Wednesday, April 15, 2020

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 में रोटरी क्लब दिल्ली अनंता ने कोरोना-काल में सेवा-कार्यों के जरिये दूसरों को प्रेरित करने के साथ साथ डिस्ट्रिक्ट की इज्जत बचाई, तो प्रियतोष गुप्ता ने रोटरी के सेवा-धर्म के अभियान को नागरिक-समाज में और विश्वसनीय व प्रतिष्ठित करने की लीडरशिप खूबी को दिखाया

गाजियाबाद । कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते बने हालात में परेशानी का शिकार बन रहे लोगों की मदद के लिए आगे आकर रोटरी क्लब दिल्ली अनंता, रोटरी क्लब दिल्ली शाहदरा, रोटरी क्लब दिल्ली अशोका, रोटरी क्लब इंदिरापुरम परिवार, रोटरी क्लब गाजियाबाद मेट्रो, रोट्रेक्टर्स आदि ने मानवता की सेवा का रोटरी धर्म तो निभाया ही है, साथ ही साथ डिस्ट्रिक्ट की इज्जत बचाने का काम भी किया है । उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक गुप्ता ने कोरोना वायरस के प्रकोप से बने हालात के पीड़ितों के लिए किसी भी तरह के सहायता कार्यक्रम चलाने से इंकार कर दिया था । कुछेक रोटेरियंस ने उन्हें सहायता कार्यक्रम चलाने के लिए कहा था, तो उन्होंने उन्हें सिविल डिफेंस के साथ मिल कर सहायता कार्यक्रम करने/चलाने की सलाह देकर अपनी जिम्मेदारी से हाथ झाड़ लिया था । दीपक गुप्ता के गैरजिम्मेदारी से भरे इस रवैये से निराश होकर कुछेक क्लब्स ने अपनी अपनी पहल से पीड़ितों की मदद के लिए सक्रियता दिखाई । इस मामले में रोटरी क्लब दिल्ली अनंता डिस्ट्रिक्ट के दूसरे क्लब्स तथा रोटेरियंस के लिए प्रेरणास्रोत बना । इस क्लब ने रोटरी इंडिया ह्यूमेनिटी फाउंडेशन में मोटी रकम तो दान में दी ही, परेशान और पीड़ित लोगों की मदद करने तथा उनके लिए खाने की व्यवस्था करने को लेकर भी निरंतर सक्रियता दिखाई । रोटरी क्लब दिल्ली अनंता की सक्रियता के क्षेत्र दिल्ली की बस्तियाँ रहीं, तो गाजियाबाद क्षेत्र में परेशान व पीड़ितों की तरफ रोटरी क्लब गाजियाबाद मेट्रो के पदाधिकारियों व सदस्यों ने मदद का हाथ बढ़ाया । दीपक गुप्ता ने खासा अवसरवादी रवैया दिखाया - पहले तो वह कोई सहायता कार्यक्रम चलाने/करने के पक्ष में ही नहीं थे, लेकिन उनके द्वारा हतोत्साहित किए जाने के बाद भी कुछेक क्लब्स ने जब अपने अपने स्तर पर काम शुरू किए, तो उन कामों का श्रेय जबर्दस्ती लेने के लिए वह आगे आ गए; और शेखर मेहता, भरत पांड्या, कमल सांघवी आदि को यह 'दिखाने' लगे जैसे कि यह सब काम वही कर/करवा रहे हैं ।
अच्छी बात यह रही कि दीपक गुप्ता की इस हरकत पर काम करने वाले क्लब्स के पदाधिकारियों और सदस्यों ने कोई ध्यान नहीं दिया, और इसलिए नाहक कोई विवाद पैदा नहीं हुआ । क्लब्स के पदाधिकारियों और सदस्यों ने अपने अपने काम पर ध्यान दिया, और अपनी अपनी सामर्थ्यानुसार पीड़ितों व परेशान लोगों की मदद के लिए काम किया । रोटरी क्लब दिल्ली अनंता ने अपने स्तर पर तो मदद की ही, रिलायंस फाउंडेशन के साथ तालमेल बना कर भी मदद की व्यवस्था की । रोटरी क्लब दिल्ली अनंता की सक्रियता दूसरे कुछेक क्लब्स के लिए भी प्रेरणा बनी और इस तरह डिस्ट्रिक्ट में रोटरी के सेवा-धर्म के संदर्भ में माहौल बना । रोटरी क्लब गाजियाबाद मेट्रो के पदाधिकारियों और सदस्यों ने गाजियाबाद क्षेत्र में दिल्ली अनंता की तर्ज पर काम किया । गाजियाबाद मेट्रो के पदाधिकारियों और सदस्यों को प्रेरित व सक्रिय करने का काम क्लब के वरिष्ठ सदस्य प्रियतोष गुप्ता ने किया । प्रियतोष गुप्ता अगले रोटरी वर्ष की आलोक गुप्ता की डिस्ट्रिक्ट टीम के एक प्रमुख पदाधिकारी भी हैं, और इस नाते उन्हें आलोक गुप्ता द्वारा आयोजित की जाने वाली कई जूम मीटिंग्स में भी शामिल होना पड़ा - और अपने पद की जरूरत के अनुसार, उसके लिए आवश्यक तैयारी करने में भी व्यस्त होना पड़ा । उल्लेखनीय है कि आलोक गुप्ता ने हाल ही के दिनों में रोटरी के बड़े पदाधिकारियों से लेकर अगले वर्ष के अपने गवर्नर-काल के क्लब-प्रेसीडेंट्स तथा अपनी डिस्ट्रिक्ट टीम के सदस्यों साथ अलग अलग ग्रुप्स में जूम मीटिंग्स की हैं; जिनके चलते आलोक गुप्ता की डिस्ट्रिक्ट टीम के प्रमुख पदाधिकारी होने के नाते प्रियतोष गुप्ता को उक्त मीटिंग्स की तैयारी करने से लेकर अपने पद की जिम्मेदारी निभाने की तैयारी तक में जुटना और व्यस्त रहना पड़ा ।
प्रियतोष गुप्ता ने आलोक गुप्ता के कार्यक्रमों में जिम्मेदारी निभाने से लेकर समाज में पैदा हुई विपदा में रोटरी का सेवा-धर्म निभाने के संदर्भ में अपनी सक्रियता और व्यस्तता को जिस प्रभावी तरीके से संभव किया और दिखाया, उसके जरिये डिस्ट्रिक्ट में लोगों को प्रियतोष गुप्ता की लीडरशिप खूबियों से परिचित होने का मौका मिला । प्रियतोष गुप्ता चूँकि अगले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए उम्मीदवारी प्रस्तुत करने की तैयारी कर रहे हैं, इसलिए उनकी लीडरशिप खूबियों से परिचित होने का डिस्ट्रिक्ट के लोगों को मिले मौके का राजनीतिक अर्थ और महत्त्व भी है । रोटरी में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की चुनावी राजनीति में उम्मीदवारों को रोटेरियंस से अलग नागरिक-समाज की मदद करते हुए कम ही देखा गया है । इस लिहाज से, कोरोना प्रकोप के चलते बने हालात में जरूरतमंदों की मदद को लेकर दिखाई गई प्रियतोष गुप्ता की सक्रियता ने वास्तव में एक उदाहरण प्रस्तुत किया है । प्रियतोष गुप्ता ने अपने क्लब के पदाधिकारियों व सदस्यों को तो जरूरतमंदों की मदद के लिए तो प्रेरित किया ही, शहर की अन्य कुछेक सामाजिक संस्थाओं के साथ भी तालमेल बनाया - और इस तरह न सिर्फ जरूरतमंदों को पहुँचाई जाने वाली मदद को व्यापक बनाने का काम किया, बल्कि अन्य सामाजिक संस्थाओं के साथ तालमेल बनाने के 'रास्ते' भी खोजे और खोले । प्रियतोष गुप्ता की इन कार्रवाईयों को रोटरी के सेवा-धर्म के अभियान को नागरिक-समाज में और विश्वसनीय व प्रतिष्ठित करने की लीडरशिप खूबी के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है ।