Wednesday, December 12, 2018

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3100 में वर्ष 2020-21 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव की तारीख को लेकर बनी अनिश्चितता के कारण डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक जैन फिर से आरोपों में घिरे

मेरठ । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक जैन ने वर्ष 2020-21 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव की प्रक्रिया पर ब्रेक लगा कर एक बार फिर रोटरी व डिस्ट्रिक्ट की विश्वसनीयता पर संकट खड़ा कर दिया है । इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी सुशील गुप्ता और रोटरी इंटरनेशनल के दिल्ली स्थित साऊथ एशिया ऑफिस के पदाधिकारी जितेंद्र सिंह के आगाह करने के बावजूद दीपक जैन ने जिस तरह से उक्त चुनाव की प्रक्रिया को मजाक बनाया हुआ है, उसके कारण रोटरी इंटरनेशनल के बड़े पदाधिकारियों को लग रहा है कि डिस्ट्रिक्ट 3100 को नॉन डिस्ट्रिक्ट स्टेटस से बाहर लाकर इंटरनेशनल प्रशासन ने जैसे बड़ी गलती कर दी है । उल्लेखनीय है कि प्रत्येक डिस्ट्रिक्ट में वर्ष 2020-21 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पिछले रोटरी वर्ष में ही तय हो चुके थे । नॉन डिस्ट्रिक्ट स्टेटस में होने के कारण डिस्ट्रिक्ट 3100 में यह नहीं हो पाया था; लेकिन मौजूदा रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट 3100 को डिस्ट्रिक्ट का स्टेटस मिला तो उम्मीद की गई थी कि सितंबर/अक्टूबर तक डिस्ट्रिक्ट 3100 को भी वर्ष 2020-21 का गवर्नर मिल जायेगा । दीपक जैन यदि सचमुच डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में व्यवहार करते तो यह हो भी जाता, लेकिन दीपक जैन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की बजाये कुछेक लोगों की 'कठपुतली' बन गए - इसलिए उक्त मामला लटक गया । इस मामले को लेकर होने वाली चौतरफा फजीहत को देख कर दीपक जैन ने अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में नामांकन की प्रक्रिया शुरू की, तो लगा कि उन्होंने कठपुतली का चोगा उतार कर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में व्यवहार करना शुरू किया है - लेकिन यह भ्रम साबित हुआ । 
दीपक जैन नामांकन करवा कर फिर 'सो' गए । रोटरी में आम रिवाज है कि नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने के बाद निरंतरता में ही चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जाती है । हाल ही के दिनों में डिस्ट्रिक्ट 3011 और डिस्ट्रिक्ट 3012 में इसी रिवाज का पालन करते हुए चुनाव या तो हो चुके हैं और या हो रहे हैं - लेकिन डिस्ट्रिक्ट 3100 में नामांकन हो जाने के बाद किसी को भी पता नहीं है कि चुनाव आखिर कब होंगे ? मजे की बात यह है कि दीपक जैन ने यह कहते हुए ठीकरा रोटरी इंटरनेशनल के सिर फोड़ा हुआ है कि वह जब लिंक भेज देगा, तब चुनाव शुरू हो जायेंगे; व्यवस्था जबकि यह होती है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर को चुनाव की तारीख सुनिश्चित करना होती है - रोटरी इंटरनेशनल उसी तारीख के हिसाब से लिंक भेजता है । चुनाव की तारीख का डिस्ट्रिक्ट में किसी को पता नहीं है । डिस्ट्रिक्ट के कुछेक प्रमुख लोगों के अनुसार यह मामला दीपक जैन की काबिलियत की कमी से जुड़ा है । उनका कहना है कि दीपक जैन तीन-तिकड़म और वोटों की खरीद-फरोख्त से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर तो बन गए, लेकिन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की जिम्मेदारी का निर्वाह कर पाने की काबिलियत उनमें नहीं है और इसीलिए जो चुनाव सितंबर/अक्टूबर तक हो जाना चाहिए था - उसका अभी दिसंबर में भी कोई अता-पता नहीं है । यह मामला इसलिए भी गंभीर है कि वर्ष 2021-22 के गवर्नर पद के लिए भी इसी वर्ष चुनाव होने हैं । लोगों का कहना/पूछना है कि दीपक जैन जब अभी पहला चुनाव ही नहीं करवा पा रहे हैं, तो दूसरा चुनाव कब और कैसे करवा सकेंगे ? इसी सवाल के जबाव में उनके 'कठपुतली' होने के आरोप को बल मिलता है । लोगों का कहना है कि एक कठपुतली की यही तो खूबी होती है - उसकी डोर खींची रखी जाये तो वह कुछ नहीं करती है और ढीली छोड़ दी जाये, तो वह आनन-फानन में जल्दी से काम निबटा देगी । वर्ष 2020-21 के गवर्नर पद के चुनाव में दीपक जैन भले ही छह महीने से ज्यादा का समय ले रहे हों; लेकिन आप देखियेगा - वर्ष 2021-22 के गवर्नर पद के चुनाव वह आनन-फानन में संपन्न कर/करवा देंगे ।  
दीपक जैन दो वर्षों के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के चुनावों को लेकर अपने साथ-साथ डिस्ट्रिक्ट व रोटरी की जो फजीहत कर/करवा रहे हैं; उसमें डिस्ट्रिक्ट के कुछेक लोगों को कमाई करने का ऐंगल भी लग रहा है । लोगों का सीधा/साफ आरोप है कि दीपक जैन ने वर्ष 2020-21 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के चुनाव की प्रक्रिया को जिस तरह से बीच अधर में लटका दिया है, उससे लगता है कि वह उम्मीदवारों से पैसे ऐंठने के जुगाड़ में हैं और इसीलिए चुनावी प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ा रहे हैं । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में दीपक जैन का रवैया प्रायः संदेहास्पद तथा आरोपों से परिपूर्ण रहा है, इसलिए उम्मीदवारों से पैसे ऐंठने के आरोप को लोगों के बीच स्वीकार्यता मिलती दिख रही है । डिस्ट्रिक्ट से लेकर रोटरी की बड़ी दुनिया तक में वर्ष 2020-21 के गवर्नर पद के चुनाव को न करवाने को लेकर दीपक जैन की भारी फजीहत हो रही है, लेकिन वह इसकी कोई परवाह करते हुए नहीं दिख रहे हैं - इससे भी लोगों को आभास हो रहा है कि उक्त चुनाव को लेकर दीपक जैन किसी बड़ी सौदेबाजी के चक्कर में हैं, और उसके चक्कर में किसी भी तरह की बदनामी उठा लेने के लिए तैयार हैं । दीपक जैन के रवैये से स्पष्ट है कि उन्होंने सुनील गुप्ता के हुए हश्र से कोई सबक नहीं सीखा है, और डिस्ट्रिक्ट 3100 को दो वर्षों तक नॉन डिस्ट्रिक्ट स्टेटस में डालने का कोई फायदा नहीं मिला है ।