आगरा । सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए दूसरी बार प्रस्तुत अपनी उम्मीदवारी को सफल होता देखने की उम्मीद रखे सुनीता बंसल और उनके समर्थकों को विश्वास तो है कि ऐन मौके पर अचानक से प्रस्तुत हुई अनिल अग्रवाल व तरुण अग्रवाल की उम्मीदवारी वापस हो जाएगी - और सुनीता बंसल निर्विरोध सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर चुन ली जायेंगी, लेकिन अपने इस विश्वास को लेकर वह पूरी तरह आश्वस्त भी नहीं हैं । सुनीता बंसल के समर्थकों का मानना और कहना है कि अनिल अग्रवाल और तरुण अग्रवाल की उम्मीदवारी के पीछे जो नेता हैं, वह भी जान/समझ रहे हैं कि यह दोनों या इनमें से कोई एक यदि सचमुच उम्मीदवार बना भी रहा तो उसे डिस्ट्रिक्ट में समर्थन तो नहीं ही मिलेगा और वह पराजित ही होगा - इसलिए इन्हें उम्मीदवार बनाये रख कर कोई फायदा नहीं होगा और बेवजह फजीहत ही होगी, इस कारण इनकी उम्मीदवारी वापस करवाने में ही उनका लाभ है । सुनीता बंसल के समर्थकों का कहना है कि अनिल अग्रवाल व तरुण अग्रवाल की उम्मीदवारी सुनीता बंसल पर दबाव बनाने तथा डिस्ट्रिक्ट में अपनी अपनी चौधराहट 'दिखाने' की कुछेक नेताओं की कोशिशों का नतीजा है, और डिस्ट्रिक्ट के अधिकतर लोग इन्हें 'डमी' उम्मीदवार के रूप में ही देख रहे हैं । उल्लेखनीय है कि इन दोनों उम्मीदवारों में से एक को गवर्नर-पति विश्वदीप सिंह तथा दूसरे को जितेंद्र चौहान के उम्मीदवार के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । सुनीता बंसल के समर्थकों के अनुसार, विश्वदीप सिंह ने तो डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस के लिए सुनीता बंसल द्वारा किए गए एक कमिटमेंट को पूरा करवाने के लिए दबाव बनाने के उद्देश्य से उम्मीदवार खड़ा करके सुनीता बंसल की राह में रोड़े डालने का काम किया है, तो जितेंद्र चौहान ने इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव में सुनीता बंसल की उम्मीदवारी के समर्थक नेताओं से समर्थन के लिए सौदेबाजी करने के इरादे से उम्मीदवार खड़ा कर दिया गया है ।
जितेंद्र चौहान को दरअसल डर है कि सुनीता बंसल की उम्मीदवारी के समर्थक नेता इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव में तेजपाल खिल्लन और दीपक तलवार की उम्मीदवारी का समर्थन कर सकते हैं, और उसके चलते इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए उनके द्वारा तैयार किया गया चुनावी-समीकरण गड़बड़ा सकता है । सुनीता बंसल की उम्मीदवारी के समर्थकों के रूप में देखे/पहचाने जाने वाले, डिस्ट्रिक्ट 321 सी टू के कुछेक पूर्व गवर्नर्स नेताओं की तरफ से यह लगातार सुनने को मिल ही रहा है कि जितेंद्र चौहान लीडरशिप के जिन नेताओं के भरोसे इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए मल्टीपल में एंडोर्समेंट लेने की उम्मीद कर रहे हैं, उन नेताओं ने तो डिस्ट्रिक्ट 321 ए थ्री के वरिष्ठ पूर्व गवर्नर दीपक तलवार को उम्मीदवार बना/बनवा दिया है - ऐसे में, उनके लिए तो मौका खत्म हो जाता है । उल्लेखनीय है कि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए तीन उम्मीदवार मैदान में हैं - जितेंद्र चौहान, दीपक तलवार और तेजपाल खिल्लन । इनमें जितेंद्र चौहान और दीपक तलवार को लीडरशिप के उम्मीदवार के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है, और तेजपाल खिल्लन विरोधी नेताओं के भरोसे मैदान में हैं । मल्टीपल के विभिन्न डिस्ट्रिक्ट्स के नेताओं के बीच पैठ और सक्रियता के हिसाब से लोगों को जितेंद्र चौहान का पलड़ा भारी लगता है, लेकिन दीपक तलवार की उम्मीदवारी उनके भारीपन को हल्का करती नजर आ रही है । लीडरशिप खेमे के इस आपसी 'झगड़े' का तेजपाल खिल्लन फायदा उठाने की फिराक में हैं । तेजपाल खिल्लन की यह फिराक जितेंद्र चौहान को उनके अपने डिस्ट्रिक्ट में ही घेरने का काम करती है । लीडरशिप से नजदीकी रखने वाले डिस्ट्रिक्ट के कुछेक पूर्व गवर्नर्स नेता जितेंद्र चौहान से विरोध रखने के कारण दीपक तलवार के साथ जुड़ सकते हैं - इस तरह, जितेंद्र चौहान अपने ही डिस्ट्रिक्ट में दोतरफा रूप में घिरे नजर आ रहे हैं । संयोग से, दोनों तरफ के उनके विरोधी नेता सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए प्रस्तुत सुनीता बंसल की उम्मीदवारी के समर्थक हैं । समझा जाता है कि उन समर्थकों को इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की अपनी उम्मीदवारी के समर्थन में लाने/करने की 'सौदेबाजी' करने के लिए ही जितेंद्र चौहान ने सुनीता बंसल की उम्मीदवारी के रास्ते में बाधा खड़ी करने का उपक्रम किया है ।
जितेंद्र चौहान की तरफ से यह दावा भी सुना जा रहा है कि लीडरशिप के नेताओं ने उन्हें दीपक तलवार की उम्मीदवारी को वापस करने/करवाने का भरोसा दिया हुआ है, इसलिए इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के एंडोर्समेंट के लिए लीडरशिप का एकतरफा और पूर्ण समर्थन उन्हें ही मिलेगा । कहा/सुना जा रहा है कि पिछले दिनों जितेंद्र चौहान को इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की उम्मीदवारी को लेकर जब असमंजस में और अनमना-सा देखा जा रहा था, तब लीडरशिप के कुछेक नेताओं ने दीपक तलवार को उम्मीदवारी के लिए तैयार किया था; उन्हीं नेताओं का कहना है कि दीपक तलवार भले व्यक्ति हैं - इसलिए अब जब उनसे अपनी उम्मीदवारी वापस लेने के लिए कहा जायेगा, तो वह इंकार नहीं करेंगे और जितेंद्र चौहान के लिए रास्ता छोड़ देंगे । हालाँकि यह सब अभी अनुमान की बातें हैं और धीरे धीरे ही स्थितियाँ स्पष्ट होंगी कि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की चुनावी राजनीति का ऊँठ किस करवट बैठ रहा है ? जितेंद्र चौहान की इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की उम्मीदवारी के तार चूँकि उनके डिस्ट्रिक्ट में होने वाले सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव से भी जुड़े हुए हैं, इसलिए सुनीता बंसल और उनके समर्थकों को भी अभी इंतजार करना पड़ेगा कि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव में जिन्हें वह डमी उम्मीदवार मान/समझ रहे हैं, वह सचमुच डमी ही हैं - और या उम्मीदवार बने रह कर उन्हें चुनावी मुकाबले के लिए मजबूर करेंगे ?
जितेंद्र चौहान को दरअसल डर है कि सुनीता बंसल की उम्मीदवारी के समर्थक नेता इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव में तेजपाल खिल्लन और दीपक तलवार की उम्मीदवारी का समर्थन कर सकते हैं, और उसके चलते इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए उनके द्वारा तैयार किया गया चुनावी-समीकरण गड़बड़ा सकता है । सुनीता बंसल की उम्मीदवारी के समर्थकों के रूप में देखे/पहचाने जाने वाले, डिस्ट्रिक्ट 321 सी टू के कुछेक पूर्व गवर्नर्स नेताओं की तरफ से यह लगातार सुनने को मिल ही रहा है कि जितेंद्र चौहान लीडरशिप के जिन नेताओं के भरोसे इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए मल्टीपल में एंडोर्समेंट लेने की उम्मीद कर रहे हैं, उन नेताओं ने तो डिस्ट्रिक्ट 321 ए थ्री के वरिष्ठ पूर्व गवर्नर दीपक तलवार को उम्मीदवार बना/बनवा दिया है - ऐसे में, उनके लिए तो मौका खत्म हो जाता है । उल्लेखनीय है कि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए तीन उम्मीदवार मैदान में हैं - जितेंद्र चौहान, दीपक तलवार और तेजपाल खिल्लन । इनमें जितेंद्र चौहान और दीपक तलवार को लीडरशिप के उम्मीदवार के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है, और तेजपाल खिल्लन विरोधी नेताओं के भरोसे मैदान में हैं । मल्टीपल के विभिन्न डिस्ट्रिक्ट्स के नेताओं के बीच पैठ और सक्रियता के हिसाब से लोगों को जितेंद्र चौहान का पलड़ा भारी लगता है, लेकिन दीपक तलवार की उम्मीदवारी उनके भारीपन को हल्का करती नजर आ रही है । लीडरशिप खेमे के इस आपसी 'झगड़े' का तेजपाल खिल्लन फायदा उठाने की फिराक में हैं । तेजपाल खिल्लन की यह फिराक जितेंद्र चौहान को उनके अपने डिस्ट्रिक्ट में ही घेरने का काम करती है । लीडरशिप से नजदीकी रखने वाले डिस्ट्रिक्ट के कुछेक पूर्व गवर्नर्स नेता जितेंद्र चौहान से विरोध रखने के कारण दीपक तलवार के साथ जुड़ सकते हैं - इस तरह, जितेंद्र चौहान अपने ही डिस्ट्रिक्ट में दोतरफा रूप में घिरे नजर आ रहे हैं । संयोग से, दोनों तरफ के उनके विरोधी नेता सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए प्रस्तुत सुनीता बंसल की उम्मीदवारी के समर्थक हैं । समझा जाता है कि उन समर्थकों को इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की अपनी उम्मीदवारी के समर्थन में लाने/करने की 'सौदेबाजी' करने के लिए ही जितेंद्र चौहान ने सुनीता बंसल की उम्मीदवारी के रास्ते में बाधा खड़ी करने का उपक्रम किया है ।
जितेंद्र चौहान की तरफ से यह दावा भी सुना जा रहा है कि लीडरशिप के नेताओं ने उन्हें दीपक तलवार की उम्मीदवारी को वापस करने/करवाने का भरोसा दिया हुआ है, इसलिए इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के एंडोर्समेंट के लिए लीडरशिप का एकतरफा और पूर्ण समर्थन उन्हें ही मिलेगा । कहा/सुना जा रहा है कि पिछले दिनों जितेंद्र चौहान को इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की उम्मीदवारी को लेकर जब असमंजस में और अनमना-सा देखा जा रहा था, तब लीडरशिप के कुछेक नेताओं ने दीपक तलवार को उम्मीदवारी के लिए तैयार किया था; उन्हीं नेताओं का कहना है कि दीपक तलवार भले व्यक्ति हैं - इसलिए अब जब उनसे अपनी उम्मीदवारी वापस लेने के लिए कहा जायेगा, तो वह इंकार नहीं करेंगे और जितेंद्र चौहान के लिए रास्ता छोड़ देंगे । हालाँकि यह सब अभी अनुमान की बातें हैं और धीरे धीरे ही स्थितियाँ स्पष्ट होंगी कि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की चुनावी राजनीति का ऊँठ किस करवट बैठ रहा है ? जितेंद्र चौहान की इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की उम्मीदवारी के तार चूँकि उनके डिस्ट्रिक्ट में होने वाले सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव से भी जुड़े हुए हैं, इसलिए सुनीता बंसल और उनके समर्थकों को भी अभी इंतजार करना पड़ेगा कि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव में जिन्हें वह डमी उम्मीदवार मान/समझ रहे हैं, वह सचमुच डमी ही हैं - और या उम्मीदवार बने रह कर उन्हें चुनावी मुकाबले के लिए मजबूर करेंगे ?