Monday, April 15, 2019

रोटरी इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी सुशील गुप्ता के साथ बनी दूरी के कारण इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव में पतली हुई हालत से उबरने के लिए विनोद बंसल ने शेखर मेहता व मनोज देसाई की मदद से अशोक गुप्ता के डिस्ट्रिक्ट के एक प्रमुख कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति 'दिखा' कर बड़ा 'कांड' किया

नई दिल्ली । डिस्ट्रिक्ट 3054 तथा डिस्ट्रिक्ट 3060 द्वारा संयुक्त रूप से अहमदाबाद में आयोजित किए गए प्रेसीडेंट इलेक्ट व सेक्रेटरी इलेक्ट के ट्रेनिंग सेमीनार में आमंत्रित वक्ताओं में विनोद बंसल की उपस्थिति ने इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की चुनावी राजनीति के बनते-बिगड़ते समीकरणों में दिलचस्पी रखने वाले रोटेरियंस को चौंकाया है; और उन्हें उक्त कार्यक्रम में विनोद बंसल की मौजूदगी एक पहेली की तरह लगी है । हालाँकि कार्यक्रम जिन 'लोगों' का था, और कार्यक्रम में जो भी प्रमुख लोग शामिल थे - उनके साथ विनोद बंसल के नजदीक के संबंध रहे हैं; और विनोद बंसल उनके काम आते रहे हैं और बदले में समय-समय पर उनसे 'फायदे' भी लेते रहे हैं । इस पृष्ठभूमि में, उक्त कार्यक्रम में विनोद बंसल की उपस्थिति पर सवाल नहीं उठने चाहिए थे - लेकिन वह उठे हैं, तो इसका कारण इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव के लिए बनने वाला समीकरण है । उल्लेखनीय है कि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए डिस्ट्रिक्ट 3054 के पूर्व गवर्नर अशोक गुप्ता उम्मीदवार हैं, तो डिस्ट्रिक्ट 3011 के पूर्व गवर्नर विनोद बंसल भी तैयारी करते सुने/देखे जा रहे हैं । इसलिए डिस्ट्रिक्ट 3054 के कार्यक्रम में विनोद बंसल की उपस्थिति राजनीतिक रूप से मामले को हैरान करने वाला बनाती है । मजे की बात यह है कि अशोक गुप्ता और विनोद बंसल - दोनों एक ही खेमे के उम्मीदवार के रूप में देखे/पहचाने जा रहे हैं, और जिन बड़े नेताओं को अशोक गुप्ता की उम्मीदवारी के समर्थक के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है, विनोद बंसल भी उन्हीं नेताओं के भरोसे अपनी दाल गलाने की फिराक में बताये/सुने जा रहे हैं । इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की चुनावी राजनीति के संदर्भ में लोगों के बीच अभी जो परसेप्शन है, उसमें अशोक गुप्ता का पलड़ा ही भारी देखा/समझा जा रहा है; लेकिन इसके बावजूद विनोद बंसल जिस तरह से तैयारी करते हुए देखे जा रहे हैं, उससे लोगों को यह अहसास भी हो रहा है कि विनोद बंसल को कहीं से तो 'फूँक' मिल रही है, जिसके भरोसे उन्हें 'लग' रहा है कि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद को लेकर जोन के रोटेरियंस के बीच अभी भले ही जो परसेप्शन हो, लेकिन उनके लिए मौका बन सकता है ।
दरअसल इसी कवायद के चलते डिस्ट्रिक्ट 3054 और डिस्ट्रिक्ट 3060 के संयुक्त कार्यक्रम में विनोद बंसल की उपस्थिति ने इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की चुनावी राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले लोगों के कान खड़े किए हैं । इन खड़े कानों में उन्हें जो सुनाई दिया है, उससे परस्पर विरोधी दावे किए गए हैं । कुछेक लोगों का कहना है कि कार्यक्रम में विनोद बंसल का शामिल होना 'घर की बात' है, और इसमें 'राजनीति' नहीं देखी जानी चाहिए; लेकिन अन्य कुछेक लोगों का कहना है कि विनोद बंसल जब 'घर' में बबाल करने वाले हालात पैदा करने का काम कर रहे हैं तो फिर राजनीति तो देखी ही जाएगी । कहा/बताया और सुना जा रहा है कि उक्त कार्यक्रम का निमंत्रण पाने के लिए विनोद बंसल ने पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर शेखर मेहता और मनोज देसाई से तगड़ी सिफारिश करवाई, और उन दोनों की सिफारिश के बाद ही विनोद बंसल को उक्त कार्यक्रम का निमंत्रण मिला । यूँ तो विभिन्न डिस्ट्रिक्ट्स के कार्यक्रमों का निमंत्रण पाने के लिए विनोद बंसल द्वारा लॉबिइंग करने की बात सुनी/बताई जाती है; लेकिन उस बात में कोई बुराई न देखने वाले लोगों का भी मानना/कहना है कि विनोद बंसल को डिस्ट्रिक्ट 3054 के कार्यक्रम में शामिल होने से बचना चाहिए था, क्योंकि उससे नाहक ही एक विवाद की सी स्थिति बनी है । कुछेक लोगों को आशंका है कि हो सकता है कि विनोद बंसल ने यह विवाद की सी स्थिति बनाने/दिखाने के लिए ही अशोक गुप्ता के डिस्ट्रिक्ट - डिस्ट्रिक्ट 3054 के एक प्रमुख कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति को संभव बनाने के लिए शेखर मेहता व मनोज देसाई से दबाव डलवाया हो । इससे विनोद बंसल यह जताने/दिखाने में भी 'सफल' हुए हैं कि वह शेखर मेहता और मनोज देसाई से कभी भी कुछ भी करवा सकते हैं - उन्हें लगता है कि इससे इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए उनकी उम्मीदवारी का 'वजन' बढ़ेगा ।
विनोद बंसल को इसकी बहुत 'जरूरत' भी है । असल में पिछले दिनों घटी कई घटनाओं से लोगों के बीच यह बात स्थापित हुई है कि खेमे के सबसे बड़े नेता - इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी सुशील गुप्ता के यहाँ विनोद बंसल का 'कद' घटा है । विनोद बंसल ने हालाँकि सुशील गुप्ता के यहाँ अपनी अच्छी 'जगह' बना ली थी, लेकिन इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी बनने के बाद से उनके प्रति सुशील गुप्ता का रवैया कुछ बदला बदला सा दिख रहा है । सेन डिएगो में अभी पिछले ही दिनों संपन्न हुई इंटरनेशनल असेम्बली में सुशील गुप्ता ने विनोद बंसल की बजाये रंजन ढींगरा को अपने साथ ले जाने के मामले में जो तवज्जो दी, उसे विनोद बंसल के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा/पहचाना । अभी हाल ही में, सुशील गुप्ता की सरपरस्ती वाले रोटरी इंडिया वाटर कंजर्वेशन ट्रस्ट द्वारा दिल्ली में आयोजित किए गए 'वर्ल्ड वाटर डे' के कार्यक्रम में रंजन ढींगरा और अशोक गुप्ता की मौजूदगी तो लोगों को नजर आई, लेकिन विनोद बंसल उक्त कार्यक्रम में नहीं दिखे । विनोद बंसल के अपने डिस्ट्रिक्ट में लोगों का मानना/कहना है कि इस वर्ष हुए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में विनोद बंसल द्वारा निभाई गई भूमिका ने सुशील गुप्ता को नाराज करने का काम किया है, और इसीलिए विनोद बंसल अब उनकी गुडबुक में नहीं रह गए हैं । उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में विनोद बंसल ने उन निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि चौधरी के उम्मीदवार अशोक कंतूर का समर्थन किया, जिन्होंने पिछले रोटरी वर्ष के अपने गवर्नर-काल में सुशील गुप्ता को तरह तरह से अपमानित किया और नीचा दिखाने वाले काम किए । विनोद बंसल के लिए बदकिस्मती की बात यह रही कि उनके समर्थन के बावजूद अशोक कंतूर चुनाव भी हार गए । डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति के चक्कर में विनोद बंसल की सुशील गुप्ता के साथ जो दूरी बनी, उससे इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव के मामले में उनकी हालत खासी पतली कर दी । इस स्थिति से उबरने के लिए विनोद बंसल को कोई बड़ा 'कांड' करने की जरूरत थी - अशोक गुप्ता के डिस्ट्रिक्ट के एक प्रमुख कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति 'दिखा' कर जो उन्होंने कर दिया है । इसका उन्हें कोई राजनीतिक फायदा मिलेगा या नहीं, यह बात लेकिन आगे पता चलेगी ।