Sunday, August 23, 2020

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 में इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए हुए एंडोर्समेंट को लेकर उड़ी एक 'फर्जी' खबर पर जितेंद्र चौहान तथा क्षितिज शर्मा द्वारा दिखाई गई बौखलाहट ने एंडोर्समेंट को लोगों के बीच संदेहपूर्ण तथा जितेंद्र चौहान को फजीहत का शिकार बनाया 

नई दिल्ली । मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन क्षितिज शर्मा की ओवर-स्मार्ट बनने/दिखने तथा गैरजरूरी रूप से सक्रियता दिखाने की कोशिश ने इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के मल्टीपल एंडॉर्सी जितेंद्र चौहान की मल्टीपल के लोगों के बीच ही नहीं, बल्कि देश के लायन नेताओं और पदाधिकारियों के बीच खासी फजीहत कर/करवा दी है । मामला लायंस इंटरनेशनल द्वारा जितेंद्र चौहान को एंडॉर्सी रजिस्टर करने से इंकार करने की तथाकथित खबर को लेकर था । जब एक फर्जी वॉट्सऐप एकाउंट से यह खबर लोगों तक पहुँची, तब अधिकतर लोगों ने इसे झूठी खबर के रूप में ही लिया/पहचाना, और इस पर कोई ध्यान नहीं दिया । हाँ, वॉट्सऐप पर समय बिताने वाले कुछ ठलुए किस्म के लोगों ने इसे इधर-उधर फॉरवर्ड जरूर किया, लेकिन यह खबर लोगों के बीच कोई इश्यू नहीं बन पाई । किंतु मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन क्षितिज शर्मा ने जिस तत्परता के साथ उक्त खबर का संज्ञान लिया, और इसका 'आधिकारिक खंडन' किया - उसके चलते उक्त खबर अचानक से 'महत्त्वपूर्ण' हो उठी और गंभीर चर्चा के केन्द्र में आ गई । जो लोग उक्त खबर को फर्जी मान रहे थे, क्षितिज शर्मा के 'आधिकारिक खंडन' के बाद उन्हें भी लगने लगा कि दाल में जरूर कुछ काला है । फिर तो हर किसी को लगने लगा कि जितेंद्र चौहान के एंडॉर्सी 'होने' में जरूर कोई लफड़ा है - अन्यथा मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन को एक लंबी चिट्ठी लिखने और खबर का 'आधिकारिक खंडन' करने की कोई जरूरत नहीं थी ।
कई लोगों का यह भी कहना रहा कि क्षितिज शर्मा को उक्त खबर का 'आधिकारिक खंडन' करने का कोई अधिकार ही नहीं है - खबर में चूँकि लायंस इंटरनेशनल का हवाला दिया गया है, इसलिए 'आधिकारिक खंडन' करने का अधिकार तो लायंस इंटरनेशनल कार्यालय में बैठे पदाधिकारियों का है । क्षितिज शर्मा यह कर सकते थे कि उन पदाधिकारियों से खंडन लेकर उसे प्रसारित करते और या ऐसा कोई डॉक्यूमेंट प्रस्तुत करते, जिससे साबित होता कि लायंस इंटरनेशनल ने जितेंद्र चौहान को मल्टीपल एंडॉर्सी रजिस्टर कर लिया है । ऐसा न करके, और अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर क्षितिज शर्मा ने जो किया उससे वैसा ही किस्सा बना जिसमें पूछा गया कि 'आप कौन हैं', तो जबाव मिला 'मैं मिस्टर खामखाँ हूँ ।' सिर्फ इतना ही नहीं, क्षितिज शर्मा ने जिस अंदाज में संदेश लिखा उसमें उनकी खीझ, उनका चिड़चिड़ापन और उनकी बौखलाहट भी 'नजर' आई । अपनी खीझ, चिड़चिड़ाहट तथा बौखलाहट में क्षितिज शर्मा लगता है कि इस बात को पूरी तरह से भूले ही रहे कि वह मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन जैसे जिम्मेदार पद पर हैं, और आधिकारिक रूप से उनके लिखे/कहे में तथ्य व गरिमा होना ही चाहिए और उन्हें 'टू द प्वाइंट' बात लिखना/कहना चाहिए । लोगों का यह भी मानना और कहना है कि क्षितिज शर्मा को एक फर्जी अकाउंट से आने वाली झूठी खबर पर रिएक्ट ही नहीं करना चाहिए था, और उसे इग्नोर करना चाहिए था । मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन के रूप में क्षितिज शर्मा ने लेकिन रिएक्ट करके उक्त खबर को न सिर्फ महत्त्वपूर्ण बना दिया बल्कि एक नॉन-इश्यू को इश्यू बना दिया और जितेंद्र चौहान की खासी फजीहत करवा दी है ।
मजे की बात यह है, जैसा कि मल्टीपल में क्षितिज शर्मा के नजदीकियों का कहना है, कि क्षितिज शर्मा पर उक्त खबर का 'आधिकारिक खंडन' करने के लिए जितेंद्र चौहान ने ही दबाव बनाया था । कुछेक लोगों का कहना है कि उक्त फर्जी खबर के प्रसारित होने के बाद जितेंद्र चौहान ही बुरी तरह बौखला गए थे, और कई लोगों को फोन कर बैठे थे । इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए मल्टीपल एंडोर्समेंट को लेकर हुए चुनाव में उनके प्रतिद्वंद्वी रहे दीपक तलवार के नजदीकियों का कहना/बताना है कि जितेंद्र चौहान ने बौखलाहट में दीपक तलवार को भी यह पूछते हुए फोन किया कि उक्त खबर उन्होंने तो नहीं दी है । जितेंद्र चौहान की इस फोनबाजी ने तथा उसके बाद सामने आए मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन के रूप में क्षितिज शर्मा के 'आधिकारिक खंडन' ने एक बेबात की बात को लोगों के बीच मुद्दा बना दिया, और अब तो जितेंद्र चौहान के समर्थकों व शुभचिंतकों को भी लगने लगा है कि जितेंद्र चौहान के मल्टीपल एंडोर्समेंट में अवश्य ही कुछ लोचा है - जिसके चलते जितेंद्र चौहान उक्त खबर के सामने आने के बाद बुरी तरह से बौखला उठे हैं । जितेंद्र चौहान के नजदीकियों का भी मानना और कहना है कि उक्त खबर ने नहीं, बल्कि खबर पर जितेंद्र चौहान तथा क्षितिज शर्मा की तरफ से हुई 'कार्रवाई' ने जितेंद्र चौहान के एंडोर्समेंट को मल्टीपल के लोगों के बीच न सिर्फ संदेहपूर्ण बना दिया है, बल्कि जितेंद्र चौहान को फजीहत का शिकार भी बना दिया है ।