीदाबाद के नाम पर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं और फरीदाबाद के लोगों के साथ साथ उन्हें भी इस्तेमाल कर रहे हैं - सुधीर मंगला ने लेकिन तब किसी की नहीं सुनी । फरीदाबाद के लोगों के साथ साथ नवदीप चावला को भी धीरे धीरे समझ में आने लगा कि विनय भाटिया की उम्मीदवारी के समर्थक नेता फरीदाबाद के नाम पर उन्हें इस्तेमाल करने तथा उनकी जेब काटने का काम कर रहे हैं ।
फरीदाबाद के रोटेरियंस का माथा तो दरअसल यह देख/जान कर ठनका कि विनय भाटिया और उनकी उम्मीदवारी के समर्थक नेता अपनी नेतागिरी चमकाने के लिए हर काम की जिम्मेदारी ले लें, और फिर पैसा देने के लिए उन पर दबाव बनाएँ । पेट्स में यही हुआ । विनय भाटिया और उनके समर्थकों ने अपना प्रभाव जमाने/दिखाने के लिए पेट्स में दिए जाने वाले गिफ्ट्स का जिम्मा ले लिया और फिर उसके खर्च का बोझ फरीदाबाद से पेट्स में जाने वाले लोगों के सिर मढ़ने का प्रयास किया । फरीदाबाद में इसकी इतनी तीखी प्रतिक्रिया हुई कि कई लोगों ने पेट्स में जाने से ही इंकार कर दिया । फरीदाबाद में लोगों का कहना रहा कि यह सब चूँकि विनय भाटिया की उम्मीदवारी को प्रमोट करने के लिए किया जा रहा है, इसलिए इसका खर्चा विनय भाटिया को उठाना चाहिए । उस बबाल को बड़ी मुश्किल से संभाला जा सका । विनय भाटिया और उनके समर्थकों ने लेकिन उस बबाल से कोई सबक नहीं लिया । विनय भाटिया के क्लब के अधिष्ठापन समारोह में फिर यही समस्या पैदा हुई । विनय भाटिया ने चाहा कि उनकी उम्मीदवारी के संदर्भ को देखते हुए उनके क्लब का अधिष्ठापन समारोह जोरशोर से हो और उसमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को शामिल होने के लिए प्रेरित किया जाए । क्लब के पदाधिकारियों व सदस्यों को विनय भाटिया की इस चाहना को पूरा करने को लेकर तो कोई समस्या नहीं थी, किंतु इसके खर्च को लेकर मामला फँस गया । क्लब के पदाधिकारियों व सदस्यों का कहना रहा कि विनय भाटिया की उम्मीदवारी के चक्कर में अधिष्ठापन समारोह में जो अतिरिक्त खर्चा हो रहा है, उसकी भरपाई विनय भाटिया करें; किंतु विनय भाटिया इस चक्कर में रहे कि जो भी खर्चा है, उसे क्लब के लोग मिलजुल कर पूरा करें । इसे लेकर क्लब में खासी हीलहुज्जत हुई और बस जैसे तैसे क्लब का अधिष्ठापन समारोह हुआ ।
डिस्ट्रिक्ट दीवाली मेले तक आते आते फरीदाबाद के लोगों के बीच विनय भाटिया और उनके समर्थकों की पोल-पट्टी पूरी तरह खुल चुकी थी - लेकिन मजे की बात यह रही कि विनय भाटिया और उनके समर्थकों ने इस सच्चाई से अपनी आँखें पूरी तरह मूंदी रखीं । नतीजा यह रहा कि विनय भाटिया और उनके समर्थकों ने तो दीवाली मेले के लिए स्पॉन्सरशिप दिलवाने तथा टिकट बिकवाने को लेकर बड़े बड़े दावे किए, किंतु फरीदाबाद के लोगों ने उनके दावों को पूरा करवाने में कोई दिलचस्पी नहीं ली । विनय भाटिया और उनके समर्थकों ने दीवाली मेले के नाम पर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुधीर मंगला को बड़े बड़े सब्ज़बाग दिखाए कि इतने की स्पॉन्सरशिप यहाँ से दिलवायेंगे, उतने की स्पॉन्सरशिप वहाँ से दिलवायेंगे, इतने टिकट बिकवायेंगे - लेकिन जब सचमुच कुछ करने का मौका आया तो विनय भाटिया और उनके समर्थक सुधीर मंगला से मुँह छिपाते फिरे । टिकटों का हिसाब देने का समय आया तो बहुत से टिकटें तो यह कह कर लौटा दीं कि यह बिक नहीं पाई हैं, और बिकी हुई टिकटों का पैसा भी बाद में देने की बात कही गई । सुधीर मंगला दीवाली मेले के तीन लाख से ज्यादा रुपए विनय भाटिया और उनके समर्थकों पर अभी तक बकाया होने का रोना रोते सुने जा रहे हैं - और उन्हें यह तक नहीं बताया जा पा रहा है कि यह बकाया रकम देगा कौन ? विनय भाटिया और उनके समर्थक नेता इसके लिए फरीदाबाद के रोटेरियंस को जिम्मेदार तो ठहरा रहे हैं, लेकिन यह नहीं बता रहे हैं कि यह बकाया रकम मिलेगी कैसे और किससे ?
डिस्ट्रिक्ट दीवाली मेले में फरीदाबाद के लोगों ने जिस तरह से विनय भाटिया और उनके समर्थकों की चालबाजी में फँसने से इंकार किया, उसे देख/जान कर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुधीर मंगला और बॉल कमेटी के चेयरमैन तथा को-चेयरमैन विजय जिंदल के कान खड़े हुए । नवदीप चावला और विजय जिंदल बॉल के आयोजन से पीछा छुटाते से दिखे तो विनय भाटिया और उनके समर्थकों ने उन्हें ही लपेटे में लेना शुरू कर दिया । विनय भाटिया और उनके समर्थकों की तरफ से कहा जाने लगा कि नवदीप चावला व विजय जिंदल को पद पाने का तो शौक है, लेकिन पद की जिम्मेदारी निभाने में दिलचस्पी नहीं है - और उनके इस रवैये से फरीदाबाद का नाम तो ख़राब हो ही रहा है, विनय भाटिया की उम्मीदवारी पर भी बुरा असर पड़ रहा है । विनय भाटिया और उनके नजदीकियों की तरफ से नवदीप चावला और विजय जिंदल पर दबाव बनाने के उद्देश्य से कहा जाने लगा कि इनके बस की यदि बॉल को आयोजित करना नहीं है, तो यह अपने अपने पदों से इस्तीफ़ा क्यों नहीं दे देते ? विनय भाटिया और उनके समर्थकों का यह रवैया नवदीप चावला और विजय जिंदल के लिए हैरान करने वाला था - क्योंकि इन्हें बॉल की जिम्मेदारी मिलने से विनय भाटिया और उनके समर्थक खुश ही दिखते रहे हैं । नवदीप चावला व विजय जिंदल के लिए यह समझना मुश्किल हुआ कि अचानक से इन्हें क्या हो गया है, जो यह इनके खिलाफ बातें करने लगे ? विनय भाटिया के नजदीकियों का ही कहना है कि नवदीप चावला और विजय जिंदल के प्रति विनय भाटिया तथा उनके समर्थकों ने विरोधी रवैया इसलिए अपना लिया ताकि बॉल की असफलता से विनय भाटिया की उम्मीदवारी पर कोई प्रतिकूल असर न पड़े । विनय भाटिया और उनके समर्थकों के इस स्वार्थी रवैये ने नवदीप चावला व विजय जिंदल को खासी तगड़ी चोट पहुँचाई । फरीदाबाद के लोगों के इस तरह आपस में एक दूसरे को नीचा दिखाने की कार्रवाई में लगा देख डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुधीर मंगला को बॉल के आयोजन को स्थगित कर देने में ही अपनी भलाई नजर आई । फरीदाबाद के रोटेरियन नेताओं की आपसी खींचतान ने पहले दीवाली मेले के आयोजन को घाटा पहुँचाया और अब रोटरी के प्रमुख व प्रतिष्ठित कार्यक्रम को ही लील लिया है ।