Monday, December 17, 2018

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट दीपक गुप्ता को पेम के खर्चों से जुड़े आरोपों के घेरे में लेने/लाने की मुकेश अरनेजा की कोशिशों ने दीपक गुप्ता के लिए फजीहत वाली स्थितियाँ बना दी हैं

गाजियाबाद । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट दीपक गुप्ता 'पाठशाला' शीर्षक से आयोजित हुई पेम टू के हिसाब-किताब को लेकर भी विवादों और आरोपों में घिर गए हैं, और इसमें भी उनके लिए बदकिस्मती की बात यह रही है कि इसके पीछे पूर्व गवर्नर मुकेश अरनेजा की हरकत को देखा/पहचाना जा रहा है । दीपक गुप्ता के नजदीकियों का ही कहना/बताना है कि मुकेश अरनेजा रोटरी क्लब गाजियाबाद के सदस्यों को भड़का रहे हैं कि उन्हें दीपक गुप्ता से पेम टू के खर्च का हिसाब-किताब लेना चाहिए, ताकि पता चले कि पेम टू में वास्तव में कितना खर्चा हुआ है । उल्लेखनीय है कि पेम टू के आयोजन की जिम्मेदारी रोटरी क्लब गाजियाबाद की ही थी, जो दीपक गुप्ता का ही क्लब है । चर्चा है कि दीपक गुप्ता ने अपने क्लब के पदाधिकारियों को यह कहते/बताते हुए पेम टू केआयोजन के लिए राजी किया कि क्लब जितना/जो पैसा देना चाहे, उतना दे - बाकी पैसा वह खुद देंगे । मुकेश अरनेजा का आयोजक क्लब के लोगों से कहना/बताना है कि काफी पैसा तो पेम वन का ही बचा हुआ है; पेम टू का आयोजन उसी से हो सकता है - लेकिन दीपक गुप्ता पेम टू के आयोजन के लिए क्लब से भी पैसे ले रहे हैं और अपने पास से भी पैसे देने/लगाने की बात कर रहे हैं; लेकिन हिसाब-किताब नहीं दे रहे हैं । मुकेश अरनेजा पर दीपक गुप्ता के क्लब के पदाधिकारियों को यह कहते हुए भड़काने का आरोप है कि उन्हें दीपक गुप्ता से हिसाब-किताब माँगना चाहिए, ताकि पता तो चले कि खुद अपने पास से पैसे देने की बात करने वाले दीपक गुप्ता ने वास्तव में कितने पैसे बचा लिए हैं । मुकेश अरनेजा का कहना है कि दीपक गुप्ता जिस तरह से पेम वन और पेम टू के आयोजन से संबद्ध हिसाब-किताब को सभी से छिपा कर रख रहे हैं, उससे गड़बड़ी का शक हो रहा है ।        
मजे की बात यह है कि दीपक गुप्ता के क्लब के कंधे का सहारा लेकर जो मुकेश अरनेजा, दीपक गुप्ता के लिए फजीहत वाली स्थितियाँ बना रहे हैं - दीपक गुप्ता ने उन्हीं मुकेश अरनेजा को अपने गवर्नर-काल के लिए डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाया है । मुकेश अरनेजा के साथ बड़ी समस्या दरअसल यही है कि लोग उन्हें ईज्जत देते हैं, लेकिन ईज्जत उन्हें रास नहीं आती है - और वह ईज्जत देने वालों की ही फजीहत करने/करवाने में जुट जाते हैं । पूर्व गवर्नर अमित जैन ने भी उन्हें अपना डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाया था, लेकिन मुकेश अरनेजा की हरकतों को देख कर डेढ़/दो महीने में ही अमित जैन ने उन्हें डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद से हटा दिया था; पिछले रोटरी वर्ष में सतीश सिंघल ने उन्हें डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाया था, लेकिन सतीश सिंघल को लेकर वह चेन्नई में हुई रोटरी इंस्टीट्यूट तक में खासी बकवासबाजी कर चुके हैं । अपने स्वभावानुसार, मुकेश अरनेजा ने अब दीपक गुप्ता को निशाना बनाया हुआ है । मुकेश अरनेजा के इस रवैये को देख/जान कर उन्हें ही डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाने पर विचार कर रहे आलोक गुप्ता संशय में पड़ गए हैं कि वह उन्हें डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाये या नहीं ? आलोक गुप्ता की उम्मीदवारी के सामने आशीष माखीजा की उम्मीदवारी लाने का प्रयास करके मुकेश अरनेजा पहले भी दिखा/जता चुके हैं कि आलोक गुप्ता को तरह तरह से परेशान करने से वह पीछे नहीं 'हटेंगे' । दीपक गुप्ता को आरोपों के घेरे में लेने/लाने की मुकेश अरनेजा की कोशिशों ने लेकिन फिलहाल दीपक गुप्ता के लिए फजीहत वाली स्थितियाँ बना दी हैं ।
दीपक गुप्ता के लिए बदकिस्मती की बात यह हुई है कि पेम वन में जब उन्होंने रजिस्ट्रेशन के नाम पर पैसों की जमकर बसूली की थी, तब तो वह लोगों के आरोपों के निशाने पर आये ही थे; लेकिन अब जब पेम टू में वह पैसों की बसूली करने से बचे हैं - तब भी उन्हें आरोपों का सामना करना पड़ रहा है । ऐसा लगता है कि पेम वन में लगे बदनामी के दाग इतने गहरे साबित हुए हैं, कि पेम टू में भी उसी तरह के आरोपों ने दीपक गुप्ता को चपेटे में ले लिया है । मुकेश अरनेजा दरअसल जिन बातों के आधार पर दीपक गुप्ता को घेरने/घिरवाने का प्रयास कर रहे हैं, उनमें यही बताया/कहा जा रहा है कि पेम वन में दीपक गुप्ता ने जिस तरह से पैसों की उगाही की थी, और जिसके चलते उन्हें भारी बदनामी मिली थी - उसी बदनामी से मुक्त होने के लिए उन्होंने पेम टू में पैसे 'खुद' देने की चालबाजी रची, लेकिन उनकी इस चालबाजी में भी धोखा है; मुकेश अरनेजा का कहना/बताना है कि दीपक गुप्ता यह धोखा और चालबाजी अपने ही क्लब के लोगों के साथ कर रहे हैं । मुकेश अरनेजा के नजदीकियों के अनुसार, मुकेश अरनेजा दरअसल दीपक गुप्ता से इसलिए नाराज भी हैं, क्योंकि दीपक गुप्ता ने उन्हें डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर तो बना दिया है - लेकिन वह मुकेश अरनेजा को ज्यादा तवज्जो नहीं दे रहे हैं, और अधिकतर मामलों में अपने ही तरीके से फैसले कर रहे हैं । पेम टू के आयोजन के दौरान ही लोगों ने कई मौकों पर उन्हें हताश व निराश अवस्था में बैठे हुए देखा/पाया । दीपक गुप्ता के इस रवैये ने 'जिस थाली में खाना, उसी में छेद करने का प्रयास करना' जैसा आचरण करने वाले मुकेश अरनेजा को और भड़काया है - जिसके चलते मुकेश अरनेजा ने हिसाब-किताब के मुद्दे पर दीपक गुप्ता को घेरने/फँसाने का खेल और तेज कर दिया है