Tuesday, April 28, 2020

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल के कई सदस्यों के 'आईसीएआई कोविड 19 रिलीफ फंड' में दान देने से बचने की कोशिशों के चलते उक्त फंड की सूची इंस्टीट्यूट की चुनावी राजनीति में दिलचस्पी रखने वालों को 'पहचानने' का जरिया भी बन गई है

नई दिल्ली । चार्टर्ड एकाउंटेंट्स इंस्टीट्यूट के प्रेसीडेंट अतुल गुप्ता की इंस्टीट्यूट द्वारा बनाये गए 'आईसीएआई कोविड 19 रिलीफ फंड' में उदारतापूर्वक दान देने की अपील को नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल के कई मौजूदा पदाधिकारियों और सदस्यों ने जिस तरह से अनसुना किया हुआ है, उसे देख/जान कर रीजन के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को खासी हैरानी है । वैसे तो इस बात पर हैरान होने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि अतुल गुप्ता ने अपील ही की थी - और कोई यदि उनकी अपील नहीं सुन/मान रहा है, तो यह उसका अधिकार है और उसके अधिकार का सम्मान होना ही चाहिए । लेकिन फिर भी यह मामला रीजन के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को हैरान करने वाला बना है, तो इसका कारण यह है कि रीजनल काउंसिल के कई सदस्य और पदाधिकारी बड़ी बड़ी बातें करते हुए रीजनल काउंसिल में पद पाने के लिए उछल-कूद करने के साथ-साथ तरह तरह के जुगाड़ और धोखेबाजी तक करने में लगे रहते हैं । रीजनल काउंसिल के कई सदस्यों ने समय समय पर ऐसे करतब दिखाए हैं और ऐसी ऊँची ऊँची बातें की हैं, जिन्हें देख/सुन कर लगता है कि जैसे वह सामाजिक जिम्मेदारी व प्रोफेशन की शान बनाये रखने के बड़े ऊँचे आदर्शों का पालन करने वाले लोग हैं, और इन संदर्भों में वह आगे से आगे रहने के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगे । ऐसे में, रीजन के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को हैरानी इस बात पर है कि जरूरत पड़ने के मौके पर उन्हें गायब तथा छिपते हुए देखा जा रहा है ।
नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल में 13 सदस्य हैं, लेकिन 'आईसीएआई कोविड 19 रिलीफ फंड' में दान देने वालों की सूची में अभी तक कुल चार नाम ही लोगों को दिख रहे हैं । उल्लेखनीय है कि इंस्टीट्यूट की वेबसाइट पर दान देने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की सूची प्रतिदिन अपडेट होती है, और वहाँ 26 अप्रैल तक दान देने वालों की जो सूची प्रसारित है, उसमें नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल के कुल चार सदस्यों - शशांक अग्रवाल, अजय सिंघल, रतन सिंह यादव तथा गौरव गर्ग के नाम हैं । रीजन के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स का कहना है कि रीजनल काउंसिल के बाकी सदस्य चूँकि पदों को पाने की होड़ की राजनीति करने तथा अपनी सामाजिक और प्रोफेशनल जिम्मेदारी निभाने को लेकर बड़ी बड़ी बातें करते रहे हैं, इसलिए उनके नाम इस सूची में न देख कर उन्हें हैरानी हुई है । रीजनल काउंसिल के पिछले टर्म  पदाधिकारियों और नेताओं का भी ऐसा ही हाल है । पिछले टर्म में चेयरमैन रहे सदस्यों तक का नाम इस सूची में नहीं है । पिछले टर्म में काउंसिल में रहे कुल तीन सदस्यों - पूजा अग्रवाल, राजिंदर नारंग और राजेश अग्रवाल का नाम ही उक्त सूची में है । रीजन के कुछेक चार्टर्ड एकाउंटेंट्स का कहना/बताना है कि उनसे जब आईसीएआई कोविड 19 रिलीफ फंड में दान न देने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बहानेबाजी करते हुए और यह वायदा करते हुए पीछा छुड़ाया कि जल्दी ही उक्त फंड में दान देंगे । चार्टर्ड एकाउंटेंट्स का कहना है कि काउंसिल सदस्यों को तो कम से कम शुरुआत में ही उक्त सूची में अपना नाम लिखवा लेना चाहिए था, ताकि आम चार्टर्ड एकाउंटेंट्स प्रेरित हों ।
'आईसीएआई कोविड 19 रिलीफ फंड' में दान देने के मामले में नॉर्दर्न रीजन के सेंट्रल काउंसिल सदस्यों का रिकॉर्ड अपेक्षाकृत बेहतर है । नॉर्दर्न रीजन के सभी सदस्यों के नाम उक्त सूची में दिख रहे हैं । हालाँकि सूची पर निगाह रखने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट्स का कहना है कि दो/तीन सेंट्रल काउंसिल सदस्यों - यहाँ तक कि प्रेसीडेंट अतुल गुप्ता का नाम भी अभी दो/एक दिन पहले ही उक्त सूची में दिखना शुरू हुआ है । यानि अतुल गुप्ता ने उक्त फंड में दान देने की अपील तो कर दी, लेकिन खुद दान देना वह भूल गए । कई दिन बाद उन्हें याद आया - या किसी ने उन्हें याद दिलाया - तब फिर उन्होंने अपनी ही अपील पर अमल किया । पिछले टर्म में सेंट्रल काउंसिल में सदस्य रहे नॉर्दर्न रीजन के सिर्फ दो सदस्यों - संजीव चौधरी और विजय गुप्ता के नाम ही उक्त सूची में लोगों को नजर आ रहे हैं । इस तरह, 'आईसीएआई कोविड 19 रिलीफ फंड' की सूची इंस्टीट्यूट की चुनावी राजनीति में भाग लेने वालों के असली इरादों और उद्देश्यों और जिम्मेदार व्यवहार को 'पढ़ने' का जरिया भी बन गई है ।