नई
दिल्ली । संजय खन्ना - डिस्ट्रिक्ट 3011 के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संजय
खन्ना रोटरी की उपलब्धियों के संदर्भ में इस समय बल्ले बल्ले वाली स्थिति
में आ गए हैं । यूँ वह हैं तो दिल्ली के एक डिस्ट्रिक्ट के पूर्व गवर्नर,
लेकिन इस समय उनके नाम का डंका बज रहा है मेरठ/मुरादाबाद से लेकर अमेरिका
के लॉस एंजिलिस के सैन डिएगो तक में । सैन डिएगो में 28 अप्रैल से 1 मई
के बीच हो रही डिस्ट्रिक्ट 5280 की डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में संजय खन्ना
को इंटरनेशनल प्रेसीडेंट के प्रतिनिधि के रूप में शामिल होना है । किसी
डिस्ट्रिक्ट की डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में इंटरनेशनल प्रेसीडेंट के
प्रतिनिधि के रूप में जाने का मौका यद्यपि कई पूर्व गवर्नर्स को मिलता रहता
है, लेकिन संजय खन्ना को मिला यह मौका उल्लेखनीय इसलिए है - क्योंकि
डिस्ट्रिक्ट 5280 का रोटरी में बड़ा खास महत्त्व है । रोटरी के प्रमुख
प्रोजेक्ट-कार्यक्रम हों या रोटरी की इंटरनेशनल स्तर की राजनीति हो, इस
डिस्ट्रिक्ट की सभी में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका होती है और इस कारण से
रोटरी पर 'राज करने' की इच्छा रखने वाले रोटरी नेता इस डिस्ट्रिक्ट में
घुसने की और यहाँ अपने लिए 'जगह' बनाने की तिकड़मों में लगे रहते हैं ।
रोटरी का पुराना पाँचवा क्लब इसी डिस्ट्रिक्ट में है, और इस नाते से यह
रोटरी के साथ शुरू से ही जुड़ा हुआ है । रोटरी के साथ अपनी इस ऐतिहासिक
संलग्नता के कारण भी इसे रोटरी में विशेष पहचान और जगह मिली हुई है । ऐसे
डिस्ट्रिक्ट की डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में इंटरनेशनल प्रेसीडेंट के
प्रतिनिधि के रूप में शामिल होने के संजय खन्ना को मिले मौके को निश्चित
रूप से एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है ।
संजय खन्ना के
लिए इससे भी बड़ी उपलब्धि की बात लेकिन उन्हें डिस्ट्रिक्ट 3100 का कार्यभार
मिलना है । यह कार्यभार सौंप कर रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड ने रोटरी के इतिहास
में एक अनोखा अध्याय तो जोड़ा ही है, साथ ही संजय खन्ना को भी रोटरी के
इतिहास में एक विलक्षण सम्मान से नवाजा है । रोटरी के 111 वर्षों के
इतिहास में संभवतः यह पहला मौका होगा जब किसी पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर को
किसी दूसरे डिस्ट्रिक्ट का - डिस्ट्रिक्ट गवर्नर वाला रूतबा दिया गया हो ।
संजय खन्ना ने पिछले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट 3010 के डिस्ट्रिक्ट
गवर्नर का पदभार संभाला था, जिसके विभाजन के बाद वह डिस्ट्रिक्ट 3011 के
पूर्व गवर्नर हैं - लेकिन अगले रोटरी वर्ष में वह डिस्ट्रिक्ट 3100 के
निर्णायक कर्ताधर्ता - यानि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर वाली हैसियत में होंगे ।
रोटरी इंटरनेशनल के संविधान में चूँकि किसी पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर को
किसी दूसरे डिस्ट्रिक्ट का गवर्नर नियुक्त करने की 'व्यवस्था' नहीं है, इसलिए
संजय खन्ना को डिस्ट्रिक्ट 3100 के रोटरी इंटरनेशनल के 'विशेष प्रतिनिधि'
का नाम दिया गया है - जिसके तहत उनका काम डिस्ट्रिक्ट के क्लब्स को उसी तरह
से सपोर्ट करना होगा, जैसे एक डिस्ट्रिक्ट गवर्नर करता है । उल्लेखनीय
है कि डिस्ट्रिक्ट 3100 इस समय अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है - करीब
ढाई महीने पहले डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुनील गुप्ता को प्रशासनिक व आर्थिक
गड़बड़ियों के आरोपों के कारण डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद से हटा दिया गया था; और
उनकी जगह डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट दीपक बाबु को डिस्ट्रिक्ट का कार्यभार
सौंपा गया था । दीपक बाबु लेकिन सुनील गुप्ता के भी 'गुरू' निकले । उनकी
हरकतों को देख/जान कर रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड ने समझ लिया कि डिस्ट्रिक्ट
3100 में हालात बहुत ही खराब हैं, जिन्हें ठीक करने के लिए 'एक बड़े ऑपरेशन'
की जरूरत पड़ेगी । इस जरूरत को समझते हुए इंटरनेशनल बोर्ड ने अभी हाल
में संपन्न हुई अपनी मीटिंग में डिस्ट्रिक्ट 3100 को 'नॉन
डिस्ट्रिक्टेड' स्टेटस में डाल दिया और डिस्ट्रिक्ट के क्लब्स को सपोर्ट
करने की जिम्मेदारी डिस्ट्रिक्ट 3011 के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संजय
खन्ना को सौंप देने का फैसला किया है ।
संजय खन्ना को
इंटरनेशनल बोर्ड के फैसले के जरिए जो जिम्मेदारी मिली है, वह रोटरी
इंटरनेशनल के पदाधिकारियों के बीच उनकी प्रभावी पहचान और प्रतिष्ठा का
सुबूत तो है ही - साथ ही उनकी प्रशासनिक क्षमताओं व लीडरशिप क्वालिटी के प्रति इंटरनेशनल पदाधिकारियों के विश्वास का इज़हार भी है ।
किंतु
संजय खन्ना को डिस्ट्रिक्ट 3100 की जो जिम्मेदारी मिली है, वह उनके लिए
बड़ी चुनौती भी है । दरअसल इंटरनेशनल बोर्ड ने अपनी मीटिंग में जो फैसले लिए
हैं, उसके कारण डिस्ट्रिक्ट में भारी बबाल पैदा हो गया है । डिस्ट्रिक्ट
को 'नॉन डिस्ट्रिक्टेड' स्टेटस तो मिला ही है, साथ ही पूर्व डिस्ट्रिक्ट
गवर्नर्स पर अगले पाँच वर्ष तक, यानि वर्ष 2021 तक रोटरी इंटरनेशनल व रोटरी फाउंडेशन में नियुक्तियाँ पाने पर रोक
लगा दी गई है । तीन वरिष्ठ पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स - बृज भूषण, वागीश
स्वरूप अग्रवाल व एमएस जैन को डिस्ट्रिक्ट में प्रशासनिक व वित्तीय
गड़बड़ियों में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है । रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड
के इस फैसले पर डिस्ट्रिक्ट के उन लोगों व पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के
बीच भारी रोष है, जो किसी भी गड़बड़ी में किसी भी स्तर पर शामिल नहीं रहे हैं
और जिन पर कोई आरोप नहीं रहा है । उनका कहना है कि डिस्ट्रिक्ट के कुछेक
पदाधिकारियों की करतूतों के लिए आखिरकार उन्हें भी सजा क्यों दी जा रही है -
और उन्हें भी अपराधी की तरह क्यों ट्रीट किया जा रहा है ? डिस्ट्रिक्ट
में अधिकतर लोगों का मानना और कहना है कि डिस्ट्रिक्ट की बदहाली के लिए कुछ
ही लोग जिम्मेदार हैं, जिन्हें सभी लोग पहचानते हैं और इंटरनेशनल
प्रेसीडेंट केआर रवींद्रन द्वारा जांच-पड़ताल के लिए भेजी गई टीम ने भी जिन्हें पहचान लिया - इसके बाद भी सजा सभी को दे दी गई है । इस बात को लेकर डिस्ट्रिक्ट के आम व खास लोगों में इस समय इंटरनेशनल पदाधिकारियों के प्रति खासी नाराजगी और विरोध का भाव है ।
मजे की बात यह है कि डिस्ट्रिक्ट की बदहाली के लिए जिम्मेदार माने/बताए गए 'खास लोग', लोगों की इस नाराजगी का फायदा उठाने के लिए सक्रिय हो गए हैं । इस काम में दीपक बाबु के नजदीकी व समर्थक सबसे ज्यादा सक्रिय हैं । दरअसल इंटरनेशनल बोर्ड के फैसले से सबसे बड़ा कुठाराघात दीपक बाबु और उनके नजदीकियों पर ही हुआ है । उल्लेखनीय है कि सुनील गुप्ता को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद से हटा कर जब दीपक बाबु को डिस्ट्रिक्ट का कार्यभार सौंपा गया था, तब दीपक बाबु और उनके नजदीकी ऐसे खुश हुए थे - जैसे उन्हें कोई गड़ा हुआ खजाना मिल गया हो । खुशी में
वह ऐसे पागल हो गए थे कि ऊँचे-ऊँचे सपने देखने लगे थे और बहकी बहकी बातें
करने लगे थे - अगले वर्षों में कौन कौन लोग डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनेंगे, वह
इसकी सूची बनाने लगे थे और उन लोगों के साथ सौदेबाजी करने लगे थे; दीपक
बाबु के दो वर्षों के लिए गवर्नर 'बनने' को वह दीपक बाबु के विरोधियों पर
तमाचे बताने लगे थे । पर अब जब तमाचा उन्हीं पर पड़ गया है तो वह बुरी तरह बौखला गए हैं । पहले खुशी में पगलाने पर और अब बौखलाने पर वह इस सच्चाई पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं कि दीपक बाबु को संभलने/सुधरने के चार चार मौके मिले थे, किंतु उन्होंने तो डिस्ट्रिक्ट को जैसे अपनी निजी जागीर समझ लिया था और मनमानी करने में इस हद तक जुटे कि कॉलिज ऑफ गवर्नर्स के फैसलों तक की अनदेखी करने लगे ।
अपनी मनमानी कारस्तानियों पर पर्दा डालने की गरज से ही दीपक बाबु के
समर्थकों व नजदीकियों ने डिस्ट्रिक्ट को 'नॉन डिस्ट्रिक्टेड' स्टेटस देने
के रोटरी इंटरनेशनल के फैसले के खिलाफ शोर मचाया हुआ है । उन्हें लगता है
कि इस मामले में उन्हें डिस्ट्रिक्ट के लोगों का समर्थन मिल जायेगा और वह
इंटरनेशनल पदाधिकारियों पर फैसले को पलटने के लिए दबाव बना लेंगे ।
संजय खन्ना के लिए चुनौती की बात यह
है कि उन्हें ऐसे माहौल में डिस्ट्रिक्ट 3100 में रोटरी इंटरनेशनल के
'विशेष प्रतिनिधि' की जिम्मेदारी निभानी है । संजय खन्ना को हालाँकि परस्पर
विपरीत स्थितियों में काम करने का अच्छा अनुभव है - डिस्ट्रिक्ट 3010
में उम्मीदवार के रूप में उन्होंने सत्ताधारी गवर्नर्स खेमे की लंपटई का
मुकाबला करते हुए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद का चुनाव जीता था; और फिर
गवर्नर के रूप में अपने विरोधियों को भी साथ लेकर काम किया था; यानि उन्हें
विरोधियों से निपटना भी आता है और उन्हें साथ लेकर काम करने की तरकीब भी
उन्हें पता है । संभवतः संजय खन्ना के इसी हुनर को देखते हुए रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में उन्हें डिस्ट्रिक्ट 3100 की जिम्मेदारी सौंपी है । सैन
डिएगो में 28 अप्रैल से 1 मई के बीच हो रही डिस्ट्रिक्ट 5280 की
डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में इंटरनेशनल प्रेसीडेंट के प्रतिनिधि की भूमिका
निभा कर लौटने के बाद संजय खन्ना को मेरठ/मुरादाबाद में डिस्ट्रिक्ट 3100
को वापस पटरी पर लाने में जुटना है । संजय खन्ना का राजनीतिक व प्रशासनिक हुनर है, रोटरी इंटरनेशनल पदाधिकारियों का उन पर भरोसा है और डिस्ट्रिक्ट 3100 में लोगों का बबाल है - ऐसे में यह देखना सचमुच दिलचस्प होगा कि आगे क्या होगा ?