Tuesday, April 7, 2020

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में अपनी अपनी हार के अंतर से झटका खाए महेश त्रिखा और अजीत जालान के अपनी उम्मीदवारी की पुनर्प्रस्तुति को लेकर असमंजस में होने के कारण पुष्पा सेठी अपनी जीत को आसान मान रही हैं, और इसलिए उन्हें अभी से सक्रिय होने की जरूरत नहीं लग रही है   

नई दिल्ली । महेश त्रिखा और अजीत जालान की असमंजसपूर्ण चुप्पी के चलते पुष्पा सेठी ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की अपनी उम्मीदवारी को लेकर जो ढीला-ढाला रवैया अपनाया है, उसने उनकी उम्मीदवारी के समर्थक नेताओं को बुरी तरह निराश किया हुआ है । पुष्पा सेठी की उम्मीदवारी के संभावित समर्थक एक नेता ने इन पंक्तियों के लेखक से बात करते हुए कहा/बताया कि यूँ तो लॉकडाउन के कारण रोटरी की गतिविधियाँ ठप्प पड़ी हुई हैं; लेकिन एक कुशल लीडर प्रतिकूल स्थितियों में भी अपनी राह बनाने/निकालने की कोशिश करता ही है - किंतु पुष्पा सेठी की तरफ से ऐसी कोशिश होती हुई दिख नहीं रही है । उन्होंने ही बताया कि तय यह हुआ था कि इस वर्ष हुए चुनाव का नतीजा आते ही पुष्पा सेठी की उम्मीदवारी का अभियान शुरू हो जायेगा, ताकि पेट्स में जुटे प्रेसीडेंट्स के बीच उनकी उम्मीदवारी की दावेदारी को मजबूती से 'दिखाया' जा सके; लेकिन लॉकडाउन के कारण चूँकि पेट्स का आयोजन ही खतरे में पड़ा दिख रहा है - इसलिए लगता है कि उम्मीदवार के रूप में पुष्पा सेठी कुछ करने की जरूरत नहीं समझ रही हैं । पुष्पा सेठी की उम्मीदवारी के एक अन्य संभावित समर्थक नेता का कहना है कि अभी चूँकि यही स्पष्ट नहीं हो रहा है कि उनका चुनाव होगा किस से, संभवतः इसलिए भी पुष्पा सेठी को सक्रिय होने या 'दिखने' की जरूरत न लग रही हो । उम्मीद की जा रही है कि इस वर्ष हुए चुनाव में असफल रहे महेश त्रिखा और अजीत जालान में से कोई एक अथवा दोनों ही अगले चुनाव में भी उम्मीदवार बनेंगे - लेकिन दोनों की तरफ से ही अपनी उम्मीदवारी को लेकर अभी तक चुप्पी बनी हुई है, और इस कारण डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के अगले चुनाव को लेकर अभी तस्वीर धुँधली सी ही बनी हुई है ।
महेश त्रिखा और अजीत जालान - दोनों के लिए ही इस वर्ष हुए चुनाव का नतीजा खासा झटके वाला रहा है ।यह कोई बड़ी बात नहीं है कि दोनों के हाथ असफलता लगी है; बड़ी बात यह है कि उनकी असफलता का अंतर बहुत बड़ा रहा है - और इसीलिए अगली बार उम्मीदवारी प्रस्तुत करने को लेकर वह अच्छे से विचार कर लेना चाहते हैं; और अगली बार के चुनाव में अपनी अपनी उम्मीदवारी को लेकर वह जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं करना चाहते हैं । यही कारण है कि अगले चुनाव में अपनी अपनी उम्मीदवारी को लेकर इन दोनों ने ही चुप्पी बनाई हुई है । दरअसल उम्मीदवार के रूप में जो कुछ भी किया जा सकता था, महेश त्रिखा और अजीत जालान ने अपने अपने तरीके से वह सब किया - इसके बावजूद दोनों ही विजेता उम्मीदवार से बहुत बहुत पीछे रहे; ऐसे में, दोनों के सामने चुनौती है कि अगले चुनाव के संदर्भ में वह ऐसा और क्या करें कि इस वर्ष रह गई कमी को पूरा कर सकें । महेश त्रिखा और अजीत जालान की इस मुसीबतपूर्ण असमंजसता का फायदा पुष्पा सेठी को मिल सकता है, लेकिन उनकी उम्मीदवारी के समर्थकों व शुभचिंतकों को ही हैरानी है कि पुष्पा सेठी मौके का फायदा उठाने के लिए सक्रिय क्यों नहीं हो रही हैं ? उनके शुभचिंतकों को ही लग रहा है कि उनकी उम्मीदवारी को चूँकि उन नेताओं व पदाधिकारियों का समर्थन है, जो अशोक कंतूर की उम्मीदवारी के समर्थन में थे - इसलिए पुष्पा सेठी को लग रहा होगा कि अशोक कंतूर की तरह वह भी बड़े अंतर से जीत ही जायेंगी, और इसलिए उन्हें अभी से सक्रिय होने की जरूरत नहीं लग रही होगी ।
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के अगले चुनाव में पुष्पा सेठी का मुकाबला - महेश त्रिखा व अजीत जालान में से जो भी उम्मीदवार बनेगा, उससे होगा । लगता है कि पुष्पा सेठी और उनके नजदीकी अभी इंतजार कर लेना चाहते हैं कि महेश त्रिखा और अजीत जालान में से कौन उम्मीदवार बनता है । महेश त्रिखा और अजीत जालान के 'फैसले' का दो/एक संभावित उम्मीदवार और इंतजार कर रहे हैं । दरअसल दो/एक और उम्मीदवार अपनी उम्मीदवारी के लिए मौका देख रहे हैं, लेकिन तीन-तीन उम्मीदवारों की चर्चा के बीच जिनकी दाल अभी गल नहीं रही है; समर्थकों के न मिल पाने के कारण जो अभी पर्दे के पीछे इंतजार करने के लिए मजबूर हैं । ऐसे में, डिस्ट्रिक्ट में अगले डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है - पुष्पा सेठी की उम्मीदवारी पक्की जरूर समझी जा रही है, लेकिन उन्हें अपनी उम्मीदवारी को लेकर गंभीर होते हुए नहीं देखा जा रहा है; महेश त्रिखा और अजीत जालान हाँ और न की उलझन में फँसे दिख रहे हैं - दो/एक लोग उम्मीदवार बनने को इच्छुक तो हैं, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी उम्मीदवारी की डोर थामने को कोई तैयार होता हुआ नहीं दिख रहा है । लॉकडाउन के कारण रोटरी की गतिविधियाँ ठप्प जरूर हैं, लेकिन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव की तैयारी के संदर्भ में बनी असमंजस की मौजूदा स्थिति के लिए लॉकडाउन जिम्मेदार नहीं है - इसलिए उम्मीद की जा रही है कि लॉकडाउन भले ही कुछ दिन अभी और जारी रहे, लेकिन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव को लेकर बनी असमंजसता जल्दी ही खत्म हो सकती है ।