Saturday, April 18, 2020

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3110 में पूर्व गवर्नर आईएस तोमर को चीफ पेटर्न बनाने की घोषणा के जरिये डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी मुकेश सिंघल ने इस वर्ष हुई चुनावी हार का बदला लेने के लिए, अभी से चुनावी माहौल बनाना शुरू कर दिया है क्या ? 

अलीगढ़ । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी मुकेश सिंघल की पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर आईएस तोमर को डिस्ट्रिक्ट चीफ पेटर्न बनाने की घोषणा तथा घोषणा की 'टाईमिंग' को अगले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की चुनावी लड़ाई के 'शंखनाद' के रूप में देखा/सुना जा रहा है । माना/समझा जा रहा है कि आईएस तोमर को लेकर की गई उक्त घोषणा के जरिये मुकेश सिंघल ने डिस्ट्रिक्ट के लोगों को यह संकेत दे दिया है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की चुनावी लड़ाई में इस वर्ष बुरी तरह मात खाने के बावजूद अभी उन्होंने 'हार' नहीं मानी है, और इस वर्ष की हार का बदला अगले रोटरी वर्ष में लेने के लिए उन्होंने अभी से कमर कसना शुरू कर दी है । यहाँ यह याद करना प्रासंगिक होगा कि पिछले दिनों इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी शेखर मेहता जब अलीगढ़ में आयोजित हुए कार्यक्रम में आये थे, तो उन्होंने इस बात के लिए बड़ी फटकार लगाई थी कि डिस्ट्रिक्ट में हमेशा राजनीतिक उठापटक ही चलती रहती है, और रोटरी के कामों की तरफ ध्यान नहीं दिया जाता है; उन्होंने सुझाव दिया था कि राजनीति कम करके रोटरी के कामों पर ध्यान देने की जरूरत है । मुकेश सिंघल ने लेकिन लगता है कि शेखर मेहता की फटकार और उनके सुझाव को एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल दिया और राजनीति को ही रोटरी का मुख्य काम मान लिया है । यद्यपि यह सच है कि आईएस तोमर को अपने गवर्नर-वर्ष में डिस्ट्रिक्ट चीफ पेटर्न बनाने की घोषणा करके मुकेश सिंघल ने कोई नियमविरुद्ध काम नहीं किया है; हर (भावी) गवर्नर को यह अधिकार है कि वह अपनी पसंद के लोगों को अपनी टीम में पद दे - मुकेश सिंघल ने अपने इसी अधिकार का उपयोग करते हुए आईएस तोमर को डिस्ट्रिक्ट चीफ पेटर्न बनाया है । लेकिन जिस 'परिस्थिति' में मुकेश सिंघल ने यह फैसला किया है, और फैसला सुनाने/बताने की उनकी जो टाईमिंग है - उसमें डिस्ट्रिक्ट के लोगों को राजनीति 'दिखाई' दे रही है ।
उल्लेखनीय है कि पिछले 12/14 महीनों में डिस्ट्रिक्ट में पहले डिस्ट्रिक्ट रोटरी फाउंडेशन चेयरमैन और फिर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चयन/चुनाव को लेकर जो उठापटक और छीनाझपटी वाले कांड हुए, उनके केंद्र में आईएस तोमर रहे । आईएस तोमर और उनके लोग डिस्ट्रिक्ट पर कब्जे को बनाये रखना चाहते थे, और डिस्ट्रिक्ट के दूसरे कई लोग डिस्ट्रिक्ट को उनके कब्जे से छुड़ाना चाहते थे । इस चक्कर में डिस्ट्रिक्ट में भारी गंद मचा और अंततः आईएस तोमर खेमे को बुरी हार का सामना करना पड़ा । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी के रूप में मुकेश सिंघल, पराजित हुए आईएस तोमर खेमे के मुख्य सिपाही थे - इसलिए उम्मीद की गई थी कि बुरी हार से सबक लेकर मुकेश सिंघल अब अपनी गवर्नरी पर ध्यान देंगे और राजनीति के पचड़े से दूर रहेंगे । आईएस तोमर को चीफ पेटर्न बना कर मुकेश सिंघल ने लेकिन जता दिया है कि उनके सिर से राजनीति का भूत अभी उतरा नहीं है और डिस्ट्रिक्ट पर आईएस तोमर का कब्जा करवाना ही उनका मुख्य उद्देश्य है । इस फैसले को 'सुनाने' की टाईमिंग ने भी मुकेश सिंघल के इरादे की पोल खोलने का काम किया । उल्लेखनीय है कि रोटरी की 'व्यवस्था' में मौजूदा दिन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स इलेक्ट की सक्रियता के हैं; वह अपनी टीम पूरी कर रहे हैं, अपनी टीम के पदाधिकारियों की ट्रेनिंग करवा रहे हैं और अपने गवर्नर-वर्ष के कामकाज को पटरी पर लाने के प्रयासों में लगे हैं । रोटरी की व्यवस्था में, अभी का गवर्नर नॉमिनी जुलाई में गवर्नर इलेक्ट बनने के बाद अपनी टीम चुनने और घोषित करने का काम करता है । मुकेश सिंघल ने लेकिन गवर्नर नॉमिनी के रूप में अभी ही अपने पदाधिकारी घोषित करने शुरू कर दिए हैं । कई लोगों को कहना है कि इस तरह से मुकेश सिंघल, डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट दिनेश शुक्ला के कामकाज को डिस्टर्ब करने तथा डिस्ट्रिक्ट में एक समानांतर सत्ता केंद्र 'बनाने' का प्रयास कर रहे हैं; और उनके इस प्रयास के पीछे अगले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव के लिए 'फील्डिंग' सजाने का उद्देश्य है ।
तोमर खेमे की तरफ से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए अभी रोटरी क्लब झांसी रानी की पूर्व अध्यक्ष देवप्रिया उक्सा के नाम की चर्चा है । उनका मुकाबला रोटरी क्लब कानपुर इंडस्ट्रियल के पूर्व अध्यक्ष विवेक गर्ग के साथ होने की संभावना देखी जा रही है । तोमर खेमे के कुछेक नेताओं का हालाँकि यह भी कहना है कि देवप्रिया उक्सा की स्थिति को विवेक गर्ग के मुकाबले कमजोर पहचाना/समझा जा रहा है, और खेमे के नेता कानपुर में ही कोई ऐसा उम्मीदवार खोज रहे हैं - जो विवेक गर्ग को सचमुच टक्कर दे सके । अगले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद का चुनाव जीतना तोमर खेमे के लिए बहुत ही जरूरी है, अन्यथा आईएस तोमर के डिस्ट्रिक्ट में पूरी तरह अलग-थलग पड़ जाने तथा तोमर खेमे के बिखर जाने का खतरा पैदा हो जायेगा । इस वर्ष हुए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में तोमर खेमे को जो झटका लगा है, उससे उनकी ताकत वैसे ही काफी कमजोर हो गई है । इस वर्ष लगे झटके के असर को तोमर खेमे के नेता हालाँकि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर किशोर कातरू द्वारा की गई बेईमानी को तथा अपने उम्मीदवार सतीश जायसवाल के मैदान छोड़ देने को जिम्मेदार ठहराकर खत्म करने की कोशिश तो खूब कर रहे हैं, लेकिन उनकी कोशिश सफल होती हुई नजर नहीं आ रही है । ऐसे में यदि अगले रोटरी वर्ष में वह फिर चुनाव हार गए, तब उनके पास कोई बहाना भी नहीं बचेगा । तोमर खेमे के नेताओं के लिए मुसीबत और विडंबना की बात यह है कि उन्होंने देवप्रिया उक्सा को उम्मीदवार तो बना/बनवा दिया है, लेकिन उन्हें यह भरोसा भी नहीं हो पा रहा है कि उनकी उम्मीदवारी के सहारे वह लड़ाई जीत ही लेंगे । समझा जाता है और लोगों के बीच चर्चा है कि अपनी कमजोरी को भाँपते/पहचानते हुए ही डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी मुकेश सिंघल ने आईएस तोमर को चीफ पेटर्न बनाने की घोषणा अभी से करके डिस्ट्रिक्ट में चुनावी माहौल बनाना शुरू कर दिया है ।