पानीपत । अरुण मोंगिया ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने की कोशिशों में तेजी ला कर और जल्दी चुनाव होने का दावा करके डिस्ट्रिक्ट में हलचल तो मचा दी है, लेकिन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रमेश बजाज के लिए खासी परेशानी खड़ी कर दी है । रमेश बजाज के लिए लोगों को यह बता पाना मुश्किल हो रहा है कि वह डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद का चुनाव कब करवायेंगे; और लोगों को चूँकि सीधा जबाव नहीं मिल रहा है - तो उन्हें लग रहा है कि रमेश बजाज डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद को लेकर कोई 'खेल' करने की योजना तो नहीं बना रहे हैं ? मजे की बात यह है कि रमेश बजाज की इस मुसीबत के पीछे अरुण मोंगिया के अति-उत्साह को देखा/पहचाना जा रहा है, लेकिन इसका ठीकरा फूट रहा है निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर जितेंद्र ढींगरा के सिर । रमेश बजाज के नजदीकियों का मानना और कहना है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार के रूप में अरुण मोंगिया लोगों के बीच जिस विश्वास से दावा कर रहे हैं कि जितेंद्र ढींगरा ने उन्हें जल्दी चुनाव होने की बात बता कर उम्मीदवार के रूप में सक्रिय होने के लिए कहा है, उसके चलते कोई शक नहीं रह जाता है कि जल्दी चुनाव की बात जितेंद्र ढींगरा ने ही की है - क्यों की है, इसका उन्हें कोई अंदाजा नहीं है । रमेश बजाज के नजदीकियों का दावा है कि चुनाव संबंधी नोटीफिकेशन जारी होने के अलावा, डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव की आगे की प्रक्रिया को लेकर अभी कुछ भी तय नहीं हुआ है, और जितेंद्र ढींगरा ने भी इस बारे में रमेश बजाज से कोई बात नहीं की है ।
रमेश बजाज और उनके नजदीकियों को यह बात भी पसंद नहीं आ रही है कि अरुण मोंगिया डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद का चुनाव सिर्फ जितेंद्र ढींगरा के नाम पर लड़ते नजर आ रहे हैं, और उन्हें कोई तवज्जो नहीं दे रहे हैं । दरअसल रमेश बजाज और उनके नजदीकियों को लगातार यह शिकायत रही है कि अरुण मोंगिया ने उन्हें कभी भी उचित सम्मान नहीं दिया है । रमेश बजाज और उनके नजदीकियों की इस शिकायत को जितेंद्र ढींगरा ने भी गंभीरता से लिया; और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में रमेश बजाज का कार्यकाल शुरू होने के तुरंत बाद, 9 जुलाई को सोशल मीडिया में एक करीब पाँच माह पुरानी फोटो का इस्तेमाल करते हुए अरुण मोंगिया को उन्होंने यह अहसास कराते हुए मीठी से झिड़की दी कि रमेश बजाज के साथ जब 'टीम' के बाकी सदस्य खड़े होते हैं, तब वह 'मिसिंग' होते हैं । रमेश बजाज और उनके नजदीकियों का कहना है कि अरुण मोंगिया का व्यवहार लेकिन उसके बाद भी नहीं बदला है - और अब नोटीफिकेशन जारी होने के बाद डिस्ट्रिक्ट में लोगों के बीच डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद का चुनाव जल्दी होने का दावा करके तो उन्होंने हद ही कर दी है ।
रमेश बजाज के नजदीकियों का कहना/बताना है कि पिछले दिनों कुछेक मौकों पर अरुण मोंगिया की तरफ से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद का चुनाव जल्दी करवाने की बात चलवाई तो गई थी, किंतु वह बात व्यवस्थित रूप से आगे नहीं बढ़ी थी । रमेश बजाज अभी डिस्ट्रिक्ट टीम के सदस्यों के नाम फाइनल करने के ही काम में लगे हैं, ताकि पहले ही लेटलतीफी का शिकार हो चुकी डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टरी का काम पूरा हो तथा वह और ज्यादा लेट न हो - इसलिए बाकी कामों तथा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव की प्रक्रिया तय करने पर वह कोई ध्यान नहीं दे पा रहे हैं । अरुण मोंगिया को लगता है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए चूँकि अभी कोई और उम्मीदवार सक्रिय नहीं है, इसलिए जल्दी चुनाव होने पर वह आसानी से - संभव है कि निर्विरोध ही - डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी बन जाएँ । अरुण मोंगिया ने लोगों के बीच उदाहरण भी दिया कि पिछले रोटरी वर्ष में जितेंद्र ढींगरा ने जल्दी चुनाव करवा कर नवीन गुलाटी के लिए चुनावी मुकाबले को आसान बना दिया था । लोगों के बीच चर्चा है कि संभव है कि अरुण मोंगिया ने इस बारे में जितेंद्र ढींगरा से बात की होगी, और जितेंद्र ढींगरा ने उन्हें आश्वस्त कर दिया होगा कि इस वर्ष भी जल्दी ही चुनाव हो जायेंगे । जितेंद्र ढींगरा के आश्वासन पर अरुण मोंगिया ने लोगों के बीच दावा कर दिया, जो रमेश बजाज के लिए मुसीबत का कारण बन गया है । अरुण मोंगिया के दावे पर डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच यह सवाल भी उठा है कि इस वर्ष डिस्ट्रिक्ट चला कौन रहा है - जितेंद्र ढींगरा या रमेश बजाज !