Tuesday, December 8, 2015

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में रोटरी बॉल की तैयारियों की ढीलमढाल के लिए विनय भाटिया और उनके नजदीकियों ने जिस तरह से नवदीप चावला को जिम्मेदार ठहराना शुरू किया है, उसे देख/सुन कर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुधीर मंगला को बॉल कार्यक्रम पिटता हुआ नजर आ रहा है

फरीदाबाद । फरीदाबाद के रोटेरियंस नेताओं के बीच तालमेल की कमी के चलते रोटरी फाउंडेशन के बॉल कार्यक्रम की तैयारियाँ ढीली पड़ी हुई हैं, जिसे देख/जान कर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुधीर मंगला यह सोच सोच कर पसीने पसीने हो रहे हैं कि बॉल कार्यक्रम सफल हो पायेगा या नहीं ? 20 दिसंबर को आयोजित होने वाले बॉल कार्यक्रम के आयोजन स्थल को लेकर ही असमंजस अब जाकर खत्म हुआ है । पहले यह आयोजन महरौली स्थित झंकार बैंक्वेट में आयोजित होने की बात हो रही थी, लेकिन उसे लेकर कई तरह की शिकायतें/समस्याएँ थीं - लिहाजा फैसला नहीं हो पा रहा था । डिस्ट्रिक्ट के प्रमुख पदाधिकारियों को बॉल आयोजन कमेटी के चेयरमैन नवदीप चावला तथा को-चेयरमैन विजय जिंदल का रवैया काम पूरा करने की बजाए, काम को लटकाए रखने वाला 'दिखा' है । सुधीर मंगला ने सख्ती दिखाई तो सुना गया है कि अब सूरजकुंड रोड पर स्थित होटल राजहंस को आयोजन-स्थल के रूप में फाइनल किया गया है । बॉल-आयोजन के लिए अभी तक स्पॉन्सरशिप आदि की भी कोई व्यवस्था नहीं हो सकी है, जिसके कारण डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुधीर मंगला का मन अनिष्ट की आशंका में बड़ा घबराया घबराया सा हो रहा है । बॉल-आयोजन की तैयारियों की लेटलतीफी के लिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीम की तरफ से नवदीप चावला को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, तो नवदीप चावला इसके लिए फरीदाबाद के दूसरे रोटेरियंस नेताओं को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं । नवदीप चावला का कहना है कि फरीदाबाद के रोटेरियंस नेताओं ने उन्हें चेयरमैन तो बना/बनवा दिया है, लेकिन अब उन्हें अकेला छोड़ दिया है और कोई भी उनकी मदद नहीं कर रहा है । फरीदाबाद के दूसरे रोटेरियंस नेताओं का कहना है कि नवदीप चावला चेयरमैन बने हैं, तो जो कुछ भी होना/करना है वह करने की पहल उन्हें ही करनी है और उन्हें ही दूसरों से मदद लेनी है । फरीदाबाद में कुछेक लोग यह कहते हुए भी सुने गए हैं कि नवदीप चावला को चेयरमैन बनने का शौक तो रहा, लेकिन यह समझने में उनसे चूक हो गई है कि चेयरमैन के रूप में उनकी कुछेक जिम्मेदारियाँ भी हैं - जिन्हें उन्हें निभाना है । 
बॉल की तैयारियों की लेटलतीफी को लेकर फरीदाबाद में नवदीप चावला तथा दूसरे रोटेरियंस नेताओं के बीच जो आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं, उनका ठीकरा विनय भाटिया के सिर फूट रहा है । दरअसल हर कोई विनय भाटिया को अपना गवाह बनाना चाहता है, और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद का उम्मीदवार होने के नाते विनय भाटिया इस पचड़े से दूर रहना चाहते हैं । किंतु चूँकि यह सारा झमेला हो उन्हीं के लिए रहा है, इसलिए ले दे कर बात उनके ही सिर आ जाती है । उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए प्रस्तुत विनय भाटिया की उम्मीदवारी के कारण ही फरीदाबाद के रोटेरियंस ने हर मामले में आगे से आगे रहने/दिखने का प्रयास किया है । प्रयास तो उन्होंने किया, लेकिन 'डिलीवरी' करने के मामले में हर प्रयास हमेशा ही फजीहत का शिकार हुआ । दरअसल फरीदाबाद के रोटेरियंस बातें तो बड़ी बड़ी करते हैं, लेकिन सचमुच कुछ करने की बारी आती है तो ठन-ठन गोपाल साबित होते हैं । अभी पिछले दिनों ही दीवाली मेले में भी फरीदाबाद के रोटेरियंस अपने कमिटमेंट्स पूरे करने में विफल रहे । दीवाली मेले के टिकट लेने/बिकवाने को लेकर फरीदाबाद के रोटेरियंस ने पहले तो लंबे-चौड़े वायदे किए, लेकिन जब टिकटों का भुगतान करने का मौका आया तो मुँह छिपाते/बचते नजर आए । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुधीर मंगला फरीदाबाद के रोटेरियंस पर दीवाली मेले के करीब तीन लाख रुपए बकाया रहने का रोना रोते कई जगह सुने गए हैं । वास्तव में इसीलिए सुधीर मंगला को रोटरी बॉल का डर सता रहा है । उन्हें डर है कि फरीदाबाद के रोटेरियंस ने जिस तरह दीवाली मेले में उन्हें धोखा दिया है, वैसा धोखा कहीं रोटरी बॉल को लेकर भी तो नहीं देंगे ? यह डर उन्हें इसलिए भी है क्योंकि रोटरी बॉल की सारी जिम्मेदारी फरीदाबाद के रोटेरियंस ने ली तो हुई है, लेकिन वह कुछ करते हुए दिख नहीं रहे हैं; और कुछ न हो पाने के लिए एक दूसरे को ही जिम्मेदार ठहराने में लगे हुए हैं । 
इस सारे झमेले में मुसीबत लेकिन विनय भाटिया की हो रही है । दरअसल हर कोई अपनी समस्या हल करने/करवाने के लिए विनय भाटिया को पकड़ता । हर कोई यही मानता है कि फरीदाबाद के रोटेरियंस ने जो जिम्मेदारी ली है, वह चूँकि विनय भाटिया की उम्मीदवारी को मजबूती देने/दिलाने के लिए ली है - इसलिए हर समस्या को हल करवाने की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है । विनय भाटिया लेकिन हर जिम्मेदारी से बचते हुए नजर आए - उन्होंने समझा तो यह कि बचने की कोशिश करके वह सचमुच बच जायेंगे, किंतु हुआ उल्टा और बचने की कोशिश में वह फँसते ज्यादा जा रहे हैं । विनय भाटिया के रवैये से फरीदाबाद के रोटेरियंस विनय भाटिया की उम्मीदवारी को बोझ समझने लगे हैं । वहाँ लोगों को लगने लगा है कि विनय भाटिया डिस्ट्रिक्ट गवर्नर तो बनना चाहते हैं, लेकिन जिम्मेदारी कुछ लेना नहीं चाहते हैं; जिम्मेदारियों का टोकरा वह दूसरों के सिर टिका देने की जुगाड़ में लगे रहते हैं । शुरू में तो फरीदाबाद के रोटेरियंस विनय भाटिया तथा उनकी उम्मीदवारी का झंडा उठाए नेताओं की बातों में आ गए और खासे उत्साह के साथ उन्होंने अपनी अपनी जेबें ढीली कीं; लेकिन जल्दी ही लोगों को समझ में आ गया कि विनय भाटिया और उनकी उम्मीदवारी का झंडा उठाए रखने वाले नेताओं ने उन्हें 'शिकारपुर का' समझ लिया है । इसके बाद से फरीदाबाद के लोगों ने उनके झाँसे में फँसने से बचना शुरू कर दिया है । फरीदाबाद के रोटेरियंस के इस बचने की कार्रवाई के कारण ही विनय भाटिया और उनके समर्थक दीवाली मेले के कमिटमेंट को पूरा करने में असफल रहे हैं - और इसी आधार पर बॉल का कार्यक्रम भी पिटता हुआ नजर आ रहा है । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुधीर मंगला के समस्या यह आ खड़ी हुई है कि वह विनय भाटिया और उनके समर्थकों से दीवाली मेले का बकाया बसूल करें, और या बॉल को सफल करवाने की उम्मीद करें ? बॉल की तैयारियों की ढीलमढाल को लेकर विनय भाटिया और उनके नजदीकी जिस तरह नवदीप चावला को जिम्मेदार ठहराने लगे हैं, उसके कारण मामला और भी गंभीर हो गया है ।