नई दिल्ली । मुकेश अरनेजा ने डिस्ट्रिक्ट 3012 की चुनावी राजनीति में दीपक गुप्ता की लुटिया डुबोने के बाद डिस्ट्रिक्ट 3011 में विनय भाटिया की उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने का प्रयास शुरू किया, तो उन्हें लोगों से खासी लताड़ सुनने को मिली । कई लोगों ने ताना सा मारते मुकेश अरनेजा से कहा कि अब जब आप इस डिस्ट्रिक्ट में नहीं रह गए हैं, तो अब तो इस डिस्ट्रिक्ट को अपनी राजनीति का अखाड़ा न बनाओ । मुकेश अरनेजा के लिए इससे भी ज्यादा बदकिस्मती की बात यह रही कि विनय भाटिया के समर्थकों व शुभचिंतकों ने ही उनसे कहा कि विनय भाटिया की उम्मीदवारी के समर्थन में उनके सक्रिय होने से विनय भाटिया को नुकसान ही होगा, इसलिए कृपया आप कुछ न करें और चुप ही रहें । डिस्ट्रिक्ट 3011 में लोगों की तरफ से मिले इस रिएक्शन ने मुकेश अरनेजा को तगड़ा झटका दिया है । उल्लेखनीय है कि अभी हाल ही में डिस्ट्रिक्ट 3012 में अपनी चुनावी फजीहत के बीच मुकेश अरनेजा ने कुछेक लोगों के बीच शिकायती स्वर में रोना रोया था कि मुझे तो डिस्ट्रिक्ट 3011 के लोग अपने यहाँ बुला रहे थे, किंतु मैंने डिस्ट्रिक्ट 3012 में रहने का फैसला किया और आप मेरे साथ परायों व दुश्मनों जैसा व्यवहार कर रहे हो । उनकी इस भंगिमा को लोगों को भावनात्मक रूप से प्रभावित करने की चाल के रूप में देखा/पहचाना गया । उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट 3012 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की चुनावी लड़ाई में दीपक गुप्ता के पक्ष में मुकेश अरनेजा ने जो भी चाल चली, वह उल्टी ही पड़ी, और नोमीनेटिंग कमेटी में दीपक गुप्ता बड़े भारी अंतर से सुभाष जैन से पिछड़ गए । मुकेश अरनेजा को नोमीनेटिंग कमेटी की चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने का बड़ा मास्टर माना जाता है, लेकिन दीपक गुप्ता के लिए मुकेश अरनेजा ने जो भी मास्टरी दिखाई, उसकी बुरी गत ही बनी । मुकेश अरनेजा का कोई फार्मूला काम नहीं आया ।
दीपक गुप्ता के समर्थकों व शुभचिंतकों का तो यहाँ तक कहना है कि नोमीनेटिंग कमेटी में दीपक गुप्ता की जो बुरी स्थिति रही, उसके लिए मुकेश अरनेजा जिम्मेदार हैं । दीपक गुप्ता दरअसल समझ ही नहीं पाए कि लोगों के बीच मुकेश अरनेजा की कितनी बदनामी है, और मुकेश अरनेजा की बदनामी का खामियाजा उन्हें ही भुगतना पड़ेगा । विडंबनापूर्ण स्थिति यह रही कि मुकेश अरनेजा जिन लोगों से दीपक गुप्ता के लिए समर्थन माँगते थे, उनमें से कइयों ने उनके मुँह पर ही कहा कि वैसे तो हम दीपक गुप्ता का समर्थन कर सकते थे - किंतु चूँकि आप उनके साथ हो, इसलिए अब उनका समर्थन हरगिज नहीं करेंगे । दीपक गुप्ता ने कई लोगों का समर्थन मुकेश अरनेजा के कारण ही खोया । दरअसल मुकेश अरनेजा के समर्थन में होने के कारण दीपक गुप्ता के लिए समर्थन जुटाने के मौके काफी सिकुड़ गए थे । डिस्ट्रिक्ट में बहुत से लोग मुकेश अरनेजा के नाम से ही ऐसे बिदकते हैं, जैसे मुकेश अरनेजा को छूत की कोई बीमारी हो; मुकेश अरनेजा के उम्मीदवार के रूप में दीपक गुप्ता के लिए ऐसे लोगों के दरवाजे स्वतः ही बंद हो गए । बाकी बचे लोगों में बहुत से लोग ऐसे थे, जो मुकेश अरनेजा के साथ कभी गर्म कभी नर्म वाला रवैया अपनाते हैं; ऐसे लोगों को चूँकि मुकेश अरनेजा के साथ बैठने और बात करने में कोई आपत्ति नहीं थी, इसलिए मुकेश अरनेजा यदि होशियारी के साथ मूव करते तो ऐसे लोगों को कनविंस या कन्फ्यूज कर सकते थे - किंतु मुकेश अरनेजा ने राजनीतिक प्रक्रिया पर भरोसा करने की बजाए तिकड़मों का सहारा लिया, और ऐसी तिकड़मों का सहारा लिया जो पहले कई बार अपनाई जा चुकी हैं और बुरी तरह पिट चुकी हैं, इसलिए इस बार भी वह पिटी और बहुत बुरी तरह पिटीं । एक बड़े और बहुमत प्रदर्शित करने वाले तबके से दूर हो चुके मुकेश अरनेजा को फिर सबसे जोर वाला झटका यह लगा कि उनके अपने समझे जाने वाले लोगों ने भी उनका साथ छोड़ दिया ।
उल्लेखनीय है कि अशोक गर्ग और प्रवीन निगम को मुकेश अरनेजा के ही उम्मीदवार के रूप में देखा/पहचाना जा रहा था । इसी आधार पर माना/समझा जा रहा था कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की चुनावी लड़ाई अपने अंतिम दौर में जब सुभाष जैन और दीपक गुप्ता के बीच बची रह जायेगी, तब अशोक गर्ग और प्रवीन निगम जैसे मुकेश अरनेजा के नजदीकियों का समर्थन दीपक गुप्ता को मिल जायेगा । चुनावी लड़ाई के अंतिम दौर तक पहुँचते पहुँचते लेकिन मुकेश अरनेजा ने अपनी हरकतों से अपनी ऐसी हालत कर ली, कि अशोक गर्ग व प्रवीन निगम तक उनका साथ छोड़ कर सुभाष जैन के साथ खड़े नजर आने लगे । कहा भी जाता है कि डूबती हुई नाव में आखिर कौन बैठा रहना चाहेगा ? एक अकेले दीपक गुप्ता पता नहीं क्या सोच कर या किस गलतफहमी में मुकेश अरनेजा की डूबती नाव में बैठे रहे, और फिर स्वाभाविक परिणति के रूप में उन्होंने भी अपने आप को गहरे डूबे पाया । इस परिणति के बारे में चूँकि डिस्ट्रिक्ट 3011 के लोगों को और वहाँ डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार विनय भाटिया तथा उनके समर्थकों को भी पता है, इसलिए जैसे ही मुकेश अरनेजा ने वहाँ राजनीतिक सक्रियता दिखाई - वहाँ के लोगों ने तुरंत से मुकेश अरनेजा को लताड़ दिया । विनय भाटिया और उनके समर्थकों ने भी जान/पहचान लिया कि मुकेश अरनेजा की समर्थनपूर्ण बातें उन्हें फायदा पहुँचाने की बजाए उन्हें नुकसान ही पहुँचाएंगी - इसलिए उन्होंने भी एक फिल्मी डायलॉग का सहारा लेते हुए मुकेश अरनेजा से तो टूक कहा कि यदि आप सचमुच चाहते हो कि आप हम पर अहसान करो, तो सिर्फ एक अहसान करो और वह यह कि प्लीज हम पर कोई अहसान न करो ! यह एक मजेदार सीन है : किसी भी चुनाव में उम्मीदवार लोग हर किसी का समर्थन जुटाने का प्रयास करते हैं, पर यहाँ उल्टा ही हो रहा है - मुकेश अरनेजा समर्थन दे रहे हैं, उम्मीदवार उसे लेने से मना कर रहा है ।
डिस्ट्रिक्ट 3011 में लोगों को लग रहा है कि मुकेश अरनेजा डिस्ट्रिक्ट 3011 की चुनावी राजनीति में इसलिए दिलचस्पी ले रहे हैं, ताकि डिस्ट्रिक्ट 3012 में लोगों को वह यह दिखा सकें कि उनकी तो डिस्ट्रिक्ट 3011 में भी बहुत पूछ है । डिस्ट्रिक्ट 3011 में लेकिन उन्हें जो लताड़ मिली है, उससे उनका सारा गेमप्लान एक बार फिर चौपट हो गया है । डिस्ट्रिक्ट 3011 के लोगों ने स्पष्ट कह/कर दिया है कि उन्हें मुकेश अरनेजा रूपी गंदगी अपने यहाँ नहीं चाहिए । इससे डिस्ट्रिक्ट 3012 में दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी को साँस देने की मुकेश अरनेजा की तिकड़म को खासा झटका लगा है । यह झटका ऐसे समय लगा जब दीपक गुप्ता के लिए कॉन्करेंस जुटाने के उद्देश्य से मुकेश अरनेजा तरह तरह की तिकड़में भिड़ा रहे हैं, और उनकी तिकड़में काम नहीं आ रही हैं । झूठ मुकेश अरनेजा की राजनीति का प्रमुख हथियार है - झूठे दावे कर कर के वह लोगों को भ्रमित करते हैं और अपना काम निकालने का प्रयास करते हैं । झूठ के सहारे ही मुकेश अरनेजा ने दीपक गुप्ता के लिए कॉन्करेंस जुटाने का प्रयास किया हुआ है; और इसी प्रक्रिया में उन्होंने डिस्ट्रिक्ट 3011 में अपनी राजनीतिक हैसियत का झूठ बोला । डिस्ट्रिक्ट 3011 में उनकी क्या राजनीतिक हैसियत है, इसकी पोल खुल जाने के कारण कॉन्करेंस को लेकर किए जा रहे दावे भी संदेह के घेरे में आ गए हैं । मुकेश अरनेजा और उनके नजदीकियों की तरफ से पिछले कुछ दिनों से दीपक गुप्ता के पक्ष में 12 कॉन्करेंस जुटा लेने का दावा तो किया जा रहा है, लेकिन जब कोई उन 12 क्लब के नाम पूछता है तो मुकेश अरनेजा व दावा करने वाले दूसरे लोगों को साँप सूँघ जाता है । कुछेक क्लब के पदाधिकारियों ने मुकेश अरनेजा से कहा भी कि आप कॉन्करेंस देने वाले 12 क्लब्स के नाम बता दीजिए, हम तुरंत आपको अपने क्लब की कॉन्करेंस दे देंगे । मुकेश अरनेजा लेकिन नाम तो तब बताते, जब नाम उनके पास होते । इस तरह मुकेश अरनेजा अपने ही झूठ को खुद ही उद्घाटित कर दे रहे हैं । इस पृष्ठभूमि में, मुकेश अरनेजा की डिस्ट्रिक्ट 3011 के संबंध में हाँकी गई डींग जिस तरह से झूठी साबित हुई है - उससे कॉन्करेंस के संबंध में किए जा रहे प्रचार अभियान को जोर का झटका लगा है । इसी का नतीजा है कि वाट्सअप पर अभी हाल ही में कॉन्करेंस को लेकर जो गर्मी पैदा करने की कोशिश की गई, वह ठंडी ही पड़ी रह गई और लोगों ने उसमें कोई दिलचस्पी ही नहीं ली ।