Monday, December 3, 2018

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के चुनाव में अपने झूठे और बढ़े-चढ़े दावों के चलते आरोपों के घेरे में घिरे राजेश शर्मा द्वारा कन्वोकेशन समारोह में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स लड़कियों के साथ की गई हरकत के मामले के फिर से सिर उठाने से राजेश शर्मा के लिए मुश्किलें और बढ़ीं

नई दिल्ली । नए बने चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को इंस्टीट्यूट की सदस्यता का सर्टीफिकेट देने के लिए यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में पिछले दिनों आयोजित हुए कन्वोकेशन समारोह में की गई अपनी हरकतों और कारस्तानियों पर पर्दा डालने की राजेश शर्मा की कोशिशें लगता है कि चुनाव से ठीक पहले फेल हो रही हैं, और राजेश शर्मा के लिए उन्हें और ज्यादा समय तक छिपाये/दबाये रखना मुश्किल हो रहा है । उल्लेखनीय है कि नए बने चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के लिए हुए कन्वोकेशन समारोह में मौजूद कुछेक अभिभावकों ने आरोप लगाया था कि सर्टीफिकेट लेने मंच पर पहुँचने वाली लड़कियों को मंच पर व्यवस्था बनाये रखने के नाम पर राजेश शर्मा गलत तरीके से और गलत जगहों पर छू रहे हैं । उससे पहले नए बने चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, उनके अभिभावकों और मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित भारतीय सेना के पूर्व चीफ जनरल वीके मलिक के सामने अन्य सेंट्रल काउंसिल सदस्यों के साथ भाषण देते हुए राजेश शर्मा भाषण के नाम पर फूहड़ व सस्ते किस्म के शेर कहते हुए अपने लोगों से तालियाँ व सीटियाँ बजवा कर अपना 'चरित्र' दिखा चुके थे । इंस्टीट्यूट के प्रेसीडेंट नवीन गुप्ता तथा कुछेक सेंट्रल काउंसिल सदस्यों ने इशारों इशारों में कई बार प्रयास भी किया कि कार्यक्रम में कम से कम सीटियाँ तो न बजाई जाएँ, लेकिन राजेश शर्मा के लोगों को इस तरह से सिखा/पढ़ा कर लाया गया था कि उन्होंने किसी की नहीं सुनी और जब तक राजेश शर्मा का भाषण व शेर-ओ-शायरी चलती रही - वह अपनी हरकतों को दोहराते हुए इंस्टीट्यूट व प्रोफेशन की पहचान और साख के साथ खिलवाड़ करते रहे । लोगों ने कई कई तरीकों से इस बात को कहा/दोहराया कि राजेश शर्मा की हरकतों पर यदि लगाम नहीं लगा सकते हैं, तो इंस्टीट्यूट के कार्यक्रमों में बाहर के प्रतिष्ठित लोगों को आमंत्रित नहीं करना चाहिए, ताकि कम से कम बाहर के लोगों को तो न पता चले कि एक गंभीर और प्रतिष्ठित समझे जाने वाले विषय के प्रमुख इंस्टीट्यूट के बड़े आयोजनों तक में खुद आयोजक-सदस्यों की तरफ से ही किस तरफ की टुच्ची और लफंगईभरी हरकतें होती हैं ।
दरअसल राजेश शर्मा के इस 'रूप' के उद्घाटित होने के कारण मंच पर सर्टीफिकेट लेने/देने के दौरान लड़कियों को गलत तरीके से और गलत जगहों पर छूने/पकड़ने की राजेश शर्मा की हरकत ने गंभीर रूप ले लिया, और अभिभावकों ने राजेश शर्मा की हरकत पर शोर-शराबा किया - जिसे इंस्टीट्यूट के स्टॉफ ने बड़ी मुश्किल से जैसे-तैसे करके शांत करवाया । इंस्टीट्यूट के स्टाफ के लोगों ने अनुभव किया कि राजेश शर्मा के भाषण के दौरान जिस तरह का बेहूदा व फूहड़ सीन बना, उसे तथा मंच पर राजेश शर्मा की बेमतलब में की जा रही उछल-कूद को देख कर अभिभावकों के बीच राजेश शर्मा को लेकर समझ बनी कि वह कोई सड़कछाप व्यक्ति हैं; और इस समझ के चलते ही बहानेबाजी से लड़कियों को छूने की राजेश शर्मा की हरकत उन्हें नागवार लगी । इस सारे नजारे को देख कर नए बने चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, उनके अभिभावक और मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पूर्व सेना चीफ जनरल वीके मलिक यह नजारा देख कर हैरान थे; उनके लिए यह समझना मुश्किल हुआ कि चार्टर्ड एकाउंटेंट्स जैसे प्रोफेशन में ऐसे 'सड़कछाप' लोग हैं कैसे ? राजेश शर्मा के व्यवहार से नाराज अभिभावकों को उस समय तो इंस्टीट्यूट के स्टॉफ ने किसी तरह शांत किया और मामले को संभाला, लेकिन अभिभावकों ने लिखित में शिकायत दर्ज करके और कार्यक्रम की वीडियो रिकॉर्डिंग के असंपादित - रॉ फुटेज माँग कर इंस्टीट्यूट प्रशासन के सामने मुसीबत खड़ी कर दी । हालाँकि शिकायतों को जाँच के नाम पर कैसे लटकाये रखा जाता है, और कैसे उन्हें 'अपनी मौत मरने' के लिए छोड़ दिया जाता है - मामले में इंस्टीट्यूट प्रशासन को अच्छा अनुभव है; और उनके इसी अनुभव ने राजेश शर्मा को बचा लिया । राजेश शर्मा ने भी अपने खिलाफ हुई शिकायत को 'खुद मरने के लिए' छोड़ देने का दबाव बनाया ही होगा । लेकिन राजेश शर्मा के खिलाफ कोई कार्रवाई होती न देख चार्टर्ड एकाउंटेंट्स बनी लड़कियों के साथ की गई राजेश शर्मा की हरकत पर आवाज उठाने वाले अभिभावकों ने जिस तरह से इंस्टीट्यूट का दरवाजा फिर से खटखटाया है, उससे राजेश शर्मा की मुश्किलें बढ़ी हुई नजर आ रही हैं । वास्तव में उक्त शिकायत के फिर से उठने/उभरने की टाइमिंग ने राजेश शर्मा के लिए फजीहत की स्थिति बना दी है । उन्हें और उनके समर्थकों को डर हुआ है कि इंस्टीट्यूट की विभिन्न काउंसिल्स के लिए हो रहे चुनाव से ठीक पहले कन्वोकेशन समारोह में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स लड़कियों के साथ की गई उनकी हरकत की बात यदि उछली और उसने जोर पकड़ा, तो उससे उनका चुनावी गणित गड़बड़ा सकता है ।
राजेश शर्मा इस समय अपने झूठे और बढ़े-चढ़े दावों के चलते यूँ भी आरोपों के घेरे में हैं । सॉफ्टवेयर द्वारा बैंक ऑडिट अलॉट होने तथा नॉन-प्रैक्टिसिंग अलाउंस के फैसले को लेकर किए जा रहे उनके दावों को लेकर लोगों के बीच चर्चा है कि राजेश शर्मा चुनाव जीतने के लिए झूठ बोल कर लोगों को धोखा देने तक से बाज नहीं आ रहे हैं । उल्लेखनीय है कि बैंक ऑडिट अलॉट करने वाले सॉफ्टवेयर को तैयार करने का काम 32 सदस्यों वाली प्रोफेशनल डेवलपमेंट कमेटी ने किया है, जिसके चेयरमैन रंजीत अग्रवाल हैं और जिसमेँ नॉर्दर्न रीजन से राजेश शर्मा के अलावा संजय वासुदेवा तथा विजय गुप्ता भी सदस्य हैं । कमेटी द्वारा किए गए काम का राजेश शर्मा ने जिस तरह से अकेले ही श्रेय लेने का प्रयास किया है, उससे जाहिर है कि अपनी चुनावी जीत को लेकर वह भारी आशंका में हैं और किसी भी तरह झूठ बोल कर लोगों को बरगला कर वह वोट पा लेना चाहते हैं । नॉन-प्रैक्टिसिंग चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को अलाउंस के मामले में तो राजेश शर्मा ने झूठ बोलने की हद ही कर दी है । उल्लेखनीय है कि कंपनियों में काम करने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट्स अक्सर ही डॉक्टर्स की तरह नॉन-प्रैक्टिसिंग अलाउंस की माँग करते सुने गए हैं; उनकी भावनाओं का इस्तेमाल करते हुए राजेश शर्मा ने कई जगह कंपनियों में काम करने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को बताया है कि उनकी पहल पर सेंट्रल काउंसिल ने नॉन-प्रैक्टिसिंग अलाउंस के प्रस्ताव को पास कर दिया है, और पास प्रस्ताव को क्रियान्वन के लिए मंत्रालय में भेज दिया गया है । इस मामले में सच्चाई जबकि यह है कि उक्त मामले में प्रस्ताव पास होना तो दूर सेंट्रल काउंसिल में कभी एजेंडे के रूप में भी नहीं आया है । दरअसल राजेश शर्मा को लगता है कि उनके झूठ कुछ ही लोग पकड़ पायेंगे, और अधिकतर लोगों को जब तक सच्चाई पता चलेगी - तब तक चुनाव हो चुकेंगे और लोग वोट डाल चुकेंगे । राजेश शर्मा के लिए बदकिस्मती की बात लेकिन यही रही कि उनके झूठे दावे तुरंत ही पकड़े जा रहे हैं, और उनकी फजीहत करा रहे हैं । पिछले वर्ष 'सीए डे' से जुड़ी बदनामी उनकी लाख कोशिशों के बाद भी उनका पीछा छोड़ती नहीं दिख रही है, और 'सीए डे' की हरकतों को लेकर लोग अभी भी उन्हें जहाँ-तहाँ जलील करने लगते हैं । ऐसे में, कन्वोकेशन समारोह में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स लड़कियों के साथ की गई उनकी हरकत के मामले के फिर से सिर उठाने से राजेश शर्मा के लिए मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं ।