Wednesday, August 5, 2020

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 बी वन में फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए दोबारा होने वाले चुनाव में पूर्व गवर्नर्स एचएस सच्चर, प्रमोद सेठ तथा संजय चोपड़ा की तरफ से जगदीश अग्रवाल को 'धोखा' मिलने का डर क्यों है ?

लखनऊ । पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स एचएस सच्चर, प्रमोद सेठ तथा संजय चोपड़ा के लिए जगदीश अग्रवाल के नजदीकियों व शुभचिंतकों को यह विश्वास दिलाना मुश्किल हो रहा है कि फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए दोबारा होने वाले चुनाव में वह सचमुच जगदीश अग्रवाल का सहयोग/समर्थन करेंगे - और ऐन मौके तक उनका साथ देंगे । मजे की, और इन तीनों के लिए मुसीबत की बात यह बनी हुई है कि जगदीश अग्रवाल के समर्थन की स्पष्ट घोषणा करने के बावजूद जगदीश अग्रवाल और उनके नजदीकी व शुभचिंतक लगातार इनके प्रति संदेह बनाये हुए हैं, और वह अलग अलग तरह के बहानों से इनके मन व असली इरादे को पढ़ने तथा जाँचने/परखने की कोशिश करते रहे हैं । ऐसा दरअसल इसलिए है क्योंकि जगदीश अग्रवाल तथा उनके नजदीकी व शुभचिंतक इन तीनों पर यह भरोसा नहीं कर पा रहे हैं, कि अभी उनके समर्थन की बात करने वाले यह पूर्व गवर्नर्स वोटिंग तक उनके समर्थन में बने रहेंगे और पलट नहीं जायेंगे । इन तीनों के प्रति अविश्वास का कारण यह है कि पिछले मौकों पर यह तीनों जगदीश अग्रवाल की उम्मीदवारी के विरोध में रह चुके हैं ।
उल्लेखनीय है कि पिछले से पिछले लायन वर्ष में जगदीश अग्रवाल और बीएम श्रीवास्तव के बीच हुए सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव में एचएस सच्चर ने बीएम श्रीवास्तव का समर्थन किया था; और पिछले लायन वर्ष में हुए चुनाव में प्रमोद सेठ व संजय चोपड़ा ने जगदीश अग्रवाल के खिलाफ नेगेटिव वोट करवाने में सक्रिय भूमिका निभाई थी । बात हालाँकि सिर्फ इतनी ही नहीं है - क्योंकि चुनावी राजनीति में समर्थक और विरोधी अदलते/बदलते रहते हैं, और यह किसी को भी हैरान नहीं करता है; असली बात वह तरीका है जो इन्होंने अपनाया । एचएस सच्चर जब बीएम श्रीवास्तव की उम्मीदवारी के समर्थन में थे, तब उन्होंने अपने क्लब के तीन वोट बीएम श्रीवास्तव के पक्ष में डलवाने में कोई दिलचस्पी नहीं ली थी - और जिसका नतीजा यह रहा कि बीएम श्रीवास्तव एक वोट से चुनाव हार गए थे । इस तरह, बीएम श्रीवास्तव की हार का प्रमुख कारण ऐन मौके पर एचएस सच्चर से गच्चा मिलना रहा । प्रमोद सेठ और संजय चोपड़ा का किस्सा तो और भी गंभीर है । पिछले वर्ष हुए चुनाव में उन्होंने अपने अपने समर्थक क्लब्स के वोट जगदीश अग्रवाल के खिलाफ डलवाये और यह जानकारी उन्होंने तुरंत ही गुरनाम सिंह तथा अन्य कुछेक प्रमुख पदाधिकारियों को दी भी - और बाद में नाटक करते हुए कहते रहे कि जगदीश अग्रवाल के साथ बहुत बुरा हुआ । प्रमोद सेठ व संजय चोपड़ा का रवैया कई मौकों पर 'कहना कुछ और करना कुछ' जैसा रहा है । इसी कारण से, जगदीश अग्रवाल और उनके नजदीकी व शुभचिंतक इन पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं ।
भरोसा नहीं कर पाने का एक कारण और है - तथा वह यह कि तमाम कोशिशों के बावजूद जगदीश अग्रवाल के पक्ष में जीतने लायन समर्थन नहीं जुट पा रहा है । जगदीश अग्रवाल तथा उनके नजदीकियों को डर है कि ऐसे में, उनके समर्थक यह सोच सकते हैं कि जगदीश अग्रवाल को जब जीतना नहीं है - तो उनके समर्थन में रहने का क्या फायदा ? जगदीश अग्रवाल के लिए समर्थन दरअसल इसलिए भी नहीं जुट पा रहा है क्योंकि - फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए दोबारा होने वाले चुनाव में जगदीश अग्रवाल वास्तव में जीतने के लिए नहीं, बल्कि गुरनाम सिंह को 'हराने' के लिए उम्मीदवार बन रहे हैं । उन्होंने और उनके नजदीकियों ने कहा है कि वह दिखाना चाहते हैं कि गुरनाम सिंह के समर्थन के बिना - और उनके विरोध के बावजूद डिस्ट्रिक्ट में चुनाव जीता जा सकता है । डिस्ट्रिक्ट में अधिकतर लोग अलग अलग कारणों से लेकिन गुरनाम सिंह के साथ तथा उनके नजदीक रहना चाहते हैं, इसलिए गुरनाम सिंह को 'हराने' की जगदीश अग्रवाल की कोशिशों को समर्थन नहीं मिल पा रहा है । हालाँकि जगदीश अग्रवाल का समर्थन कर रहे प्रमोद सेठ व संजय चोपड़ा ने लोगों को फार्मूला सुझाया है कि वह गुरनाम सिंह को तो बताएँ/दिखाएँ कि वह जगदीश अग्रवाल के साथ नहीं हैं, और गुपचुप रूप से वोट जगदीश अग्रवाल को दे दें । इस पर लोगों से उन्हें सुनने को मिला है कि इस तरह से धोखा देने का काम वह कर लेते हैं, लेकिन हर कोई नहीं कर सकता है । मजे की बात यह हो रही है कि फार्मूला सुझा कर प्रमोद सेठ और संजय चोपड़ा ने जगदीश अग्रवाल तथा उनके नजदीकियों व शुभचिंतकों के बीच शक/संदेह को और मजबूत कर दिया है । दरअसल, पिछले व्यवहार तथा रवैये के चलते एचएस सच्चर, प्रमोद सेठ व संजय चोपड़ा को लेकर जगदीश अग्रवाल तथा उनके नजदीकियों व शुभचिंतकों के बीच जो शक है, उसने इन तीनों पूर्व गवर्नर्स की स्थिति को विडंबनापूर्ण बना दिया है ।